प्राणी विज्ञान हो या भौतिक विज्ञान आप विज्ञान से जुड़ी हर एक बात को चाहकर भी कभी नहीं जान पाएंगे। क्योंकि विज्ञान तो हर एक क्षण विकसित होता हुआ चला जा रहा हैं और हम लोग विज्ञान के साथ कुछ निर्दिष्ट समय तक ही साथ चल पाएंगे। वैसे तो विज्ञान से जुड़ी हमने पहले भी कई सारे मजेदार लेख लिखे हुए हैं, जिसे आप हमारे वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं; परंतु आज जरा दिल थाम के बैठिए क्योंकि आज के इस लेख को पढ़ कर शायद आपका होश भी उड़ सकता है। क्योंकि आज हम लोग विज्ञान से कुछ होश उड़ा देने वाली बातों (science facts in hindi) के बारे में ही बात करेंगे।
मित्रों! विज्ञान से जुड़ी होश उड़ा देने वाली (science facts in hindi) बातों को बताने से पहले मेँ, आप सभी लोगों से यह अनुरोध करना चाहूंगा की, इस लेख को आप आरंभ से ले कर अंत तक अवश्य ही पढ़ें| क्योंकि इससे आपको ही लाभ मिलेगा और इस लेख को आप बेहतर ढंग से समझ पाएंगे।
तो, चलिए अब लेख में बिना किसी देरी किए आगे बढ़ते हैं और विज्ञान से जुड़ी कई होश उड़ा देने वाली बातों को (science facts in hindi) को एक-एक करके जानते हैं।
विषय - सूची
विज्ञान से जुड़ी चौंका देने वाली बातें – Science Facts In Hindi :-
यहां पर मैंने विज्ञान से जुड़ी बहुत ही महत्वपूर्ण और गज़ब की बातों का जिक्र किया हैं| तो, इसे गौर से पढ़िएगा |
1. आपके शरीर के अंदर छुपा हुआ है एक अदृश्य अंग! :-
आपने अकसर फिल्मों में किसी व्यक्ति को पूर्ण रूप से अदृश्य हो जाते हुए कई बार देखा होगा जो की शायद ही हकीकत में संभव हो सकता है। परंतु हाँ! आपके शरीर में एक ऐसा अंग है जो की आपके आँखों के सामने मौजूद होने के बाद भी आप उसे देख नहीं पाते | मानों यह अंग आपके लिए जैसे एक अदृश्य अंग हो गया हो | मित्रों! मेँ यहां बात कर रहा हूँ मेसेंटेरी अंग की.
आमतौर पर यह अंग एक अदृश्य अंग की भांति आपको कभी नहीं दिखाई देता, परंतु इस अंग के बहुत ही गुरुत्व पूर्ण काम हैं| यह आपके आंतों को आपके पेट के अंदरूनी सतह के साथ बांध कर रखता हैं | इसके अलावा यह दिल के रोग प्रतिरोधी शक्ति को भी काफी ज्यादा बढाता हैं|
2. पृथ्वी के सतह के नीचे छुपा हुआ है एक खुफिया महाद्वीप (Continent) :-
आपने अब तक अपने स्कूल के दिनों में पढ़ा होगा की, पृथ्वी में कुल 7 महाद्वीप मौजूद हैं| परंतु क्या आप जानते हैं, पृथ्वी में 7 नहीं परंतु कुल 8 महाद्वीप मौजूद हैं| जी हाँ! आपने सही सुना पृथ्वी के नीचे भी एक खुफिया महाद्वीप मौजूद हैं, जिसे ज़िलंडीया (Zealandia) के नाम से भी पुकारा जाता हैं|
वैसे इस महाद्वीप को लेकर वैज्ञानिकों के अंदर काफी ज्यादा मतभेद रहें हैं, परंतु साल 2017 में इसे एक पुरानी खुफिया महाद्वीप के रूप में घोषित किया गया|
3. क्या आपने कभी मनुष्य के आकार के पैंगविन को देखा हैं ! :-
सोच कर ही कितना अजीब लगता हैं की, आखिर कैसे एक पेंगविन मनुष्य के आकार का हो सकता हैं | परंतु मित्रों! मेँ आपको बता देना चाहता हूँ की आप विज्ञान से जुड़ी होश उड़ा देने वाली बातों (science facts in hindi) के बारे में पढ़ रहें हैं और यहां पर कुछ भी संभव हो सकता हैं|
खैर आज से करीब-करीब 5.9 करोड़ साल पहले न्यूजीलैंड में इंसानी आकार के पेंगविन देखने को मिलते थे | इन्हें वैज्ञानिक आज जायंट पेंगविन के नाम से पुकारते हैं|
4. दुनिया का सबसे छोटा फीडगेट (Fidget Spinner) स्पिनर है आपके सोच के परे से भी छोटा ! :-
हाल ही में ट्रेंड में आए फीडगेट स्पिनर के बारे में आज बच्चा-बच्चा जनता हैं | आज हर एक बच्चे के पास शायद जरूर कई सारे फीडगेट स्पिनर होंगे, जो की आमतौर पर एक हथेली जितना बडे अवश्य ही होंगे | तो, आपने शायद इससे पहले इतने बड़े फीडगेट स्पिनर को अवश्य ही कही न कही देखा होगा |
परंतु अगर में यहां कहूँ की, एक फीडगेट स्पिनर ऐसा भी है जो की आपके शरीर में मौजूद बालों की चौड़ाई से भी पतला और छोटा है तो क्या आप मेरे बातों को विश्वास करेंगे | खैर मेँ आपको यहां बता दूँ की यह बात बिलकुल सत्य हैं, दुनिया का सबसे छोटा फीडगेट स्पिनर मात्र 100 माइक्रन ही हैं और इसे आप शायद ही खुली आँखों से देख सकते हैं|
5. आपके फेफड़े सांस लेने के साथ ही साथ यह अद्भुत काम भी करते हैं ! :-
ज़्यादातर लोगों के मन में यह धारणा है की, हमारे फेफड़े सिर्फ सांस लेने में ही हमारे शरीर की मदद करते हैं | परंतु मित्रों! मेँ आपको बता दूँ की सांस लेने के साथ ही साथ यह एक बहुत ही अद्भुत काम भी करता हैं| एक हाल ही में किए गए शोध से पता चला है की, हमारे फेफड़े खून बनाने की काम भी करते हैं |
मेँ आपको और भी बता दूँ की हमारे फेफड़े हर घंटे 1 करोड़ प्लटिलैट बनाते हैं | मित्रों! प्लेटिलैट हमारे शरीर में मौजूद खून की एक मौलिक घटक हैं और यह खून को शरीर के बाहर बहने से रोकता है। (science facts in hindi)
6. पदार्थ के 3 नहीं 4 स्थितियां होती हैं ! :-
आपने अवश्य ही अपने स्कूल में पढ़ा होगा की, पदार्थ के 3 यानी ठोस, तरल और गैस के रूप में अलग-अलग स्थितियां/अवस्थाएं होती हैं| परंतु मित्रों! यह बात पूर्ण रूप से सत्य नहीं हैं| पदार्थ के 3 नहीं पर 4 स्थितियां होती हैं | वैज्ञानिकों ने पदार्थ के चौथे स्थिति/अवस्था को ढूंढ लिया हैं, जिसको उन्होंने “टाइम क्रिस्टल” का नाम दिया हैं|
पदार्थ का यह अवस्था स्पेस-टाइम के सभी सिद्धांतों को समय के आयाम में पालन करते हुए, उसी के अंदर ही लगातार घूमता ही रहता हैं| यकीन मानिए दोस्तों! विज्ञान से जुड़ी होश उड़ा देने वाली (science facts in hindi) को जानकर मुझे तो बहुत ही गज़ब का लग रहा हैं, आपको कैसे लग रहा हैं जरूर ही बताइएगा|
7. हाल ही में इंसानों ने अंतरिक्ष में कुछ जादू ही कर दिया हैं, जानिए क्या! :-
आए दिन आपको अंतरिक्ष से जुड़ी आपको कई सारे खबर पढ़ने को मिलती ही रहती हैं, परंतु मित्रों! हाल ही में इंसानों ने अंजाने में ही सही परंतु अंतरिक्ष में एक बहुत बड़ा जादू कर दिया हैं| पिछले कई दशकों से संचार के लिए उपयोग किए जाने वाले लो फ्रिक्वेन्सी रैडिओ सिग्नल के प्रभाव से आज पृथ्वी के ऊपर अंतरिक्ष में एक सुरक्षा आवरण सा बन गया हैं |
यह सुरक्षा आवरण पेड़-पौधों और पूरे पृथ्वी के लिए किसी जादू से कम नहीं हैं| इसी के कारण ही आज हमारा पृथ्वी सोलर फ्लैर और रेडीएसन पार्टिकल से बच कर रहता हैं|
8. सोना और प्लैटिनम परग्रही पदार्थ हैं :-
जी हाँ ! आपने शीर्षक बिलकुल सही और सटीक पढ़ा हैं| आपके गले में मौजूद वह सोने का चेन परग्रही पदार्थ से ही बना हुआ हैं क्योंकि वह पदार्थ मूल रूप से पृथ्वी का हैं ही नहीं | वैज्ञानिकों का मानना हैं, पृथ्वी पर मौजूद सोना और प्लैटिनम दूर किसी सितारे व ग्रह से आया है|
इसके अलावा मेँ आपको और भी बता दूँ की आमतौर पर दो न्यूट्रान स्टार के आपसी टक्कर से ऐसे मूल्यवान धातुओं का उत्पाद होता हैं |
9. हमारे सौर-मंडल का हूबहू नकल है केप्लर-90 स्टार सिस्टम ! :-
विज्ञान से जुड़ी होश उड़ा देने वाली बातों (science facts in hindi) के ऊपर आधारित इस लेख में आपको जानकर हैरानी होगी की, हमारे सौर-मंडल के ही तरह एक दूसरा सौर-मंडल भी इस ब्रह्मांड में मौजूद हैं| आप यहां यह भी कह सकते हैं की, यह सौर-मंडल हमारे सौर-मंडल का ही नकल हैं |
केप्लर-90 के नाम से परिचित यह सौर-मंडल भी हमारे सौर-मंडल के भांति ही 8 ग्रह है जो की केप्लर-90आई नाम के एक सितारे के चारों तरफ चक्कर काट रहें हैं |
10. पक्षियों के अंडों का आकार अलग-अलग क्यूँ होता हैं ? :-
आपने अगर गौर से देखा होगा तो, आपको पता होगा की अलग-अलग पक्षियों के अंडों का आकार भी अलग-अलग होता हैं| परंतु यहां पर सवाल यह खड़ा होता है की, ऐसा आखिर क्यूँ होता हैं? आपने कभी इसके बारे में सोचा हैं | खैर चलिए आगे इस सवाल के जवाब को ढूंढते हैं |
एक अध्ययन से यह पता चला है की, पक्षियों के अंडों का आकार उनके उड़ने की क्षमता के ऊपर निर्भर करता हैं| पक्षियों की जो प्रजाति अच्छे उड़ने में सक्षम होती हैं उनका अंडा ज़्यादातर दो छोर से नुकीली होती हैं और पक्षियों की जो प्रजाति अच्छे से उड़ नहीं पाती उनका अंडा ज्यादा गोलाकार होता हैं|
आप इस सिद्धांत को खुद भी आसानी से परीक्षा कर सकते हैं|
11.सिद्धांतों के हिसाब से आप समय यात्रा कर सकते हैं ! :-
मैंने इस से पहले स्वतंत्र रूप से आइन्सटाइन के द्वारा दिए गए सापेक्षता के सिद्धांत के ऊपर एक ज्ञानवर्धक लेख लिखा हैं और आगे बढ्ने से पहले मेँ आपसे अनुरोध करना चाहूंगा की उस लेख को आप अवश्य ही एक बार पढ़ें| क्योंकि आगे मेँ जो बात कहूँगा उसको समझने में सापेक्षता का वह लेख आपको जरूर मदद करेगा |
खैर चलिए अब आगे बढ़ते हैं| दो वैज्ञानिकों ने आइन्सटाइन के द्वारा सापेक्षता के सिद्धांत को आधार मानते हुए एक छोटी सी टाइम मशीन का आविष्कार कर लिया हैं, जो की कुछ हद तक एक विशेष क्षण के लिए समय यात्रा कर सकता हैं | उन दो वैज्ञानिकों के अनुसार गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के प्रभाव से कुछ हद तक स्पेस-टाइम के संरचना में फेर-बदल कर के समय यात्रा किया जा सकता हैं| परंतु यह प्रक्रिया बहुत ही जटिल और बहुत ही कम क्षणों के लिए ही हैं|
तो, भविष्य में यह आशा है की हम एक न एक दिन अवश्य ही समय यात्रा करने में सफल होंगे|
12. डीएनए के अंदर दौड़ते हुए घोड़े का फोटो, आखिर यह कैसा करिश्मा हैं ! :-
दोस्तों ! मेँ आगे जिस बात का जिक्र करूंगा उस बात को सुनकर आपके होश अवश्य ही उड़ने वाले हैं (science facts in hindi) | मित्रों! हवार्ड विश्व विद्यालय के कुछ वैज्ञानिकों ने एक बेक्टेरिया के डीएनए के अंदर एक फोटो डाल दिया हैं |
दरअसल बात यह है की क्रिसपर-कस9 नाम के एक उपकरण को इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिकों ने बेक्टेरिया के जीनोम के अंदर एक दौड़ते हुए घोड़े का जीआईएफ़ एनिमेटेड फोटो डाल दिए हैं जो की एक बहुत ही हैरान और गज़ब की बात हैं|
13. मधुमक्खियों को गणित समझ में आता हैं ! :-
इंसानों को छोड़ कर काफी काम ऐसे जीव हैं, जिनको कुछ हद तक समझने की ताकत प्रकृति से मिली हुई हैं| खैर उन जीवों के अंदर मधुमक्खी भी आता हैं| वैज्ञानिकों का मानना है की, मधुमक्खियों को कुछ हद तक गणित मालूम होता हैं| परंतु रुकिए यहां एक मधुमक्खी को आखिर कैसे गणित मालूम हो सकता हैं! गणित तो इंसानों के द्वारा विकसित किया गया हैं|
तो, मित्रों सुनिए मधुमक्खियों को इंसानों के भांति वीज गणित या त्रिकोण मिति नहीं आता| परंतु हाँ! इन्हें शून्य से जुड़ी कुछ सिद्धांतों के बारे में पता होता हैं| वैज्ञानिको ने इस के ऊपर काफी शोध किया है और यह पता लगाया हैं की, मधुमक्खी ज़्यादातर शून्य के आकार के चीजों को अच्छे तरीके से भांप कर उसी ही आकार से उड़ते हैं |
मित्रो! अब मेँ आपसे एक सवाल करना चाहूंगा | मैंने ऊपर कई सारे विज्ञान से जुड़ी होश उड़ा देने वाली बातों के(science facts in hindi) बारे में कहा हैं| तो, आपको यह लेख अब तक कैसा लगा? अवश्य ही कमेंट कर के बताइएगा|
14. इंसान अभी भी विकसित हो रहा हैं ! :-
ज़्यादातर लोग यह सोचते हैं की, इंसानों का जो रूप आज यह आने वाले समय में भी ऐसा रहेगा | परंतु मित्रों आपको मेँ बता दूँ की आपका ऐसा सोचना सही नहीं हैं| इंसान आने वाले समय में काफी ज्यादा बदलने वाले हैं | वैज्ञानिकों का मानना है की, इंसान अभी भी विकसित हो रहा हैं और इंसानों की विकसित होने की प्रक्रिया अभी तक नहीं रुका हैं|
ऐसे में यह स्पष्ट हैं की, आने वाले समय में इंसानी शरीर कुछ अलग ही रूप से ले लेगा जिसके बारे में हम शायद ही सोच पाएं| इसके अलावा यहां गौरतलब बात यह है की, इंसानों के अंदर बहुत तेजी से म्यूटेशन की प्रक्रिया जारी हैं, जिसके कारण विकसित होने की प्रक्रिया और भी ज्यादा तेजी से होने लगता हैं|
15. आपके घर के छत के ऊपर परग्रही धूल के कण पड़े हुए है! :-
परग्रही जीवों के बारे में जानना भला किसे पसंद नहीं! परंतु परग्रही धूल के कणों के बारे में आपका क्या राय हैं| आपके घर के छत के ऊपर परग्रही धूल के कण अभी भी मौजूद हैं | इन परग्रही धूल के कणों को वैज्ञानिक माइक्रोमिटीओराइट (micrometeorites) कहते हैं| इनका आकार 400 माइक्रन से भी छोटा हैं| खैर हर साल 100 अरब से भी ज्यादा यह परग्रही धूल के कण पृथ्वी पर गिरते हैं|
16. हमारे सौर-मंडल के कुल वजन की 99% हिस्सा सूर्य में निहित हैं ! :-
आपको सुनकर बड़ी हैरानी होगी की हमारे सौर-मंडल के कुल वजन का 99% हिस्सा सिर्फ सूर्य के अंदर ही मौजूद हैं | बाकी बचे 8 ग्रह सौर-मंडल के कुल वजन में सिर्फ 1% के हिस्से का ही साझेदारी करते हैं|
17. आप एक खरब अलग-अलग प्रकार के गंधों को सूंघ सकते हैं ! :-
इंसानी शरीर अपने-आप में ही एक अजूबा हैं| आपके नाक के अंदर मौजूद कोशिका एक खरब अलग-अलग प्रकार के गंधों को आसानी से सूंघ कर उनके अंदर अंतर बता सकती हैं|
19. आपके अंदर मौजूद हैं इतने परमाणु, जानकर आपके होश ही उड जाएंगे! :-
आपने अकसर सुना होगा की आपका शरीर कई सारे जैविक-कोशिकाओं से बनी हुई हैं, परंतु क्या आपको वाकई में पता है की आपका शरीर कितने कोशिकाओं से बनी हुई हैं! अगर नहीं तो सुनिए हमारा शरीर 7,000,000,000,000,000,000,000 परमाणुओं से बनी कोशीकाओं से बनी हुई हैं|
19.यह कीड़ा मिल्की-वे को नेविगेशन के तौर पर इस्तेमाल करता हैं ! :-
हम लोग नेविगेशन के लिए जीपीएस का इस्तेमाल करते हैं, परंतु क्या आप जानते हैं डंग बीटल नाम का एक कीड़ा मिल्की-वे को ही नेविगेशन के लिए इस्तेमाल करता हैं |
20. अंतरिक्ष में इस ग्रह पर कांच की बारिश होती हैं ! :-
एचडी 189733बी नाम के ग्रह पार बारिश के तौर पर गरम मोल्टेन कांच बरसता हैं | पृथ्वी से 63 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद यह ग्रह “ब्लू मार्बल” के नाम से भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध हैं | देखने में यह ग्रह नीला और आकर्षक प्रतीत होता हैं| गरम मोल्टेन कांच के बारिश के कारण इस ग्रह का सतही तापमान 930 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता हैं।
वाकई में विज्ञान के होश उड़ा देने वाली (science facts in hindi) इन बातों को पढ़ कर किसी का भी मन एक पल के लिए हैरत में अवश्य ही पड़ जाएगा | आपका इसके बारे में क्या राय हैं?
21. समंदर के नीचे मौजूद हैं इतना सोना ! :-
ज़्यादातर सोने की खदान आपको जमीन में देखने को मिलता हैं| परंतु क्या आप जानते हैं, समंदर के सतह के नीचे भी भारी मात्रा में सोना छुपा हुआ हैं| वैज्ञानिकों के द्वारा किए गए एक आकलन से पता चला है की, लगभग 2 करोड़ टन सोना समंदर के असीम गहराई के अंदर मौजूद हैं।
22. पृथ्वी के बाहर चाँद पर मौजूद है यह मूर्ति :-
मित्रों! सुनने में असाधारण प्रतीत होता यह बात बिलकुल सत्य है। चाँद की सतह पर 3.5 इंच ऊंचाई का एक अलमुनियम से बना मूर्ति मौजूद हैं।
23. चाँद कैसे बना ! :-
बहुत ही साधारण मालूम होता यह प्रश्न, वाकई में एक बहुत ही अच्छा सवाल हैं| हर कोई चाँद रात में जगमगाता हुआ देखते हैं, परंतु बहुत ही कम लोगों को पता है की यह चाँद कैसे बना हैं| तो, चलिए जानते हैं आखिर यह चाँद कैसे बना।
लगभग 4.5 अरब साल पहले मंगल ग्रह के आकार का एक उल्का पिंड आ कर पृथ्वी से टकराया | जिसके कारण पृथ्वी का अक्ष थोड़ा टेढ़ा होने के साथ ही साथ उल्का पिंड से टूट कर निकलने वाला एक बड़ा सा पत्थर का टुकड़ा आज चाँद के रूप में आपको अंतरिक्ष में दिख रहा है।
24. पिछले 150 सालों में इंसानी जीवन काल दोगुना बढ़ा हैं ! :-
आज के समय में औसतन इंसानों का जीवन काल 72 वर्ष का हैं, परंतु क्या आप जानते हैं 150 साल पहले यह केवल 36 वर्ष तक ही सीमित था।
25. स्पेस सटल से भी ज्यादा तेज है मक्खी ! :-
एक मक्खी एक मिलीसेकंड में 8 सेंटीमीटर तक की दूरी तय कर सकती हैं, जो की इंसानों के द्वारा बनाए गए किसी भी स्पेस सटल से 50 गुना ज्यादा तेज है।
Sources :- www.irishnews.com, www.brightside.me.