हमारा ब्रह्मांड अरबों तारों का घर है, हर पल यहां कई तारे मरते हैं और जन्म लेते हैं, पर रात को चमकते ये तारे हमें जितने छोटे आँखो से दिखाई देते हैं वास्तव में ये बहुत ज्यादा विशाल होते हैं, आप इनके आकार की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं, सूर्य जैसा सामान्य तारा 13 लाख पृथ्वियों को अपने में समा सकता है तो सोचिए जो तारे सूर्य भी कई गुना विशाल होगें वो कितने ग्रह और तारों को अपने में समा लेते होगें, वहीं यही विशालकाय तारे जब सूपरनोवा धमाका करके खत्म होते हैं तो एक विशाल ब्लैक होल (Largest Black Hole In Universe) में बदल जाते हैं, ये ब्लैक होल भी आकार में बहुत असीम होते हैं, आइये अब इन्हीं तारों और ब्लैक होल के असीम आकार की ओर इस लेख में चलते हैं और जानते हैं कि ब्रह्मांड का सबसे विशाल तारा और ब्लैक होल वास्तव में कितने विशाल हैं।
ब्रह्मांड का सबसे विशाल तारा
ये तो आप जानते ही हैं कि इस समय ब्रह्मांड का सबसे विशाल खोजा गया तारा Stephenson 2-18 (स्टीफनसन 2-18) है, जो कि आकार में सूर्य से 2,150 गुना विशाल है, यानि 2 हजार से ज्यादा सूर्य एक लाइन में आप रख दो तब जाकर के आप इस तारे को नाप पाओगे।
पृथ्वी से 19 हजार लाइट ईयर दूर ये तारा एक रेड हाइपरजाइंट स्टार (Red Hypergiant Star) है, करीब 300 करोड़ किलोमीटर चौड़ा ये तारा अपने असीम आकार में 10 अरब सूर्यों को समा सकता है, अगर हम इसके आकार को अपने वायेजर 1 (Voyager 1) की 17 किलोमीटर प्रति सेकेंड की स्पीड से पार करने की कोशिश करते हैं तो जहां सूर्य को वायेजर 1 22 घंटे और 30 मिनट में पार कर सकता है तो इस तारे को पार करने में उसे 2015 दिन औऱ कहें तो 5 साल 6 महीने लगते हैं।
इसी से आप इस तारे के आकार को समझ सकते हो, पर ये तारा भी ब्रह्मांड में पाये जाने वाले कई तारों से छोटा है, अगर हम टेलिस्कोप से 13 अरब प्रकाश वर्ष दूर देखें तो हमें शुरूआती ब्रह्मांड में मौजूद तारे नजर आ सकते हैं जो लगातार धूल और गैस के बादलों से गैस लेकर बन रहे हैं। इन्हीं तारों में एक ऐसा तारा भी है जो Stephenson 2-18 को बौना बना देता है, इन तारों को क्वाजी स्टार्स (Quasi-Star) कहा जाता है, आकार में ये Stephenson 2-18 से तीन गुना और सूर्य से 7100 गुना बड़े होते हैं।
सौर-मंडल से भी बड़ा ! – Quasi-Star
एक क्वाजी स्टार आमतौर पर 10 अरब किलोमीटर चौड़ा हो सकता है, वहीं हमारा सूर्य केवल 13 लाख 80 हजार किमी चौड़ा है, अपने असीम आकार में ये तारा सूर्य जैसे 380 अरब तारे समा सकता है। अगर स्टीफनसन 2-18 से तुलना करें तो ये Quasi-Star इस जैसे 37 और महाविशालकाय तारे अपने में आसानी से समा लेगा, सौर-मंडल में अगर ये तारा फिट किया जाये तो ये सूर्य और प्लूटो को भी अपने आप में निगल लेगा यानि एक पूरा सोलर सिस्टम ही इस तारे में समा सकता है।
इस तारे को पार करने के लिए अगर आप वायेजर 1 की स्पीड से यात्रा करते हैं तो आपको इसे पार करने में कमसेकम 19 साल लग जायेंगे, इसी से आप इसके असीम आकार को समझ सकते हो। हालांकि ये तारे आज ब्रह्मांड में अस्तित्व नहीं रखते हैं, 13 अरब साल पहले बने ये तारे अपने केंद्र (Core) में एक ब्लैक होल लिये रहते थे, जो लगातार इनका द्रव्यमान (Mass) खाता रहता था, यही ब्लैक होल जब पूरे तारे का पदार्थ खाकर अपने में समा लेता था तो तब हमें ब्रह्मांड में एक महाविशालकाय ब्लैक होल (Supermassive Black Hole) मिलता था, वैज्ञानिक क्वाजी स्टार को ही सूपरमैसिव ब्लैक होल्स के जन्म के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं।
आइये अब इन्हीं Quasi-Star द्वारा बने महाविशालकाय ब्लैक होल्स की एक सैर करते हैं और इनके आकार को समझने का प्रयास करते हैं। आमतौर पर ब्लैक होल्स (Largest Black Hole In Universe) के साइज की कोई लिमिट नहीं होती है वह कितना भी छोटा और विशाल हो सकता है, बिग बैंग के समय बने ब्लैक होल्स आकार में बहुत बहुत छोटे होते थे इन ब्लैक होल्स को प्रीमोरडियल ब्लैक होल्स (Primordial Black Holes) कहा जाता था, पर आज हम ब्रह्मांड में सूपरमैसिब ब्लैक होल्स को देख और उसका अवलोकन कर सकते हैं।
ब्लैक होल्स का असीम आकार – Largest Black Hole In Universe
हमारी आकाशगंगा में मौजूद ब्लैक होल Sagittarius A* सूर्य से 40 लाख गुना भारी है पर आकार में केवल 17 गुना बड़ा है, करीब 2 करोड़ 34 लाख किमी बड़ा ये ब्लैक होल (Largest Black Hole In Universe) कई तारों से भी छोटा है पर इसका भार उनसे लाखों गुना ज्यादा है, ब्लैक होल्स ताकतवर ग्रेविटी के द्वारा मैटर के ढहने से बनते हैं इसलिए ये कई तारों से आकार में छोटे होते हुए भी लाखों गुना भारी होते हैं।
Sagittarius A* आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद है, पर ये ब्लैक होल आगे आने वाले ब्लैक होल्स से काफी छोटा है, अगर बात करें साल 2019 में कैपचर किये गये पहले ब्लैक होल की जो कि M87 आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद है, 38 अरब किमी में फैला इसका घटना झितिज (Event Horizon) इतना विशाल है कि अगर 30 लाख पृथ्वियों को एक लाइन में रख दो तो भी वो इसे पार ना कर पायें, इस ब्लैक होल में हमारा पूरा सोलर सिस्टम और अबतक की वायेजर 1 की दूरी को भी मिला दें तो वो इस इसके अंदर आसानी से समा जाती हैं।
ये इतना विशाल है कि इसके आकार को समझने में आज भी वैज्ञानिकों को परेशानी होती है, इसके मास की बात करें तो ये सूर्य से 650 करोड़ गुना भारी है, पर इतना विशाल ब्लैक होल भी आगे आने वाले हमारे ब्लैक होल के सामने छोटा पढ़ जाता है,
ये ब्लैक होल्स इतने विशाल हैं कि इन्हें समझने के लिए वैज्ञानिकों ने अल्ट्रा मैसिव ब्लैक होल्स की नई कैटेगरी बनाई है, पृथ्वी से 18 अरब प्रकाश वर्ष दूर इसी तरह का महाविशालकाय ब्लैक होल मौजूद है जिसकी एक्रिशन डिस्क (Accretion disk) ही इतनी ज्यादा विशाल और चमकदार है कि एक हजार आकाशगंगाओं की चमक को भी ये फीका कर दे।
TON 618 – एक अतिमहाविशालकाय ब्लैक होल
वैज्ञानिक इन चमकदार औबजेक्ट को क्वाजार (Quasar) भी कहते हैं, पर वास्तव में ये एक अल्ट्रामैसिव ब्लैक होल्स (Ultramassive Black Holes) ही होते हैं।
टोन 618 (TON 618) नाम का क्वाजार एक बहुत विशाल ब्लैक होल (Largest Black Hole In Universe) है, इसके मास की बात की जाये तो ये करीब 66 अरब सूर्यों जितना भारी है, अगर हम पूरी मिल्की वे गैलेक्सी के सभी तारों के भार को भी जोड़ दे तो भी ये ब्लैक होल उनसे 100 गुना भारी होगा, इससे ही पता चलता है कि ये कितना ताकतवर है, वहीं इसका आकार हमें और परेशान कर देता है, 780 अरब किमी में फैला ये ब्लैक होल पूरे 11 सौरमंडल के बराबर है।
अगर इसकी सिंगुलेरिटी से इंवेज होराइजन को हम पृथ्वी से नापने की कोशिश करें तो हमें इसके लिए कमसेकम 3 करोड़ पृथ्वी और 2 लाख 80 हजार सूर्य चाहिए होगें तभी हम इसके आकार को समझ सकेंगे, टोन 618 इतना विशाल ब्लैक होल (Largest Black Hole In Universe) है कि इसे पार करने में प्रकाश को भी 14 दिन लग जाते हैं, वहीं अगर आप इसे वायेजर 1 से पार करें तो वायेजर यान को इसे पूरा पार करने में 1400 साल से ज्यादा का समय लगेगा, इसी से आप समझ सकते हैं कि ये ब्लैक होल कितना विशाल है, फिलहाल ये हमसे 18 अरब प्रकाश वर्ष दूर है पर वैज्ञानिकों ने जो इसकी इमेज ली है वो 10 अरब लाइट ईय़र दूर से ली है तो प्रेसेंट समय में ये ब्लैक होल आज के आकार से भी कई गुना विशाल होगा।