Universe

आकाशगंगा समूह के बारे में अद्भुत बातें – Galaxy Cluster In Hindi

जानिए अंतरिक्ष में मौजूद सबसे बड़े खगोलीय संरचना के बारे में कुछ हैरान कर देने वाली बातों को !

अंतरिक्ष से आपको हमेशा बहुत कुछ सीखने को मिलेगा| पृथ्वी पर रह कर हम लोग इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं जान सकते हैं | परंतु हाँ! पृथ्वी से इंसानों के द्वारा अंतरिक्ष में छोड़े गए कई उपकरण के माध्यम से हम लोग इसके बारे में ढेर सारी बात जान सकते हैं | हम मे से कई सारे लोग हमारे आकाशगंगा के बारे में बहुत कुछ बात पहले से ही जानते होंगे| परंतु आज हम इस लेख के अंदर आकाशगंगाओं के समूह (galaxy cluster in hindi) के बारे में बहुत कुछ बात जानेंगे।

मित्रों! आकाशगंगा से याद आया की , मैंने इससे पहले मिल्की वे के बारे में एक बहुत ही रोचक लेख लिखा हुआ है। मैंने मिल्की वे के ऊपर आधारित उस लेख के अंदर मिल्की वे से जुड़ी मूलभूत बातों से ले कर उस से जुड़ी कई अंजान बातों का भी आपके सामने खुलासा किया हैं।मेरा पूर्ण विश्वास है की आपको वह लेख निश्चित रूप से पसंद आएगा। तो, अगर आप चाहें तो उस लेख को भी एक बार जरूर देखें।

खैर आकाशगंगाओं के समूह (galaxy cluster in hindi) के ऊपर आधारित इस लेख में आज इस से जुड़ी कुछ मूलभूत व अद्भुत बातों के बारे में मेँ आपको एक-एक करके बताऊंगा। तो, तैयार हो जाइए और मेरे साथ इस लेख में अंत तक बने रहिए ।

आकाशगंगाओं का समूह आखिर किसे कहते हैं?- What Is Galaxy Cluster In Hindi ? :-

मैंने ऊपर कई बार आकाशगंगाओं के समूह (galaxy cluster in hindi) बारे में जिक्र किया हैं| इसलिए सबसे पहले इसके संज्ञा को जान लेते हैं।

तो, जैसा की आपको नाम से ही पता चल रहा होगा आकाशगंगाओं का समूह यानी ; कई हजारों आकाशगंगाओं के मिलन स्थल को अंतरिक्ष में आकाशगंगाओं का समूह (galaxy cluster in hindi) कहा जाता हैं| मेँ आपको यहाँ और भी बता दूँ की आकाशगंगाओं के इन समूहों का आकार लगभग 10^14 से ले कर 10^15 सोलर मास होता हैं | इसके अलावा आकाशगंगाओं के समूहों को अंतरिक्ष में मौजूद सबसे बड़ा खगोलीय संरचना भी कहा जाता हैं| हालांकि सुपर क्लस्टर को आजकल के वैज्ञानिक अंतरिक्ष में मौजूद सबसे बड़ा खगोलीय संरचना समझते हैं।

आकाशगंगा समूह Abell 68, और इसके कई लेंसयुक्त और विकृत पृष्ठभूमि आकाशगंगाएँ हैं। छवि क्रेडिट: नासा और ईएसए। आभार: एन। रोज़

मित्रों! आपको जानकार बहुत ही हैरानी होगा की आकाशगंगाओं के समूह (galaxy cluster in hindi) को अंतरिक्ष में मौजूद बहुत ही शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण बल एक साथ बांध कर रखता हैं| इस महा-शक्तिशाली बल के बारे में कल्पना भी करना इंसानों के लिए कल्पना से परे है।

इसके अलावा मेँ आपको और भी बता दूँ की ज़्यादातर आकाशगंगाओं के समूह का मूल तापमान 2 keV से ले कर 15 keV तक होता हैं | मित्रों! और एक शोध से यह पता चलता हैं की आकाशगंगाओं के समूह (galaxy cluster in hindi) अंदर मौजूद हर एक आकाशगंगा दूसरे आकाशगंगा को अपने तरफ खींचता हैं | वैज्ञानिकों ने आकाशगंगाओं के एक-दूसरे को अपने तरफ खींचने के इस प्रक्रिया के लिए ग्रेट एट्राक्टर (Great Attractor) को जिम्मेदार समझा है। मित्रों! मैंने इससे पहले ग्रेट एट्राक्टर के बारे में एक बहुत ही गज़ब का लेख लिखा हैं।आप चाहें तो उस लेख को भी एक बार जरूर देख सकते हैं | विश्वास कीजिए वह लेख आपको जरूर ही पसंद आएगा।

आकाशगंगाओं के समूह से जुड़ी कुछ बहुत ही रोचक बातें – Amazing Information About Galaxy Cluster :-

मित्रों! आकाशगंगा समूहों (galaxy cluster in hindi) के बारे में एक बहुत ही अजीब व अनोखी बात आपको मेँ यहाँ पर बताता हूँ | कई सारे वैज्ञानिकों ने शोध के बात यह पाया है की आकाशगंगा के समूह समय के चलते इनकी संरचना में कोई बदलाव नहीं लाते| ज़्यादातर आकाशगंगाओं के समूह अपने बनने के समय जैसे उनका संरचना होता वैसे ही संरचना वह आने वाले कई अरबों साल तक वह उसी तरह बना कर रखते हैं | तो, कुल मिलाकर कहा जाए तो आकाशगंगाओं के समूह का मूल रूप कभी भी नहीं बदलता हैं | इसलिए जब भी कभी हम आकाशगंगाओं के समूह के तरफ देखते हैं तो , हम लोग वास्तव में अतीत के समय को देख रहें हैं |

आकाशगंगाओं के समूह (galaxy cluster in hindi) से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण बात है इनका अनोखा संरचना | ज़्यादातर आकाशगंगाओं के समूह के अंदर मौजूद गैस कहीं बाहर दूसरे किसी अन्य आकाशगंगाओं के समूह में नहीं जाता हैं | परंतु ज़्यादातर आकाशगंगाओं के मौजूद गैस उसी आकाशगंगा में न रह कर किसी दूसरे आकाशगंगा में भी चला जाता हैं| मित्रों! इस घटना के पीछे का कारण वैज्ञानिकों ने सुपर नोवा विस्फोट को बताया हैं| खैर इसी के बदौलत हम लोग NucleoSynthesis के बारे में जानने का मौका भी पाते हैं |

What is red-shift.
रेड सिफ्ट | Credit: Youtube.
यह भी है इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें ! :-

मित्रों! इस से पहले हम ने आपको डार्क मेटर के बारे में बहुत कुछ बताया हैं| इसलिए शायद आपको डार्क मेटर के बारे में जानकारी होगा| खैर फिर भी मेँ आपको बता दूँ की हमारा अंतरिक्ष 95% डार्क मेटर से बना हुआ हैं| डार्क मेटर न तो हमें आँखों से दिखाई पड़ता है और न ही हम उसको महसूस कर सकते हैं| इसलिए पूरे अंतरिक्ष में डार्क मेटर एक बहुत ही रहस्यमयी चीज़ हैं|

आजतक वैज्ञानिकों ने इसके बारे में बहुत शोध किया है , परंतु विडंबना की बात यह है की इसके बारे में उन्हें ज्यादा कुछ जानकारी हासिल नहीं हुआ हैं| खैर एक रोचक बात यह है की आकाशगंगाओं के समूह का ज़्यादातर हिस्सा डार्क मेटर से ही बना हुआ हैं| इसलिए अगर हम आकाशगंगाओं के समूह के बारे में और भी जानकारी जुटा लेते हैं, तो हम लोग डार्क मेटर के विषय में भी बहुत कुछ बातें जान पाएंगे |

मित्रों ! आपको क्या लगता हैं? क्या हम लोग कभी आकाशगंगाओं के समूह (galaxy cluster in hindi) द्वारा डार्क मेटर के बारे में कुछ जान पाएंगे|

हम लोग आज आकाशगंगाओं के समूह के जिस हिस्से को देख रहें हैं , वास्तव में वह हिस्सा आकाश के समूह का एक बहुत ही छोटा हिस्सा हैं| जी हाँ ! ज़्यादातर हिस्सा हमें आकाशगंगाओं के समूह का दिखाई ही नहीं देता हैं| वैज्ञानिक आकाशगंगाओं के समूह के ऊपर गहन शोध के लिए एक्स-रे का इस्तेमाल करते हैं| इसलिए इन समूहों के अंदर मौजूद ज़्यादातर गैस एक्स-रे के तरंगों से गुजर जाती हैं|

अंतरिक्ष में मौजूद खगोलीय गैस इंसानों को न ही दिखाई देते है और न ही इसे इंसान सूंघ या महसूस कर सकता हैं|

निष्कर्ष – Conclusion :-

आकाशगंगाओं का समूह ज़्यादातर कई लाख प्रकाश वर्ष लंबा होता हैं | इसके अंदर हजार से ले कर कई करोड़ आकाशगंगा मौजूद रह सकते हैं | इसलिए इतने बड़े खगोलीय संरचना को बनने के लिए बहुत वक़्त जरूर ही लगा होगा | वैज्ञानिक मानते हैं की बिग-बेंग के बाद कई अरबों आकाशगंगाओं का निर्माण हुआ | समय के चलते यह आकाशगंगाएँ अपने आसपास मौजूद दूसरे आकाशगंगाओं के साथ मिल कर एक छोटा सा समूह का निर्माण किया|

बाद में ऐसे ही करते हुए कई हजारों आकाशगंगा एक साथ मिल कर एक बहुत ही बड़े आकाशगंगाओं के समूह (galaxy cluster in hindi) का निर्माण किया | दोस्तों ! हर पल हमारा ब्रह्मांड फैल रह हैं | इसलिए कई सारे खगोलीय पिंड और संरचना पहले के तुलना में एक-दूसरे से बहुत दूर जा रहें हैं| इस प्रक्रिया को वैज्ञानिकों ने रेड-सिफ्ट का नाम दिया हैं| इसके वजह से ही हम लोग अंतरिक्ष में मौजूद कई खगोलीय संरचना को अतीत के समय में देख रहें हैं| वाकई में यह अपने-आप में ही यह एक बहुत ही गज़ब की बात है।

अंतरिक्ष में मौजूद कुछ बहुत ही मुख्य आकाशगंगाओं के समूह का नाम है ; विर्गों क्लस्टर,हरक्युलस क्लस्टर,फ़ोरनक्स क्लस्टर|

मित्रों! ऊपर मैंने आकाशगंगाओं के समूह के बारे में बहुत कुछ जानकारी दे दिया हैं| परंतु कुछ बात ऐसे भी है जिसके बारे में मेँ आगे आप लोगों को अन्य लेखों के अंदर बताऊंगा| खैर मेरे साथ इस लेख में आरंभ से अंत तक बने रहने के धन्यवाद | आपको यह लेख पढ़ कर आशा करता हूँ आकाशगंगाओं के समूह (galaxy cluster in hindi) के बारे में कुछ जानकारी हो गई होगी ।

Source :- www.nasa.gov.com.

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

Related Articles

Back to top button