
हमारा ये ब्रह्मांड हमारे सोच से भी काफी ज्यादा बड़ा और रहस्यमयी हैं। दरअसल मेरे कहने का मतलब ये हैं कि, हम जितना भी इस ब्रह्मांड को समझने की कोशिश क्यों न कर लें; ये हमेशा हमें किसी न किसी तरीके से चौंकाता ही रहेगा। पानी (billions of years old water) ब्रह्मांड में एक बहुत ही दुर्लभ व महत्वपूर्ण चीज़ हैं। क्योंकि इसी से ही हमारे जीवन की उत्पत्ति होते हैं। बिना इसके किसी भी जगह पर जीवन की परिकल्पना करना भी मुश्किल हैं। परंतु क्या आपको पता हैं, ये पानी वाकई में काफी ज्यादा रहस्यमयी हैं! हमें देखने में ये बहुत ही सरल क्यों न लगता हो, परंतु इसके पीछे छिपी बातें काफी ज्यादा जटिल हैं।

पानी (billions of years old water) को हमारे ब्रह्मांड में सबसे अधिक तब्बजों मिलता हैं। इसलिए कई सालों से हमारे वैज्ञानिक इसके पीछे काफी ज्यादा शोध करते आए हैं। क्योंकि अगर किसी जगह पानी मिल जाता हैं, तो वहाँ पर जीवन के होने की संभावनाएं भी काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं। मित्रों! आज के हमारे लेख का विषय भी, इसी पानी के ऊपर ही हैं। जहां हम इससे जुड़ी कुछ बेहद ही मौलिक बातों के बारे में चर्चा करेंगे और देखेंगे कि, इससे जुड़ी आखिर कौन सी बातें हमारे लिए दिलचस्प हैं।
वैसे लेख के असल विषयों के ऊपर आने से पहले मेँ आप लोगों को बता दूँ कि, इस लेख में मेरे साथ आप आरंभ से लेकर अंत तक जरूर ही जुड़े रहिएगा। ताकि आप लोगों को ये विषय बहुत ही सरल तरीके से समझ में आ जाएगा। तो, अब चलिये बिना किसी देरी के लेख में आगे बढ़ते हैं और इसके असल विषयों के ऊपर आते हैं।
आखिर ये “पानी” कितना पुराना है? – billions of years old water! :-
यहाँ पर कई सारे लोगों को एक बात सुनकर काफी ज्यादा झटका लगने वाला है, क्योंकि वो बात ही कुछ ऐसी है। मित्रों, हम में से ज़्यादातर लोगों को ये लगता है कि; ब्रह्मांड में पानी की उत्पत्ति इसके बनने से काफी ज्यादा बाद हुई है। और इसके बारे में हमारे पास काफी सारे तथ्य और चर्चाएँ भी मौजूद हैं। परंतु क्या आपको पता है, ब्रह्मांड में मौजूद पानी (billions of years old water), आज से लगभग खरबों साल पुराना है! जी हाँ, मित्रों आप लोगों ने बिलकुल सही सुना।

हमारे ब्रह्मांड में मौजूद पानी काफी ज्यादा प्राचीन व दिलचस्प है। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार ये बिग-बैंग के तुरंत बाद ही उत्पन्न हुए हैं। तो, कुछ वैज्ञानिक ये भी कहते हैं कि; बिग-बैंग के कुछ लाखों साल बाद पानी की उत्पत्ति हुई हैं। हालांकि! आज के समय में इसके ऊपर काफी सारे विवाद और टिप्पणियाँ हो रहें हैं। परंतु एक बात तो ये हैं कि, हमारे सोच से भी ज्यादा पुरानी यहाँ मौजूद पानी हैं। जो की शायद वर्तमान में हुए खोज से पता चल पाया हैं।
वैसे अगर ये बात सच होता हैं, तो हम ये भी मान सकते हैं कि; हमारे ब्रह्मांड में जीवन की उत्पत्ति भी हमारे सोच से काफी पहले ही हो चुका होगा। मित्रों, ये बातें सुनने में जितना सरल लग रहा हैं; असल में ये उतना सरल नहीं हैं। क्योंकि इसके पीछे काफी सारे सबूतों को हमें इक्कठा करना होगा।
वर्तमान में किए गए खोज क्या कह रहें हैं! :-
मित्रों! एक बात तो तय है कि, ब्रह्मांड से जुड़ी हर एक बात एक पहेली है। मतलब इसे सुलझाने के लिए हमें काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। और ये ही वजह है कि, हमें आज तक पानी (billions of years old water) के बारे में भी काफी कुछ पता नहीं है, जब की हमारे शरीर का 70 % -80 % हिस्सा पानी से ही बना हुआ है। वैसे यहाँ एक बात ये भी है कि, ब्रह्मांड में जीवन की उत्पत्ति के बारे में भी हमें पानी से ही पता चल सकता है।

ज़्यादातर वैज्ञानिकों के अनुसार बीग-बैंग के लगभग 20 करोड़ साल बाद पानी की उत्पत्ति हो सकती हैं। क्योंकि ये वही समय हैं, जब आज के ब्रह्मांड में मौजूद मौलिक चीजों को बनना अपने शीर्ष पर था। मित्रों! ये बात अगर सच हो जाता हैं, तो हमारे द्वारा पहले अनुमान किए जाने वाले पानी के उत्पत्ति का समय काफी ज्यादा गलत हो जाएगा। क्योंकि हमें लगता था कि, पानी आज से कुछ लाखों साल पहले ही बना हैं। हालांकि! अभी भी इसके ऊपर और भी टिप्पणियाँ और शोध होने बाकी हैं।
खैर आप लोगों की अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, ब्रह्मांड के शुरुआती दिनों में ज़्यादातर गैसों का बोल-बाला था। कहने का मतलब हैं कि, इस समय ब्रह्मांड काफी ज्यादा रूखा-सूखा था। जहां केवल हाइड्रोजन, हीलियम और लिथियम जैसे चीज़ें काफी ज्यादा मात्रा में मौजूद थे। इस समय तक ब्रह्मांड में वजनी पदार्थों का निर्माण होना बाकी था। ताकि बाद में कई सारे चीज़ें बन सकते थे।
सितारे और हैवी-एलिमेंट्स का बनना! :-
ब्रह्मांड में हैवि-एलिमेंट्स का बनना केवल और केवल सितारों से बनने के बाद ही संभव था। क्योंकि ये चीज़ें ज़्यादातर सितारों के विस्फोट के बाद ही बन सकते हैं। ब्रह्मांड में सुपरनोवा जैसे चीजों के होने के बाद ही पानी (billions of years old water) उत्पन्न हो सकता हैं। इसलिए यहाँ काफी जरूरी हो जाता हैं कि, सितारे एक नियंत्रित ढंग से फटे और हल्के व छोटे-छोटे चीज़ें आपस में मिल कर ज्यादा जटिल व भारी पदार्थों का निर्माण करें।

कुछ वैज्ञानिकों का ये भी कहना हैं कि, सुपरनोवा के केंद्र में मौजूद ऑक्सिजन जब अपने चारों तरफ मौजूद हाइड्रोजन के साथ मिलता हैं; तब ब्रह्मांड में पानी का निर्माण होता हैं। साथ ही साथ इससे जीवन के लिए जरूरी बाकी चीजों का भी निर्माण होता हैं। खैर हमारे ब्रह्मांड में मौजूद सबसे पुरानी सुपरनोवा का नाम “Population III supernovas” हैं। और इसी से ही उन लोगों ने पानी के बनने के बारे में काफी कुछ चीजों के बारे में पता लगाया हैं।
वैसे मेँ आप लोगों को ये भी बता दूँ कि, सुपरनोवा जैसे चीजों के बारे में कुछ भी पता लगाना काफी ज्यादा मुश्किल होता हैं। क्योंकि इन्हें हमेशा डिटेक्ट कर पाना आसान नहीं होता हैं। वैसे आप लोगों का इसके ऊपर क्या राय हैं, कमेंट कर के जरूर ही बताइएगा। ताकि हमें भी पता चल सके कि, आप लोग इसके बारे में क्या सोच रहें हैं। वैसे व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता हैं कि, सुपरनोवा और पानी के बीच बहुत ही बड़ा संबंध हैं।
निष्कर्ष – Conclusion :-
वैज्ञानिकों ने पानी (billions of years old water) को लेकर जिस सुपरनोवा के बारे में शोध किया था, उससे उन्हें काफी ज्यादा चौंका देने वाली चीजों के बारे में पता चला हैं। दरअसल बात ये हैं कि, उन सुपरनोवा में विस्फोट के बाद काफी सघन बादल जैसे चीज़ें आपस में मिलकर वाकई में पानी को बना रहें हैं। हालांकि! इसके ऊपर आज भी काफी ज्यादा शोध होना बाकी हैं। क्योंकि ये छीजीं आज इसके शुरुआती दिनों में हैं और इसको लेकर आगे आने वाले समय में काफी ज्यादा चर्चाएँ होने वाले हैं।

वैसे कुछ वैज्ञानिकों का ये भी कहना हैं कि, इन बादलों के अंदर पानी की मात्रा तो हैं; परंतु वो काफी ज्यादा कम हैं। खैर यहाँ एक दिलचस्प बात ये भी हैं कि, पानी की मात्रा उन जगहों पर ज्यादा हैं; जहां पर ग्रहों का निर्माण होता हैं। जी हाँ! आप लोगों ने बिलकुल सही सुना, सुपरनोवा के बाद जिन जगहों पर पृथ्वी जैसे ग्रहों का निर्माण होता हैं; वहाँ पानी के मात्रा को काफी ज्यादा पाया गया हैं। जो कि, इस बात की और अंदेशा करता हैं कि, पृथ्वी जैसे काफी सारे दूसरे ग्रह ब्रह्मांड में मौजूद हो सकते हैं।
जब हमारे ब्रह्मांड में कई शुरुआती आकाशगंगाओं का निर्माण हुआ होगा, तब उनके अंदर भी पानी की मात्रा काफी ज्यादा अधिक होगा। और शायद उनके अंदर भी कई सारे पृथ्वी जैसे ग्रह मौजूद रहें होंगे!
Source :- www.livescience.com