इंसान की आज औसतन आयु पिछले कई सदियों से धीरे-धीरे बढ़ कर लगभग 68-72 वर्षों तक पहुँच चुकी है। वैसे आयु में हुई इस वृद्धि का कारण आयुष विज्ञान हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए आधुनिकरण की वजह से हमने अपने जीवन की सीमा को काफी हद तक बढ़ा लिया है। इसके चलते हमने अपने लिए वेंटिलेटर जैसे नए-नए उपकरण बनाये तथा कई सारे दवाइयां भी बनाईं। जिनकी मदद से पोलियो तथा चेचक जैसी कई महमारियों के ऊपर भी हमने जीत हासिल कर ली। परंतु “Psychedelic” (Science Behind Psychedelic) जैसी कुछ ऐसे भी दवाइयां हैं जो की इंसानों के द्वारा बेहद ही अजीब और अनोखे कामों के लिए इस्तेमाल की जाती हैं और इनका गंभीर बिमारियों से दूर दूर तक कोई नाता नहीं होता है।
Psychedelic (Science Behind Psychedelic) दवाइयों के बारे में आज हम लोग इस लेख में जानेंगे, तथा यह कैसे काम करता हैं और किस तरह ये इंसानी दिमाग को कुछ समय के लिए एक बहुत ही अभूतपूर्व अनुभव का अनुभूति दिलाता है। वैसे आगे बढ्ने से पहले एक बात आप लोगों को मेँ बता दूँ की, अपनी क्षण भर की खुशी या मौज के लिए किसी भी दबाई का सेवन तथा गलत उपयोग करना आपके शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक है। इसलिए मैं किसी भी रूप से ऐसी दवाइयों के सेवन का बढ़ावा नहीं देता। हाँ ! इसके बारे में वैज्ञानिक बातें जानना एक अलग बात है।
तो, चलिये अब लेख में आगे बढ़ते हैं और इन दवाइयों के बारे में बहुत ही अनोखी बातों को जानते हैं।
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“Psychedelic” क्या हैं ? – What Is Psychedelic In Hindi ? :-
सबसे पहले हम लोग “Psychedelic” (science behind psychedelic) की संज्ञा के बारे में जान लेते हैं, क्योंकि इसको जाने बिना आप लोग इसके विषय में आगे आने वाली बातों को सही से समझ नहीं पाएंगे।
तो, सरल भाषा में कहूँ तो, “Psychedelic” मूल रूप से दवाइयों की एक श्रेणी हैं जिनमें मुख्य रूप से LSD जैसे दवाइयां शामिल होती हैं जो की इंसानी दिमाग को अस्थाई रूप से भ्रमित कर देती हैं तथा सोचने-समझने की शक्ति को क्षीण कर देताी हैं। इससे इंसान खुद अपने काबू में ही नहीं रहता और तरह-तरह के अतरंगी चीजों को देखता है। इसके अलावा वह इस दवाई के प्रभाव के चलते कई अजीब-अजीब कामों को भी करने लगता हैं (जैसे कुछ भी बड़-बड़ाना, असंतुलित ढंग से चलना आदि)।
खैर गौरतलब बात यह भी है की, LSD के प्रभाव के चलते कई बार लोगों को बहुत ही अनोखी और निराले काम करते हुए देखा गया है। Psychedelic से जुड़ी कुछ कलाएं भी हैं जो की इन दवाइयों को लेने के बाद ही की जा सकती हैं जिनमें विशेष रूप से Psychedelic Art और Psychedelic Music आदि प्रधान हैं।
वैसे और भी बता दूँ की, LSD के अलावा Psychedelic अनुभूति के लिए Mescaline और Psilocybin जैसे दवाइयों का भी इस्तेमाल करते है। इसलिए यह जो चीज़ हैं बहुत ही अनोखी परंतु जोखिमों से भरी हुई हैं। कुछ व्यक्ति Psychedelic दवाइयों को नियमित रूप से अपनी मौज के लिए लेते हैं, जो बिलकुल सहीं नहीं है। हालांकि इसके बारे में हम लोग आगे बात करेंगे।
Psychedelic कैसे काम करती हैं और इसका विज्ञान ! – Science Behind Psychedelic In Hindi :-
Psychedelic (science behind psychedelic) दवाइयां मूल रूप से इंसानी दिमाग में भ्रम और विचारों में फेर-बदल करने में काफी ज्यादा सक्षम होती हैं। इसलिए इन्हें “Hallucinogens” भी कहते हैं। हमारे दिमाग के अंदर कई सारे न्यूरन हैं जो की एक निर्दिष्ट कार्य के लिए जिम्मेदार होते हैं। वैसे दिमाग के अंदर कई सारे विचार और भाव हर एक क्षण इन्हीं न्यूरन के कोशिकाओं के जरिये इनके गंतव्य अंगों तक पहुँचती हैं। इस तरह हमारा दिमाग हमारे पूरे शरीर के ऊपर अपना नियंत्रण बना कर रखता है।
वैसे न्यूरन में होने वाली विचारों तथा भावनाओं की आवाजाही में कई सारे केमिकल पदार्थों का भी इस्तेमाल होता हैं। यह केमिकल पदार्थ हमारे शरीर के अंदर मौजूद ग्रंथियों के द्वारा बनते हैं। खैर जो Psychedelic दवाईं हैं वह इन्हीं केमिकल पदार्थों का रूप ले कर दिमाग में बनने वाले विचार तथा भावों को काफी ज्यादा प्रभावित कर देती हैं, जिससे शरीर के ऊपर हमारे दिमाग का नियंत्रण नहीं रहता है।
इसके कारण हमें भ्रम होने के साथ ही साथ एक अजीब से उल्लास (Euphoria) का भी अनुभव होता है जो हमारे शरीर के लिए काफी नया तथा अजीब भी होता है। यहाँ पर एक और बात ध्यान देने वाली हैं की, Psychedelic दवाइयों का असर व्यक्ति विशेष के ऊपर निर्भर करता है, यानी इसका असर अलग-अलग लोगों के ऊपर अलग-अलग होता है। खैर इसके लिए व्यक्ति की मानसिक स्थिति भी महत्वपूर्ण हैं।
मूल रूप से Psychedelic (science behind psychedelic) दवाइयों का असर व्यक्ति (दवाई लेने वाले व्यक्ति) के आसपास मौजूद लोग और परिवेश के ऊपर भी निर्भर करता है। अकसर मौज के लिए ली गई Psychedelic दवाई गम में ली गई Psychedelic दबाई से बहुत ही ज्यादा अलग काम करती हैं।
Psychedelic का शरीर पर असर :-
Psychedelic दवाइयों (science behind psychedelic) का शरीर पर गंभीर असर पड़ता है, इसलिए इसे बेवजह लेना बिलकुल भी सही नहीं हैं। आमतौर पर देखा गया है कि, ये दवाइयाँ मूल रूप से पहले तो बहुत ही धीरे-धीरे काम करती हैं, परंतु फिर यह बात आती है की इसे खाली पेट लिया गया हैं की कुछ खाना खाने के बाद।
अगर हम यहाँ पर LSD की बात करें तो, शरीर के ऊपर यह पहले बहुत ही धीरे-धीरे असर करता है, परंतु जब यह शरीर के अंदर पूरा घुल जाता है तब इसका प्रभाव देखने लायक होता है। तथ्यों से पता चला है की, इसे शरीर के ऊपर असर डालने के लिए कम से कम 1 घंटे का समय लगता है और एक बार शरीर में पूरे तरीके से पहुँचने के बाद इसका असर 4 से 12 घंटों तक रहता है।
इसके विपरीत DMT शरीर के ऊपर बहुत तेजी से अपना असर डालता हैं परंतु इसका असर मात्र एक घंटे के लिए ही होता है। वैसे इसके अलावा भी कई सारे ऐसे दवाइयां भी हैं जो की शरीर के ऊपर अलग-अलग असर डालती हैं, परंतु उनके बारे में यहाँ ज्यादा बताना सही नहीं होगा।
वैसे कुछ क्षेत्रों में इसे मानसिक बीमारियों को दूर करने के लिए एक थेरेपी के अंदर भी इस्तेमाल किया जाता है। परंतु ज़्यादातर इसका गलत इस्तेमाल ही होता है, जो बाद में बहुत ही गंभीर और हानिकारक प्रभावों को विकसित करते है। इनके बारे में हम लोग आगे ही जानेंगे।
Psychedelic दबाइयां और इसके घातक परिणाम ! :-
Psychedelic (science behind psychedelic) दवाइयों को लेना ही पहले एक गैर कानूनी चीज़ है, परंतु इसके सेवन से ऐसे घातक परिणाम आपको देखने को मिल सकते है जिसके बारे में आप लोगों ने कभी सोचा भी नहीं होगा। कुछ लोगों का मानना है की यह दवाइयां पहले तो लोगों को मौज देती है परंतु बाद में एक बुरी आदत की तरह बन जाती हैं। ऐसे में शरीर को इन दवाइयों के लत से छुटकारा दिलाना अपने-आप में ही एक बहुत कठिन काम है।.
लोगों को इन दवाइयों के बुरे प्रभाव बहुत ही जल्दी देखने को मिलते है। ज़्यादातर लोग इन दवाइयों के आदि हो कर अवसाद में चले जाते हैं तो वहीं कुछ लोगों को मनोविकार की समस्या से गुजरना पड़ता है। कुछ लोगों का तो व्यवहार ही पूरा बदल जाता है, चिड़-चिड़ा पन इसका एक मुख्य लक्षण है। इसलिए इन दवाइयों से जितना हो सके हम लोगों को दूर रहना चाहिए।
इन दवाइयों के वजह से इन्हें लेने वाले व्यक्ति का तो शरीर बिगड़ता ही हैं उसके साथ-साथ उसके परिवार को भी कई तरह के जोखिमों का सामना करना पड़ता। इसी से आप लोग अंदाजा लगा सकते हैं की, इन दवाइयों के घातक परिणाम क्या-क्या हो सकते हैं।
Sources :- www.verywellmind.com, www.archive.org.