पृथ्वी पर आपको हर उस चीज के बारे में जानने को मिलता है, जिसे कुदरत ने बड़े ही खास अंदाज से बनाया है। गिजा के पिरमिड से लेकर साइबेरिया के बर्फीले व बीहड़ इलाके, मैंने हर एक अद्भुत विषय के ऊपर आप लोगों को बताते आ रहा हूँ। परंतु मित्रों! ये सब विषय तो हमारी पृथ्वी तक ही सीमित थे, आज हम थोड़ा पृथ्वी से बाहर निकल कर अंतरिक्ष की और रुख करेंगे और जानेंगे क्वार्क-ग्लूऑन प्लाज्मा (quark gluon plasma in hindi) के बारे में। मुझे पूर्ण विश्वास हैं की, ये आप लोगों में से काफी कम लोगों को ही पता होगा। इसलिए मैंने आज इस विषय को ही चुना है, जिससे आप अंतरिक्ष के बारे में और जानकारी प्राप्त कर सकें।
साधारण भाषा में क्वार्क-ग्लूऑन प्लाज्मा (quark gluon plasma in hindi) को ब्रह्मांड की सबसे गरम चीज़ भी कहा जाता है। परंतु इसके पीछे छुपे राज के बारे में मैं आप लोगों को इसी लेख मे आगे बताऊंगा। इसलिए मेँ आप लोगों से अनुरोध करना चाहूँगा की, लेख को आरंभ से अंत तक पढ़िएगा ताकि अच्छे तरीके से आप इस विषय के बारे में हर एक बात को समझ व जान पाएँ।
खैर, लेख को अब आरंभ करते हैं और इसी गर्म चीज़ को बारीकी से धीरे-धीरे समझते हैं।
“Quark Gluon Plasma” किसे कहते हैं? – What Is Quark Gluon Plasma In Hindi :-
हर बार की तरह इस लेख में भी हम, सरलता के साथ क्वार्क-ग्लूऑन प्लाज्मा (quark gluon plasma in hindi) से जुड़ी मूलभूत बातों को सबसे पहले जानेंगे। जैसे की ये क्या है और ये कैसे बना है?
जैसा की आप लोग देख रहे होंगे की, “Quark Gluon” में मुख्य रूप से दो शब्द यानी “Quark” और “Gluon” मौजूद है। तो, हम सबसे पहले इन्हीं दो शब्दों के बारे में जानेंगे। “Quark” को अगर मेँ सरल भाषा में कहूँ तो, ये ब्रह्मांड में मौजूद हर एक पदार्थ का एक “मौलिक कारक/कण है” (Fundamental Bits Of Matter)। ठीक इसी तरह अगर मेँ “Gluon” के बारे में बात करूँ तो ये “Glue” शब्द से ही आया है जिसे की हम “गोंद” भी कहते हैं। गोंद का काम होता हैं दो चीजों को आपस में जोड़ना और ठीक इसी तरीके से “Gluon” दो “Quark” के कणों को आपस में जोड़ता है।
हालांकि! “Gluon” के बारे में और एक जरूरी बात ये भी है की, ये ब्रह्मांड के मौलिक बलों को एक से दूसरी जगह पर परिवाहित करने में इस्तेमाल होते हैं। इसलिए कई बार इनके अंदर आपको न्यूट्रान और प्रोटोन जैसे मौलिक कण भी दिखाई देंगे। वैसे मुख्य रूप से ग्लुऑन को आप क्वार्क के कणों को एक साथ जोड़ कर एक से दूसरी तक ले जाते हुए देखेंगे, जो की एक बहुत ही खास बात भी है, क्योंकि इस तरह के प्रक्रियाओं को आप ब्रह्मांड में अकसर नहीं देख पाते है।
वैसे आपको क्वार्क-ग्लुऑन के बारे में क्या लगता हैं, इसका ब्रह्मांड में क्या काम होगा?
आखिर कैसे बना “Quark Gluon Plasma” और ब्रह्मांड में इसका क्या काम है? :-
मैंने आप लोगों को कई बार कहा हैं की, ब्रह्मांड में कोई भी चीज़ बेवजह नहीं बनती है और क्वार्क-ग्लूऑन प्लाज्मा (quark gluon plasma in hindi) के बनने के पीछे भी कई सारे वजह रही होंगी। जिसके कारण ये आज हमारे ब्रह्मांड में बना होगा या बन रहा होगा। चलिये इसके बारे में भी हम जानते हैं, क्योंकि जितना भी जानो उतना ही कम है।
जब बिग-बैंग का धमाका हुआ, उस समय पूरे ब्रह्मांड में तहलका ही मच गया था। ब्रह्मांड के हर एक कोने में कुछ न कुछ घटना घट रही थी और इन्हीं घटनाओं के बीच एक घटना घट रही थी क्वार्क-ग्लुऑन प्लासमा की। मित्रों! बिग-बैंग के तुरंत बाद ही पूरा ब्रह्मांड में गर्म और धधकते हुए प्लासमा में भर गया था। इस प्लासमा के अंदर मौजूद हर एक कण काफी तेजी से (प्रकाश के गति के समान) इधर-उधर अंतरिक्ष में फैलते ही जा रहे थे। वैज्ञानिकों ने इसी गर्म और सघन तरल चीज़ को ही “क्वार्क-ग्लुऑन प्लासमा” का नाम दिया और ये इसी तरह ही अपने अस्तित्व में आया।
वैसे वैज्ञानिकों का और एक दल ये भी कहता हैं की जब हमारा ब्रह्मांड अपने प्रारंभिक अवस्था में पहुँच रहा था, तब चारों तरफ से सोने (Gold) और लीड (Lead) के परमाणु निकट आ कर अपने-अपने अंदर ही टकराने लगे। इससे काफी भारी मात्रा में ऊर्जा का विकिरण पूरे अंतरिक्ष में होने लगा। बाद में ये एक गरम “आग के गोले” में बदल गया, जिसको की वैज्ञानिकों ने “Fire Ball” का नाम दिया।
“Quark Gluon Plasma” का ब्रह्मांड में ये काम है! :-
जब क्वार्क-ग्लूऑन प्लाज्मा से (quark gluon plasma in hindi) “Fire Ball” का निर्माण हो गया, तब ये कुछ समय के लिए निष्क्रिय हो कर ठंडा होने लगा। इसी दौरान इसी से न्यूट्रान और प्रोटोन जैसे मौलिक कणों का निर्माण होने लगा। इसके बाद हमें आग के गोले से “Pions” और “Kaons” जैसे कणों को भी देखने को मिला। आखिर में वैज्ञानिकों को “एंटी-क्वार्क” भी इससे देखने को मिला। बता दूँ की, ये जीतने भी कण है इससे ही हमारा ब्रह्मांड बना हुआ हैं और ये हमारे ब्रह्मांड के आधारभूत मूल कण है।
वैज्ञानिकों को लगता हैं की, ये जीतने भी कण आग के गोले से निकले हैं, ये सब हैवि-आइओन के श्रेणी में आती है। उन्हें लगता हैं की, समय के साथ ये सब हैवि-आइओन आपस में टकराते हुए कई सारे चीजों को बनाने में सक्षम हुए होंगे। वैसे ये अभी तक तय नहीं हुआ हैं की, सिर्फ इसी “Fire Ball” से ही इन मौलिक कणों की उत्पत्ति हुई है। इसके अलावा भी कई ऐसे कारक रहें होंगे की, जिससे इन मौलिक कणों की उत्पत्ति हुई होगी।
वैसे और एक खास बात ये भी हैं की, “Fire Ball” से कई सारे “Jets Stream” को भी बाहर निकलते हुए देखा गया है। इन्हीं जेट्स स्ट्रीम के कारण ही क्वार्क-ग्लूऑन प्लाज्मा को न ही पूरे तरीके से गैस कहा जाता हैं और न ही पूरे तरीके से ठोस पदार्थ। इसे वैज्ञानिक “सघन तरल” पदार्थ के तौर से देखते है।
आखिर कितना गर्म होता है “Quark Gluon Plasma” ? :-
अब काफी सारे लोगों के मन में ये सवाल जरूर ही उठ रहा होगा की, आखिर ये जो “क्वार्क-ग्लूऑन प्लाज्मा (quark gluon plasma in hindi)” है जिसे की मैंने अब तक के ब्रह्मांड के सबसे गर्म चीज़ का खिताब भी दिया है, वो वास्तव में आखिर कितना गर्म है? तो, दोस्तों चलिये अब इसके जवाब के बारे में भी जान लेते है।
क्वार्क-ग्लूऑन प्लाज्मा की जो तापमान है वो लगभग “4 खरब डिग्री सेल्सियस से लेकर 6 खरब डिग्री सेल्सियस” तक है। ये चीज़ सूर्य के सतह से लगभग 100,000 गुना ज्यादा गर्म है। तो, आप सोच ही सकते हैं की, ये कितना गर्म होगा। खैर इस चीज़ से जुड़ी और एक खास बात ये भी हैं की, ये आज से लगभग 13.7 अरब साल पहले बनी हुई है (जो की हमारे ब्रह्मांड के उम्र के साथ भी समान है)। आज वैज्ञानिक इसके बारे में और अधिक तथ्य जुटाने में लगे हुए हैं।
परंतु इस बात को हम बिलकुल ही नजर अंदाज नहीं कर सकते हैं की, इसी “क्वार्क-ग्लूऑन प्लाज्मा से ही इलेक्ट्रॉन और प्रोटोन बने हुए हैं और बाद में ये परमाणु में तबदील हुए है। इन्हीं परमाणुओं के आपसी मिलन से ही आज हम इतने बड़े-बड़े आकाशगंगाओं को देख रहें है”। तो, “क्या हमने आखिर कार ब्रह्मांड के बनने के गुत्थी को सुलझा लिया हैं, या इस गुत्थी में और कई सारे मोड आने बाकी हैं”! आपको क्या लगता हैं? कमेंट कर के बताइएगा।
Sources :- www.home.cern.science, www.livescience.com.