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क्या होती है ऊर्जा? जानिए ऊर्जा का सटीक विज्ञान – All About Energy Definition In Hindi

रोज गूगल खपत करती है इतनी ऊर्जा ,सुन कर हो जाएंगे हैरान!

मुख्य रूप से और व्यवहारिक तौर पर दुनिया दो चीजों से चलती है।  एक तो है पैसा और दूसरा है ऊर्जा (energy definition in hindi) | जी हाँ ! बिना किसी पूंजी और ऊर्जा के आप किसी भी काम को अंजाम नहीं दे सकते हैं | खाने से ले कर गाड़ी चलने तक हर किसी प्रक्रिया में ऊर्जा का निहित होना सौ प्रतिशत सुनिश्चित हैं। आप को अगर में पूछूं  की , एक ऐसे प्रक्रिया का नाम बतलाइए जिस में कोई ऊर्जा का उपयोग नहीं होता तो , आपका जबाव क्या होगा ? मेरे नजरिया से तो शायद ही आप इस प्रश्न का उत्तर दे पायेंगे।

ऊर्जा की पूरी कहानी - All About Energy Definition In Hindi.
ऊर्जा के रूप | Credit: Biotherm Energy.

खैर आप सभी लोगों ने ऊर्जा (energy definition in hindi) से जुड़ी बहुत कुछ बातें पहले से कहीं पढ़ी होगी , जैसे की आपके स्कूल में। परंतु दोस्तों यहाँ मेँ आपको बता दूँ की इस लेख में आपको ऊर्जा की संज्ञा (energy definition in hindi) से ले कर इस से जुड़ी कई रोचक बातों को भी पढ़ने का मौका मिलेगा | मैंने अपनी पूरी कोशिश की है की , आपको इस लेख के अंदर ऊर्जा से जुड़ी हर एक पहलू को अच्छे से समझा पाऊं | इसलिए आप से अनुरोध है की इस लेख को आरंभ से ले कर अंत तक धैर्य के साथ पढ़ें |

अब लेख में आगे बढ्ने से पहले मेँ थोड़ी सी और जानकारी दे दूँ की , मैंने इस लेख में पहले ऊर्जा से जुड़ी कई मूल भूत बातों का जिक्र किया है और उसके बाद इस से जुड़ी दिलचस्प बातों को बतलाया है ! इस से आपको इस लेख को समझने में और भी ज्यादा मदद मिल जाएगा | तो , चलिए अब लेख को शुरू करते हैं और ऊर्जा (energy definition in hindi) से जुड़ी बातों को जानते हैं |

ऊर्जा की परिभाषा क्या हैं ? – Definition Of Energy In Hindi ? :-

मेरे अन्य लेखों की ही तरह आज हम इस लेख की शुरुआत ऊर्जा  की परिभाषा (energy definition in hindi) से ही करेंगे | दोस्तों ! भौतिक विज्ञान में ऊर्जा से जुड़ी आपको कई सारे संज्ञा मिलेंगे , परंतु सबसे आसान और सबसे छोटी संज्ञा आपको मेँ यहाँ बताने जा रहा हूँ |

सरल भाषा में कहें तो , काम / कार्य करने की क्षमता को ही हम ऊर्जा कहते हैं “ |  इस संज्ञा को अच्छे से समझने के लिए चलिए एक उदाहरण को ले लेते हैं | मान लीजिए आप एक 10 kg वजन के पानी से भरा बाल्टी को उठा सकते हैं और आपका दोस्त एक 20 kg वजन के पानी से भरा बाल्टी को उठा सकता हैं | तो , यहाँ पर उठाने को अगर हम एक काम / कार्य के हिसाब से लें तो , आपका दोस्त ऊर्जा के दृष्टिकोण से आपसे ज्यादा ताकतवर हैं | इसकी वजह यह है की , वह 20 kg वजन के बाल्टी को उठा सकता है और आप सिर्फ 10 kg वजन वाले बाल्टी को ही उठा सकते हैं |

मैंने यहाँ पर आपको एक छोटी सी उदाहरण के जरिए ऊर्जा की संज्ञा को बतलाया है , परंतु यह सिर्फ एक मौलिक संज्ञा है | इसके उपरांत भी आपको ऊर्जा की कई सारे जटिल संज्ञा मिल सकते हैं , जो की हम लेख के आने वाले हिस्सों में समझेंगे |

आपको यहाँ और एक बात की जानकारी होनी चाहिए की , ऊर्जा (energy definition in hindi) हमेशा से ही बाहरी बल के द्वारा ही उत्पन्न होता हैं |

ऊर्जा की पूरी कहानी - All About Energy Definition In Hindi.
गतिज और स्थितिज ऊर्जा | Credit : Slide Player.

ऊर्जा के भेद – Types Of Energy :-

अगर आप गौर से पृथ्वी और प्रकृति के ऊपर नजर दौड़ाएंगे तो , आपको पता चलेगा की हर एक प्रक्रिया के होने के पीछे ऊर्जा की कोई न कोई एक रूप अवश्य ही निहित होता हैं | इसलिए आपको अपने आसपास ऊर्जा के कई सारे भेद (types of energy) देखने को मिलेंगे |

मूल रूप से भौतिक विज्ञान में ऊर्जा को दो प्रकारों के अंदर बांटा गया हैं , परंतु आपको इसके कई सारे रूप देखने को मिलेंगे | तो , चलिए लेख में आगे बढ़ते हुए ऊर्जा (energy definition in hindi) के इन भेदो तथा रूपों के बारे में जानते हैं |

1. गतिज ऊर्जा / शक्ति – Kinetic Energy :-

समय और दुनिया हमेशा से ही चलता ही चला जा रहा हैं | अंतरिक्ष भी अपने आप में स्थिर नहीं है , यह भी हर वक़्त एक से दूसरे जगह गति कर रहा हैं | तो , पृथ्वी पर भी हर एक वस्तु गतिज अवस्था में हैं | खैर यहाँ मेँ मूल रूप से गतिज शक्ति (kinetic energy) के बारे में जिक्र करूंगा |

गतिज ऊर्जा ; वह ऊर्जा है जो की किसी भी वस्तु या पदार्थ के अंदर उसके गति के कारण उत्पन्न होता हैं | अगर किसी वस्तु के ऊपर बाहरी बल प्रयोग कर के उसे और भी ज्यादा गति प्रदान किया जाए तो , उस समय उस वस्तु के अंदर गतिज ऊर्जा की बढ़ौत्रि होती हैं |

इसके अलावा मेँ आपको और भी बता दूँ की मूल रूप से गतिज ऊर्जा (kinetic energy) वस्तु व पदार्थ के वजन के ऊपर निर्भर करता हैं | जिस वस्तु का वजन जितना ज्यादा होगा , वह वस्तु एक से दूसरे जगह जाने के लिए उतना ही ज्यादा ऊर्जा की मांग करेगा | इसके अलावा गतिज ऊर्जा कई वस्तु के अंदर होने वाले कंपन से भी उत्पन्न हो सकता हैं | कंपन या अन्य किसी ऊर्जा के रूप से उत्पन्न होने वाले गतिज शक्ति को ट्रांसलेशन एनर्जि” भी कहते हैं |

गतिज ऊर्जा से जुड़ी मूलभूत बातें :-

मित्रों ! गतिज ऊर्जा (kinetic energy) वजन के साथ-साथ वस्तु के वेग (velocity) पर भी निर्भर करता हैं | इसलिए अगर किसी वस्तु का वेग दूसरे वस्तु के वेग से ज्यादा हैं तो , उसका गतिज ऊर्जा भी उसी हिसाब से ज्यादा होगा |

आम तौर पर गतिज ऊर्जा को समझने के लिए इस समीकरण को इस्तेमाल किया जाता हैं :- 1/2 mv^2

मेँ आपको यहाँ और भी बता दूँ की ऊपर दिया गया समीकरण दो वस्तुओं के वेगों को ले कर ही उपयोग में लिया जा सकता हैं | यहाँ वस्तुओं का वेग प्रकाश के गति से ज्यादा नहीं होना चाहिए | अगर किसी भी वस्तु का वेग प्रकाश के गति से ज्यादा हो जाता है तो, वहाँ रेलेटिव कैनेटिक एनर्जि का समीकरण इस्तेमाल किया जाएगा |

इसके अलावा अगर कोई वस्तु कोणीय गति (angular velocity) में है , तो वहाँ उस वस्तु के गतिज शक्ति को निकालने के लिए इस समीकरण का प्रयोग किया जाएगा – 1/2 IW^2 .

यहाँ I का मतलब वस्तु का इनेर्सिया (जड़ता) है और W का मतलब वस्तु का कोणीय वेग हैं |

दोस्तों आप भी ऊपर दिये गए दोनों समीकरणों को इस्तेमाल कर के किसी भी वस्तु का गतिज ऊर्जा आसानी से निकाल सकते हैं |

2. स्थितिज ऊर्जा / शक्ति – Potential Energy :-

मित्रों ! स्थितिज ऊर्जा (potential energy) एक ऐसी ऊर्जा है जो की आपको बहुत ही ज्यादा हैरानी में डाल देगी | मुख्य रूप से यह ऊर्जा किसी भी वस्तु के अंदर उसके स्थान के अनुसार मौजूद रहता हैं |

अगर सरल भाषा में कहें ; तो स्थितिज ऊर्जा वह ऊर्जा है जो की वस्तु के अंदर उसके स्थिर अवस्था में मौजूद रहता हैं | यह ऊर्जा वस्तु के अंदर तनाव , चार्ज या किसी अंदरूनी बल के रूप में मौजूद रह सकती हैं | इस ऊर्जा की यह एक विशेषता है की , बिना किसी बाहरी बल के भी यह वस्तु के अंदर मौजूद रह सकती हैं |

स्थितिज शक्ति (potential energy) को अच्छे से समझाने के लिए चलिए एक उदाहरण ले लेते हैं | आपने स्प्रिंग तो देखा ही होगा | तो , अब सुनिए स्प्रिंग जब अपने साधारण अवस्था में रहता है ; तब उसके अंदर मौजूद स्थितिज शक्ति मात्रा दबे हुए (compressed) स्प्रिंग के मुक़ाबले काफी ज्यादा होती है |

इसके अलावा अगर हम किसी वस्तु को पृथ्वी के सतह से जितना ज्यादा ऊपर ले जाएँ उतना ही ज्यादा वस्तु के अंदर स्थितिज ऊर्जा की मात्रा बढ़ता ही रहेगा | मूल रूप से स्थितिज ऊर्जा ( energy definition in hindi) वस्तु के स्थान तथा पृथ्वी के सतह से इसकी ऊंचाई पर निर्भर करता हैं |

स्थितिज ऊर्जा से जुड़ी कुछ मूलभूत बातें :-

मित्रों ! अगर आपको किसी भी वस्तु का स्थितिज ऊर्जा निकालना है , तो आपको इस समीकरण का इस्तेमाल करना पड़ेगा :- mgh .

वहाँ “m” वस्तु के वजन ,”g” ग्रेविटेसनल कोंस्टंट और “h” वस्तु की पृथ्वी के सतह से इसकी ऊंचाई को सूचित करता हैं |

इसके अलावा आपको स्थितिज शक्ति के कई सारे रूप देखने को मिलेंगे | घरों के अंदर इस्तेमाल किया जाने वाला कैपेसिटर के अंदर भी स्थितिज शक्ति काम करता हैं | यहाँ पर स्थितिज ऊर्जा का रूप थोड़ा सा बदल कर रासायनिक ऊर्जा के तौर पर मौजूद रहता हैं |

अगर आपको स्थितिज ऊर्जा का अन्य रूप देखना है , तो आप न्यूक्लिअर एनर्जि को ही देख लीजिए | यह भी एक प्रकार से स्थितिज ऊर्जा का ही रूप हैं | खैर न्यूक्लिअर एनर्जि से याद आया की मैंने इस से संबंधित एक लेख पहले से ही लिखा हैं | इस लेख के अंदर आपको इस से जुड़ी कई सारे मूलभूत बातें तथा रोचक बातों को पढ़ने का मौका मिलेगा | तो , अगर आप भी मेरी तरह विज्ञान से जुड़ी रोचक लेखों को पढ़ना चाहते हैं तो , एक बार इस लेख को जरूर ही देखिएगा |

मित्रों ! ऊर्जा (energy definition in hindi) कभी भी खत्म नहीं होता , यह एक से दूसरे अवस्था में परिवर्तित होता हैं | इसी कारण से स्थितिज ऊर्जा भी एक से दूसरे अवस्था में परिवर्तित होता हैं | आमतौर पर स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में भी परिवर्तित हो जाता हैं | इसके अलावा यह यांत्रिक ऊर्जा तथा घर्षण बल के रूप में भी परिवर्तित हो सकता हैं |

पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल सीधे-सीधे तरीके से स्थितिज ऊर्जा को काफी मात्रा में प्रभावित कर त हैं , इसलिए वस्तुओं की स्थितिज ऊर्जा बाहर करते समय गुरुत्वाकर्षण बल का भी काफी ध्यान रखा जाता हैं |

Google consumption of energy.
गूगल के ऊर्जा की खपत | Credit : Business Renewable.
ऊर्जा के अन्य रूप :-

मैंने ऊपर ही ऊर्जा से जुड़ी (energy definition in hindi) दो मुख्य भेदो का जिक्र किया हैं | परंतु दोस्तों इस के अलावा भी ऊर्जा के अन्य बहुत प्रकार के रूप हैं | खैर मेँ आपको यहाँ बता दूँ की गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा मूल रूप से ऊर्जा की यांत्रिक रूप में आती हैं | तो , चलिए आगे ऊर्जा के अन्य रूपों को भी जान लेते हैं |

1. ताप ऊर्जा – Thermal Energy :-

मित्रों ! यह एक प्रकार से सबसे साधारण और सरल ऊर्जा का रूप हैं | इस में एक वस्तु के अंदर ऊर्जा का संचार उस वस्तु के अंदर मौजूद ताप के कारण होता हैं | उदाहरण के लिए आप एक गरम चाय की कप को ही ले सकते हैं | यहाँ गरम चाय ताप ऊर्जा की संचार कर रही हैं |

2. परमाणु ऊर्जा – Nuclear Energy :-

मैंने आपको ऊपर ही इस ऊर्जा के बारे में थोड़ी सी जानकारी दे दिया हैं | परंतु फिर भी चलिए इस के बारे में थोड़ा और जान लेते हैं | यह ऊर्जा नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय विलय के दौरान उत्पन्न होता हैं | इसलिए इसको न्यूक्लिअर एनर्जी कहते हैं | मित्रों ! यह एक प्रकार से नवीकरण योग्य ऊर्जा का स्रोत हैं | इसलिए हम जब चाहें , जैसे भी चाहें इसे इस्तेमाल कर सकते हैं | हालाँकि ! न्यूक्क्लिअर एनर्जी को इस्तेमाल करते वक़्त काफी ज्यादा सावधानी रखनी पड़ेगी |

यह ऊर्जा का स्रोत हमें भविष्य में काफी ज्यादा मदद करने वाला हैं | आपका ऊर्जा के इस स्रोत के ऊपर किया राय हैं , जरूर बताइएगा |

3. रासायनिक ऊर्जा – Chemical Energy :-

ऊर्जा (energy definition in hindi) के कई सारे रूप और स्रोत हैं , परंतु सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और सबसे अधिक जरूरत पड़ने वाली ऊर्जा के रूप का नाम है रासायनिक ऊर्जा | रासायनिक ऊर्जा के बिना न ही हमारा शरीर चलेगा और न ही हमारी कोई उपकरण | तो , यहाँ सवाल उठता है की आखिर कैसे यह ऊर्जा उत्पन्न होता हैं ?

मूल रूप से रासायनिक ऊर्जा रासायनिक प्रक्रियाओं के द्वारा उत्पन्न होता हैं | उदाहरण के लिए आप शरीर के अंदर होने वाले जैव-रासायनिक प्रक्रियाओं को ही ले लीजिए | जैव-रासायनिक प्रक्रियाओं से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा हमारे शरीर के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं | इसके बिना हम जिंदा ही नहीं रह सकते हैं |

4. इलेक्ट्रो-मेग्नेटिक ऊर्जा (Electromagnetic Energy) :-

यह ऊर्जा इलेक्ट्रो-मेग्नेटिक तरंग और इलेक्ट्रो-मेग्नेटिक प्रकाश से उत्पन्न होता हैं | मित्रों आप इस ऊर्जा के रुप को एक्स-रे , गामा रे , यूवी रे आदि रैडिओ एक्टिव तरंगों के अंदर देख सकते हैं | इन तरंगों को काफी प्रकारों में इस्तेमाल किया जाता है |

5. गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा (Gravitational Energy) :-

ऊर्जा का यह रूप तो हर किसी को पता हैं | इस के बिना तो शायद पृथ्वी पर जीवन का संज्ञा ही न मिलता | आपको अगर पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण बल के ऊपर थोड़ा परिचय चाहिए तो , सुनिए |

इस ब्रह्मांड में मौजूद हर एक वस्तु दूसरे वस्तु को अपनी तरफ आकर्षित करता हैं | खैर यहाँ पर आकर्षण बल वस्तुओं के वजन पर काफी ज्यादा निर्भर करता हैं | इसलिए जिस वस्तु का वजन जितना अधिक होगा उस वस्तु के साथ गुरुत्वाकर्षण बल भी उतना ज्यादा अपना प्रभाव दिखाएगा |

मित्रों ! गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही पृथ्वी का वायुमंडल अपनी जगह पर स्थिर हैं |

A cup of tea.
आप भी पैदा कर सकते हैं ऊर्जा | Credit : UCL.

ऊर्जा से जुड़ी कुछ चौंका देने वाली तथ्य – Most Surprising Energy Facts :-

मैंने यहाँ पर ऊर्जा (energy definition in hindi) से जुड़ी कुछ ऐसे तथ्यों का जिक्र किया हैं ; जिसके बारे में शायद ही आपने कभी सुना होगा | तो , चलिए एक नजर इस पर भी डाल लेते हैं |

1. बल्ब के अंदर जाने वाली 90% बिजली बर्बाद हो जाती हैं :-

जी हाँ ! आपने शीर्षक सही पढ़ा हैं | आपके घरों के अंदर अगर पुराने जमाने का बल्ब लगा हैं , तो यह बात बिलकुल सत्य हैं | पुराने जमाने में इन बल्ब के अंदर काफी ज्यादा ऊर्जा की खपत होती थी | इन बल्ब के अंदर जाने वाली 90% बिजली ताप ऊर्जा में परिवर्तित हो कर चली जाती थी | बाकी बची 10% बिजली बल्ब को जलाने में मदद करती थी |

2. दुनिया की सबसे बड़ी पावर कट कब और कहाँ हुई थी ! :-

भारत में तो अकसर आपको पावर कट देखने को मिलता ही हैं , परंतु दोस्तों आपको क्या पता है ! दुनिया की सबसे बड़ी पावर कट किस देश में हुआ था | दोस्तों ! साल 2004 अमरीका में दुनिया का सबसे बड़ा पावर कट हुआ था | यह पावर कट अमरीका से ले कर कनाडा तक फैला हुआ था | इस पावर कट के कारण करीब-करीब 5 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे |

3. भविष्य में इतनी बढ़ जाएगी ऊर्जा की खपत ! :-

आपको अब यह तथ्य सुनकर यकीन नहीं आएगा , परंतु यह तथ्य बिलकुल सत्य हैं | एक सोध से पता चला है की आने वाले समय में इंसान ऊर्जा को काफी ज्यादा इस्तेमाल मेँ लाएगा | 2008 से 2030 तक विश्व में ऊर्जा की खपत करीब-करीब 55% बढ़ने वाला हैं | वाकई में इंसान क्या-क्या करने वाला हैं यह तो खुद इंसान को भी पता नहीं हैं |

4. रोज गूगल खपत करती है इतनी मात्रा में ऊर्जा , सुनकर हो जाएंगे हैरान ! :-

दुनिया की सबसे बड़ी कंपनीयों के अंदर गिना आने वाला गूगल , रोज अपने कामों के लिए काफी भारी मात्रा में ऊर्जा की खपत करती हैं | पूरे दुनिया के 0.013% ऊर्जा की खपत खुद गूगल करती हैं | एक शोध से पता चला है की रोजाना जितना गूगल ऊर्जा की खपत करता है , उतनी ऊर्जा से 20,000 घरों को आसानी से वर्षों तो चलाया जा सकता हैं |

आपने कभी ऐसे तथ्यों के बारे में पहले कभी सुना था ? जरूर ही बताइएगा |

5. लगातार 8 सालों तक चिल्लाने से होगा एक चमत्कार ! जानिए क्या ? :-

शीर्षक पढ़ कर थोड़ा अटपटा तो आपको लगा ही होगा | आखिर मेँ किस चमत्कार के बारे में बात कर रहा हूँ ! जानना चाहते हैं , तो लेख को आगे पढ़ते रहिए |
मित्रों ! अगर आप लगातार 8 साल 7 महीने और 6 दिन लगातार चिल्लाते रहेंगे , तो आप एक चाय की कप को गरम करने में लगने वाली ऊर्जा को पैदा कर सकते हैं जो की एक चमत्कार से कम नहीं | जी हाँ ! लगातार साढ़े 8 साल तक | इसलिए ऊर्जा (energy definition in hindi) का संरक्षण बहुत ही जरूरी हैं | आप अभी से ही इसको संरक्षित करने का ऊपर ढूंढिए , क्योंकि हमें देरी होने से पहले इसे जितना हो सके बचाना हैं |

आने वाले समय में ऊर्जा की काफी ज्यादा कमी दिखाई पड़ने वाली है | 2050 तक पारंपरिक ऊर्जा के स्रोतों का अस्तित्व खतरे में आ जाएगा | तो , हमें अभी से जागना पड़ेगा |


Sources – Factretriever.com , Thoughtco.com , Britannica.com , Northwestern .edu

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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