ब्रह्मांड और आकाशगंगा ये दोनों ही चीज़ें, हमारे सोच से हमेशा से ही परे रहें हैं। कहने का तात्पर्य ये है कि, हम मानवों के लिए ये दोनों ही चीज़ें हमारे समझ से भी बहुत ही ज्यादा बाहर हैं। हम इंसान इन चीजों के सामने कुछ भी नहीं है। क्योंकि जिसके बारे में हम कभी अपने सपने में भी सोच नहीं सकते, वो चीज़ें हमें ब्रह्मांड या यूं कहें की इसकी छोटी इकाई आकाशगंगा हमेशा सच करके दिखा देती हैं। आज के जमाने में जहां पृथ्वी पर ऊर्जा की इतनी किल्लत है, वहीं दूसरी और हमारे आकाशगंगा के अंदर ऊर्जा की एक अनंत स्रोत (Endless Energy Source In Milky Way) की खोज हो चुकी है।
मित्रों! आकाशगंगा के अंदर इस तरह के ऊर्जा के स्रोत की खोज (Endless Energy Source In Milky Way) करना कोई मामूली बात नहीं है। बड़े-बड़े वैज्ञानिकों को अपनी पूरी जिंदगी लगानी पड़ती है, इस तरह की खोज को सफल बनाने के लिए। इसलिए इस विषय के बारे में हम लोगों को जानना बेहद ही जरूरी है। क्योंकि इसके बारे में जान कर हम अपने ब्रह्मांड के अन-सुलझे पहलुओं को और भी बेहतर तरीके से सुलझाने में सक्षम हो सकते हैं। इसलिए आज के लेख का विषय भी थोड़ा अनोखा होने वाला है।
आज के इस लेख में हम मिल्की-वे के अंदर मौजूद एक बहुत ही खास अनंत ऊर्जा के स्रोत के बारे में चर्चा करने वाले हैं और देखने वाले हैं कि, आखिर कैसे ये मिल्की-वे के अंदर मौजूद रह कर अपना प्रभाव इस पर डाल रहा है या नहीं!
आकाशगंगा के अंदर मिली अनंत ऊर्जा की स्रोत! – Endless Energy Source In Milky Way! :-
वर्तमान की एक रिपोर्ट से ये पता चलता है कि, हमारी आकाशगंगा (Endless Energy Source In Milky Way) के केंद्र में एक बहुत ही अद्भुत घटना घटित हो रहीं है। कहने का तात्पर्य ये है कि, हमारी आकाशगंगा के केंद्र में बहुत ही ज्यादा मात्रा में नवजात सितारे मौजूद हैं और इनकी उम्र इतनी कम है कि, ये किसी थियरि में भी संभव नहीं हैं। हालांकि! इसके ऊपर अब भी कई खोज होना बाकी हैं। वैसे कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि, इन सितारों का बचपन अनंत हैं और इसकी वजह कोई अनंत ऊर्जा का स्रोत है। जिससे ये सितारे हमेशा-हमेशा के लिए बचपन की अनुभूति कर रहें हैं।
खैर कुछ सिद्धांत ये भी कहते हैं कि, ये सितारे डार्क-मैटर से अपनी ऊर्जा को लेते हैं। ताकि इनको कभी ऊर्जा की कमी ही महसूस न हो। वैसे यहाँ एक गौर करने वाली बात ये भी है कि, आकाशगंगा के केंद्र में कई सितारों से बने हुए तारा-मंडल मौजूद हैं और ये तारा-मंडल लगातार डार्क-मैटर को तोड़ कर उससे ऊर्जा निकालने के प्रयास में लगे हुए हैं। मित्रों! इससे आप ये कह सकते हैं कि, डार्क-मैटर ही इन सितारों के पीछे छुपा रहस्य है।
वैज्ञानिकों के द्वारा किए गए कम्प्युटर सिमुलेशन से हमें ये पता चलता है कि, आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद सितारे बहुत ही क्रूरता के साथ डार्क मैटर के पार्टिकल्स को अपने ग्रैविटी फील्ड के अंदर खींच कर लाते हैं और बाद में उनको आपस में टकरा कर नॉर्मल पार्टिकल्स में परिवर्तित करते हैं, जिससे काफी मात्रा में ऊर्जा का उत्सर्जन होता है।
क्या है अनंत ऊर्जा का रहस्य! :-
आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि, हम लोगों को अभी तक डार्क-मैटर के बारे में ज्यादा कुछ पता ही नहीं है। कहने मतलब ये है कि, डार्क-मैटर को ले कर हमारी जो सोच है वो काफी ज्यादा कम है। वैज्ञानिकों को लगता है कि, आज ब्रह्मांड में जितने भी नवजात सितारे हैं, वो सभी के सभी ज़्यादातर डार्क मैटर से ही अपनी ऊर्जा (Endless Energy Source In Milky Way) को लेते हैं। क्योंकि डार्क मैटर के विखंडन से ही अनंत ऊर्जा की उत्पत्ति हो सकती है।
यहाँ एक गज़ब की बात ये भी है कि, सितारों के अंदर से न्यूक्लियर ऊर्जा की पूरी तरीके से खपत होने के बाद भी डार्क-मैटर से बनने वाली ऊर्जा के जरिये सितारे अपने बचपन को अनंत काल के लिए जी सकते हैं। इससे सितारा काफी हद तक स्टेबल और अमर बन जाता है। बताते हैं कि, न्यूक्लियर फ्यूजन के जरिये सितारे अपने अंदर मौजूद हाइड्रोजन गैस को जलाने लगते हैं। इससे अंदरूनी प्रैसर का जन्म होता है।
ये अंदरूनी प्रैसर बाद में सितारे के गुरुत्वाकर्षण बल से पैदा होने वाले बाहरी प्रैसर को बैलेन्स करता है। जिससे एक सितारा स्टैबल कंडिशन में काफी समय तक एक ही जगह पर रह सकता है। ब्रह्मांड में जीतने भी सितारे मौजूद हैं, उन सभी के अंदर इस तरह के प्रक्रिया को होते हुए देखा जा सकता है। और इसी प्रक्रिया के जरिए ही, ज़्यादातर सितारे स्टैबल हो कर रह पाते हैं।
वैज्ञानिकों का क्या है कहना? :-
कुछ वैज्ञानिकों का ये मानना है कि, आकाशगंगा (Endless Energy Source In Milky Way) के केंद्र में जो प्रचुर मात्रा में डार्क मैटर का स्रोत है, उसी से ही सितारे अपने-आप को सजा कर स्टैबल रख रहें हैं। वैसे कुछ वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि, डार्क मैटर के कारण सितारों के पास बाहरी दिशा की ओर प्रेसर देने के लिए जरूरी बल मिल जाते हैं। इसी के वजह से कई बड़े-बड़े सितारे ब्रह्मांड में अपने अस्तित्व को कायम रख पाते हैं। मित्रों! आप लोगों का इसके ऊपर क्या राय है, कमेंट कर के जरूर ही बताइएगा।
वैसे यहाँ एक बात ये भी है कि, सितारों के द्वारा जब डार्क मैटर को इस्तेमाल में लिया जाता है; तब उनके अंदर हाइड्रोजन की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ने लगती है। और ये ही वजह है कि, सितारों के द्वारा जब हाइड्रोजन इस्तेमाल नहीं होता, तब उनकी स्टेबिलिटी काफी ज्यादा बढ़ जाती है। इसके अलावा एक बात ये भी है कि, सितारों के द्वारा भारी मात्रा में हाइड्रोजन इस्तेमाल होने के कारण वो काफी ज्यादा कमजोर हो जाते हैं। जिससे बाद में उनकी मौत तक हो जाती है।
एक रिपोर्ट से ये भी पता चलता है कि, सितारे अपने पूरे जीवन काल में अपने पास डार्क-मैटर को इक्कठा करने लगते हैं। हालांकि! इसके ऊपर आज भी कई सारे ठोस सबूत जुटाना बाकी है। और वैसे भी खगोलीय विज्ञान में क्रमागत विकास एक तरह से काफी उलझी हुई पहेली है। इसे सुलझा पाना उतना भी आसान नहीं है।
निष्कर्ष – Conclusion :-
मित्रों! हमारे आकाशगंगा (Endless Energy Source In Milky Way) की सबसे अंदरूनी सितारों की मंडली के बारे में एक बहुत ही खास बात सामने आयी है। “S Cluster” के नाम से प्रसिद्ध ये तारों की मंडली वाकई में एक काफी ज्यादा रोचक जगह है। रोचक इसलिए कि, ये सितारे आकाशगंगा की जिस जगह पर (बिलकुल केंद्र पर) मौजूद हैं, वहाँ किसी भी सितारे के लिए जिंदा रह पाना बहुत ही मुश्किल है। इसलिए कहा जाता है कि, सितारों की ये मंडली काफी ज्यादा रहस्यमयी है।
इसके अलावा एक गौर करने वाली बात ये भी है कि, इन सितारों का वजन वाकई में काफी ज्यादा कम है। क्योंकि इनकी उत्पत्ति के समय को देखते हुए, ये सटीक रूप से कहा जा सकता है की, ये अगर कहीं दूसरी जगह पैदा हुए होते तो इनका वजन काफी अधिक जरूर होता। और शायद ये ही वजह है कि, हमारे आकाशगंगा का केंद्र आज भी हम लोगों से काफी कुछ चीज़ें छुपा कर रखा है। वैज्ञानिकों के अनुसार हमारे गैलक्सी के केंद्र में कुछ चीज़ें ऐसी हैं, जिसके बारे में आज तक कोई भी कुछ नहीं जान पाया है।
ऐसे में आने वाले समय में इसके ऊपर खोज होना अनिवार्य है। क्योंकि बिना किसी खोज के इन सितारों के बारे में जान पाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल है। वैसे एस क्लस्टर स्टार्स की जब भी बात आती है, तब इनके अंदर अद्भुत तरीके से बदलावों को देखा जा सकता है। क्योंकि ये अपने अंदर अनंत ऊर्जा के स्रोत को समेटे हुए हैं।
Sources :- www.livescience.com