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पृथ्वी के पास आ चुका है ब्रह्मांड का सबसे पावरफूल “कॉस्मिक रे”! – Powerful Cosmic Rays Near Earth

क्या आप इन शक्तिशाली "कॉस्मिक रे" के बारे में इन रोचक बातों को जानते हैं?

हमारा यह ब्रह्मांड काफी विशाल है, और इसके अंदर न जाने कितनी अनगिनत संभावनाएँ मौजूद हैं। इसी कारण अक्सर कहा जाता है कि हमें ब्रह्मांड के बारे में कुछ भी नहीं पता। क्योंकि इसके बारे में पूरी तरह से जानना हमारे लिए लगभग असंभव ही है। कई बार हमें इसके बारे में अलग-अलग जानकारियाँ मिलती रहती हैं, और इन्हें जानना हमारे लिए रोचक भी होता है। वैसे, आज हम जिस चीज़ के बारे में बात करने जा रहे हैं, उसके बारे में शायद ही आपने पहले कभी सुना होगा।

पृथ्वी के पास आ चुका हैं ब्रह्मांड का सबसे पावरफूल "कॉस्मिक रे"! - Powerful Cosmic Rays Near Earth
कॉस्मिक रे। | Credit: LiveScience.

मित्रों! आज के इस लेख में हम ब्रह्मांड की सबसे शक्तिशाली कॉस्मिक किरणों (Powerful Cosmic Rays near Earth) के बारे में बात करने वाले हैं। जी हाँ! आपने बिलकुल सही सुना। हम ऐसे कॉस्मिक किरणों के बारे में चर्चा करेंगे, जिनके बारे में आपको इंटरनेट पर शायद ही कहीं पढ़ने को मिले। क्योंकि यह विषय बहुत ही खास और असाधारण है। इस तरह की घटनाएँ लगभग सदियों में एक बार घटित होती हैं।

इसीलिए, आप सभी से अनुरोध है कि इस लेख को आरंभ से अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें, ताकि आपको इस विषय की बेहतर जानकारी मिल सके। तो चलिए, अब लेख में आगे बढ़ते हैं और इसके मुख्य विषय पर आते हैं।

ब्रह्मांड की सबसे शक्तिशाली “कॉस्मिक रे” मौजूद हैं पृथ्वी के पास! – Powerful Cosmic Rays Near Earth ! :-

शीर्षक पढ़कर किसी को भी हैरानी हो सकती है, और हैरान होना भी स्वाभाविक है, क्योंकि विषय ही कुछ ऐसा है। मित्रों, क्या आपको पता है कि ब्रह्मांड की सबसे शक्तिशाली कॉस्मिक किरणें (Powerful Cosmic Rays near Earth) पृथ्वी के आसपास ही मौजूद हैं? लेकिन इन किरणों के बारे में वैज्ञानिकों के पास कोई विस्तृत जानकारी या ठोस सबूत नहीं हैं, जिससे वे इन्हें पूरी तरह समझ सकें। इसी कारण यह विषय हमारे लिए और भी अधिक रोचक व रहस्यमयी बन जाता है। वैसे, इसके बारे में जानने के लिए हमें पारंपरिक सोच से अलग हटकर विचार करना होगा।

पृथ्वी के पास आ चुका हैं ब्रह्मांड का सबसे पावरफूल "कॉस्मिक रे"! - Powerful Cosmic Rays Near Earth
ब्रह्मांड की सबसे शक्तिशाली कॉस्मिक रे।  Credit: NASA

कुछ रिपोर्टों के अनुसार, इन रहस्यमयी घटनाओं को समझने के लिए हमें ब्रह्मांड में मौजूद स्वतः नष्ट होने वाले कणों के बारे में जानना होगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी पर पड़ने वाली अधिकांश कॉस्मिक किरणें (Cosmic Rays) सुदूर अंतरिक्ष से नहीं आतीं, बल्कि ये हमारे आसपास मौजूद डार्क मैटर से ही उत्पन्न होती रहती हैं। इनके उद्गम के बारे में अलग-अलग वैज्ञानिकों की भिन्न-भिन्न राय है। लेकिन यह सत्य है कि इन किरणों की उत्पत्ति हमारे आसपास से ही होती है।

आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि कॉस्मिक किरणें अंतरिक्ष में यात्रा करने वाले उच्च-ऊर्जा कणों (High-Energy Particles) से बनी होती हैं। ये मुख्य रूप से प्रोटॉन जैसे मौलिक कणों से निर्मित होती हैं और कई बार ये भारी धातुओं के नाभिक (Heavy Metal Nuclei) से भी बन सकती हैं। आकार में अत्यंत छोटे होने के बावजूद, ये अत्यधिक शक्तिशाली होती हैं।

क्यों खास हैं ये “कॉस्मिक किरणें“! :-

वैज्ञानिकों के अनुसार, इन कॉस्मिक किरणों (Powerful Cosmic Rays near Earth) के भीतर मौजूद कण लगभग प्रकाश की गति के बराबर गति से यात्रा करते हैं। रिपोर्टों के अनुसार, इनमें से सबसे शक्तिशाली कण के पास इतनी ऊर्जा होती है, जो हमारे द्वारा बनाए गए कण त्वरक (Particle Accelerators) से अरबों-खरबों गुना अधिक होती है। तो, आप स्वयं ही सोच सकते हैं कि ये कण वास्तव में कितने अधिक शक्तिशाली होते होंगे।

वैसे, मैं आपको यह भी बता दूँ कि कई सालों से वैज्ञानिक इन किरणों को समझने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

पृथ्वी के पास आ चुका हैं ब्रह्मांड का सबसे पावरफूल "कॉस्मिक रे"! - Powerful Cosmic Rays Near Earth
इन कॉस्मिक तरंगों का स्रोत क्या हैं? | Credit: Science.

जब भी ब्रह्मांड में कोई शक्तिशाली विस्फोट होता हैं, तब ये शक्तिशाली कॉस्मिक तरंगों के उत्पत्ति होते हैं। वैसे इन घटनाओं में सुपरनोवा, सितारों का आपस में मिल जाना या किसी भी पदार्थ का ब्लैक होल के द्वारा निगला जाना हो सकता हैं। हालांकि! इन सभी चीजों के बारे में पता होने के बाद भी, हमें आज भी इन शक्तिशाली कॉस्मिक तरंगों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं हैं। वैसे इन तरंगों के कई सारे उत्पत्ति स्थल हो सकते हैं, परंतु वो सब हम लोगों से काफी दूर हैं।

वैसे मेँ आप लोगों की अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, हाइ एनर्जि पार्टिकल्स ब्रह्मांड में ज्यादा दूर तक ट्रैवल कर नहीं पाते हैं। इसीलिए इनकी उत्पत्ति ये ही आस-पास ही होनी चाहिए। ऊर्जा में काफी ज्यादा होने के कारण ये पार्टिकल्स ज्यादा दूर तक ट्रैवल करते वक़्त काफी ज्यादा स्लो हो जाते हैं। इसलिए इनको कभी ज्यादा दूर तक ट्रैवल करते हुए देखा नहीं गया हैं।

जब भी ब्रह्मांड में कोई शक्तिशाली विस्फोट होता है, तब शक्तिशाली कॉस्मिक किरणों की उत्पत्ति होती है। ऐसी घटनाओं में सुपरनोवा विस्फोट, सितारों का टकराना, या किसी पदार्थ का ब्लैक होल द्वारा निगले जाना शामिल हो सकता है। हालांकि, इन सभी घटनाओं के बारे में जानकारी होने के बावजूद, हमें अब भी इन शक्तिशाली कॉस्मिक किरणों के बारे में बहुत कुछ पता नहीं है। इनके कई संभावित उद्गम स्थल हो सकते हैं, लेकिन वे सभी हमसे काफी दूर स्थित हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि उच्च-ऊर्जा कण (High-Energy Particles) ब्रह्मांड में बहुत अधिक दूरी तक यात्रा नहीं कर पाते। इसलिए, उनकी उत्पत्ति यहीं हमारे आसपास ही होनी चाहिए। चूंकि इन कणों की ऊर्जा अत्यधिक होती है, वे लंबी दूरी तय करने के दौरान धीरे-धीरे गति खोने लगते हैं। इसी कारण, इन्हें कभी बहुत अधिक दूरी तक यात्रा करते हुए नहीं देखा गया है।

ये तरंग हो सकती हैं काफी ज्यादा खतरनाक! :-

कुछ वैज्ञानिक यह भी मानते हैं कि इस प्रकार की कॉस्मिक किरणें (Powerful Cosmic Rays near Earth) हमारे लिए काफी खतरनाक हो सकती हैं, क्योंकि अत्यधिक ऊर्जा किसी भी चीज़ के लिए सुरक्षित नहीं होती। इसके अलावा, कुछ रिपोर्टों के अनुसार, इस तरह की उच्च-ऊर्जा किरणें (High-Energy Rays) डार्क मैटर से भी उत्पन्न हो सकती हैं। इसी कारण, ये किरणें हमारे लिए और भी अधिक घातक हो सकती हैं, क्योंकि हमें डार्क मैटर के बारे में अभी तक कुछ भी पता नहीं है। इसलिए, हम इन किरणों के बारे में सटीक रूप से कुछ भी नहीं कह सकते।

Dark Matter Photo.
डार्क मैटर। | Credit: Live Science.

कुछ सिद्धांत यह भी कहते हैं कि इस प्रकार के कण ब्रह्मांड के शुरुआती दिनों में बने थे और ये ब्रह्मांड के सबसे भारी कणों में गिने जाते हैं। एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि जब हमारे ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा था, तब इन कणों की उत्पत्ति हुई होगी। इसलिए, इनका वजन अन्य कणों की तुलना में काफी अधिक होता है। खैर, आप लोगों की इस विषय पर क्या राय है?
कमेंट करके हमें जरूर बताइए, ताकि हमें भी आपकी राय के बारे में पता चल सके।

ब्रह्मांड ज्यादातर डार्क मैटर से भरा हुआ है, लेकिन वैज्ञानिकों के पास अभी तक इसके बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं है। इसलिए, यदि इस प्रकार के कणों से बनी किरणें हमारे आसपास मौजूद भी हों, तो भी हमें इसका पता नहीं चल सकेगा। ऐसे कण अपने गुरुत्वाकर्षण बल के माध्यम से हमारे ब्रह्मांड को काफ़ी हद तक प्रभावित करते हैं। हालांकि, दो ऐसे कणों का एक साथ आना अत्यंत दुर्लभ होता है।

निष्कर्ष – Conclusion :-

आप लोगों को एक बहुत ही रोचक बात बता दूँ कि जब भी दो उच्च-ऊर्जा कण (High-Energy Particles) आपस में टकराते हैं, तो वे भीषण विस्फोट कर देते हैं। इस प्रक्रिया में अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा उत्सर्जित होती है। विज्ञान की भाषा में इन उच्च-ऊर्जा कणों को “Scalaron” कहा जाता है। ये कण काफी आसानी से शक्तिशाली कॉस्मिक किरणों (Cosmic Rays) को जन्म दे सकते हैं।

हालांकि, सामान्यतः ये कण एक-दूसरे से काफी दूरी बनाए रखते हैं, ताकि ब्रह्मांड में संतुलन बना रहे

Black Hole Photo.
ब्लैक होल का फोटो। | Credit: Science.

वैसे अगर इन दोनों ही पार्टिकल्स का कभी आमना-सामना हो गया तो, जाहिर सी बात है उस वक़्त वहाँ विनाश होना निश्चित है। हालांकि, एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इन कणों के गुण अधिकतर डार्क मैटर से मेल खाते हैं। इसलिए, कई बार इन्हें डार्क मैटर से जोड़ा जाता है। हालांकि! आज के समय में ये बस एक सिद्धांत हैं, परंतु सिद्धांतों को कई बार हम लोगों ने सच होते हुए भी देखा है।

वैसे कुछ वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि ऐसे उच्च-ऊर्जा कण (High-Energy Particles) विशाल आणविक बादलों (Molecular Clouds) के भीतर भी उत्पन्न हो सकते हैं, और इसके लिए डार्क मैटर की कोई आवश्यकता नहीं होती

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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