Sun In Hindi – सूर्य की पूरी कहानी के बारे में हर कोई जानना चाहता! ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जो अंतरिक्ष के बारे में जानना नहीं चाहेगा| हम सब बहुत जिज्ञासु हैं| उत्सुकता ही हमारी पहचान है|
हम सभी को बचपन से ही रहस्यमय बातों के बारे में जानना पसंद है| बचपन में दादी की सुनाई गयी परी-कथा हमारे मन को कितना पसंद था! बाद में हम जब बड़े हुए तो अन्य कई चीजों के बारे में जानने के लिए हमारा मन हमेशा कितना व्याकुल रहने लगा| इन्हीं व्याकुल करने वाले चीजों में अंतरिक्ष भी शामिल है|
हमारा सौर मंडल अजूबों से भरा हुआ है| कहीं प्रकाश की ज्वाला है,तो कहीं अंधकार की छाया| कहीं शरीर को जमा देने वाली ठंड है तो कहीं धधकता हुआ आग| कुदरत ने कुछ ऐसा जादू कर के ब्रह्मांड को सजाया है ,की सब बहुत ही सुंदर दिखता है|
इसलिए कोई भी अंतरिक्ष को देख के उसके मधुर श्मृतियों में आसानी से खो जाना ही पसंद करते हैं| मित्रों आपको और भी बता दें की जैसे शरीर को आत्मा पूर्ण करती है | ठीक इसी तरह सौर मंडल को सूर्य पूरा करता है| जैसे स्याही के बिना कलम अधूरा है ,उसी तरह सूर्य के बिना सौर मंडल!
विषय - सूची
सूर्य की पूरी कहानी की महिमा:-
यहाँ और एक बात गौर करने वाली है की , सूर्य की भूमिका सौर मंडल में क्या है?
सौर मंडल में ‘सौर’ जो शब्द है , यह सूर्य को बताते हुए कहा गया है| जिस तरह भारत की पहचान है अशोक स्तंभ उसी तरह सौर मंडल की इक-लौता पहचान है सूर्य| हर एक शक्ति का स्रोत है सूर्य | जीवन की मूल ऊर्जा है सूर्य |
सूर्य को हम पूजते है और इन्हें हम देवता भी मानते हैं| इनकी महिमा अपरंपार है| पुराणों में सूर्य देव को सृष्टि का मूल सार माना गया है| हिन्दू धर्म में सूर्य देव की अलग से पूजा भी कि जाती है| इनकी तेज से धरती में जीवन का फूल खिलता है|
हमारा शरीर सूर्य जी से Vitamin D की मांग करता है| Vitamin D हमारे हड्डियों के जोड़ों के लिए बहुत ही लाभकारी है| इसके इलावा पौधे आदि सूर्य जी के किरण को ही इस्तेमाल कर के photosynthesis के जरिये फल बनाते हैं| सूर्य की पूरी कहानी को अगर हम शब्दों मे अच्छे से बखान करेंगे तो यह बहत ही दिलचस्प होगा|
खगोल शास्त्र के हिसाब से सूर्य की कहानी :- The Science Of Sun In Hindi
खगोल शास्त्र में सूर्य को नक्षत्र माना गया है| सरल भाषा में इसे हम सितारा भी कहते हैं| पूरे ब्रह्मांड में सूर्य की भांति कई खरब सितारे मौजूद है| हम खुले आँख से जिस आसमान को रात में देखते हैं वह अंतरिक्ष का सिर्फ 4% ही है| सूर्य के इलावा पृथ्वी के सबसे पास के सितारे का नाम है Alpha Century|
Alpha Century को अगर अच्छे से देखा जाए तो पता चलेगा की यह बहुत सारे तारों का गुच्छा है| हमसे यह करीब करीब 4.367 आलोक वर्ष के दूरी पर हैं जो की काफी अद्भुत बात!
जब भी सौर मंडल या इससे जुड़ी अंतरिक्ष के बारे में जानने का मौका मिलता है तो , वाकई में आश्चर्य से हमारे रोंगटे खड़े हो जाते हैं|
तो मेरे प्रिय पाठकों आज हम सूर्य की पूरी कहानी को इस लेख में बताने जा रहे हैं|
सूर्य के विषय में :- About Sun In Hindi
सूर्य के पूरी कहानी जानने से पहले क्यूँ न हम इसके कुछ खगोलीय बातों को जान लें| यह जानकारी आपके बाद में काफी काम आएगी| वैसे तो हम आपको सूर्य के उत्पत्ति के वारे में बताने ही वाले हैं , पर क्या आप इसके भौतिक विज्ञान से जुड़ी तथ्य को जानते है? अगर आपका जवाब ना है तो कृपया इस लेख को पढ़ते रहें|
- द्रव्य मान ( Mass ) :- 1.9885 * 10^30 K.g .
- भू-मध्य रेखीय व्यास :- 695,700 K.m.
- ध्रुवीय व्यास :- 696,342 K.m.
- सतह का कुल क्षेत्रफल :- 6.09 * 10^12 K.m.
- ज्ञात आयु :- 4.6 अरब वर्ष पहले|
- सघनता :- 1.41 * 10^18 K.m^3.
- सतह का तापमान :- 5,772 k.
यह जो आपको सूर्य के ऊपर जानकारी दी गयी है ,यह वाकई में बहुत महत्वपूर्ण है | यह आपको सूर्य कैसे बना ? सूर्य कब बना ? आदि ढेर सारे सवालों के जवाब ढूँढने में आपको मदद करेगा|
सूर्य की पूरी कहानी का आरंभ :- The Sun In Hindi
दोस्तों सूर्य की पूरी कहानी का आरंभ बहुत ही रोचक बातों से होती है| हमने आपको पहले से ही बता दिया है की अंतरिक्ष अद्भुत बातों का भूल-भुलैया है| यहाँ कब ,कैसे और कहाँ क्या हो जाए यह कोई नहीं बता सकता| अगर आप सूर्य कैसे बना ?
इस का उत्तर पाना चाहते है ,तो आपको समय में 4.6 अरब वर्ष पीछे आपको हमारे साथ जाना होगा| इस समय हमारा सौर मंडल अस्तित्व में नहीं आया था| इसका नाम इस समय solar nebula था|
वैज्ञानिक कहते हैं की Solar nebula आकार में बहुत ही विशाल था| यह देखने में किसी चमकदार और कई रंगो से सजी बादल की भांति दिखता था| प्रकाश की किरण इस बादल को और भी देखने लायक बना देता था| तो उस समय अंतरिक्ष की गुरुत्वाकर्षण शक्ति की वजह से Solar nebula पर बहुत ही ज्यादा दबाव पड़ने लगा| आपके सूर्य कैसे बना ? के सवाल का जवाब यह दबाव ही है| क्या ? जी , हाँ दबाव|
सूर्य की पूरी कहानी आसान से उदाहरण के साथ :-
दरअसल सूर्य में भौतिक विज्ञान के हर एक पहलू लागू होता है| मानो जैसे सूर्य एक भौतिक विज्ञान का प्रयोग शाला ही हो| यहाँ कई सारे भौतिक विज्ञान के नियमों और सिद्धांतों का संगम देखने को मिलता है|
जब Solar nebula पर दबाव हद से ज्यादा बढ़ गया तो , इसमें मौजूद हर एक गैस और धूल के कण आपस में सघन होने लगे| यही से सूर्य के पूरी कहानी का शुरुआत हुआ| दवाब से अब solar nebula चपटी किसी Disk का आकार ले चुकी थी|
आप सभी ने तो अपने घर में Grinder का इस्तेमाल किए ही होंगे| अगर आप Grinder में कोई भी चीज़ पिसते है तो जैसे उसका बाहरी भाग , अंदर के भाग से कम सघन (पतला) होता है |
ठीक इसी तरह Solar nebula के बहुत तेजी से घूमने के वजह से इसकी अंदर का हिस्सा बाहरी भाग से सघन होने लगा| यह सघन हिस्सा बाद में सूर्य के रूप में अस्तित्व में आया|
प्रारंभिक रूप में आए सूर्य को वैज्ञानिकों ने Pro Star का नाम दिया| अब इसमें कई सारे chemical reaction शुरू होने लगे| उन सभी में से Hydrogen और Helium की Fusion reaction सबसे अधिक प्रधान है| यही reaction सूर्य को इतना गर्म और चमकदार बनाता है| इसी वजह से सूरज आग की गोले की भांति हमें दिखते हैं| आज हम जो सूर्य देख रहे हैं उसे इस अवस्था में पहुँचने के लिए करीब 50 million साल लगे| सूर्य की जीवन काल 10 billion year जिसमें से और 6.6 billion year बचे हैं|
यह तो था सूर्य की पूरी कहानी की शुरुआत | अब आएगा इस का दूसरा हिस्सा| जानने के लिए इस लेख को पढ़ते रहें|
सूर्य के पूरी कहानी का अंत:- The End Story Of Sun In Hindi
जैसे कोई सफर एक ना एक दिन खत्म हो ही जाती है| ठीक इसी तरह सूर्य भी एक ना एक दिन विलीन हो जाएगा| हमेशा याद रखें की आदि है तो अंत भी निश्चित है|
यहाँ हम आपको सूर्य की पूरी कहानी का अंत बताने जा रहे हैं|किसी एक व्यक्ति के आखिर के समय के भांति सूर्य भी जब अपने आखिर के समय में होगा तो उसके लिए यह समय काफी संघर्ष पूर्ण होगा| यह समय सूर्य के जीवन काल में सबसे कठिन और जटिल समय होंगे|
इस जटिल समय का आकलन वैज्ञानिकों ने 140 million सालों का लगाया है| खैर अगर हम सूर्य के अंत के बारे में जानना चाहते है तो सबसे पहले हमें इसके अंदर होने वाले Structure और Chemical Reactions के बारे में अच्छे से जानना होगा|
Structure of Sun In Hindi
दोस्तों मुख्य रूप से सूर्य के दो हिस्से होते है| पहला इसका ऊपरी सतह जो Hydrogen से बनी होती है और दूसरा इसका core जो Helium से बनी होती है| यह दोनों हिस्से जो होते है यह दो layer के भांति आपस से जुड़े होते हैं| यह दोनों layer एक दूसरे के ऊपर पूर्ण रूप से निर्भर रहते हैं|
यह एक sphere के भांति दिखाई पड़ता है| इन दोनों sphere में हमेशा chemical reaction चलते ही रहते है| Helium तो पहले से ही काफी ज्यादा ज्वलनशील है | जलने के लिए इसको किसी भी प्रकार की catalyst का जरूरत नहीं पड़ती| वहीं दूसरी और hydrogen भी काफी ज्यादा volatile है|
Chemical reaction On Sun – About Sun In Hindi
जब , सूर्य के इन दो sphere में तापमान हद से ज्यादा बढ़ जाता है तो इन दोनों में chemical reaction होना शुरू हो जाता है| इस chemical reaction को विज्ञान में Fusion कहा जाता है| विज्ञान के नजरिये से देखें तो वास्तव में सूर्य एक Hydrogen Reactor है|
Hydrogen ही है जो इसको ऊर्जा देती है| 90% सूर्य की प्रकाश Hydrogen के जलने से ही आती है | यहाँ सूर्य के core में उपस्थित Helium का किरदार बहुत की महत्वपूर्ण है| Helium दोनों sphere में होने वाले chemical reaction को नियंत्रण करता है|
इसलिए helium सूर्य के हर एक chemical reaction में हिस्सा लेता है| हम सब ने तो पढ़ा ही होगा की यह एक inert gas है| Inert gas ज़्यादातर किसी भी पदार्थ के साथ आसानी से react नहीं करते बल्कि reaction के लिए यह कुछ आधारों की मांग करते हैं|
इस क्षेत्र Helium के लिए आधार बनता है तापमान| बिना उच्च तापमान के Fusion reaction होना मुश्किल है| इसलिए तो सूर्य के सतह का तापमान करीब करीब 6000 k रहता है| सूर्य में मुख्य रूप से यह दो reaction होते हैं;
- Hydrogen ——–> Helium.
2.Helium ————-> Carbon.
सूर्य की पूरी कहानी का पूर्ण-विराम :-
इन दोनों reaction में हम देख रहे हैं की hydrogen और helium की जरूरत मुख्य रूप से पड़ रही है| तो समय के साथ साथ सूर्य में से Hydrogen और Helium की मात्रा धीरे धीरे reaction के वजह से कम होता जा रहा है|
एक समय ऐसा आयेगा की सूर्य से Hydrogen और Helium पूरे तरीके से खत्म हो जाएगा| इसके बाद न कोई reaction होगा और न कोई गतिविधि| धीरे धीरे सूर्य की ऊपरी सतह एक धमाके से उड जाएगा|
इससे सूर्य का core अंतरिक्ष के सीधे संपर्क में आ जाएगा जो की बहुत ही ज्यादा गर्म भी होगा| समय के चलते core जो लाल रंग का होगा ( Red Giant ) वह सफ़ेद रंग का हो जाएगा ( White Dwarf ) और यहाँ पर सूर्य का पूर्ण रूप से अंत हो जाएगा|
पृथ्वी पर प्रभाव:-
तो दोस्तों सूर्य के अंत के साथ साथ सूर्य कैसे बना ? सूर्य कब बना ? आदि सवालों का भी अंत हो जाएगा|
तो मित्रों , जब सूर्य ही नहीं रहेगा तो सौर मंडल कैसे रहेगा| हम सब जानते ही है की , सूर्य की महा कर्षण शक्ति ने हमारे सौर मंडल की 8 ग्रहों को आपस में बांध कर रखा है| जब सूर्य के अंदर कोई भी reaction होना बंद हो जाएगा , तब इसका महा कर्षण शक्ति भी लुप्त हो जाएगा|
8 के 8 ग्रह अपने मार्ग से भटक जाएंगे| इस समय शुरू हो जाएगा महाप्रलय की तांडव| कोई ग्रह सौर मंडल से दूर बिखर कर छिटक जाएगा तो कोई दूसरे ग्रह से टकरा जाएगा| पृथ्वी जैसे ग्रह अन्य ग्रहों से टकराने की भी पूरी संभावना बढ़ जाएगी|
पर यहाँ हम आपको बता दें की , जैसे ही सूर्य से आलोक आना बंद हो जाएगा| ठीक उसी समय से पृथ्वी से जीवन की संज्ञा का लोप होना शुरू हो जाएगा| लोग ठंड से जमने लगेंगे| बारिश होना बंद हो जाएगा|
पृथ्वी में घोर-अंधकार छा जाएगा| चारों तरफ लोगों की हालत खराब हो जाएगी| सूर्य का जो ऊपरी सतह धमाके से उड़ा होगा वह आ कर हमारे पृथ्वी से टकराएगा| जिससे पृथ्वी के तापमान में बहुत ज्यादा असमानता दिखाई पड़ेगी|
निष्कर्ष:- The Significance Of Sun In Hindi
दोस्तों इस दुनिया में अगर कोई आया है तो उसे एक ना एक दिन इस दुनिया से जाना ही पड़ेगा। कोई भी हमेशा के लिए जीवित नहीं रह सकता है।
आप सूर्य को ही देख लें, पुराणों में कुछ इस प्रकार के प्राकृतिक घटना से पृथ्वी का अंत होने को दर्शाया गया है। हालांकि विज्ञान के हिसाब से देखें तो हमारे पास 6.6 billion years अब भी हैं। पर किसको पता कब क्या हो जाए?
वैसे तो समय बहुत ही बलवान है। समय अच्छा रहा तो भाग्य चमकता है और बुरा रहा तो सोना भी खटकता है। दोस्तों आप भी समय रहते कुछ इस का सही इस्तेमाल कर लें। हम हमारे प्रिय पाठकों से आग्रह करेंगे की समय रहते दूसरों की सेवा करें।
माता-पिता की इज्जत करें और सदैव खुश रहने का प्रयास करें। यहाँ में आप से इस लेख के माध्यम से और भी आग्रह करना चाहूँगा की, आपको यह लेख कैसा लगा, कृपया reply कर के जरूर बताएं ।