हमारे सौर-मंडल में यदि कोई ऐसी जगह हो, जहां हम जाना पसंद करेंगे, तो शायद कुछ लोगों का उत्तर सूर्य होगा। सूर्य इसलिए कि यह हमारे सौर-मंडल का केंद्र है और यहीं से ऊर्जा का उत्सर्जन पूरे अंतरिक्ष में होता है। हालाँकि, सूर्य के बिना हमारा सौर-मंडल अधूरा है। इसलिए कई वैज्ञानिक (Nasa’s Parker Solar Probe) सूर्य पर शोध करते रहते हैं। इसी तरह, हमने भी कई शोध किए हैं और आज नासा इससे जुड़े कई महत्वपूर्ण मिशनों को अंजाम दे रहा है। क्योंकि सूर्य से हमें ब्रह्मांड के कई जटिल सवालों के उत्तर मिल सकते हैं, इसलिए ये सभी मिशन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
वैसे मित्रों! सूर्य (NASA’s Parker Solar Probe) के बारे में एक खास बात यह है कि इसके ऊपर शोध करना उतना आसान नहीं है, जितना हम सोच रहे हैं। सूर्य की सतह इतनी खतरनाक है कि वहाँ जाना तो दूर, उसके बारे में सही से कल्पना करना भी मुश्किल है। इसलिए कहा जाता है कि सूर्य को समझने के लिए हमें अपनी तकनीक को और भी ज्यादा उन्नत और बेहतर बनाना होगा, ताकि हम सूर्य के पास पहुँचकर कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ जुटा सकें।
यही वजह है कि आज नासा का एक प्रोब, “पार्कर”, सूर्य के बेहद करीब पहुँच चुका है। यह प्रोब सूर्य के काफी नजदीक जाकर काम कर रहा है और इसके बारे में पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है।
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नासा पहुँचने वाला है सूर्य के पास! – Nasa’s Parker Solar Probe! :-
जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, नासा हमारे सूर्य (NASA’s Parker Solar Probe) के बारे में जानने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहा है। इसके लिए उसने अपने प्रोब “पार्कर” को तैयार कर दिया है। दरअसल, इस क्रिसमस पर नासा का सोलर प्रोब “पार्कर” सूर्य के बेहद करीब से होकर गुजरेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह मानव निर्मित पहला ऐसा प्रोब होगा, जो सूर्य के इतने करीब से होकर गुजरेगा।
वैसे, कई लोगों का यह भी कहना है कि यह प्रोब सूर्य के इतने करीब से होकर गुजरेगा कि वह लगभग उसे छूकर आने जैसा अनुभव देगा।
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह प्रोब सूर्य के इतने करीब जाएगा कि वह बुध से लगभग 8 गुना ज्यादा नजदीक होगा, जो अपने-आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। वैसे, आप लोगों का क्या विचार है? क्या यह प्रोब आने वाले समय में इतिहास रचने वाला है? अपने कमेंट्स में जरूर बताइए।
इसके अलावा, एक रोचक तथ्य यह भी है कि जब यह प्रोब सूर्य के पास से होकर गुजरेगा, तो इसकी गति अत्यंत तेज होगी। कहा जा रहा है कि उस समय यह मानव निर्मित सबसे तेज़ अंतरिक्ष यान बन जाएगा।
हालांकि, अगले 12 महीनों में यह प्रोब सूर्य के पास से कई बार गुजरेगा, लेकिन क्रिसमस के दिन यह सबसे करीब से सूर्य के पास से गुजरने वाला है। वाकई दोस्तों, यह पल मानव इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होगा, क्योंकि ऐसी घटनाएँ बहुत दुर्लभ होती हैं और सदियों में शायद एक बार ही घटित होती हैं।
आखिर क्यों खास है ये मिशन! :-
अब आप लोगों के मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर यह मिशन इतना खास क्यों है। तो मित्रों, मैं आपको बता दूं कि इस तरह के सोलर प्रोब मिशन (NASA’s Parker Solar Probe) को अंजाम देने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सूर्य पर किसी भी मिशन को पूरा करना सौर-मंडल में होने वाले अन्य सभी मिशनों की तुलना में कहीं अधिक कठिन होता है।
इसके अलावा, आपको जानकर हैरानी होगी कि सोलर मिशन बहुत ही कम बार होते हैं, और इन्हें अंजाम देने वाले देश भी दुनिया में बहुत गिने-चुने हैं। इसलिए, “पार्कर सोलर प्रोब” जैसे मिशन न केवल तकनीकी रूप से अद्वितीय हैं, बल्कि इनका वैज्ञानिक महत्व भी अपार है।
2018 में पार्कर प्रोब को अन्तरिक्ष में लौंच किया गया था और इस मिशन का असल लक्ष सूर्य के वातावरण के बारे में जानना था। साथ ही सूर्य के “Corona” के बारे में भी अधिक से अधिक जानकारी जुटाना था। वैसे इस मिशन की सबसे रोचक बात ये हैं कि, ये मिशन सूर्य के पास से हो कर गुजरने वाली थी। जो की आज तक के स्पेस इतिहास में कभी भी नहीं हुआ हैं। बताते हैं कि, पार्कर ने साल 2021 में ही सूर्य के बहुत ही नजदीक जा कर एक रिकॉर्ड ही कायम कर दिया था। इसके लिए प्रोब को काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ी थी।
वैज्ञानिकों के अनुसार प्रोब को सूर्य के पास जाने के लिए, खुद सूर्य और शुक्र के कई चक्कर काटने पड़े थे। ताकि धीरे-धीरे प्रोब को वो स्पीड मिल सके जिससे वो सूर्य के वातावरण में दाखिल हो सके। मित्रों! यहाँ एक दिलचस्प बात ये हैं कि, किसी भी प्रोब को सूर्य के पास हम सीधे लौंच नहीं कर सकते हैं। क्योंकि सूर्य का वातावरण काफी एक्सट्रीम हैं।
सूर्य और सोलर प्रोब “पार्कर” :-
पार्कर (Nasa’s Parker Solar Probe) जैसे सोलर प्रोब आज के जमाने में बहुत ही कम हैं। इस प्रोब की सबसे बढ़ी खासियत ये हैं कि, ये काफी लंबे समय से सूर्य के पास मौजूद हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार आज तक इसने लगभग 21 सोलर स्लिंगशॉट लगा चुका हैं और ये एक बहुत ही बड़ी बात हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार ये सोलर प्रोब सूर्य के सतह से लगभग 72 लाख किलोमीटर तक के दूरी तक पहुँच चुका हैं। जो कि, मानव इतिहास में एक नई पहल हैं। इससे पहले कोई भी मानव निर्मित चीज़ सूर्य के इतनी नजदीक नहीं गया हैं।
साथ ही साथ ये मानव निर्मित सबसे तेज ऑब्जेक्ट भी बन चुका हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार अन्तरिक्ष में इसकी रफ्तार लगभग 700,000 km/h की हैं। तो, मित्रों! अब आप खुद ही सोचिए की ये प्रोब हम इन्सानों के लिए कितनी ज्यादा खास और अहम हैं। क्योंकि इसके जैसे स्पेस-क्राफ्ट आप लोगों को शायद ही कभी देखने को मिलते होंगे। वैसे यहाँ एक खास बात ये भी हैं कि, ये प्रोब लगातार 1400 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा के तापमान को सहता हुआ आ रहा हैं। जो कि, अपने-आप में ही एक अलग ही रिकॉर्ड हैं।
वैसे एक बात ये भी हैं कि, पार्कर सोलर प्रोब कोई आम सोलर प्रोब नहीं हैं। इसके ऊपर लगभग कभी न खराब होने वाले हिट-शील्ड लगे हुए हैं। जो की इसे हमेशा सूर्य के कहर से बचाते हैं। कई वैज्ञानिक पार्कर के सूर्य के नजदीक जाने को, इन्सानों के 1969 मून लैंडिंग के साथ भी तुलना कर के देख रहें हैं। जो की, अपने-आप में ही एक बहुत ही बड़ी बात हैं।
निष्कर्ष – Conclusion :-
पार्कर (Nasa’s Parker Solar Probe) अपने मिशन के अंतिम चरणों में पहुँच चुका हैं। और वैज्ञानिकों के अनुसार ये अपना आखिरी सोलर स्लिंगशॉट नवम्बर में पूरा कर चुका हैं, जिसमें उसे शुक्र के चारों तरफ चक्कर लगाकर सूर्य की और बढ़ना होता हैं। इससे ये अपने-आप के ही बनाए गए स्पीड के रिकॉर्ड को भी तोड़ सकता हैं। क्योंकि स्लिंगिंग से उसे ग्रैविटी के द्वारा एक एक्सट्रा ऊर्जा मिलने वाला हैं। जिससे वो बहुत ही आसानी से सूर्य के और भी नजदीक हो सकेगा।
साथ ही सोलर प्रोब सूर्य के कोरोनल एमिशन के टाइम इसके पास पहुँचने वाला हैं। जिससे हमें काफी समय से अज्ञात कोरोनल सेल्फ-हीटिंग प्रक्रिया के बारे में भी काफी कुछ पता चल सकता हैं। यहाँ एक रोचक बात ये भी हैं कि, साल 2025 सूर्य के सोलर साइकल का पीक पीरियड होगा। जहां हम लोगों को सूर्य के ऊपर काफी कुछ होता हुआ नजर आएगा। इसलिए इस समय पर किसी भी सोलर प्रोब के लिए वहाँ मौजूद होगा एक बहुत ही बड़ी बात होगी।