विषय - सूची
प्रस्तावना – Introduction :-
नमस्कार मित्रों ! कैसे हैं आप सब ? आशा हैं आप सब सभी भी भगवान जी की कृपा से मेरी तरह अच्छे ही होंगे | खैर अब विषय पर आते हैं, आज के इस 21 वीं सदी में दुनिया भर के अंदर विज्ञान का ही बोल-बाला हैं | मनुष्य विज्ञान के ही जरिए आज पृथ्वी पर एक तरह राज ही कर रहा हैं | इसी कारण से शायद आज ग्लोबल वार्मिंग जैसी असुविधा का भी हमें सामना करना पढ़ रहा हैं | परंतु दोस्तों आज में आपको ऐसे 3 विज्ञान के नई खोजो के बारे में (new science discoveries in hindi) बताऊंगा , जिसे पढ़ने के बाद शायद आप हैरान जरूर हो जाएंगे |
मेँ इस लेख के जरिए हाल ही में पृथ्वी को एक पल में बदल देने वाली विज्ञान के खोजो (new science discoveries in hindi) से आपको रूबरू कराऊंगा | इसलिए आप से अनुरोध है की इस लेख को धैर्य के साथ आरंभ से शेष तक पढ़ें | मित्रों ! आगे बढ्ने से पहले मेँ आपको बता दूँ की मैंने इससे पहले विज्ञान के अजीबो-गरीब शोधो के बारे मेँ भी एक अनोखा लेख लिखा हैं , तो अगर आप चाहें तो उस लेख को भी आप एक बार जरूर पढ़ सकते हैं | मेँ विज्ञानम पर आपके सभी के लिए विज्ञान से जुड़ी काफी कुछ अनोखे लेख लता ही रहता हूँ | तो , अगर आपको विज्ञान से जुड़ी रोचक बातों के बारे मेँ जानना पसंद हैं तो आप हमारे साथ जुड़े रहिए |
तो , चलिए इस लेख में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं विज्ञान के अनोखे खोजो के बारे मेँ |
विज्ञान की 3 नई अद्भुत खोजें – 3 New Science Discoveries In Hindi :-
मैने यहाँ पर नासा के वेलकेरी रोबोट से ले कर डार्क मेटर से जुड़ी अद्भुत खोजों का जिक्र किया है , इसलिए अधिक जानकारी के लिए लेख को पढ़ते रहें |
1. अंतरिक्ष में नासा का नया सुपर हीरो – वेलकेरी (Valkyrie) :-
क्या आप मार्वेल या डीसी कॉमिक के फेन हैं ? क्या आपको भी मेरी तरह सुपर हीरो पसंद हैं ! अगर हाँ , तो आपके लिए एक खुशखबरी हैं | नासा ने हाल ही में एक ऐसे सुपर हीरो का निर्माण किया है , जिसे देख कर आप के होश उड़ने वाले हैं , क्योंकि यह पर्दे मेँ दिखाई देने वाला काल्पनिक आइरन मेन या सुपर मेन नहीं हैं , यह है वास्तविक सुपर हीरो “वेलकेरी” |
नासा के द्वारा हाल ही में बनाया गया यह हयूमनोइड (Humanoid) अंतरिक्ष विज्ञान में जल्द ही विप्लव लाने वाला हैं | 6 फिट 2 इंच ऊँची और 136 kg वजन का यह रोबोट अंतरिक्ष में मौजूद दूसरे ग्रहों मेँ जा कर उनको अच्छे से समझने में हमारी मदद करेगा | साढ़े 14 करोड़ की लागत से बनी यह रोबोट नासा के स्वतंत्र अंतरिक्ष मिसन का जल्द ही अगवाई करने वाला हैं |
इस रोबोट की संरचना :-
नासा के जनसन स्पेस सेंटर मेँ बनाया गया यह रोबोट हालाँकि अभी प्रोटोटाइप के रूप मेँ हैं , परंतु जल्द ही यह अपने पहले मंगल मिसन पर जाने वाला हैं | वेलकेरी एक बहुत ही आधुनिक रोबोट है , जो की खुद व खुद अपने चारों तरफ मौजूद चीजों को सेंसर के जरिए ढूंढ सकता हैं | इसके अलावा इसके छाती के हिस्से मेँ लगा नीले रंग का एक सेंसर इसे हूबहू आइरन मेन की तरह प्रस्तुत करता हैं |
वेलकेरी मेँ बहुत ही आधुनिक मल्टी सेंस एसएल कैमरा , 3डी स्टेरिओ , हजार्ड कैमरा आदि बहुत प्रकार अन्य जरूर उपकरण लगे हुए हैं , जो की इसे अंतरिक्ष में बहुत प्रकार के शोध कार्य करने मे सक्षम बनाता हैं | इस रोबोट की बनावटी ढांचा बिलकुल इंसानों की तरह हैं | वेलकेरी के ढांचे मे इंसानों की तरह जोड़ें मौजूद हैं|
इसके अतिरिक्त वेलकेरी का जो दिमाग हैं , यह वाकई में काफी ज्यादा उन्नत है | इसके दिमाग के अंदर इंटेल का i7 प्रोसेसर लगा हुआ हैं , जो कि इसे इंसानों की तरह सोचने मेँ सक्षम बनाता हैं | वेलकेरी के अंदर एक बैटेरी भी मौजूद है , जो कि 1 घंटे का पावर बेक-अप देने मेँ सक्षम हैं |
आपको मेँ और भी बता दूँ की सबसे पहले अमरीकी सरकार ने वेलकेरी को प्राकृतिक आपदा के समय राहत के काम के लिए बनाया था , परंतु बाद मेँ नासा ने इसे अंतरिक्ष के मिसन के कार्य के लिए चुना |
वेलकेरी के सुपर हीरो वाली खूबियाँ :-
इंसानों के आकृति के एक रोबोट को इंसानों जैसी हरकत करते हुए देखना वाकई मेँ एक अनोखा व आनंदमय अनुभव हैं | परंतु इस तरह के रोबोटों को बनाना बहुत ही ज्यादा कठिन हैं | वेलकेरी इंसानों की तरह अभी चलने मेँ सक्षम हुआ हैं , जो की मंगल जैसे ऊबड़-खाबड़ ग्रहों के ऊपर इसे आसानी से चलने मेँ इसे सक्षम बनाता हैं |
इसी वजह से वेलकेरी मंगल के ऊपर आसानी से जा कर इंसानों के रहने लायक विषयों पर वहाँ शोध कर सकता हैं | वैज्ञानिक इस रोबोट को स्वचालित रोबोट के रूप में परिवर्तित करने वाले हैं , जो की इसे और भी ज्यादा उन्नत बना देगा | यह बीहड़ जगह पर बिना किसी चिंता के आसानी से घूम-घूम कर सौर-मंडल मेँ मौजूद अन्य ग्रहों के कई सारे राज खोलेगा |
2. डार्क मेटर पर हुई है एक बड़ी खोज , जानिए यहाँ पर :-
आगे बढ्ने से पहले अगर आपको डार्क मेटर के बारे में नहीं पता तो , आप हमारे डार्क मेटर पर आधारित इस लेख को पहले पढ़ लीजिए क्योंकि इससे आपको डार्क मेटर को समझने मेँ बहुत ही आसानी ही होगी | खैर अब विषय पर आते हैं | हमारे ब्रह्मांड का 80% हिस्सा डार्क मेटर से बना हुआ हैं और यह पूरे ब्रह्मांड मेँ मौजूद सबसे रहस्य मई चीज़ हैं , क्योंकि इसके बारे में वैज्ञानिकों को अभी तक ज्यादा कुछ पता नहीं चला हैं |
परंतु कुछ वैज्ञानिकों ने हाल ही के एक शोध (new science discoveries in hindi) से पता लगाया है की डार्क मेटर दुनिया का सबसे पुरानी चीज़ हैं | कई वैज्ञानिकों का यह भी मानना है की , डार्क मेटर बिग-बेंग से भी ज्यादा पुरानी हैं और यह बिग-बेंग के होने के कई अरब साल पहले से ही मौजूद हैं |
इसके अलावा मेँ आपको और भी बता दूँ की डार्क मेटर अगर इतनी ही पुरानी हैं तो , यह कई सारे आकाशगंगाओं के आकृति को भी प्रभावित कर रहा होगा | खैर 2022 में यूक्लिड सेटेलाइट को छोडा जाने वाला है , जो की डार्क मेटर को हमें और भी अच्छे तरीके से समझने मेँ हमारी मदद करेगा |
मुझे आशा है की यह सेटेलाइट आगे चल कर जरूर ही एक इतिहास रचने वाला हैं , क्योंकि यह अपने आप मेँ ही एक अनोखा उपकरण हैं और यह अंतरिक्ष मेँ कई सारे शोध करने मेँ सक्षम हैं | इसके बारे में आपको क्या लगता हैं ! क्या यह अंतरिक्ष मेँ डार्क मेटर जैसे चीजों को ढूंढ पाएगा और इस से जुड़ी रहस्यों को उजागर कर पाएगा ?
3. अब इंसान भी यू-ट्यूब और फेसबूक के अंदर हाथों को घुसा कर स्पर्श (Touch) कर सकते हैं चीजों को :-
शीर्षक पढ़ कर झटका लगा ! जरूर ही लगा होगा | खैर मेँ आपको बता दूँ की यह बात बिलकुल सच हैं | जी हाँ ! आप भी यू-ट्यूब और फेसबूक के अंदर मौजूद अवास्तविक (virtual) चीजों को हाथों से स्पर्श कर पाएंगे | वाकई कितना मजा आएगा न , जब आप इंटरनेट मेँ मौजूद किसी भी वस्तु को हाथों से स्पर्श कर के उस चीज़ का अनुभव ले पाएंगे | हाल ही में की गई इस खोज (new science discoveries in hindi) के जरिए ऐसा लग रहा है की , इंसानों ने भविष्य मेँ अपना अस्तित्व बनाने का कार्य का शुभारंभ कर दिया हैं |
वर्चुअल ग्लोव यानी अवास्तविक दस्तानों को पहन कर आप किसी भी इंटरनेट में मौजूद चीज़ को छूं सकते हैं | वाकई मेँ इस तरह के नई-नई खोज (new science discoveries in hindi) आगे चल कर इंसानों के सभ्यता को काफी ज्यादा उन्नत करने वाला हैं | आपको इस खोज के बारे में क्या लगता हैं ?
कैसे काम करता हैं यह दस्ताने :-
हम जो कम्प्यूटर इस्तेमाल करते हैं , यह केवल अपना ही प्रोग्रामिंग भाषा समझता हैं | इस लिए जब आप वर्चुअल दस्तानों को अपने हाथों मेँ पहनते हैं , तब इंटरनेट पर मौजूद कोई भी इमेज या विडियो का जो डिजिटल कोड होता हैं वह एक प्रोग्राम के जरिए कम्प्यूटर के द्वारा इंसानों के भाषा मेँ अनुवाद हो जाता हैं |
बाद में अनुवाद हुआ यह भाषा एक दूसरे प्रोग्राम के जरिए इंसानों की अनुभव करने वाले एक स्वतंत्र कोड मेँ परिवर्तित हो जाता हैं | मित्रों! मेँ आपको बता दूँ की यह एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया हैं परंतु इसको सफलता पूर्वक संपन्न होने के लिए काफी कम समय लगता हैं | इसलिए जब भी आप इस दस्तानों को पहनते हैं , तब आप एक झटके मेँ इंटरनेट के कोई भी पेज के अंदर अवास्तविक रूप से अपने हाथों को घुसा कर अनुभव कर सकते हैं |इससे पहले अपने वर्चुअल चश्मों के बारे मेँ भी सुना होगा | वहाँ पर आप वर्चुअल चीजों को अपने सम्मुख होने का अनुभव प्राप्त करते हैं |
परंतु मित्रों यह दस्ताने आपको एक अलग ही प्रकार का अनुभव प्रदान करते हैं | यह दस्ताने Piezoelectric Technology के ऊपर आधारित हैं और यह कई सारे सेंसर का भी मदद लेता हैं | मेँ आपको और भी बता दूँ की हाल ही में वैज्ञानिकों ने इस दस्तानों के जरिए वर्चुअल अवस्था मेँ कम्प्यूटर के अंदर मौजूद एक एयर बबल को सफलता पूर्वक स्पर्श करने मेँ सक्षम हुए हैं |
मित्रों! यहाँ पर मेँ आपसे एक सवाल पूछना चाहूँगा और वह सवाल है , अगर आपके पास यह दस्ताने होते तो आप सबसे पहले इंटरनेट पर मौजूद कौनसे चीज़ को स्पर्श करने का प्रयत्न करते ? ऐसा कौनसा चीज़ है जिसे आप छूने की कोशिश करते ?