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आउटर स्पेस और डीप स्पेस में क्या है अंतर! – Outer Space and Deep Space In Hindi

स्पेस के इन श्रेणियों को क्या आप जानते हैं?

औसतन हम अन्तरिक्ष (Outer Space and Deep Space In Hindi) को ले कर कई सारे बातें करते हैं। परंतु क्या सच में हमें अन्तरिक्ष के बारे में पता है? मेरे कहने का मतलब ये है कि, क्या हमें अन्तरिक्ष की असल परिभाषा के बारे में पता है! शायद नहीं, क्योंकि अक्सर बहुत लोग डीप स्पेस, आउटर स्पेस और स्पेस के अंदर कई बार उलझ कर रह जाते हैं। काफी सारे लोगों को असल में स्पेस, आउटर स्पेस और डीप स्पेस की रियल डेफ़िनेशन के बारे में पता नहीं होता है। ऐसे में इनके बारे में जानना हमारे लिए बेहद ही जरूरी हो जाता है।

This view of nearly 10,000 galaxies is called the Hubble Ultra Deep Field. The snapshot includes galaxies of various ages, sizes, shapes, and colours. The smallest, reddest galaxies, about 100, may be among the most distant known, existing when the universe was just 800 million years old. The nearest galaxies - the larger, brighter, well-defined spirals and ellipticals - thrived about 1 billion years ago, when the cosmos was 13 billion years old. The image required 800 exposures taken over the course of 400 Hubble orbits around Earth. The total amount of exposure time was 11.3 days, taken between Sept. 24, 2003 and Jan. 16, 2004.
डीप स्पेस। | Credit: ESA.

मित्रों! आज के लेख में हम इसी विषय के ऊपर चर्चा करने वाले हैं, यानी हम इस लेख के अंदर डीप स्पेस, आउटर और स्पेस के बारे में (Outer Space and Deep Space) जानेंगे। इसके अलावा हम इनके अंदर क्या-क्या अंतर होता है, उसके बारे में भी बातें करेंगे। इसलिए आप लोगों से अनुरोध है कि, लेख के प्रारंभ से लेकर अंत तक बने रहिएगा। क्योंकि ये आपके लिए काफी ज्यादा रोचक और ज्ञानवर्धक होने वाला है। स्पेस और आउटर स्पेस तथा डीप स्पेस से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों के बारे में भी हम यहाँ जानने का प्रयास करेंगे।

तो, चलिये बिना किसी देरी करते हुए; इस लेख को आगे बढ़ाते हैं और असल विषय के ऊपर आते हैं।

आउटर स्पेस, डीप स्पेस और स्पेस क्या हैं? – Outer Space and Deep Space! :-

स्पेस, आउटर स्पेस और डीप स्पेस (Outer Space and Deep Space) इसमें से कौन हम लोगों से सबसे दूर मौजूद हैं? क्या डीप स्पेस ही ब्रह्मांड के अंत तक विस्तृत है! कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार स्पेस/ अन्तरिक्ष को ही ब्रह्मांड के अंतिम छोर वाली जगहों में गिना जाता है। कहने का अर्थ ये है कि, स्पेस के आगे और कोई वस्तू नहीं हैं और स्पेस के अंत का माने ब्रह्मांड का अंत। परंतु प्रश्न उठता है कि, हम यहाँ अन्तरिक्ष के किस भाग के बारे में चर्चा कर रहें है? क्योंकि कई बार लोग स्पेस, आउटर स्पेस और डीप स्पेस को एक-दूसरे के जगह पर इस्तेमाल करते हुए नजर आते हैं।

आउटर स्पेस और डीप स्पेस में क्या हैं अंतर!
मिल्की वे का फोटो। | Credit: Nature TTL.

इसलिए इस कन्फ़्यूजन को दूर करने के लिए, वैज्ञानिक कुछ चीजों के आधार पर एक नतीजे पर पहुंचे हैं, जिससे ये साफ-साफ हो जाता है कि; डीप स्पेस और आउटर स्पेस तथा स्पेस के अंदर क्या अंतर है। तो, चलिये इन तीनों शब्दों के असल अर्थ को समझने का प्रयास करते हैं। मित्रों! आउटर स्पेस माने वो चीज़ और जगह जो की पृथ्वी के बाहर मौजूद है।  इसका ये मतलब है कि, पृथ्वी के ठीक बाहर मौजूद कोई चीज़ या जगह चाहे वो पृथ्वी के कितना भी क्यों न करीब हो, उसे हम “आउटर स्पेस” कहेंगे। उदाहरण के लिए, पृथ्वी का लो-अर्थ ओर्बिट; जो की पृथ्वी के सतह से मात्र 160 km के ऊँचाई पर है। उसे भी हम आउटर स्पेस में लेंगे।

डीप स्पेस (Deep Space) :-

खैर आउटर स्पेस के अंदर कई सारे चीज़ें जैसे, औसतन कृत्रिम सैटेलाइट्स और अंतराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन  भी आ जाते हैं। मित्रों! इन्सानों के द्वारा जितने भी स्पेस संबंधी मिशनों को अंजाम दिया जा रहा है, उसमें से ज़्यादातर इसी आउटर स्पेस में होते हैं। इसलिए स्पेस का ये हिस्सा हम लोगों को बाकी हिस्सों से ज्यादा मालूम है।

आउटर स्पेस और डीप स्पेस में क्या हैं अंतर! - Outer Space and Deep Space! :-
डीप स्पेस। | Credit: The Hill

जब हम डीप स्पेस की बात करते हैं, तब हमें आउटर स्पेस (Outer Space and Deep Space) से निकल कर थोड़ा आगे बढ़ना होगा। कहने का मतलब ये है कि, आउटर स्पेस की तुलना में डीप स्पेस हमसे थोड़ा अधिक दूरी पर मौजूद है। अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, औसतन डीप स्पेस हमारे चाँद से ले कर सौर-मण्डल के बाहर तक फैला हुआ है। इसलिए कई बार चाँद या उसके पार के चीजों को हम डीप स्पेस में मौजूद चीजों की तरह देखते हैं। हालांकि! कई बार वैज्ञानिक सौर-मण्डल से बाहर के चीजों को ही डीप स्पेस के श्रेणी में रखते हैं। इसलिए यहाँ अक्सर कन्फ़्यूजन होता हुआ, आप लोगों को नजर आ सकता है।

वैसे यहाँ रोचक बात ये है कि, दुनिया भर के ज़्यादातर वैज्ञानिक डीप स्पेस को ही ब्रह्मांड के अंत को फैला हुआ मानते हैं। इसका सीधा सा ये मतलब ये हुआ है कि, डीप स्पेस के आगे ब्रह्मांड में और कोई जगह नहीं है। ये ब्रह्मांड के अंतिम छोर (अगर कोई हैं तो) तक फैला हुआ है। वैसे यहाँ कई लोगों के मन में ये सवाल आ रहा होगा कि, अगर हम डीप स्पेस को ही ब्रह्मांड के छोर तक फैला हुआ मान रहें हैं, तब हमस्पेस” किसें कहेंगे? तो, मित्रों! मेँ यहाँ आप लोगों को बता दूँ कि, स्पेस वाले शब्द में कुछ ट्विस्ट है। अब ट्विस्ट जानने के लिए आपको आगे पढ़ते रहना होगा।

शब्दों का खेल! :-

तो, असल ट्विस्ट ये है कि; स्पेस” हम दोनों ही “आउटर स्पेस” और “डीप स्पेस” की जगह को कहते हैं।  इसलिए कई बार हम दोनों ही आउटर स्पेस और डीप स्पेस के जगह पर स्पेस” शब्द का प्रयोग करते हुए नजर आते हैं। मित्रों! आप लोगों को मैं बता दूँ कि, “स्पेस” शब्द का प्रयोग काफी समय पहले से होता हुआ आ रहा है। इतिहासकारों के अनुसार साल 1667 से ही इंसान “स्पेस” शब्द का इस्तेमाल करते हुए आ रहा है। इसलिए पृथ्वी के बाहर ब्रह्मांड में मौजूद हर एक कोना “स्पेस” कहा जाता है। वैसे दिलचस्प बात ये है कि, 19 वीं शताब्दी के मध्य भाग में “आउटर स्पेस” शब्द का इस्तेमाल होना शुरू हुआ था और आखिर में “डीप स्पेस” शब्द का इस्तेमाल होने लगा।

Outer space photo.
आउटर स्पेस का फोटो। | Credit: State Department.

इसलिए इन्सानों के लिए ये तीनों शब्द एक ही चीज़ के लिए एक साथ इस्तेमाल होने लगे। विज्ञान जैसे-जैसे उन्नत होता गया, उसी तरह स्पेस (Outer Space and Deep Space) संबंधी शब्दों व चीजों के बारे में पता चलने लगा। ये ही वजह है कि, जिसे हम आज डीप स्पेस या आउटर स्पेस कहते हैं, वो भी एक दिन स्पेस का हिस्सा ही था। 20 वीं शताब्दी के मध्य-भाग आने तक, इस चीज़ के बारे में और भी स्पष्टता हमें मिलने लगी। अन्तरिक्ष में वैज्ञानिकों ने एक काल्पनिक रेखा को बनाया, जिससे स्पेस/ आउटर स्पेस/ डीप स्पेस की उलझन को थोड़ा कम किया जा सकता था। वैसे इस रेखा का नाम उन्होने ने “Kármán line” दिया।

निष्कर्ष – Conclusion :-

मित्रों! इस लाइन के अनुसार जहां पृथ्वी खत्म होती है, वहीं से इस लाइन का आरंभ होता है। कहने का मतलब ये है की, पृथ्वी के सतह से लगभग 80-100 km के ऊँचाई से ये लाइन शुरू हो जाता है। वैसे मैं आप लोगों को बता दूँ कि, ये रेखा बिलकुल काल्पनिक है और इस लाइन के ऊपर मौजूद जगह और इसके नीचे मौजूद जगह के मध्य कोई इतना अंतर भी नहीं है। जब इन्सानों ने चाँद पर लैंड किया, तब उनके लिए स्पेस (Outer Space and Deep Space) और भी ज्यादा बड़ा और नया बन गया। क्योंकि उस समय इंसान आउटर स्पेस में पहुंचा चुका था।

Human in space.
स्पेस में इंसान। | Credit: News Week.

बाद में जब हमने चाँद के पार हमारे सौर-मण्डल के भीतर कई तरह के प्रोब भेजने लगे, तब हमें डीप स्पेस के बारे में जानकारी मिलने लगी। दोस्तों! यहीं से शुरू हुआ इंसान का इस बड़े व अनंत ब्रह्मांड को जानने का प्रयास! आज के समय की बात करूँ तो, वर्तमान इन्सानों के द्वारा चाँद के पार लगभग 200 मिशनों को अंजाम दिया जा चुका है। इसके अलावा आज कई हजारों कृत्रिम सैटेलाइट्स हमारे लोवर अर्थ ओर्बिट में पृथ्वी की चक्कर काट रहींं हैं। मित्रों! वोएजर-1″ पृथ्वी से लगभग 22.5 अरब किलोमीटर की दूरी डीप स्पेस में तय कर चुका है।

वैसे इतनी दूरी को अब वैज्ञानिक डीप स्पेस न कह कर “Interstellar Space” का नाम दिया है। बता दूँ कि, ये जगह दो सितारों के बीच मौजूद जगह का नाम है। खैर आगे आने वाले समय में हमें इसके बारे में काफी कुछ जानने का मौका मिला है।

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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