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अंतरिक्ष में बच्चा पैदा होगा तो क्या होगा? – What Will Happen if a Child Is born In Space?

अगर आप अंतरिक्ष में जन्म लेते हैं तो आपके साथ क्या होगा?

अंतरिक्ष में बच्चा पैदा होने के बारे में हम सभी ने बहुत कुछ दूसरों से सुना ही होगा। यह जो विषय है सम्पूर्ण रूप से वैज्ञानिकों के लिए नई चीज़ है जिसके ऊपर वह लोग अभी भी शोध कर रहे हैं। मित्रों जीवन सृष्टि का एक करिश्मा है। इससे सुंदर न त कोई चीज़ इस पृथ्वी पर आपको देखने को मिलेगी और नहीं ही ढूँढने पर मिलने वाली है। यह तो भगवान जी की अद्भुत संरचना है। इसकी तुलना हम दूसरी कोई चीज़ से नहीं कर सकते क्योंकि इसका मूल्य कोई भी चीज़ चुका नहीं सकती है।

मित्रों आज हम सिर्फ पृथ्वी पर ही जीवन की परिभाषा का सही मूल्य-बोध कर सकते हैं। पृथ्वी ही वह ग्रह है जहां हम प्रकृति की सबसे खास रचना जीवन की सही परिभाषा को व्यापक रूप से देख व महसूस कर सकते हैं।

आज विश्व में 3,91,000 से ज्यादा पौधों की प्रजाति और 8.7 million से ज्यादा जीवों की प्रजाति देखने को मिलती है। वास्तव में इतनी ज्यादा विविधता शायद ही कोई दूसरे ग्रह पर ढूँढने से मिलेगी। विडंबना की बात तो यह है की हमसे जीवित 86% प्रजातियों के बारे में सही रूप से खोज भी न हो पाया है।

अंतरिक्ष में बच्चा पैदा करने जैसे विषय के ऊपर बात करने से पहले इसके मूल आधारों के बारे में जान लेते हैं।

विषय - सूची

इस विषय से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें:- 

अंतरिक्ष में बच्चा पैदा से जुड़ी हर एक बात को जानने से पहले , हमें यह जानना होगा की इस विषय का जन्म कैसे हुआ। पिछली शताब्दी से वैज्ञानिक मनुष्य के बच्चों को कैसे दूसरे ग्रह और पृथ्वी से भिन्न अन्य जगह पर सही तरीके से बढ़ाया जा सके इसके बारे में शोध कर रहें हैं।

हाल ही में वह लोग चूहे के ऊपर शोध करते हुए इस के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाने के लिए संकल्प बद्ध हैं। इन सभी बातों की शुरुआत मनुष्य के विचारों से हुई थी। जब मनुष्य ने पहली बार चाँद पर अपना कदम रखा था , तभी से ही हमारे विचारों में कहीं न कहीं यह विषय घर बना चुका था।

आज भगवान की कृपा से हमारा दिमाग इतना तेज हो सका है की , हम नामुमकिन को मुमकिन बना सकते है। हम सभी की मानसिकता इतनी ज्यादा उन्नत हो चुकी है की हम आज अन्य ग्रहों में अपना एक नया घर बनाने के बारे में सोच रहें है। तो , मित्रों आज अंतरिक्ष में बच्चा पैदा कैसे होगा? इसके बारे में हां आपको इस लेख की बारे में बताने जा रहें है। इसलिए इस लेख को ध्यान पूर्वक पढ़ते रहिए।

अबतक की हमारी उपलब्धियां :-

हमारे अंदर ऐसे कई लोग होंगे जो थोड़ा हटके सोचते होंगे| इसलिए उन लोगों के अंदर यह सवाल आता ही होगा की अगर हम लोग अंतरिक्ष में पैदा होते तो क्या होता? मित्रों आज मनुष्य अंतरिक्ष में बहुत बड़ा बड़ा आविष्कार कर चुका है|

बड़े बड़े बुलंदियाँ को हासिल कर चुका है। हम पिछले दशकों में चाँद पर जा कर आ चुके हैं। हमारे द्वारा अंतरिक्ष में छोड़ा गया यान Voyager आज हमारे सौर-मंडल को पार करके अंतरिक्ष की खोज करने के लिए जा चुका है।

अंतरिक्ष में बच्चा पैदा
Microgravity में तैरते हुये वैज्ञानिक

इसलिए आपके मन में अंतरिक्ष में बच्चा पैदा होगा या नहीं! इसके बारे में एक सवाल उतना बिलकुल ही जायज है| मित्रों सवाल तो बहुत छोटा है परंतु इसके बारे में जानना थोड़ा पेचीदा है परंतु नामुमकिन नहीं है।

मित्रों अंतरिक्ष में बच्चा पैदा कभी हो पाएगा नहीं यह तो हम इस लेख में आगे जानेंगे परंतु सबसे पहले हम थोड़ा अपने शरीर के बारे में जाने लेते है , क्योंकि यह विषय हमारे शरीर से जुड़ा है।

मनुष्य के शरीर की संक्षिप्त विवरण :- A description of Human Body in Hindi

हमारा शरीर जैविक सत्ता का हिस्सा है। हमारे शरीर को खरबों शुख्म कोशाणु(Cells) नें मिल कर बनाया है| इन सभी कोशाणु के बिना हमारा शरीर जीवित नहीं रह सकता। यह कोशाणु हमारे शरीर के मौलिक एकक है और यही हमारे अस्तित्व की मूल संज्ञा है।

इन कोषाणु से जुड़ जुड़ कर हमारा ऊतक तंत्र (Tissue system) बनता है। बाद में हमारे विभिन्न प्रकार के ऊतक तंत्र से बहुत प्रकार के अंग बनते है। इन्हीं अंगों की सम्मेलन से बाद में हमारा शरीर अपना पूर्ण काया को प्राप्त करता है। हमारे शरीर में हर एक अंग का काम अलग अलग होता है| बाद में अंगों की कुछ समूह को लेकर शरीर के महत्व पूर्ण वाह्य तंत्रों का निर्माण होता है।

उन्हीं तंत्रों में पाचन तंत्र , श्वसन तंत्र , प्रजनन तंत्र , प्रसार तंत्र और स्नायु तंत्र बनते हैं। हर एक तंत्र का अपना ही एक भूमिका होता है और यह हमारे शरीर में अपना एक निर्दिष्ट काम को संपादन करता है।

वैसे तो कोशाणु को हमारे शरीर का एकक कहा जाता है परंतु यह वास्तव में थोड़ा सही नहीं है। क्योंकि हमारे शरीर की जो बनावट है यह पूर्ण रूप से जैविक उपादानों से बनी हुई है। हमने Protein , Carbohydrate , Lipid , Nucleic Acid , Vitamin , Hormone आदि के बारे में जरूर सुना ही होगा| यह जो चीज़ें है यह हमारे शरीर की असली जान है। हमारी शरीर को इन सभी की बहुत जरूरत पड़ती है। हमारी जो कोशिका है ये्इ न सभी चीजों से बनी है।

अंतरिक्ष में जीवन की शुरुआत :-

तो दोस्तों इस सारी जैविक चीजों की सही से देखभाल के लिए हमारी प्रकृति ने हमारे लिए पृथ्वी पर सही वातावरण बना रखा है| बिना सही परिस्थितियों के इन का सही से विकाश नहीं हो सकता| अंतरिक्ष में बच्चा पैदा होने के बाद उसके लिए अनुकूल वातावरण के खोज का संघर्ष काफी जटिल होगा| मित्रों अब अगर हमें अंतरिक्ष में मानव या अंतरिक्ष में जीवन का विकाश करना है तो बच्चे का सही से बढ्ने अनिवार्य है।

इसलिए चलिए आब इसके ऊपर गहराई से आलोचना करते हुए इससे जुड़ी हर एक सवालों के जवाब को आसानी से समझते है, क्योंकि हम अगर इन जवाबों को समझ जाएंगे तो आपको इस विषय को अच्छे से अपने दिमाग में बैठा पाएंगे| तो चलिए कुछ नजर इन सवालों पर डालते हैं।

अंतरिक्ष में बच्चा पैदा करने के लिए क्या मनुष्य प्रजनन करने योग्य है? – Can a Human give birth in Space Hindi?

दोस्तों अंतरिक्ष में बच्चा पैदा करने के लिए सबसे पहले मनुष्य को इसके लिए योग्य होना पड़ेगा| हमें सबसे पहले इसके बारे में जानना होगा की क्या मनुष्य अंतरिक्ष में प्रजनन करने में सक्षम है? यह जो विषय है इसको वैज्ञानिकों ने कई सारे दृष्टिकोण से आंक कर देखा है।

यह वाकई में बहुत उत्सुकता से भरी बात है| वैसे तो इंसान पृथ्वी पर आसानी से साल में किसी भी समय में प्रजनन कर सकता है| परंतु जब बात अंतरिक्ष की आती है तो सारी चीज़ें अलग-थलग पड जाती है।

किताबी भाषा में तो अंतरिक्ष में प्रजनन करना संभव है| परंतु वास्तविकता कुछ अलग ही है| पृथ्वी में मनुष्य को प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण मिलता है परंतु अंतरिक्ष में मनुष्य को यह नहीं मिलेगा| यहाँ अनुकूल वातावरण का मतलब हम गुरुत्वाकर्षण की बात कर रहें हैं।

अंतरिक्ष में प्रजनन करने के लिए सबसे पहले हमें Microgravity को ले कर कुछ करना पड़ेगा| क्योंकि Microgravity मनुष्य के प्रजनन को रोकने वाला सबसे बड़ा मुसीबत है| दोस्तों अब आप सभी के मन में Microgravity को ले कर सवाल आ रहा होगा| इसलिए चलिए थोड़ा Microgravity के बारे में जान लेते हैं।

Microgravity क्या है? Credit:Sci tech daily

Microgravity क्या है ? – What is Microgravity?

आसान भाषा में अगर कहा जाए तो Microgravity एक बहुत ही कमजोर Gravity या गुरुत्वाकर्षण को दर्शाता है| यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण शक्ति के हिसाब से काफी ज्यादा कम प्रभावशाली होता है| Microgravity को हम पृथ्वी के Low orbit में महसूस कर सकते है। हमारा जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) है यहाँ पर Microgravity को आसानी से महसूस कर सकते हैं।

तो दोस्तों जब अंतरिक्ष में बच्चा पैदा करने की बात आती हैं तो यह Microgravity रोड़ा बनकर हमारे रास्ते को रोक देता है। आप सभी ने तो Newton के 3rd Law of Motion के बारे में पढ़ा ही होगा। इस law के कारण अंतरिक्ष में मनुष्य प्रजनन करने के लिए अभी तक सक्षम नहीं हो पाया है।

तो , फिर भी हम मान लेते है की मनुष्य किसी भी प्रकार से प्रजनन योग्य हो गया , परंतु क्या वो अब बच्चे को पैदा कर सकता है! जानने के लिए लेख को पढ़ते रहिए।

क्या एक मनुष्य का बच्चा अंतरिक्ष में पैदा हो सकता है? – Can a Human’s child born in space in Hindi?

इस सवाल का जवाब सुन कर आप शायद अचंभे में पड जाएंगे| एक थिओरी की हिसाब से मनुष्य के बच्चे को अंतरिक्ष में पैदा किया जा सकता है परंतु इसके लिए भी हमें कुछ बातों को ध्यान में रखना पड़ेगा| मित्रों Yuri Gagarin के बाद अब तक लगभग 500 लोगों ने अंतरिक्ष का सफर कर लिया है| इन सभी लोगों में से बहुत ही कम लोग हैं, जो चाँद पर पैर रख कर आए हैं| हमारे पृथ्वी से चाँद की दूरी 4,00,000 km है और हमारा ज़्यादातर अंतरिक्ष से जुड़ी शोध ISS पर होता है जिसकी पृथ्वी के सतह से दूरी मात्र 400 Km है।

इसलिए पृथ्वी को छोड़ कर अंतरिक्ष के अन्य ग्रहों में मनुष्य के शरीर के ऊपर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में अभी ज्यादा सटीक तरीके से कहा नहीं जा सकता सिर्फ अनुमान ही लगाया जा सकता है। खैर वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में चूहे के ऊपर काफी शोध भी कर लिया है।

यहाँ हम Microgravity की तरह और कुछ प्रमुख चुनौतियों के बारे में आपको बता रहें है जो की अंतरिक्ष में बच्चा पैदा होने के विषय को खंडित करता है। दोस्तों हमने आपकी जानने के आग्रह को मद्दे नजर रखते हुए सबसे प्रमुख बातों को इस लेख में जगह दिया है। इसलिए धैर्य के साथ इस लेख को पढ़ते रहिए।

अंतरिक्ष में बच्चा पैदा करने के सम्मुख आने वाले बाधाएँ? The obstacles arise in front  the birth of child in Space?

मित्रों अंतरिक्ष में बच्चा पैदा करने के सम्मुख Microgravity के अलावा और भी बहुत सारे चीज़ हैं जो इसको रोकते है| मनुष्य का जो शुक्राणु होता है वह एक बच्चे की पैदा होने में सबसे मुख्य भूमिका ग्रहण करता है। बिना शुक्राणु के एक बच्चा पैदा नहीं हो सकता| यहाँ पृथ्वी पर मनुष्य का शुक्राणु गुरुत्वाकर्षण के वजह से जो डिंब से निषेचन हो कर युग्मनज को बनाता है।

इस प्रक्रिया में दोनों ही रोगाणु कोशिका पृथ्वी के भौतिक नियमावली पर काम करते हैं। अंतरिक्ष में बिना गुरुत्वाकर्षण शक्ति के चलते मनुष्य का शुक्राणु डिंब से निषेचन नहीं हो पाएगा और युग्मनज को बना नहीं पाएगा, जिससे बच्चा नहीं बन सकेगा।

मित्रों इसके अलावा और एक बाधा मनुष्य के बच्चे को अंतरिक्ष में पैदा होने से रोकता है। अंतरिक्ष में भी मनुष्य का भ्रूण अपने माँ के गर्भ से उसके पोषक तत्वों की मांग करेगा। आम तौर पर पृथ्वी में उचित वायुमंडलीय दवाब के चलते बच्चे के अंदर अपने माँ के गर्भ से उसके लिए जरूरत का पोषक पदार्थ की भरपाई होती है। अंतरिक्ष में वायुमंडलीय दवाब न होने के कारण यह पोषक पदार्थ बच्चे या भ्रूण के अंदर नहीं जाएगा जिससे भ्रूण की मौत भी हो सकती है।

इसके अलावा अंतरिक्ष में हमेशा उड़ते रहने के वजह से बच्चे की सुरक्षा सही रूप से नहीं हो पाएगी। बच्चे की सही विकाश के लिए स्थिरता चाहिए जो अंतरिक्ष मैं होना पाना मुश्किल है।

ISS की देखभाल करते हुये अंतरिक्ष यात्री 

बच्चे के शरीर के ऊपर अंतरिक्ष का प्रभाव :- Influence of Space on Baby’s Body in Hindi

अगर ऊपर लिखित हर एक बाधा यों को मनुष्य पार कर लेता है, तो अंतरिक्ष में बच्चा पैदा होने के बाद उसपर अंतरिक्ष का असर दिखना शुरू हो जाएगा। किसी भी इंसान के लिए पृथ्वी को छोड़ कर किसी दूसरे जगह पर सही तरीके से जीवित रह पाना अपने आप में ही एक चुनौती है। मित्रों बच्चे के जीवन की प्रारम्भिक अवस्था में उसे काफी संघर्ष करना पड़ेगा। यह संघर्ष काफी जटिल , लंबा और पीड़ा से भरा हुआ होगा| इसी दौरान उस के शरीर पर काफी सारे बदलाव आएंगे।

मित्रों अब आप जो इस लेख में पढ़ने को जा रहें है यह वैज्ञानिकों के द्वारा शोध करके अनुमान किया गया तथ्य है। इसलिए वास्तविकता में परिस्थिति इससे भी और मुश्किल हो सकता है। तो चलिए इस लेख में आगे बढ़ते हुए कुछ रोचक बातों को सब के सामने रखते है।

1. मानसिक दवाब :-

यह जो चीज़  हैं न यह मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। हमारे दिमाग में बनने वाला दवाब हम सभी को हर पल परेशान करता ही रहता| जब एक बच्चा अंतरिक्ष में पैदा होगा तो उसे बहुत बड़ा मानसिक दवाब को सहना होगा| पृथ्वी से विपरीत अंतरिक्ष में उस बच्चे को कोई भी देखभाल या सही से प्यार करने के लिए नहीं होगा| वह ज्यादा लोगों से मिल-जुल भी नहीं पाएगा| नई-नई चीजों को सही से महसूस नहीं कर पाएगा| उसका जो बौद्धिक विकास है वह सही तरीके से नहीं हो पाएगा।

इसी कारण से बच्चे की मन में हमेशा एक आलसीपन देखने को मिलेगा| खेल-कूद से दूर एक जगह पर घूमते घूमते दिमाग में रचनात्मकता की कमी दिखाई पड़ेगी| तो अंतरिक्ष में जीवन की शुरुआत करना बहुत मुश्किल है| अंतरिक्ष में मानव का विकाश बहुत ही कठिन है| हमारा दिमाग हमारे शरीर को चलाता है और अगर हमारा दिमाग ही सही रूप से विकसित नहीं होगा तो हमारा शरीर कैसे होगा| मानसिक तनाव बच्चे को हमेशा सताता रहेगा और इसके लिए हम कुछ भी नहीं कर पाएंगे|

2. अस्थिरता का बोध :- Motion Sickness

अंतरिक्ष स्थिर कभी नहीं रहता| यहाँ हर एक वस्तु काफी तेजी से गतिशील रहता है| मनुष्य का बच्चा भी जन्म लेते समय किसी एक अंतरिक्ष यान में बहुत तेजी से गति कर रहा होगा। मित्रों हमने माना की गति करना जीवन के लिए बहुत ही जरूरी है| परंतु अगर आपको हर समय , हर एक पल किसी एक यान में भर कर तेजी से घुमाया जाए तो क्या आपको बीमारी का महसूस नहीं होगा! इसलिए आप थोड़ा उस नाजुक से बच्चे के बारे में भी सोच लीजिए।

अंतरिक्ष की शून्य गुरुत्वाकर्षण बल के चलते उसके अंधुरूनी कानों में बहता Labyrinthitis उसके शरीर को सही रूप से सीध में नहीं रख सकता| मित्रों हम आपको बता दें की यह जो Labyrinthitis होता है यह हमारे शरीर को सही रूप से संतुलित कर के रखता है। Microgravity के कारण बच्चा सही से चल नहीं पाएगा और यहाँ तक की उसका जवान भी सही तरीके से बोलने के लायक नहीं बन सकेगा।

3. त्वचा में बदलाव :

बचपन से हमारे शरीर में बहुत प्रकार के तरल पदार्थ या यूं कहें तो जैविक तरल उपादान हर पल बहता ही जा रहा है। खून जैसे और भी कई सारे तरल चीज़ हमारे शरीर में मौजूद है। इन्हीं तरल चीजों को पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल सही तरीके से ऊपर से ले कर नीचे तक प्रवाहित होने में मदद करता है। गुरुत्वाकर्षण बल ही है जो इन तरल चीजों को सही अनुपात में शरीर के अंदर फैलाता है।

अंतरिक्ष के प्रभाव से त्वचा में बदलाव 

अगर एक बच्चा अंतरिक्ष में पैदा होता है तो बिना गुरुत्वाकर्षण बल के उसके शरीर के अंदर बहने वाला तरल उपादान सही से नहीं फैल पाएगा| इससे शरीर का ऊपरी हिस्सा तरल उपदानों के जमने के कारण गुब्बारे की तरह फुला फुला नजर आएगा| मुंह पूरा सूज जाएगा और आँख बटन की तरह सामने निकल कर बाहर आएंगे|

4. दिल के ऊपर भी पड़ेगा बहुत ज़ोरों का दवाब :-

पृथ्वी पर जब हमारा शरीर सही से काम कर रहा होता है , तब हमारा दिल गुरुत्वाकर्षण के विपरीत शरीर में खून को दवाब के साथ भेजता रहता है| जब अंतरिक्ष में बच्चा पैदा होगा तब उसका दिल गुरुत्वाकर्षण बल से वाकिफ न होकर काम करेगा| इससे उसका जो रक्त-चाप है यह काफी बढ़ जाएगा|

5. विकिरण का प्रभाव :- 

मित्रों अंतरिक्ष में बहुत सारी विकिरण हमेशा विकीरित होते ही रहते है| हमारे सौर-मंडल में  विकिरण हमें सूर्य से ही मिलता है| परंतु पृथ्वी के ऊपर बनी Ozone Layer हैं इन खतरनाक विकिरण से सही रूप से सुरक्षित रखता है| परंतु जब एक बच्चा अंतरिक्ष में पैदा होगा तो उसके पास Ozone Layer नहीं होगा जो उसे विकीरण से बचा सके| इससे उसका गुण-सूत्र mutation के चलते परिवर्तित हो जाएगा| बाद में यही उस बच्चे में Alzheimer’s जैसे घातक बीमारी का कारण बनेगा।

अंतरिक्ष में बच्चा पैदा
अंतरिक्ष में बच्चा Credit: Daily Mail

मित्रों विकिरण से मनुष्य का Immune System भी जवाब दे देता है| क्रमागत रूप से W.B.C की कमी के चलते आपका शरीर आसानी से कई सारे बीमारियों का घर बन जाएगा| यहाँ पर आपको यह याद में रखना पड़ेगा की एक बच्चा ज्यादा से ज्यादा कितना सह पाएगा| इसलिए बच्चे की देखभाल के लिए हमें विकिरण को किसी भी तरीके से उस पर पड़ने से बचाना होगा।

6. हड्डी और मांस-पेशियों में विकृति :-

यह जो आखिरी प्रभाव है यह आपको बता देगा की अंतरिक्ष कितना क्रूर हो सकता है| मित्रों अंतरिक्ष में हर वक़्त जीवन जीने के लिए संघर्ष करना पड़ता है| अगर हम क्षण भर के लिए भी संघर्ष करना छोड़ देंगे तो हमारा जीवन उस वक़्त ही खतम हो जाएगा| ज़्यादातर देखा गया है की अंतरिक्ष में जाने वाले यात्रियों को बहुत सारे तकलीफ़ों से नियमित रूप से गुजरना पड़ता है|

व्यायाम करते हुये अंतरिक्ष यात्री Credit:Wired

गुरुत्वाकर्षण बल न होने के कारण हमारी Spinal Cord खींच कर लंबी हो जाती है| जिससे यात्रियों की लंबाई में बढ़ोतरी देखने को मिलती है| इसके अलावा हमारे शरीर की हड्डी और मांस-पेशियों को ज्यादा दवाब झेलना नहीं पड़ता| इसी वजह से वह धीरे धीरे शरीर से लुप्त होना शुरू कर देते हैं| इसलिए आपने देखा होगा की अंतरिक्ष में रहने वाले वैज्ञानिक नियमित रूप से exercise करते रहते हैं। इसे विज्ञान में Atrophy कहा जाता है| तो अगर अंतरिक्ष में एक बच्चा जन्म लेता है तो उसके लिए भी नियमित रूप से exercise करना अनिवार्य है| तो थोड़ा सोचिए की कल ही पैदा हुआ बच्चा कैसे exercise करेगा।

Ricket’s का प्रभाव Credit: Genetics Home Referance

इसी लिए अंतरिक्ष में पैदा हुआ बच्चा Rickets’ जैसी बीमारी से ग्रसित हो जाएगा , जो की विकृतियों का कारण भी बनेगा।

निष्कर्ष :-

तो , दोस्तों आपको यह लेख कैसा लगा| आपको क्या लगता है , क्या कभी मनुष्य अंतरिक्ष में बच्चा पैदा कर सकेगा? क्या वह सफलता पूर्वक अपनी वंश का विस्तार कर पाएगा? क्या वह भविष्य में दूसरे ग्रहों पर अपना घर बना पाएगा? आपको क्या लगता comment करके जरूर बताएं| हम आपसे यह भी आग्रह करेंगे की आपको इस तरीके के और कौन कौन सी विषय पर जानना है , वो भी comment में जरूर बताएं।

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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