हमारे इस ब्रह्माण्ड में बड़ी विचित्र घटनाएँ होती रहती हैं। अभी ये लेख शुरू भी नहीं हुआ है, और इस विशालकाय ब्रह्मांड में करीब 10 तारे सूपरनोवा धमाके से अपना अंत कर चुके हैं। Supernova धमाका कोई आम धमाका नहीं होता। बात हो जब ब्रह्माण्ड के सबसे शक्तिशाली धमाकों की, तो इन सूपरनोवा धामकों (Sun Explosion In Hindi) की ताकत, वैज्ञानिकों के होश उड़ा देती है। ब्रह्माण्ड में सबसे ज्यादा रौशनी फैलाने वाला ये धमाका, मात्र कुछ सेकंडों में इतनी उर्जा निकालता है, जो हमारा सूर्य अपने पूरे 12 अरब सालों की जिंदगी में निकालेगा।
खैर, तारों की वजह से ही सूपरनोवा धमाके होते हैं, और हमारा सूर्य भी एक तारा है। हालाँकि कि ये इतना भारी (Massive) तारा नहीं है, पर अपने बचे हुए 7 अरब सालों की जिंदगी में ऐसा संभव हो सकता है, कि ये भी विशालकाय तारा बनकर, शायद एक supernova धमाका करदे! अगर ऐसा हुआ, तो हमारा सूर्य किस तरह से सूपरनोवा धमाका करेगा ? और धमाका करने के बाद ये हमारी पृथ्वी पर क्या प्रभाव डालेगा ?और क्या हमारे पास इस धमाके से बचने का कोई तरीका होगा, चलिए जानते हैं।
विषय - सूची
सूर्य का अंतिम चरण – Last stage of Sun
जब हमारा भारी भरकम सूर्य (Sun Explosion In Hindi) अपने अंतिम चरण में होगा, तो इस अंतरि चरण में इसका लगभग सारा हाइड्रोजन खत्म होकर हीलियम में बदल चुका होगा। Radiation pressure के घटते ही, ग्रेविटी इतनी बढ़ जाएगी, कि अन्दर मौजूद सूर्य की कोर (Core) सिकुड़ना शुरू कर देगी। तापमान के और बढ़ने के बाद, अब हीलियम भी कार्बन में बदलने लगेगा। अब कार्बन बनने के बाद, इसके खत्म होने की प्रक्रिया भी बड़ी तेजी से होने लगेगी।
कार्बन के fusion के बाद, आक्सीजन, neon और magnesium जैसे तत्व बनने में मात्र कुछ सौ सालों का ही समय लगेगा, जिससे हमारे सूर्य की core और ज्यादा गरम होकर सिकुड़ने लगेगी। Neon के fusion में मात्र कुछ ही सालों का समय लगेगा, आक्सजीन भी मात्र कुछ महीनों में खत्म होने लगेगी, और उसके बाद आने वाली silicon fusion, मात्र कुछ दिनों तक ही चलेगी। Silicon fusion के दौरान, हमारे सूर्य की core बुरी तरह से सिकुड़ चुकी होगी और तापमान भी लगभग 3 अरब डिग्री सेल्सियस तक पहुँच चुका होगा।
Fusion बंद और सूपरनोवा धमाका
अब इसके बाद आएगा सबसे नाजुक दौर। Silicon fusion के चलते अब हमारे सूर्य में pressure कम होगा और भारी तत्व जैसे कि cobalt, nickel और आयरन बनना शुरू हो जाएँगे। पर ये सभी तत्व इतने स्थिर होंगे कि आगे किसी भी प्रकार का fusion reaction नहीं होगा। इसके बदले में , गुरुत्वाकर्षण के जबरदस्त खिंचाव के चलते, हमारे सूर्य की घनी core ढहने लगेगी और फिर होगा एक बेहद जोरदार का विस्फोट! हमारा सूर्य अब supernova धमाका कर चुका है।
इस दौरान अनियत्रित fusion के चलते कई इलेक्ट्रोन– प्रोटोन से मिलकर न्युट्रोन बनाकर उर्जा छोड़ना शुरू करेंगे। ये विलय प्रक्रिया (Fusion reaction) करीब 10 सेकेंड तक चलेगा, जिसमें करीब 1044 joules की बड़ी भयंकर उर्जा निकलेगी। ये उर्जा, पदार्थ (Matter) और प्रतिकण (Antimatter) से बने हुए शनि ग्रहों के टकराने से निकलने वाली उर्जा के बराबर है। ये वाकई में बेहद ज्यादा है।
यह उर्जा, कोस्मिक किरणों या रेडियेशन के रूप में, धमाके (Sun Explosion In Hindi) से तेज गति निकलने वाले तारे के मैटर की, और neutrino particles के रूप में बाहर निकलेगी। ये तीनों प्रकार के चीजें, अपनी energy से किसी भी ग्रह पर जीवन को नष्ट करने में सक्षम हैं।
सूपरनोवा रेडिएशन और पृथ्वी की तबाही
बात करें cosmic rays की radiation energy की, तो ये सबसे पहले कुछ समय बाद ही बाहरी सतह पर आएगी। यानी इसे बाहर निकलने में समय लगेगा, जिसके बाद ये प्रकाश की गति से सब कुछ नष्ट करते हुए पृथ्वी से टकराएँगी। पृथ्वी का वायुमंडल, समुद्र और इसका पूरा हिस्सा इन रेडियेशन की वजह से बुरी तरह से झुलस चुका होगा। इसके ठीक बाद ही, तारे का मैटर बेहद तेज गति से पृथ्वी पर बची कुछी तबाही मचाना शुरू करेगा और पूरी पृथ्वी नष्ट हो चुकी होगी। ऐसे में जीवन की कल्पना करना बेवकूफी ही होगी।
खास बात ये है कि आप इस तबाही को होते हुए देख नहीं पाएँगे। Radiations और तारे के पदार्थ की उर्जा के पृथ्वी पर आने से पहले ही यहाँ जीवन खत्म हो चुका होगा।
ऐसा इसलिए, क्योंकि supernova धमाके से निकलने वाले neutrino particles, radiations से पहले ही यहाँ, पृथ्वी पर अपना काम कर चुके होंगे। Radiations को पृथ्वी पर आने में कुछ समय तो लगेगा , पर ये neutrino particles सबसे पहले सूपरनोवा धमाके से निकलकर पृथ्वी पर विनाश करना शुरू कर देंगे।
Neutrino particles और इनकी ताकत
ये neutrino particles बड़े ही विचित्र होते हैं , जो आम पदार्थ से सहभागिता नहीं करते , यानी पृथ्वी पर मौजूद किसी भी चीज पर इन्हें पता करना लगभग नामुमकिन है। इन्हें पता करने की संभावना बेहद ही कम है। मजेदार बात तो ये है कि ये neutrino particles लगातार हमारी पृथ्वी और खुद हमारे शरीर से टकराते ही रहते हैं, पर इनकी उर्जा उतनी नहीं होती जिससे हम इन्हें अनुभव कर सकें। हर सेकंड हमारा सूर्य अभी 4 × 1026 joules उर्जा पैदा करता है, जिस दौरान करीब 70 लाख करोड़ neutrinos हमारे शरीर से गुजरते हैं, पर इनकी energy कोई खास नहीं होती।
सूपरनोवा धमाके के दौरान करीब 1058 neutrinos बड़ी तेज रफ्तार से बाहर निकलते हैं। ध्यान देने वाली बात ये है, कि supernova धामके की करीब 99 % energy, इनहीं neutrino particles में ही समाई होती है। ऐसे में इन neutrinos की, किसी भी चीज से टकराने की संभावना कई गुना बढ़ जाएगी इनका प्रवाह करीब 1 अरब करोड़ गुना तक बढ़ जाएगा, जो किसी भी single-cell जीव से लेकर मनुष्यों तक का सम्पूर्ण सफाया कर देगी। (Sun Explosion In Hindi)
पूरी पृथ्वी ही अन्दर से बाहर तक बुरी तरह उबल चुकी होगी। सबसे डरावनी बात तो ये है, कि हम इन neutrinos के आतंक को देख और महसूस तक नहीं कर पाएँगे। मात्र कुछ ही सेकंडों में बिना किसी सिगन्ल के, पृथ्वी का अंत हो चुका होगा। इन neutrinos का हमला इतना भयानक होगा, कि अगर हमारी पृथ्वी से आगे कोई ग्रह या खुद कोई न्युट्रोन तारा भी पहले से हो, तो भी ये neutrinos हमारी पृथ्वी से साथ साथ पूरे सौर-मंडल पर जीवन का अंत कर देंगे।
सौर-मंडल पर सकंट
Radiation के आने से पहले ही, पूरे सौर-मंडल पर तबाही आ चुकी होगी। वैज्ञानिकों की मानें, तो सूर्य के सूपरनोवा धमाके के मात्र 0.05 सेकंड बाद ही, पृथ्वी पर विनाशकारी neutrinos की बाड़ आ चुकी होगी। हम चाहकर भी इन प्रलयंकारी neutrinos का पता भी नहीं लगा पाएँगे, और बिना किसी संकेत के ही पृथ्वी और पूरे सौर-मंडल पर तबाही आ चुकी होगी।
कुल मिलाकर देखें, तो अगर भविष्य में हमारा सूर्य सूपरनोवा धमाका करता है, या कोई भी भटकता हुआ विशालकाय तारा सौर-मंडल के आसपास अपना अंत करता है, तो ये एक पल में ही प्रलय ला सकते हैं।