एक मशहूर शायर ने लिखा है “सितारों के आगे जहाँ और भी हैं”। पर उन जहानों के आगे क्या है ये आज तक मनुष्य के लिए एक प्रश्न ही है। ये इतना पेचीदा सवाल है की आज के वैज्ञानिक ज्ञान और संसाधनों से परिपूर्ण मनुष्य के लिए भी ये कल्पना करना मुश्किल है की आखिर इस ब्रह्माण्ड के आखरी छोर (End of the Universe in Hindi) पर क्या है।
पर ये सवाल स्वयं में ही इतने सवालों से घिरा है जिन सवालों का जवाब ढूँढना भी अभी तक बाकी है | जैसे क्या इस ब्रह्माण्ड का कोई अंतिम छोर है भी या ये अनंत है? हम इस ब्रह्माण्ड के बारे में जितना अधिक जानते जाते हैं हमें पता चलता है कि हम इस ब्रह्माण्ड के बारे में कितना कम जानते हैं | आज हम इन्ही पेचीदा सवालों की गुत्थिया सुलझाने की कोशिश करेंगे।
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क्या इस ब्रह्माण्ड का कोई छोर है? – Is there any End of the Universe in Hindi?
इस ब्रह्माण्ड का कोई अंतिम छोर है भी या नहीं इस सम्बन्ध में कई विद्वानों के अलग अलग सिद्धांत है | कई अलग अलग अनुमान है, पर निश्चित कुछ भी नहीं।
इन विद्वानों के सिद्धांत और अनुमान ही अपने आप में इतने जटिल और आश्चर्यजनक हैं कि एक बार तो किसी का भी दिमाग चकरा जाए। पर इस जटिल सवाल का उत्तर जानने से पहले हमे कुछ आसान सवालो के उत्तर जानने होंगे जैसे ये ब्रह्माण्ड है क्या ?
ब्रह्माण्ड है क्या ? – What is the Universe in Hindi?
हमारे आस पास हर चीज जैसे समय, स्पेस, पदार्थ, उर्जा यहाँ तक की हम खुद भी ब्रह्माण्ड का हिस्सा है | ब्रह्माण्ड सम्पूर्ण समय और अंतरिक्ष और उसके बीच मौजूद हर वस्तु को कहते हैं। ब्रह्माण्ड में सभी ग्रह, तारे, गैलेक्सिया, गैलेक्सियों के बीच के अंतरिक्ष, अपरमाणविक कण, और सारा पदार्थ और सारी ऊर्जा शामिल है।
-“जानें ब्रह्माण्ड के बारे में पूरी जानकारी”
हमारे प्रश्न को समझने में सुविधा के लिए हम ब्रह्माण्ड को दो भागों में बाँट सकते है पहली वे चीजे जिनसे हमे सूचनाये मिलती हैं, जैसे पदार्थ, तारे, ग्रह ये हमे सूचनाये देते हैं |
इनसे टकरा कर या इनके स्वयं के द्वारा छोड़े गए प्रकाश जब हम तक पंहुचते हैं तो हमे इनके बारे में जानकारी मिलती है और तथ्य (Facts) स्थापित होते हैं जो इस ब्रह्माण्ड के बारे में सिद्धांत बनाने के लिए आवश्यक हैं |
और दूसरी वे चीजे जो हमतक कोई सूचना नहीं पंहुचाती जैसे अंतरिक्ष (Space) और समय (Time) | पर इनके बारे में भी गणित की सहायता से जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
ब्रह्माण्ड में स्थित जिन चीजो के माध्यम से हमें सूचनाये मिलती हैं जैसे, रेडियो संकेत, EM वेव आदि, इन सबमे सबसे तेज होती हैं प्रकाश की किरणें | असल में इस ब्रह्माण्ड में प्रकाश से तेज कोई चीज हो ही नहीं सकती।
परन्तु ये ब्रह्माण्ड इतना विशाल है की सुदूर किसी आकाशगंगा में जब किसी तारे में विस्फोट होता है तो उसका प्रकाश पृथ्वी तक आते आते लाखो वर्ष निकल जाते हैं | यानी आज अगर हम टेलिस्कोप पे किसी तारे में विस्फोट देखते हैं तो इसका मतलब ये होता है की लाखो साल पहले ही वो तारा नष्ट हो चूका है।
अवलोकन योग्य ब्रह्माण्ड – Observable Universe in Hindi
सुदूर गैलेक्सी से आये प्रकाश के अध्ययन के आधार पर अपने ब्रह्माण्ड को समझने के लिए वैज्ञानिको ने एक सीमा तय की जिसे उन्होंने अवलोकन योग्य ब्रह्माण्ड (Observable Universe) का नाम दिया।
इसका व्यास वर्तमान में लगभग 91.1 अरब प्रकाश वर्ष है | यानी इतना दूर जहाँ से प्रकाश को भी हम तक पंहुचने में 91.1 वर्ष लग जाते हैं | तुलना के लिए ये जान लीजिये की सूर्य से पृथ्वी तक आने में प्रकाश को 8 मिनट लगते हैं।
“आखिर कितना बड़ा है ब्रह्मांड, और कितना हम इसे देख सकते हैं?”
ब्रह्माण्ड के बारे में हम जितना जानते हैं वो सबकुछ बस इस अवलोकन योग्य ब्रह्माण्ड (Observable Universe) के भीतर ही है | पर वैज्ञानिक मानते हैं की असल में ब्रह्माण्ड का विस्तार Observable Universe से काफी बाहर तक है और हो सकता है ये अनंत हो।
फिलहाल कोई ये नहीं बता सकता की पुरे ब्रह्माण्ड को कोई अंतिम छोर है भी या ये पूरा ब्रह्माण्ड अनंत है | अब आप सोच रहे होंगे की अवलोकन योग्य ब्रह्माण्ड के अंतिम छोर के बारे में तो वैज्ञानिको को पता होगा !! उत्तर है, शायद नहीं |
ब्रह्माण्ड का आकार क्या है? – What is the shape of Universe in Hindi?
जब आप ये प्रश्न पूछते हैं की ब्रह्माण्ड का अंतिम छोर क्या है, तब आपके दिमाग में अंतरिक्ष या ब्रह्माण्ड के आकार की एक छवि जरूर होती होगी | क्या है वो छवि, कैसा है हमारा ब्रह्माण्ड, किसी फर्श पर रखी गेंदों की तरह, या किसी कमरे में लटके गोलों की तरह, या इन ज्यामितीय आकारों के अलावा भी कोई आकार हो सकता है? अगर आप इनके अलावा अन्य किसी आकार की कल्पना कर सकते हैं तो कमेन्ट में जरूर बताइयेगा |
वर्त्तमान में ब्रह्माण्ड के आकार के बारे में तीन धारणाये प्रसिद्ध हैं | पहला ब्रह्माण्ड गेंद या बुलबुले की तरह है, दूसरा एक मुड़ी हुई शीट की तरह है तथा तीसरा एक फ्लैट सतह के रूप में है, विज्ञान में आने वाली खोजें हमें बता सकती हैं कि इन 3 मॉडलों में से कौन सा मॉडल सबसे ज्यादा सही है तथा ब्रह्माण्ड (End of the Universe in Hindi) का आकार क्या है?
ये तीनो ही धारणायें ब्रह्माण्ड उत्पत्ति कि बिग बैंग सिद्धांत पर आधारित है, जो ये कहती है की ब्रह्माण्ड फैल रहा है | जिसका मतलब ये होता है की ब्रह्माण्ड का छोर भी फैल रहा है। पर इन तीनो आकारों के लिए छोर का मतलब अलग अलग होगा।
निष्कर्ष? – Conclusion?
ये संभव है की अभी तक आप ब्रह्माण्ड को सिर्फ मुड़ी हुई शीट की तरह या एक फ्लैट सतह पर स्थित मान रहे होंगे, जिसके सही होने की सम्भावना भी सबसे ज्यादा है | पर उस स्थिति में ये बताना संभव नहीं की ब्रह्माण्ड का अंतिम छोर क्या है या कोई अंतिम छोर है भी या नहीं।
किन्तु अगर हमारा ब्रह्माण्ड गेंद या बुलबुले की तरह है | यानी सारे ग्रह, तारे, गैलेक्सी किसी ऐसे बुलबुले की सतह पर हो, जो फैल रहा है, तो ये निश्चित रूप से कह सकते हैं की इस ब्रह्माण्ड को कोई छोर नहीं हो सकता | बस ये ब्रह्माण्ड अंतरिक्ष में आगे बढ़ रहा है | यही शायद आपके प्रश्न का जवाब हो।
पर नहीं अगर हम यहीं रुक जाएँ तो ये हमारे प्रश्न “क्या ब्रह्माण्ड का कोई छोर है ?- Is there an end of this universe in hindi?” का पूरा उत्तर नहीं है।
हमने पहले ही बताया की ब्रह्माण्ड में सिर्फ पदार्थ यानी ग्रह, तारे, गैलेक्सी ही नहीं है | समय और अंतरिक्ष भी ब्रह्माण्ड का हिस्सा है | तो क्या समय(Time) और अंतरिक्ष(Space) का भी कोई छोर है।
क्या समय का कोई अंत है? – Is there an end of Time?
जैसा की वैज्ञानिकों ने बताया है कि ब्रह्माण्ड लगाता फैलता जा रहा है तथा सभी गैलेक्सी एक दूसरे से दूर जाती जा रही हैं | भविष्य में एक समय ऐसा आएगा जब सभी तारे अपनी ऊर्जा खो देंगे और ब्रह्माण्ड में केवल ब्लैक होल्स ही बचेंगे।
यह ब्लैक होल्स भी हॉकिंग रेडिएशनके द्वारा बहुत लंबे समय में ऊर्जा अंतरिक्ष में फैलाकर खत्म हो जाएंगे | इस तरह ब्रह्माण्ड की समस्त ऊर्जा खाली अंतरिक्ष में बिखर जाएगी और कोई भी पदार्थ बाकी नहीं रहेगा।
इस तरह हमारे ब्रह्माण्ड का अंत हो जाएगा ब्रह्माण्ड के अंत (End of the Universe in Hindi) के साथ ही समय का भी अंत हो जायेगा | दुसरे शब्दों में यही समय का अंतिम छोर होगा।
क्या अंतरिक्ष का कोई अंत है? – Is there an end of Space?
समय के अंत के बाद अंतरिक्ष(Space) का क्या होगा, ये एक अनसुलझा रहस्य है जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है | अगर आइंस्टीन की माने तो समय (Time) और अंतरिक्ष (Space) एक साथ जुड़े हुए हैं जिसे उन्होंने Space-Time Continuum कहा है, तो सैद्धांतिक रूप से तो समय के साथ अंतरिक्ष (Space) भी समाप्त हो जाना चाहिए।
पर यहाँ ये सवाल उठता है की अगर अंतरिक्ष (Space) समाप्त हो जाएगा तो क्या बचेगा। अंतरिक्ष अनंत है, अंतरिक्ष स्वयं में पूर्ण है तो इस पूर्ण से अंतरिक्ष निकल जाए तो क्या बचेगा | इस सवाल का जवाब अभी तक विज्ञान के पास नहीं।
यहाँ शायद वेद हमारी मदद करें। इशोप्निषद जो की शुक्ल यजुर्वेद का हिस्सा है, इसके एक बहुत ही लोकप्रिय श्लोक में शायद जवाब छुपा हुआ है।
ॐ पूर्णमद: पूर्णमिदं पूर्णात् , पूर्ण मुदच्यते,
पूर्णस्य पूर्णमादाय, पूर्ण मेवा वशिष्यते।
जिसका अर्थ होता है की “वह (शायद इश्वर, शायद कुछ और!!) अनंत और पूर्ण है | यह ब्रह्माण्ड (अंतरिक्ष और समय के साथ) भी अनंत और अपने आप में पूर्ण है। उस अनंत और पूर्ण से ही यह अनंत और पूर्ण निकला | यह अनंत (ब्रह्माण्ड) उस अनंत में समां जाने पर भी वह अनंत पूर्ण ही रह जाता है।