
मनुष्य जब धरती पर जन्म लेता है, तब वो पहली बार सबसे पहले क्या देखता है? नवजात बच्चे को पृथ्वी पर अपनी आँखों को पहली बार खोलने पर कौन सी चीज़ सबसे पहले दिखाई देती होगी। ये सवाल मैं आप लोगों से इसलिए पूछ रहा हूँ, क्योंकि इसके कई उत्तर हैं जो हर जगह सटीक बैठते हैं। कोई बोलेगा इंसानी बच्चा धरती पर पहली बार आने पर वो सबसे पहले अपने माता-पिता को देखता है, तो कोई बोलेगा वो सबसे पहले डॉक्टर का चेहरा देखता है! परंतु इस पृथ्वी पर किसी भी जीव को सबसे पहले निमंत्रण ये प्रकृति, आसमान या यूं कहें की, पूरा अंतरिक्ष ही (why does space is black in hindi) देता है।

काले अंतरिक्ष (why does space is black in hindi) की नीरवता से लेकर नीले आसमान तक, सब एक नए जीवन की शुरुआत के लिए प्रार्थना करते रहते हैं। तो, सबसे पहले कोई भी जीव पृथ्वी पर आने पर नीला आसमान या इसके ऊपर मौजूद काले अंतरिक्ष की और आकर्षित होता है। परंतु, कभी आप लोगों ने सोचा है, आखिर क्यों आसमान नीला है और अंतरिक्ष काला? जो चीज़ इंसान को अपने बचपन से ही अपनी और आकर्षित करती आ रही है, वो आखिर क्यों नीले या काले वर्ण की है? अंतरिक्ष में तो इतने तारे, सितारे और सूर्य हैं, तो आखिर क्यों हमारा अंतरिक्ष इतना अंधकारमय हैं?
चलिये आज हम अंतरिक्ष के इसी काले वर्ण के विषय में चर्चा कर लेते हैं?
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अंतरिक्ष आखिर इतना काला क्यों है? – Why Does Space Is Black In Hindi? :-
काफी समय से हम अंतरिक्ष से जुड़ी कई सारे विषयों पर चर्चा करते आ रहें हैं, पर विडंबना की बात ये हे कि अंतरिक्ष (why does space is black in hindi) से इतने जुड़े होने की बाद भी हमारे मन में इसके रंग को लेकर कोई सवाल ही नहीं आया! हैरान करने वाली बात ये हे कि, हमारा आसमान खुद अंतरिक्ष के इतने पास मौजूद हो कर भी नीले रंग का हैं पर अंतरिक्ष काला! मानता हूँ की, रात में हमें आसमान काला ही दिखता हैं; परंतु दिन में भी हमारा अंतरिक्ष काला रहता हैं।

लोगों को लगता है अंतरिक्ष के काले होने के पीछे प्रकाश (light) का ही हाथ हैं, परंतु आप लोगों को मैं बता दूँ की ये बिलकुल भी सच नहीं है। अंतरिक्ष के काले होने के पीछे प्रकाश का कोई बड़ा हाथ नहीं है। हमें लगता है, हमारे अंतरिक्ष में तो सूर्य से भी कई करड़ों गुना बड़े-बड़े चमकीले सितारे हैं, जो की अनंत प्रकाश को फैला कर पूरे अंतरिक्ष को जगमगा देते होंगे। परंतु, मित्रों ऐसा नहीं हैं हमारा अंतरिक्ष एक बहुत ही अंधकार से भरी जगह है। यहाँ, प्रकाश लगभग न के बराबर ही होता है। चारों और घूप अंधकार ही कायम रहता है।
तो ऐसे में आप कह सकते हैं कि, हमारे पूरे ब्रह्मांड में प्रकाश केवल कुछ ही जगहों पर ही उपलब्ध रहता है, जिसमें हमारी पृथ्वी भी शामिल है। सुनने में काफी ज्यादा अटपटा और विरोधाभास लगने पर भी ये बात सच है। वैज्ञानिक इस बात कि पुष्टि बहुत से सिद्धांतों के जरिये करते हैं , जिसमें से एक प्रमुख सिद्धांत “Olber’s Paradox” भी शामिल है।
“Olber’s Paradox” और अंतरिक्ष का काले होने का राज! :-
क्या अंतरिक्ष (why does space is black in hindi) के काले होने का राज “Olber’s Paradox” है? आखिर ये “Olber’s Paradox” क्या है? इस तरह के सवाल अब आपके मन में आ रहें होंगे। इसलिए चलिये यहाँ हम इसी ओल्बेर्स पैराडॉक्स के बारे में चर्चा कर लेते हैं और देखते हैं वैज्ञानिकों का इस पैराडॉक्स को लेकर क्या ख्याल है।
वैज्ञानिकों का मानना हे कि, ओल्बेर्स पैराडॉक्स के कारण ही हमारा ये अंतरिक्ष इतना ज्यादा अंधकारमय है। इस पैराडॉक्स के अनुसार हमारा ब्रह्मांड प्रकाश के गति से भी तेज चारों तरफ फैल रहा है। ब्रह्मांड के इतने तेजी से फैलने के कारण सुदूर आकाशगंगाओं से आने वाली प्रकाश की किरणें हम तक पहुँचने से पहले ही स्ट्रेच हो कर इंफ्रारेड वेव (Infrared Wave)) , माइक्रो वेव (Microwave) और रैडियोवेव (Radiowave) में बदल जा रहीं हैं। बता दूँ कि, इंसानी आँखें इंफ्रारेड वेव, माइक्रो वेव और रैडियो वेव को देख नहींसकती हैं।
यही वजह हे कि, हम इन आकाशगंगाओं से आने वाली रोशनी को नहीं देख पा रहें हैं और हमें ये अंतरिक्ष आज इतना काला दिखाई दे रहा है। मित्रों! खुली आँखों से आपको अंतरिक्ष हमेशा ऐसे काला ही नजर आता रहेगा। वैसे वैज्ञानिकों एक दूसरा दल एक और चौंका देने वाली बातों को कह रहा है, जिसे सुनकर शायद आप भी हैरान हो जाएंगे। तो, आखिर वो बात क्या हैं? जानने के लिए आगे पढ़ते रहिए। वैसे भी स्टोरी में थोड़ा सस्पेंस तो रहना चाहिए।
अंतरिक्ष के काले होने के पीछे ये भी वजह हो सकती हैं! :-
मित्रों! अंतरिक्ष (why does space is black in hindi) के बारे में एक खास बात ये हे कि, जब हमें लगता हैं हमने अंतरिक्ष को हर तरीके से जान लिया, तब एक ऐसी चीज़ निकल कर आती हैं जो कि पूरी कहानी ही बदल देती है। अब तक हमने देखा कि, अंतरिक्ष के काले होने के पीछे कि वजह, ओल्बेर्स पैराडॉक्स था। परंतु, क्या सिर्फ यही पैराडॉक्स ही अंतरिक्ष को इतना काला या अंधकार बनाता है? जी नहीं मित्रों!

ओल्बेर्स पैराडॉक्स के अलावा भी एक ऐसी चीज़ है, जो अंतरिक्ष को घूप अंधेरे से भर देती है। आपको अब लग रहा होगा कि, आखिर अब कौन सी इतनी बड़ी चीज़ आ गई जो इतने बड़े ब्रह्मांड को ही अंधेरे से भर देती है। तो, मित्रों आप लोगों को बता दूँ कि, ये चीज़ और कुछ नहीं सिर्फ “रंग” है तो आपको कैसा लगेगा। जी हाँ! रंग ही है जो इतने विशाल अंतरिक्ष को इतना काला बना देता है। तो, फिर सवाल उठता हैं कि, आखिर कैसे रंग हमारे अंतरिक्ष में अंधेरा फैला देता है?
मित्रों! सुनिए, हमारे ब्रह्मांड में मौजूद जितने भी सितारे या जगमगाते खगोलीय पिंड हैं, उसमें से ज़्यादातर पिंड “अल्ट्रावायोलेट/ UV” रंग को प्रतिबिंबित (Reflect) करते हैं। ये रंग इंसानी आँखों को नहीं दिखाई पड़ते हैं। इसलिए भी हमारा अंतरिक्ष हमें इतना काला और अंधकारमय दिखता है। इसके अलावा बिग-बैंग के बाद से ही निकले कई कॉस्मिक माइक्रोवेब आज भी हमारे ब्रह्मांड में हैं जो अपने हिसाब से रोशनी को फैला रहें हैं पर हम उन्हें नहीं देख सकते हैं।
निष्कर्ष – Conclusion :-
पूरे लेख में हमने देखा कि, अंतरिक्ष (why does space is black in hindi) आखिर काला क्यों हैं? कुल मिलाकर देखें तो, हमने दो मुख्य वजहों को अंतरिक्ष के काले होने का कारण माना। परंतु, अब भी एक वजह बाकी हैं, जो कि अंतरिक्ष को काला बनाता है। तो, चलिये एक नजर उस वजह के ऊपर भी डाल लेते हैं। वैज्ञानिकों का मानना हैं कि, अंतरिक्ष का पूरे तरीके से वैक्युम होना ही इसके काले होने का राज है!

हमारा आसमान हमें नीला इसलिए दिखाई देता हैं, क्योंकि हमारे वायुमंडल में मौजूद नाइट्रोजन और ऑक्सिजन के कण सूरज से आने वाली विजिबल रोशनी (Visible Light) के सिर्फ नीले और यूवी किरणों को ही बिखेर देते हैं। यहीं वजह हैं कि, हमारा आसमान हमें नीला दिखाई देता हैं। प्रकाश हमारी आँखों तक पहुँचने के लिए एक माध्यम कि जरूरत होती है, जो कि अंतरिक्ष में नहीं है। बिना माध्यम के अंतरिक्ष में प्रकाश की किरणें ठीक तरीके से बिखर नहीं पाती हैं। इसी कारण सी ये हमारे आँखों तक नहीं पहुँच पाती हैं, जिससे ये अंतरिक्ष हमे एकदम काली दिखाई पड़ता है।
हालांकि! वर्तमान में किए गए शोध से पता चला है कि, जितना हम अंतरिक्ष को काला समझते हैं, आखिर में अंतरिक्ष उतना काला या अंधकार नहीं है। नासा के उपकरण बिना किसी असुविधा के प्रकाश रहित अवस्था में पृथ्वी और सूर्य को प्लूटो से देखने में सक्षम रहें हैं।
Source :- www.livescience.com
आप बहुत ही अच्छे लेख लिखते है।
क्या आप मुझे बैकलिंक देगे?
Amazing sir