चंद्रयान (lunar orbiter) के बारे में कुछ मूलभूत बातें – Basic things about Chandrayaan Facts and details In Hindi
बारिश का मौसम आने वाला हैं और इसी मौसम के आने के साथ-साथ भारत ने एक अद्भुत सफलता को प्राप्त करने जा रहा हैं| खैर भविष्य की बात अभी से सिर्फ कल्पना ही किया जा सकता हैं| परंतु मुझे हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के ऊपर पूर्ण विश्वास हैं की , वह निश्चित रूप से चंद्रयान-2 (chandrayaan-2) मिसन को सफल कर पाएंगे| तो, जैसा की मैंने अभी-अभी चंद्रयान की जिक्र किया है , इसलिए आज का हमारा विषय चंद्रयान की पूरी जानकारी और इस से जुड़ी रोचक बात हैं (chandrayaan facts and details In hindi)
मित्रों! इससे पहले मैने आपको अणु और परमाणु (Atoms And Molecules In Hindi) के ऊपर एक अच्छा लेख लिखा है, जो की विद्यार्थियों के लिए तो बहुत ही महत्वपूर्ण है ही परंतु किसी भी विज्ञान प्रेमी के लिए भी एक ज्ञानवर्धक है| तो, अगर आपने उसे अभी तक नहीं पढ़ा हैं , तो कृपया एक बार उसे जरूर पढ़ें| इसके अलावा रसायन विज्ञान से अगर आपको प्रेम हैं , तो इस लेख को भी आप पढ़ सकते हैं| अगर किसी को Quantum Computing का भी शौक हैं , तो आप इस लेख को भी पढ़ सकते हैं|
खैर अब विषय पर आते हैं| मैरे Mangalyaan के लेख से थोड़ी अलग होगा यह चंद्रयान (lunar orbiter) का लेख| क्योंकि इस लेख में मैंने दोनों ही चंद्रयान यानी चंद्रयान-1 (chandrayaan-1) और चंद्रयान-2 (chandrayaan-2) के बारे में अच्छे तरीके से अलग-अलग कर के बताया हैं| इसलिए में आपसे यह अनुरोध करूंगा की इस लेख को पूरा पढ़ें|
तो, चलिए चंद्रयान के रोचक बातों के ऊपर (chandrayaan facts and details) आधारित इस लेख में आगे बढ़ते हुए सबसे पहले चंद्रयान-1 (chandrayaan-1) के विषय मेँ जानते हैं|
विषय - सूची
चंद्रयान-1 के विषय में पूरी जान कारी (Full details of Chandrayaan-1) :-
चंद्रयान-1 (chandrayaan-1) भारत का सबसे पहला अंतरिक्ष में चाँद से संबंधित मिसन था| इसको अंतरिक्ष में छोड़े जाने का मूल लक्ष्य था चाँद पर पानी की खोज करना| ISRO के द्वारा छोड़े गया यह यान October 2008 से ले कर August 2009 तक अंतरिक्ष मेँ सफलता पूर्वक काम करता रहा|
“चंद्रयान” यानी चाँद पर सफर करने के लिए विशेष तरीके से बनाया गया यान , भारत के स्वदेशी ज्ञान-कौशल से निर्मित सबसे पहला चाँद की खोज करने वाला उपकरण था| यह भारत की ” kalpansat ” उप-ग्रह की तकनीक के आधार पर बनाया गया है| चंद्रयान-1 (chandrayaan-1) को भारत की सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से Octuber,22,2008 को छोड़ा गया था और यह November,8,2008 को चाँद के कक्ष तक पहुंचा| इतने कम समय मेँ चाँद तक पहुँचने के बावजूद चंद्रयान से छोड़ा गया सबसे पहला Probe चाँद से टकरा कर क्रैश हो गया था| परंतु इस से हमारे वैज्ञानिकों जान बूझ कर क्रैश करवाया था| क्योंकि इस से चाँद के ध्रुवीय हिस्से मेँ मौजूद पानी का खोज किया जा सके|
August,29,2009 तक चंद्रयान (chandrayaan-1) अपना कार्य बखूबी निभाते हुए चाँद से जुड़ी महत्वपूर्ण तथ्यों को हमारे वैज्ञानिकों के पास पहुंचता रहा| बाद में इस से संपर्क न होने के कारण इस से और तथ्य नहीं लिया जा सका|
मित्रों! भारत की चंद्रयान-1 (chandrayaan-1) काफी संघर्ष से भरा हुआ था| क्योंकि यह भारत का अंतरिक्ष मेँ पहला सबसे बड़ा मिसन था| खैर चंद्रयान के रोचक तथ्यों पर आधारित इस लेख में (chandrayaan facts and details) आगे बढ़ते हुए चलिए एक नजर चंद्रयान-1 की संरचना के ऊपर डाल लेते हैं|
चंद्रयान-1 की संरचना – Structure of Chandryaan-1 :-
भारत के द्वारा छोड़ा गया चंद्रयान-1 चाँद की सतह का खोज करने के लिए और चाँद मे मौजूद खनिजों की संधान के लिए बनाया गया था| इसलिए इस मेँ बहुत सारे आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं| तो, चलिए एक-एक कर के उन सब को जानते हैं|
- Terrain mapping Camera:- चंद्रयान-1 लगा यह कैमरा बहुत ही आधुनिक और कार्यक्षम है| यह चाँद के सतह की फोटो Full HD फ़ारमैट में पृथ्वी तक पहुंचाता हैं।
- Hyper spectral imager :- यह उपकरण चाँद पर मौजूद खनिजों की संधान करता हैं।
- Lunar Laser ranging instrument :- यह उपकरण चाँद की तल रूप (topography) का खोज करता हैं।
- High energy X-ray spectrometer :- यह उपकरण चाँद मेँ मौजूद Radio active पदार्थों का संधान करता हैं।
- Moon impact probe (MIP):- यह चंद्रयान-1 का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण था| इसे वैज्ञानिकों ने जान बुझ कर चाँद से टकरा कर पानी की खोज करने मेँ सक्षम रहे थे..
मित्रों! ऊपर दिये गए हर एक उपकरण चंद्रयान-1 के लिए मुख्य रूप से काफी महत्वपूर्ण थे| इस के अलावा मेँ आपको बता दूँ की और भी काफी सारे उपकरण चंद्रयान-1 मेँ लगे हुए थे, जोकि चाँद की खोज मेँ अपना-अपना कार्य अच्छे से निभाते रहे| खैर चंद्रयान के विषय पर आधारित (chandrayaan facts and details) इस लेख मेँ आगे बढ़ते हुए इस के द्वारा किए गए पानी की खोज के विषय मेँ थोड़ा जान लेते हैं।
चंद्रयान-1 के द्वारा खोजा गया तथ्य :-
भारत के नागरिकों के लिए यह गर्व की बात हैं की , खुद NASA ने 2009 मेँ चंद्रयान-1 के द्वारा खोजी गयी पानी के संबंधित हर एक तथ्यों को सही माना| इसलिए चंद्रयान-1 भारत की सबसे पहली और सबसे सफल अंतरिक्ष का मिसन था| चंद्रयान-1 मेँ लगे उपकरणों ने चाँद के सतह पर हाइड्रोजन और ऑक्सिजन के बॉन्ड पाये थे| मेँ यहाँ आपको बता दूँ की पानी हाइड्रोजन और ऑक्सिजन से बनी हुई होती हैं| MIP के सफल क्रैश के बाद ISRO ने यह घोषणा किया की उन्होंने चाँद पर पानी के सफल संधान कर लिया हैं|
मित्रों! साल 2017 में कुछ वैज्ञानिकों ने साल 2009 से संपर्क से कटी हुई चंद्रयान-1 को फिर से खोज कर निकाला था| उन के हिसाब से अब चंद्रयान-1 चाँद के सतह से 200 किलोमीटर ऊपर चाँद का परिक्रमा कर रहा हैं| मेँ आपको और भी बता दूँ की इन वैज्ञानिकों ने NASA की Goldstone Deep Space Communication Complex से चंद्रयान-1 को ढूंढा था|
मित्रों! वाकई मेँ चंद्रयान से जुड़ी हर एक रोचक बात (chandrayaan facts and details) बहुत ही अनोखा और अद्भुत हैं| जब भी मेँ इस तरह के भारत निर्मित यानों की बात करता हूँ | तब मेरा सर गर्व से ऊंचा हो जाता हैं| मित्रों! आज हमारा देश सिर्फ चाँद पर ही नहीं, परंतु मंगल पर भी अपना वर्चस्व बना चुका है| तो, अगर आप भी अपने देश से प्यार करते हैं तो , इस लेख को share जरूर कीजिएगा|
तो, मित्रों चलिए अब चंद्रयान-2 (chandrayaan-2) के विषय में थोड़ा जान लेते हैं|
चंद्रयान-2 के विषय में पूरी जानकारी Full deatils of chandrayaan-2
चंद्रयान-2 (chandrayaan-2) भारत के द्वारा बनाई गयी चाँद की खोज करने वाला दूसरा यान हैं| इस मेँ चंद्रयान-1 से बहुत ही अधिक अत्याधुनिक उपकरण लगे हुए हैं| इसको July,14,2019 को अंतरिक्ष मेँ भेजा जाएगा| चंद्रयान-1 की तरह इस यान का मकसद चाँद पर पानी ढूँढना हैं| मेँ यहाँ आपको और भी बता दूँ की इस मिसन पर भारत ने एक orbiter , एक rover और एक lander को इस्तेमाल करने का सोचा हैं| इसलिए यह मिसन भारत की तकनीक से बनाई गयी बहुत सारी अंतरिक्ष उपकरणों से गठित है|
मित्रों! इस मेँ इस्तेमाल किया गया orbiter चाँद की सतह से 100km के ऊंचाई पर रह कार चाँद के सतह पर निगरानी रखेगा| चंद्रयान-2 (chandrayaan-2) को सबसे पहले भारत और रूस ने एक साथ सफल बनाने का सोचा था| परंतु बाद मेँ जब रूस ने इस मिसन से मना कर दिया तो , खुद अकेले भारत ने इस मिसन को साकार करने की सोची| यहाँ पर हमें फिर के बार हमारे देश के ऊपर गर्व करने का मौका मिला|
विशेष रूप से चंद्रयान-2 चाँद की सतह का खोज , खनिजों का संधान और इस के तल रूप के संरचना को समझने के लिए बनाया गया है| इस मेँ लगाया गया नया rover खुद चाँद के सतह पर उतर कर चाँद की बारीकी से जाँच करेगा|
खैर आब एक नजर चंद्रयान-2 के संरचना ऊपर डाल लेते हैं |
चंद्रयान-2 की संरचना – Structure of Chandrayaan-2
जैसा की मैंने आपको पहले ही बताया हैं, चंद्रयान-2 मेँ काफी सारी उपकरण लगे हुये हैं| इसलिए अगर हमें चंद्रयान-2 को समझना है , तो हमें इन उपकरणों के बारे में अच्छे से जानना होगा| तो, चलिये एक-एक कर के इन उपकरणों को जानते हैं|
- Terrain mapping camera-2:- चंद्रयान-1 मेँ लगे TMC की तरह यह कैमरा चाँद के सतह की बड़ी अच्छी और सटीक फोटो खींचता हैं| परंतु में यहाँ आपको और भी बता दूँ की , यह कैमरा चंद्रयान-1 मेँ लगे कैमरा से बहुत ज्यादा उन्नत और आधुनिक हैं|
- Synthetic aperture radar :- यह उपकरण चाँद मेँ मौजूद रेडियो तरंगों को पहचानने मे मदद करता हैं|
- Imaging infrared spectrometer :- यह उपकरण चाँद पर मौजूद पानी को खोज ने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा|
- Orbiter high resolution camera :- यह उपकरण चंद्रयान-2 मेँ लगे rover की landing point के निगरानी के लिए इस पर इस्तेमाल किया जाएगा|
- Chandra’s surface thermophysical device :- यह उपकरण चाँद की सतह का तापमान और उस मे होने वाली प्रतिक्रियाओं को जानने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा|
चंद्रयान-2 का लैंडिंग प्लेस चाँद के ध्रुव से 600km दूर हैं| में यहाँ आपको और भी बता दूँ की इस प्रकार का लैंडिंग प्लेस भारत के लिए खास है| क्योंकि ज़्यादातर lunar lander और rover की लैंडिंग प्लेस भू-मध्य रेखा के निकट स्थान ही होती हैं| इसलिए जब भारत का चंद्रयान-2 चाँद पर लेंड करेगा तो, यह पूरे भारत व पृथ्वी के लिए एक ऐतिहासिक पल होगा|
मित्रों! अब इस चंद्रयान के रोचक बातों के (chandrayaan facts and details) ऊपर आधारित इस लेख में बारी आती हैं दिलचस्पी से भरी हुई बातों की| तो, चलिए जानते हैं उन बातों को|
चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 से जुड़ी हैरान कर देनी वाली बातें – Chandrayaan facts and details in Hindi
- चंद्रयान-1 में इस्तेमाल किया गया यान वाकई में काफी छोटा था| इतना छोटा की इस का आकार आपके घर में रखे हुए फ्रिज के जितना ही था| जी हाँ! आपने सही सुना| आपके घर में रखा गया फ्रिज के जितना ही| यहाँ आपको में और भी बता दूँ की इस यान का कुल वजन मात्र 525kg था|
- कुल मिलाकर चंद्रयान-1 312 दिनों के लिए अपना काम सही तरीके से कर पाया था| अब , अगर हम इसे भारत की प्रथम अंतरिक्ष मिसन के तौर पर देखें तो , यह काड़ी संतोष जनक सफलता ही कहा जाएगा|
- March,25,2009 को चंद्रयान-2 ने अपना पहला फोटो अंतरिक्ष से भेजा, जिसमें भारत के साथ पूरा एशिया , अफ्रीका के कुछ हिस्से और पूरा औस्ट्रालिया मौजूद था|
- चंद्रयान-1 का जीवन काल तो उतना लंबा नहीं था| परंतु इसी छोटे से जीवन काल में इस उपकरण ने वैज्ञानिकों के उम्मीदों पर 95% खरा उतरा| इसलिए यह मिसन उस हिसाब से काफी सफल और अच्छा था| मित्रों! हमारे देश के वैज्ञानिक ऐसी यान बनाकर भारत का नाम पूरे विश्व मे रोशन कर दिया|
- चंद्रयान-2 के जरिए भारतीय अंतरिक्ष संस्थान ISRO ने बहुत ही विश्वास के साथ कहा हैं की , वह लोग जल्द ही (अगर सब सही रहा तो) चाँद पर पानी की खोज कर लेंगे| खैर अब यह तो वक़्त ही बताएगा की यह मिसन कितना सफल हो पता हैं|
आपके सर को गर्व से ऊंचा कर देगा चंद्रयान-2 की यह अनोखी बातें (Chandrayaan 2 Facts In Hindi)
- चंद्रयान-2 के सामने सबसे बड़ी चुनौती हैं इसके lander को सही तरीके से land करवाना| में आपको यहाँ बता दूँ की landing की प्रक्रिया मात्र 15 मिनट का ही होता हैं| परंतु इसका महत्व पूरे मिसन में काफी ज्यादा हैं और इसे किसी भी तरीके से नजर-अंदाज नहीं किया जा सकता हैं|
- भारत की अंतरिक्ष संस्थान ISRO और अमेरिका की अंतरिक्ष संस्थान NASA के मिलित प्रयास से सफल हो पाएगा| चंद्रयान-2 में NASA के द्वारा बनाया गया Laser का भी एक उपकरण शामिल हैं|
- चंद्रयान-2 (chandrayaan-2) मेँ लगे rover और lander की जीवन काल 14 दिनों का है और इसके orbiter का जीवन काल एक साल का है| 14 दिनों तक rover चाँद के सतह पर घूम-घूम कर इस के ऊपर काफी सारे शोध करने वाला हैं|
- आपको जानकर बहुत ही गर्व होगा की चंद्रयान-2 मेँ लगे rover की एक पहिये मेँ अशोक चक्र का आकृति बनाया हुआ है| इसके अलावा पूरे चंद्रयान को तिरंगे से पैंट कर के सजाया गया हैं| वाकई में अब भारत की उपस्थिति अंतरिक्ष में सही तरीके से देखी जा सकती हैं| यह हमारे लिए बहुत ही गर्व की बात हैं|
मित्रों! काफी सारी रोचक बातों से भरी हुई इस लेख को अंत कर ने का वक़्त आ गया हैं| परंतु जाने से पहले में आपसे सिर्फ इतना ही आग्रह करना चाहूँगा की , जितना हो सके इस लेख को Share करें| क्योंकि यह हर भारतीय के लिए बहुत ही गर्व का विषय हैं|