विषय - सूची
प्रस्तावना – Introduction :-
नमस्कार मित्रों ! कैसे हैं आप सब? आशा करता हूँ आप सभी भगवान के कृपा से अच्छे ही होंगे | आज मेँ यहाँ पर एक अनोखे विषय (global warming causes in hindi) पर चर्चा करने जा रहा हूँ , जिसके बारे मेँ आप सभी ने जरूर ही कुछ न कुछ सुना होगा | हमारा पृथ्वी पूरे सौर-मंडल में (अभी तक) इकलौता ऐसा ग्रह हैं , जहां 80 लाख से भी ज्यादा पेड़-पौधे और जानवरों की प्रजाति बसते हैं | सूर्य की 365 दिनों मेँ पूर्ण तरीके से परिक्रमा करने वाला पृथ्वी अपने गोद में शायद पूरे ब्रह्मांड की सबसे सुंदर कुदरत को समेटे हुए हैं |
परंतु आज इंसानों ने इस सुंदर कुदरत का हाल कुछ ऐसा कर दिया है की , प्रकृति दिन व दिन बिगड़ता जा रहा हैं |अब आप यहाँ सोच रहे होंगे की आखिर हमने ऐसा क्या कर दीया जिससे प्रकृति खराब हो रही हैं ? तो , मेँ आपको बता दूँ की यहाँ मेँ ग्लोबल वार्मिंग (global warming causes in hindi) की बात कर रहा हूँ |
जी हाँ! हमने आज अपने स्वार्थ के लिए कुदरत को बलि चढ़ा रहे हैं | आप यहाँ मानेंगे नहीं की आप की एक छोटी सी गलती हमारे इस प्रकृति को कितना चोट पहुंचा रही हैं | हम सभी ने स्कूल के किताबों मेँ ग्लोबल वार्मिंग (global warming causes in hindi) बहुत कुछ किताबी ढंग से परीक्षा मेँ उत्तीर्ण होने के लिए पढ़ा होगा | परंतु आज हम यहाँ एक अनोखे ढंग से ग्लोबल वार्मिंग (global warming causes in hindi) की कारण और इसके समाधान की बात करेंगे |
तो , चलिए बिना किसी देरी के लेख मेँ आगे बढ़ते हैं |
ग्लोबल वार्मिंग क्या हैं? – What is Global Warming in Hindi?
यहाँ पर हम सबसे पहले जानते हैं , आखिर ग्लोबल वार्मिंग (what is global warming) क्या है ?मित्रों! ग्लोबल वार्मिंग एक ऐसा प्रक्रिया हैं जिससे पृथ्वी के सतह का औसतन तापमान बढ़ता ही जाता हैं और इस प्रक्रिया का होने का मुख्य कारण हैं वायुमंडल मेँ बढ़ता हुआ कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा |
मित्रों यहाँ में और भी बता दूँ की यह प्रक्रिया (ग्लोबल वार्मिंग की प्रक्रिया) मुख्य रूप से पृथ्वी पर 20 वीं शताब्दी के मध्य भाग से ही अपना कहर ढा रहा हैं |
ग्लोबल वार्मिंग के कारण – Global Warming Causes In Hindi :-
आम तौर पर पृथ्वी के सतह का तापमान Green House गैस (कार्बन डाइऑक्साइड) के वजह से ही बढ़ रहा हैं | परंतु इसके अलावा भी कई ऐसे कारण हैं, जिससे ग्लोबल वार्मिंग का (global warming causes in hindi) खतरा हमेशा हमारे सुंदर सी दुनिया पर मंडरा रहा हैं |
तो, चलिए एक नजर इन कारणों के ऊपर डालते हैं |
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जीवाश्म ईंधन (fossil fuel) का काफी ज्यादा जलना :-
विज्ञान की उन्नति के साथ-साथ इंसानों के लिए तरह-तरह के वाहन उपलब्ध कराए गए | कुछ वाहन डीजल से चलने लगे और कुछ पेट्रोल से | खैर मेँ यहाँ आपको जानकारी के लिए बता दूँ की पेट्रोल और डीजल जीवाश्म ईंधन के श्रेणी मेँ आते हैं |
जब कभी भी किसी प्रकार का जीवाश्म ईंधन जलता हैं , तो यह कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसे ग्रीन हाउस गैस का इजात करता हैं | बाद मेँ यह गैस पृथ्वी के सतह से निकलने वाली तापमान को अपने अंदर शोख कर वायुमंडलीय तापमान को बढ़ाता हैं | एक शोध से पता चला है की पृथ्वी के तापमान मेँ इजाफे का 76% मूल कारण जीवाश्म ईंधन का जलना हैं |
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औद्योगीकरण – Industrialization :-
जैसा की मैंने आपको ऊपर ही बताया है , विज्ञान के उन्नति के कारण हमें आज काफी कुछ (ग्लोबल वार्मिंग जैसे मुसीबत) झेलना भी पड़ रहा | खैर आज के समय का औद्योगीकरण पृथ्वी के तापमान को काफी हद तक बढ़ा दिया हैं |
उद्योगों से निकलने वाली जहरीली गैस हमारे वायुमंडल को और भी ज्यादा खराब कर रहा हैं |
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जंगलों की कटाई – Deforestation :-
हमारे जंगल हमारे लिए प्राकृतिक रक्षा कवच हैं | जंगल न सिर्फ हमें औषधि और जंगल से बनी चीज़ें देते हैं , बल्कि यह हमें ग्लोबल वार्मिंग (global warming causes in hindi) जैसे खतरों से भी बचाता हैं | अगर जंगल न होता तो पृथ्वी पर कब से महा विनाश हो चुका होता |
आमतौर पर पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड जैसे गैसों को इस्तेमाल मेँ ले कर अपना खाना बनाते हैं | इसी कारण से वायुमंडल मेँ ग्रीन हाउस गैसों की संतुलन बना रहता हैं | खैर इंसानों ने अपने स्वार्थ के लिए (टिंबर और लंबर) जंगलों की भारी मात्रा में कटाई करते जा रहे हैं | जिस से ग्रीन हाउस गैसों की असंतुलन बढ़ रहा हैं |
जब तक आप इस लेख को पढ़ चुके होंगे , तबतक पूरे विश्व से 320 फूटवल फील्ड के समान क्षेत्र से जंगल साफ हो चुके होंगे | दुख की बात है न!
4.पारंपरिक प्रक्रिया से बिजली का उत्पादन करना :-
21 वीं शताब्दी मेँ अगर विजली न होतो , क्या होगा! कभी सोचा है इसके बारे मेँ? ग्लोबल वार्मिंग तो शायद बाद मेँ अपना कहर ढाएगा , परंतु इस से पहले बिजली का न होना एक झटके मेँ पृथ्वी पर सारे कार्य-प्रणाली को ठप कर देगा |
खैर आज कल मुख्य रूप से तीन प्रकारों से बिजली का उत्पादन किया जा रहा हैं , जिसमें कोयले को जलाकर पानी के भाप से बिजली का इजात करना सबसे मुख्य तरीका हैं |
भारत जैसे देशों मेँ मूल रूप से कोयले को जलाकर भी बिजली उत्पादन किया जा रहा हैं | खैर मेँ यहाँ आपको बता दूँ की कोयला भी एक प्रकार से जीवाश्म ईंधन है और इसके जलने से काफी ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड निकलता हैं | बाद मेँ यह गैस ग्लोबल वार्मिंग (global warming causes in hindi) का कारण भी बनता हैं |
मित्रों! ऊपर दिए गए 4 बिन्दु मूल रूप से ग्लोबल वार्मिंग का कारण हैं , परंतु अब भी कुछ ऐसे कारण हैं जिसे आप अनजाने ही अपने हाथों से इजात कर रहे हैं | यकीन नहीं आता तो सुनिए ! आप जब भी किसी प्रकार का डीओ (Deodorant) इस्तेमाल करते हैं , तो इस्तेमाल करते वक़्त उसके एक फुहार (स्प्रे) से निकलने वाली CFC ग्लोबल वार्मिंग का एक कारण हैं|
इसके अलावा फ्रिज मेँ इस्तेमाल किया जाने वाला फ्रेऑन गैस भी एक वजह है पृथ्वी के बढ़ते हुए तापमान का|
ग्लोबल वार्मिंग को रोकेने का उपाय – Solutions of Global Warming in Hindi:-
चलिए अब जान लेते हैं की कैसे ग्लोबल वार्मिंग को रोका जा सकता हैं |
1.अपने परिवार मेँ तथा अपने आस-पड़ोस मेँ जन जागरूकता बढ़ाएँ :-
आपने यह कहावत तो जरूर ही सुना होगा ” Precaution is better than Cure ” . तो , इसी कहावत को आदर्श मानते हुए हम अगर अपने परिवार से ले कर अपने आस-पड़ोस मेँ ग्लोबल वार्मिंग से संबन्धित जागरूकता लोगों के अंदर बढ़ाएंगे तो , हम इस मुसीबत से आसानी से निकाल सकते हैं |
आप जागरूकता बढ़ाने के लिए लोगों को वाहनों का उपयुक्त उपयोग करवाने जैसे छोटी-छोटी चीजों से शुरुआत कर सकते हैं |
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अण-पारंपरिक ऊर्जा के स्रोतों का इस्तेमाल करना :-
अगर हम थोड़ा सा ज्यादा कोशिश करेंगे तो , आसानी से हम सूर्य और वायु के शक्ति से बिजली का उत्पादन कर सकते हैं |
ऊपर दिए गए ऊर्जा के स्रोतों अण-पारंपरिक हैं और इस से ग्लोबल वार्मिंग (global warming causes in hindi) जैसे मुसीबतों का भी कोई चिंता नहीं रहता हैं |
तो , में आपसे आग्रह करना चाहूंगा की पारंपरिक ऊर्जा के स्रोतों को इस्तेमाल करने के बजाए , हो सके तो इन ऊर्जा के स्रोतों (अण-पारंपरिक) का इस्तेमाल करें |
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बिजली और ईंधन का सही से उपयोग व बचत करें :-
जैसा की आपने कई बार टीवी पर देखा होगा की बिजली का बचत करने को कहा जा रहा हैं | मित्रों आपको बिजली का बचत इसलिए करने के लिए कहा जा रहा हैं , क्योंकि आने वाले 50 सालों के अंदर हमारे जीवाश्म ईंधन (fossil fuel) पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएंगे और इस से हमारे पारंपरिक ऊर्जाओं से इजात किए गए बिजली का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा|
इसलिए अपने घर के अंदर जितना हो सके उतना बिजली का बचत करें| इसके अलावा अपने घर मेँ इस्तेमाल मेँ लाने वाले ईंधन (खाने को बनाने के लिए उपयोग किया जाने वाला नैचुरल गैस) भी थोड़ा सोच-समझ कर ही इस्तेमाल करें क्योंकि सब सीमित हैं |
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ग्रीन हाउस गैसों की इजात मेँ प्रतिबंध लगाना :-
सिर्फ कार्बन डाइऑक्साइड ही नहीं है जो ग्लोबल वार्मिंग (global warming causes in hindi) का कारण हैं | सीएफ़सी, मिथेन , ओज़ोन जैसे गैसों के इजात मेँ भी सरकार को कठोर कानून व प्रतिबंध लगाना चाहिए |
खैर मेँ यहाँ आपको बता दूँ की हमारे देश मेँ पर्यावरण को ले कर कई सारे नियम हैं , परंतु उस का सही से पालन नहीं हो रहा हैं | तो इसके ऊपर भी हमें थोड़ा ध्यान देना पड़ेगा |
5.पौधे लगाएँ :-
प्रकृति ने हम पर आज काफी कुछ छोड़ दिया हैं , क्योंकि इंसान ही इस दुनिया का सबसे श्रेष्ठ प्राणी हैं | आज समय आ चुका हैं की , हम सब अपने पर्यावरण को एक जुट हो कर बचाएं | अपने हाथों से पौधे लगा कर जंगलों का निर्माण करें | तभी जा कर कहीं हमारा पृथ्वी फिर से खिल उठेगा और ग्लोबल वार्मिंग जैसे खतरा उस के सर से टलेगा |