
इंसान अंतरिक्ष में कई रहस्यमयी चीज़ों की खोज कर रहा है, और उन सभी में एलियन जीवन भी एक बेहद रोमांचक विषय है।
मित्रों! शायद ही इस दुनिया में कोई ऐसा इंसान हो जिसे एलियंस के बारे में जानने में दिलचस्पी न हो। हर कोई इस विषय की ओर खुद-ब-खुद खिंचा चला आता है, क्योंकि यह विषय ही इतना रहस्यमय और आकर्षक है। यहाँ आपको अनगिनत संभावनाओं के बारे में जानने को मिलेगा, और साथ ही ऐसे अद्भुत तथ्यों की जानकारी भी होगी, जिनके बारे में आपने शायद ही पहले कभी सुना हो।

एलियन (James Webb Telescope finds alien life) हम इंसानों के लिए एक बहुत ही बड़ा टार्गेट हैं। और हमारे वैज्ञानिक इन्हें ढूंढने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। हालांकि, अब तक हमें कुछ ज़्यादा ठोस मिला नहीं था। परंतु जैसे ही जेम्स वेब ने अंतरिक्ष में हमारे लिए मोर्चा संभाला है, तब से हमें कई सारे अद्भुत चीजों के बारे में पता चलने लगा है। आए दिन इसके ऊपर दुनिया भर में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। और हमें कई सारे नए-नए चीजों के बारे में जानने को मिल रहा है।
तो, चलिए अब लेख में आगे बढ़ते हुए इसके असल विषय पर आते हैं और देखते हैं कि आखिर ये विषय असल में क्या है। बहरहाल, आप लोगों से अनुरोध है कि इस लेख को आरंभ से लेकर अंत तक जरूर पढ़िएगा, ताकि आप लोगों को ये विषय बहुत ही अच्छे तरीके से समझ में आ जाए।
विषय - सूची
जेम्स वेब ने ढूंढा एलियन! – James Webb Telescope finds alien life! :-
वर्तमान में छपे एक रिपोर्ट में हमें पता चला हैं कि, “K2-18b” नाम के एक ग्रह में एलियन (James Webb Telescope finds alien life) हो सकते हैं। जी हाँ! मित्रों, मेँ यहाँ एलियन्स की ही बात कर रहा हूँ। आप लोगों की अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, एलियन्स को हम आज से काफी समय पहले से ही ढूंढ रहें हैं। और ज़्यादातर हमारे पसंदीदा इलाके के2-18बी जैसे एक्सो-प्लैनेट्स ही होते हैं।मित्रों! ये जो ग्रह हैं, ये काफी समय से वैज्ञानिकों का सबसे लोकप्रिय एक्सपेरिमेंट साइट रहा हैं। क्योंकि यहाँ माना जाता हैं कि, ये ग्रह जीवन के पनपने के लिए काफी ज्यादा अच्छा हैं।

बताया गया है कि यह ग्रह एक लाल बौने तारे के पास मौजूद है, जो “Leo” तारामंडल के अंतर्गत आता है। यह तारामंडल पृथ्वी से लगभग 124 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। हालांकि, कुछ वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि वहाँ कोई भी इंसान नहीं रह सकता। वैसे भी, यह विषय आज भी कई प्रयोगों से होकर गुजर रहा है, इसलिए इसके बारे में अभी कुछ भी सटीक रूप से कहना मुश्किल है।
मित्रों! इस तरह की चीज़ें अक्सर कई वैज्ञानिकों के लिए भी बिल्कुल नई होती हैं। इसलिए इन पर गहराई से शोध किया जाना बहुत ज़रूरी है। वैसे यहाँ एक बात और है – इस तरह के एक्सोप्लैनेट्स पर जीवन के पनपने की संभावनाएँ सबसे ज़्यादा होती हैं। कुछ वैज्ञानिक तो यहाँ तक कहते हैं कि आज भी इस ग्रह के समुद्रों में जीवन मौजूद हो सकता है।
जो सुनने में तो बेहद रोमांचक लगता है, लेकिन इसके पीछे छिपे असली तथ्यों को जानना अभी भी एक बहुत बड़ी चुनौती है।
इसके बारे में क्या कह रहें हैं वैज्ञानिक! :-
अब जब एलियन (James Webb Telescope finds alien life) की बातें होना शुरू हो चुकी हैं, तो आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के कई वैज्ञानिक इस बात को सच मान रहे हैं। दरअसल, मेरा कहने का मतलब यह है कि इस एक्सोप्लैनेट पर वास्तव में जीवन मौजूद हो सकता है, और इस बात की पुष्टि कई शोधों से मिली रिपोर्ट्स ने भी की है। हालांकि, आज भी वैज्ञानिकों का एक गुट ऐसा है जो इस बात को मानने को तैयार नहीं है।

उनके अनुसार, जेम्स वेब ने जीवन से जुड़े इस ग्रह पर जितने भी सबूत इकट्ठा किए हैं, वे पूरी तरह विश्वसनीय नहीं हैं।
तो मित्रों, अब आप ही बताइए — क्या इस ग्रह पर सच में कोई एलियन सभ्यता बसी हो सकती है?
या फिर यह सब केवल एक थ्योरी है?
व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है कि इन ग्रहों पर एक बार गहन रूप से शोध होना चाहिए, ताकि हम इन ग्रहों के बारे में और भी बारीक जानकारियाँ प्राप्त कर सकें। साथ ही, आप लोगों की जानकारी के लिए बता दूँ कि इन ग्रहों के बारे में कुछ भी जानने के लिए काफी मेहनत और धैर्य की आवश्यकता होती है। इसलिए शायद आने वाले कुछ सालों में हमें इसके बारे में और बेहतर जानकारियाँ मिल सकें।
हबल से अलग, जेम्स वेब किसी ग्रह की सीधे तस्वीर नहीं ले सकता। इसके बजाय, यह अपने इन्फ्रारेड उपकरणों के ज़रिए ग्रह के रासायनिक संघटन (chemical composition) और उसकी सतह के बारे में बेहद बारीक जानकारियाँ प्रदान करता है।
इससे हम किसी भी ग्रह की सतह के नीचे होने वाली गतिविधियों का भी अंदाज़ा लगा सकते हैं।
जेम्स वेब और एक्सो-प्लैनेट्स! :-
मित्रों! आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि किसी भी एक्सोप्लैनेट पर रहने वाले एलियन (James Webb Telescope finds alien life) के बारे में जानने के लिए जेम्स वेब टेलीस्कोप उस टार्गेट ग्रह से होकर गुजरने वाली सितारों की रोशनी की तरंगों की तीव्रता में आने वाले बदलावों का विश्लेषण करता है। और यहाँ सबसे रोचक बात यह है कि इस टेलीस्कोप से मिलने वाली हर एक जानकारी लगभग काफी सटीक होती है।

अधिक जानकारी के लिए आपको बता दूँ कि K2-18b में Dimethyl Sulfide (DMS) और Dimethyl Disulfide (DMDS) जैसे कणों की मौजूदगी देखी गई है। बताया जाता है कि ये जैविक कण पृथ्वी पर छोटे-छोटे जीवन रूपों को अस्तित्व में लाने में सक्षम होते हैं। तो आप खुद ही सोच सकते हैं कि इन ग्रहों पर जीवन मिलने की उम्मीद कितनी ज़्यादा हो सकती है! हालांकि, वैज्ञानिकों को इस पर अब भी और अधिक गहराई से शोध करने की ज़रूरत है, क्योंकि यह एक बहुत ही नया और जटिल विषय है।
वैसे, एक बात यह भी है कि आज के समय में वैज्ञानिक अंतरिक्ष में मौजूद हज़ारों एक्सोप्लैनेट्स की लगातार निगरानी कर रहे हैं।
और सबसे खास बात यह है कि इनमें से ज़्यादातर ग्रहों पर जीवन के कुछ न कुछ संकेत ज़रूर मिले हैं। लेकिन हमें यह भी याद रखना होगा कि आने वाले समय में इस विषय पर और भी ज्यादा चर्चाएं होंगी, और तब जाकर हमें इसके बारे में कुछ ठोस जानकारी मिल पाएगी।
निष्कर्ष – Conclusion :-
एलियन्स (James Webb Telescope finds alien life) और इंसान की उत्सुकता — ये दो चीज़ें ऐसी हैं, जो हमेशा एक-दूसरे को अपनी ओर आकर्षित करती रहती हैं। मित्रों! हम चाहे जितनी भी कोशिश क्यों न कर लें, परंतु शायद हम इन एलियन्स को एक दिन खोज ही निकालेंगे। ज़्यादातर वैज्ञानिकों के अनुसार, ये जो ग्रह होते हैं, वे अपने सितारे के पास से बड़ी तेजी से गुजरते हैं। इसी वजह से इनके बारे में हम बड़ी आसानी से काफी कुछ जान सकते हैं। साथ ही, इनका ट्रांज़िट टाइम भी बहुत कम होता है, जिस कारण हमें James Webb टेलीस्कोप से बेहद सीमित डेटा में भी इनके बारे में काफी महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिल सकती हैं।

खैर, वर्तमान समय में वैज्ञानिकों को इस ग्रह पर विशेष ध्यान देना होगा और यह जांचना होगा कि इस ग्रह पर जो जैविक कण बन रहे हैं,
क्या वे प्राकृतिक (natural) हैं या नहीं। अगर इसका जवाब मिल जाता है, तो इससे हमें इस ग्रह की मौलिक जैविक संरचना (fundamental biological structure) के बारे में भी काफी कुछ जानने को मिल सकता है।
Source :- www.livescience.com