Universe

ब्रह्माण्ड की 5 सबसे रहस्यमई चीजें जो कोई नहीं जानता | 5 Most Mysterious Objects In Universe

वैज्ञानिकों को कुछ भी नहीं पता इनके बारे में

ये ब्रह्माण्ड , अनंत और न जाने कितने ही जटिल रहस्यों से भरा हुआ है | इसकी विशालता इतनी है, कि हम मनुष्यों ने इसके बेहद कम हिस्से को ही, अभी तक explore किया है, जिसमें हमें इसके कई हैरान कर देने वाले रहस्यों और सच का पता चला है ! लेकिन ब्रह्माण्ड के रहस्य सभी को हैरान कर ही देते हैं |

जैसे – जैसे समय के साथ हम, इस ब्रह्माण्ड के अन्दर छिपी हुई कई और गुप्त जानकारियाँ इकठ्ठा करते रहेंगे , हमारे लिए इसकी मामूली सी बात भी  किसी अनसुलझी पहेली से कम नहीं होगी !

बहराल , ये तो आने वाला समय ही बताएगा कि इस ब्रह्माण्ड में और क्या राज छिपा हुआ है , पर फिलहाल तो हम यहाँ इस ब्रह्माण्ड के , अभी तक के खोजे हुए कुछ सबसे पेंचीदा और असामान्य रहस्यों पर नजर डालने वाले हैं , जो शायद आपको गहरी सोच में भी डालदे !

1. The Red Rectangle Nebula

 

अभी आप जो तस्वीर देख रहे हैं , वो किसी UFO या planet की नहीं है | बल्कि ये एक nebula की image है , जिसे Hubble Space Telescope से लिया गया है | आमतौर पर nebula , dust clouds and gases की वजह से , random shapes के होते हैं,  जिनका आकार बेहद अजीब सा होता है |

पर इस nebula ने,  सभी astronomers को हैरत में ही डाल दिया , क्योंकि,   इसकी shape, एकदम किसी perfect  geometry की तरह है , जो letter X की तरह लग रही है | physics के नियमों के मुताबिक़, अक्सर gravity की वजह से , matter combine होने पर spherical या round shape ही form करता है | पर ये nebula तो , perfect rectangle shape की form में है |

दरसल ये , Monoceros constellation में मौजूद, star HD 44179 को घेरे हुए, red rectangular molecular clouds हैं , जो एक प्रकार का protoplanetary nebula है | इसे 1973 में सबसे पहले एक survey के दौरान देखा गया था |

वैज्ञानिकों का मानना है , कि ये एक binary star system है , जिसके आस पास मौजूद , stellar winds के interaction की वजह से ये nebula form हुआ है और UV light और इसके dust में मौजूद, carbon rich molecules की वजह से ही , ये red colour का है | पर वैज्ञानिकों को अभी तक इसके origin का सही कारण पता नहीं चला है |

 

2. Galaxy X

आमतौर पर astronomers को, ब्रह्माण्ड में किसी नई चीज को खोजने में तब आसानी हो जाती है , जब वो चीज अपने आस पास के objects पर कोई खासा प्रभाव डालती है | साल 2009 में , जब astronomers ने हमारी milki way galaxy की disc में , कुछ अजीब सी लहरें और तरंगें देखीं , तो बड़ी हैरानी हुई |  इस अजीब सी चीज को लेकर वैज्ञानिकों को , साल 2015 में कोई सटीक जानकारी मिली |

Dragonfly Telephoto Array Telescope के जरिए  , जब astronomers ने इन तरंगों का पता लगाया , तो उन्हें हमारी milki way galaxy को orbit करती हुई , Dragonfly 44 नामकी , एक dwarf  galaxy के बारे में पता चला | ये galaxy, 300 million light years दूर, coma cluster galaxies की एक member है , जिसमें बेहद ही कम मात्रा में तारे मौजूद हैं , जिनकी चमक से ही इसे देख पाना possible है, वरना ये galaxy अपनी परछाई में ही छिप सकती है |

वैज्ञानिकों ने , इसे ढंग से न देख पाने का कारण, dark matter बताया | 2016 , इस galaxy के बारे में ये पता चला कि , इसका size और mass, milkiway galaxy जितना है , और ये लगभग 99.9 % dark matter से बनी हुई है |   वैज्ञानिकों को ये बात बेहद हैरान करने वाली लगी , कि आखिर कैसे किसी dark , यानी लगभग खाली galaxy का size milki way galaxy जितना हो सकता है !

वैज्ञानिकों जरा सा भी अंदाजा नहीं है कि आखिर कैसे ये Dragonfly 44 galaxy form हुई है ? और इससे पहले उन्होंने ऐसी galaxies को study तो किया था , मगर उनका size काफी छोटा ही था |

3. Elst-Pizarro

generally, asteroids और comets के बीच में difference पता लगाना आसान होता है | अक्सर asteroids , rock, metal और minerals आदि के ठोस पिंड होते हैं , जिन्हें आप inner solar system में , या mars और jupiter के बीच मौजूद, asteroid belt में देख सकते हैं |

Comets आमतौर पर ice और dust से मिलकर बने होते हैं , जो जैसे ही किसी hot body like sun के पास से गुजरते हैं , तो atmosphere में gas release करते हैं , जो किसी tail यानी पूँछ की तरह दिखाई देती है |

साल 1979 में , astronomers को asteroid belt में orbit करता हुआ , एक minor planet मिला , जो काफी हद तक किसी asteroid जैसा ही था | पर जब साल 1996 में , उस object को अच्छे से study किया , तो astronomers को उसमें cometry tail दिखाई दी , जो इसके comet होने की तरफ इशारा कर रही थी | इसके साथ ही उन्हें , इसकी surface पर icy यानी बर्फीला पदार्थ भी मिला |

इस Elst-Pizarro को लेकर वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि , शायद किसी collision की वजह से इस asteroid की subsurface पर ice आ गई हो , जो आगे चलकर धीरे धीरे हटने लगेगी , और ये अपने असली asteroid form में आ जाएगा | पर astronomers के बीच में इसको लेकर काफी arguments में अभी भी हैं , क्योंकि asteroid belt में भला कोई  comet कैसे exist कर सकता है !

और इसीको लेकर हो सकता है,  कि आगे आने वाले missions में , वैज्ञानिक इसी पहेली को सुलझाने की कोशिश करेंगे |

4. FRB 121102

वैसे तो astronomers को ब्रह्माण्ड में , कई तरह की अजीब और अनोखी चीजें मिलती ही रहती हैं म जिनके बारे में वो कुछ हद तक पता लगा भी लेते हैं | पर FRB यानी fast radio bursts, एक ऐसी चीज है , जिन्हें astronomers ने अभी तक , 30 बार detect तो किया है , पर उन्हें , इनके होनेका कोई कारण नहीं मिला है |

ये FRB , एक तरह के fast radio pulse signals होते हैं , जिनकी दूरी , कई  millions of light-years के बराबर  और duration, कुछ milliseconds तक की ही होती है |

वैसे  साल 2007 में ही सबसे पहला FRB signal detect कर लिया गया था , पर साल 2012 में , इस FRB 121102 को observe किया गया | इस FRB की ख़ास और हैरान करने वाली बात ये थी कि ये SAME FRB SIGNAL, ASTRONOMERS ने कई बार DETECT किया |

वैसे तो इनके SOURCE के बारे में ASTRONOMERS को कोई IDEA नहीं है , पर उनका मानना है , कि 3 BILLION LIGHT YEARS दूर , किसी छोटी सी GALAXY से ही निकल रहे हैं |  August 2017 में , मात्र एक दिन में ही ये FRB 121102 SIGNAL , 93 बार DETECT किया गया, जिसने ASTRONOMERS को हैरत में डाल दिया |

हालंकि , ASTRONOMERS को ये नहीं पता काहल पाया है , कि आखिर क्यों कुछ FRB सिर्फ एक बार GENERATE होते हैं और कुछ बार बार , पर उनका ऐसा भी मानना है , कि शायद इसके पीछे की वजह , कोई  HIGHLY ROTATING NEUTRON STAR , या BLACK HOLE में गिरते हुए MATERIALS हो सकते हैं |

 

5 . Tabby’s Star

 

हमारे UNIVERSE में,  एक ऐसा स्टार मौजूद है जो कि हर सेकेंड चमकता है और फिर चमकना बंद कर देता है, ये ठीक

एक डेकोरेशन एलईडी की तरह औन औफ होता रहता है। वैज्ञानिक इसके रहस्य को आजतक समझ नहीं सके हैं। 2011 में नासा के केपलर टेलिस्कोप ने इसे पहली बार देखा था, ये तारा असमान्य तरह से अपनी रोशनी को कम ज्यादा कर रहा था। वैज्ञानिको ने इसके इस अजीब बरताव को कई बार देखा पर वे इसे समझ ना सके।

कुछ वैज्ञानिक इसके इस अजीब बरताव के पीछे विकसित ऐलियन सभ्यता की  और इसारा कर रहे थे, तो कुछ का मानना था कि ये एलियंस द्वारा बनाया गया कोई विशाल मेगास्टक्रचर है जो कि हमारे सन जितना बड़ा है, और ये लोग उसकी ऐनेर्जी को लगातार खींच रहे हैं जिस वजह  से ये हर सेकेंड में अपनी लाइट को कम ज्यादा कर रहा है।

2011 में खोजे गये इस स्टार को टैवी स्टार से जाना जाता है। इस अजीब बरताब को फिर एक बार 2017 में फिर से देखा गया था, इस समय वैज्ञानिकों ने अपनी पूरी नजरे इस पर गढ़ा रखी थीं, 2017 में हुए अध्ययन से पला चला कि वास्तव में ये स्टार कोई एलियन मैगास्ट्रक्चर नहीं है,  बल्कि उसके पास मौजूद किसी बड़े पिंड की धूल के कारण हमें ये बार बार कम ज्यादा रोशनी में चमकता हुआ दिखाई देता है।

हो सकता है कि इस स्टार के पास कोई बड़ा ग्रह या चंद्रमा रहा हो, जो कि इसकी जबरदस्त ग्रेविटी के कारण, धूल बनकर अब इसके ही चक्कर लगा रहा है। फिलहाल पृथ्वी से ये तारा करीब 1470 लाइट ईयर दूर है जिस कारण कुछ भी कहना हमारे लिए जल्दी होगी।

 

 

 

 

 

 

 

Shubham

शुभम विज्ञानम के लेखक हैं, जिन्हें विज्ञान, गैजेट्स, रहस्य और पौराणिक विषयों में रूचि है। इसके अलावा ये पढ़ाई करते हैं।

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