21 वीं शताब्दी के इस दशक में लोगों को हर एक चीज़ बहुत ही जल्दी और आसानी से मिलना चाहिए, नहीं तो कयामत ही आ जाए। वैसे जल्दी से याद आया की, हम लोगों ने अपने Evolution के दौरान एक से दूसरी जगह तक जाने के लिए कई वाहनों को बनाया और इसी के वजह से चंद पलों के अंदर हम लोग एक से दूसरी जगह पहुँचने भी लगे। वैसे इन वाहनों के वजह से हमारा समय तो बचने लगा, परंतु इसके वजह से हमारे अंदर इंतजार करने की क्षमता भी धीरे-धीरे लुप्त होने लगी। खैर ठीक इसी तरह ब्रह्मांड में बिलकुल हमारी भांति कई ऐसे कण भी हैं जिन्हें बिलकुल भी धीमे-धीमे चलना पसंद नहीं हैं और Tachyon जैसे कई कण तो (tachyon particle in hindi) प्रकाश से भी तेज हैं।
Tachyon (tachyon particle in hindi) कण को वैज्ञानिक बहुत ही संजीदगी से लेते हैं। क्योंकि कहा जाता हैं की, इसी कण से हमारा अंतरिक्ष विज्ञान का भविष्य जुड़ा हुआ हैं। वैसे देखा जाए तो Tachyon के अलावा भी अंतरिक्ष में कई ऐसे कण हैं, जो की प्रकाश से ज्यादा तेज हैं परंतु Tachyon से जुड़ी बहुत सारी ऐसे तथ्य हैं जो की बहुत ही रोचक और सुनने में अजीब हैं। खैर इन सब के बारे में मेँ आप लोगों को आगे इस लेख में बताता रहूँगा।
वैसे अगर आप कोरोना के वजह से 21 दिन घर में लॉक-डाउन के अवस्था में हैं और आपका इंटरनेट भी धीमा होता जा रहा हैं तो, मैंने आप लोगों के लिए ही एक ऐसा लेख लिखा हुआ हैं जिसमें आप लोगों को प्रकाश के गति से भी तेज इंटरनेट के बारे में जानकारी दिया हैं, जिसे आप एक बार अवश्य ही पढ़ें।
विषय - सूची
Tachyon कण क्या हैं? – What Is Tachyon Particle In Hindi ? :-
यहाँ पर मित्रों ! हम लोग सबसे पहले Tachyon कण (tachyon particle in hindi) की संज्ञा के बारे में जानेंगे। जिससे आप लोगों को इस लेख में और अच्छे तरीके से समझने में मिलेगा। तो, चलिए दोस्तों सबसे पहले इसके संज्ञा को जान लेते हैं।
सहज तरीके से कहूँ तो, “Tachyon एक तरह का काल्पनिक कण हैं, जो की प्रकाश के गति से भी तेज हैं”। अधिक जानकारी के लिए बता दूँ की, Tachyon का आक्षरिक अर्थ होता हैं “अति तीव्रता के साथ गति करना”। वैसे हमारे भौतिक विज्ञान के सिद्धांतों के जरिए हम लोग Tachyon कण के सटीक वेग को तो माप नहीं सकते, परंतु वैज्ञानिक कहते हैं की इसका वेग प्रकाश के वेग से थोड़ा अधिक अवश्य ही हैं। जो की एक बहुत ही बड़ी और दुर्लभ हैं।
सबसे पहले इस कण को Gerald Feinberg के द्वारा साल 1967 में ढूंढा गया था। हालांकि अभी भी कई सारे वैज्ञानिक इसके अस्तित्व को लेकर कई सारे अलग-अलग बयान क्यों न देते हैं, परंतु सत्य तो यह हैं की इस कण को आज तक हम खोजने में सक्षम नहीं हो पाए हैं। आइन्सटाइन के द्वारा दिया गया सापेक्षता के सिद्धांत के अनुसार इस अंतरिक्ष में प्रकाश से ज्यादा तेज कोई चीज़ नहीं हैं। क्योंकि इतने तेजी से गति करने वाले चीज़ का वजन हमारे कल्पना से परे ही होगा जिसको की, एक काल्पनिक ऊर्जा का स्रोत ही नियमित रूप से आगे बढ्ने के लिए ऊर्जा देता होगा।
Tachyon कण कहाँ पर मौजूद हो सकते हैं ? – Where Does Tachyon Exist ? :-
देखा जाए तो, आज भी Tachyon को लेकर वैज्ञानिकों के अंदर कई सारे मतभेद हैं। परंतु लेख के इस भाग में हम लोग Tachyon (tachyon particle in hindi) कण कहाँ मिल सकता हैं, उसके बारे में थोड़ी चर्चा करेंगे। तो, चलिए लेख में आगे बढ़ते हैं जानते हैं की यह कण आखिर कहाँ मिलते हैं ? (Where Does Tachyon Exist) ?
Tachyon कण को कभी भी किसी शोधा गार में बनाया या देखा नहीं गया हैं, हालांकि कुछ वैज्ञानिक मानते हैं की शायद यह कण अंतरिक्ष में मौजूद हो सकता हैं। वैसे यहाँ गौरतलब बात यह भी है की, Tachyon कण Tachyon कणों से चीजों के अंदर पाई जाती हैं जो की प्रकाश के गति से तेज हों।
तो, यहाँ सवाल उठता हैं की; प्रकाश से ज्यादा तेज आखिर कौन सा चीज़ हैं जो की Tachyon से बना हुआ हैं ? मित्रों ! आपको यहाँ पर बता दूँ की, प्रकाश से संभवतः ज्यादा तेज “Laser” ही हो सकती हैं। जो कि शायद Tachyon के कणों से बनी हुई हो सकती हैं। ऐसे में कहा जा सकता हैं की, Tachyon के कण वास्तविक तौर पर मौजूद हो जो की इसके अस्तित्व को यथार्थ साबित कर रहा हों। Tachyon कणों से जुड़ी और एक महत्वपूर्ण बात यह भी है की, इसको आप खुली आँखों से कभी देख भी नहीं पाएंगे क्योंकि जिस चीज़ को भी हम देखते हैं उसके ऊपर प्रकाश के किरणें पड़ कर हमारे आँखों तक आता हैं।
ऐसे ढूंढा जा सकता हैं Tachyon कण को ! :-
वैज्ञानिक कहते हैं की, Laser like Media में Tachyon (tachyon particle in hindi) कण के मिलने की पूरी-पूरी संभावनाएं हैं। खैर इस मीडिया के अंदर अणुओं की उल्टी संरचना होना (Inverted Atomic) बहुत ही जरूरी हैं। वैसे बता दूँ की, Laser Like Media में अगर अणुओं की उल्टी संरचना देखने को मिलता हैं तो, उस मीडिया में मौजूद कणों को हम “Quasiparticle” कहते हैं।
इसके अलावा इस कण को ढूँढने के लिए, वैज्ञानिकों को Quantum Mechanics की भी मदद लेने पड़ेगी, क्योंकि ज़्यादातर Tachyon कणों की मिलने की संभावना Quantum Optical Effects के दौरान ही होता हैं। इसलिए वह लोग कई सारे Quantum Optical Effect को मिलाकर Tachyon कणों को ढूँढने का प्रयास करते हैं। इन शोधों से वैज्ञानिकों यह पता चला की, Photon के कण Quantum Optical Barrier के अंदर बहुत ही तेजी से गति करते हैं।
जो की लगभग प्रकाश के गति के बराबर ही होता हैं। परंतु ध्यान में रखने वाली बात यह भी है की, Photon के कण यहाँ पर प्रकाश के गति को लांघ नहीं सकती हैं। इसलिए इन्हें हम Tachyon के कण नहीं कह सकते हैं। वैसे इस प्रक्रिया को Quantum Physics में “Tunnel Effect” कहते हैं।
इसके अलावा भी वैज्ञानिकों ने दूसरे एक शोध के जरिए Tachyon कणों के अस्तित्व को पुष्टि करने का प्रयास किया हैं। जिसे की हम लोग आगे जानेंगे। वैसे यहाँ पर आप लोगों से पूछना चाहता हूँ की, क्या कभी कोई चीज़ प्रकाश से भी ज्यादा तेजी से गति कर सकता हैं? जरूर ही बताइएगा, हमें खुशी होगी।
Einstein-Podolsky-Rosen Phenomena और Tachyon का अस्तित्व :-
इस शोध में वैज्ञानिक Einstein, Podolsky तथा Rosen के द्वारा दिए गए सिद्धांतों को आधार के तौर पर इस्तेमाल करते हुए, Tachyon (tachyon particle in hindi) के अस्तित्व को ढूँढने को चाहा। इसके तहत, सबसे पहले दो Photon के कणों को ऊपर शोध किया गया। वैसे शोध के प्रारंभिक चरण में इन दोनों ही कणों को एक-दूसरे से बहुत ही दूरी पर रखा गया।
इसके बाद वैज्ञानिकों ने एक-एक करके दोनों ही Photon के कणों की गुणों को बारीकी से समझने का प्रयास किया। बहुत ही बारीकी से देखने से पता चला की,बहुत ही दूरी पर होने के बावजूद दोनों ही Photon के कण एक-दूसरे के भौतिक गुणों को प्रभावित कर रहें हैं। अधिक जानकारी के लिए और भी बता दूँ की, यह दोनों Photon के कण एक ही स्रोत से निर्गत हुए होते हैं। जिससे इन दोनों ही कणों का गुण एक समान ही होता हैं। इसलिए इन्हें अकसर “Twin Photons” भी कहा जाता हैं।
यहाँ पर एक बात को बड़े ही संजीदगी से समझने की जरूरत हैं, जो की Photon के गुणों में होने वाले बदलाव के बारे में हैं। मैंने ऊपर ही आपको बताया है की, दोनों ही Photon के कण एक-दूसरे के गुणों को प्रभावित करते हैं, जो की सत्य हैं। परंतु इन दोनों ही कणों में होने वाले बदलाव बहुत ही तेजी से साथ होते हैं।
कहने के तात्पर्य यह है की, लगभग प्रकाश के गति के तेजी से ही इन कणों के गुणों में बदलाव आते हैं। हालांकि Quantum दुनिया की अनिश्चितता से भरी हुई संरचना में यह कह पाना बहुत ही मुश्किल हैं की, प्रकाश के तेजी से ज्यादा किसी कण का वाकई में होना संभव हैं या नहीं। परंतु इतना अवश्य में कहा जा सकता हैं की, Quantum Physics में आने वाले भविष्य में Tachyon का अस्तित्व हो सकता हैं।
Tachyon कण का होना क्या वास्तव में संभव हैं ? – Do Tachyon Really Exist ?
मैंने ऊपर आपको Tachyon कण को ढूँढने के लिए होने वाले प्रयासों तथा शोधों के बारे में बताया हैं। परंतु अभी तक मैंने आप लोगों को यह नहीं बताया है की, क्या सच में Tachyon के कण वास्तव में हो सकते हैं। इसलिए लेख के इस भाग में मेँ आप लोगों को इस कण के वास्तविकता के बारे में बताऊंगा।
1962 में दो वैज्ञानिकों ने प्रकाश के गति से भी तेज किसी एक कण के होने का जिक्र किया, जो कि आगे चलकर Tachyon कणों का नाम लेने वाला था। वैसे इन दोनों वैज्ञानिकों के अंदर एक वैज्ञानिक भारतीय मूल के थे वैज्ञानिक भी थे, जिनका नाम George Sudarshan था। वैसे इन वैज्ञानिकों ने संवेग, वजन और ऊर्जा से जुड़ी कई सारे ग्राफ बनाई जिसमें उन लोगों ने ऐसे कई सारे समीकरण को प्रदर्शित किया जो की Tachyon के वास्तविकता का सबूत था।
उन्होंने से नेगेटिवे संख्याओं की वर्गों को ले कर इस कण को गतिशील करने वाली ऊर्जा की मात्रा को भी बाहर कर निकाला था। इसके अलावा उनके द्वारा दिए गए; थेसिस में यह भी लिखा गया था की, अणुओं के बीच होने वाले चेन रिएक्शन में भी Tachyon कणों की मौजूदगी हो सकती हैं। इसलिए इन्हें कई अवसर पर आसानी से ढूंढा जा सकता हैं। हालांकि आज तक ऐसे किसी भी Tachyon कणों को ढूंढा नहीं गया हैं।
इसके अलावा मेँ आपको और भी बता दूँ क; सबसे धीमी गति का Tachyon कण भी इतना तेज होता हैं की, अगर यह किसी वस्तु के साथ टकरा जाता हैं तो वह आसानी से उस वस्तु की अणुओं की संरचना को प्रभावित कर सकता हैं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं की, यह कितने तेजी से गतिशील होगा!
इसके अस्तित्व को लेकर वैज्ञानिक यह भी कहते हैं ? :-
इन वैज्ञानिकों का पहले यह मानना था की, Tachyon (tachyon particle in hindi) कण वास्तव में कण न हो कर एक तरंग हैं। जी हाँ ! दोस्तों Tachyon को पहले तरंग मानकर वैज्ञानिकों ने इससे प्रकाश के गति से भी तेजी के हिसाब से सिग्नल भेजने का प्रयास किया। यहाँ पर Tachyon की तरंग हालांकि Wave Equation के सारी की सारी विंदुओं में यथार्थ साबित तो हो रहा था, परंतु इसके ऊर्जा के स्रोत के पीछे की समीकरण को यह सटीक तौर पर ठहरा नहीं पाया।
इससे इस बात का पुष्टीकरण मिला की, Tachyon वास्तव में एक तरंग न हो कर एक कण हैं।
Tachyon के कण किस से बने हुए होते हैं ? :-
जैसा की हम लोग जानते हैं, अगर कोई भी भौतिक चीज़ मौजूद हैं और वह भी एक कण के आकार में तो उसका एक निर्धारित वजन अवश्य ही होगा। Tachyon के कणों का भी वजन होता हैं , परंतु यह वजन आखिर सटीक तौर पर कितना हैं यह कह पाना मुश्किल हैं। वैसे वैज्ञानिक मानते हैं की, Tachyon के कणों के अंदर कई अति शुख्म कण भी मौजूद रहती हैं।
कई वैज्ञानिक इन कणों को लेकर यह भी कहते हैं की, प्रकाश के गति से तेज कोई भी कण अगर हैं तो वह सिर्फ Photon हैं। हालांकि ! बता दूँ की, कण होने के बाद भी Photon वजन-रहित होता हैं। जो की इसे एक तरह से प्रकाश के गति के साथ-साथ जाने में मदद करता हैं।
Photon के बारे में मैंने आप लोगों को ऊपर काफी कुछ बताया हैं, इसलिए मेँ समझता हूँ की आप यहाँ पर Tachyon और Photon के कणों के अंदर रिश्ते को जान पाएंगे। क्योंकि दोनों ही कण एक तरह से अति शुख्म श्रेणी में आती हैं और दोनों ही काल्पनिक सिद्धांतों में ही सही परंतु प्रकाश के गति से तेज जाने में सक्षम हैं।
वैसे यहाँ एक बात बहुत ही ज्यादा खटकता हैं और वह यह है की, आखिर कैसे कोई भौतिक कण नेगेटिवे मास को वहन कर सकता हैं, जी हाँ ! दोस्तों अगर किसी वस्तु को प्रकाश के गति से धीमा चलना हैं तो उसे पोसिटीव मास जी जरूरत पड़ेगी और अगर प्रकाश के साथ ही चलना हैं तो मासलेस होना पड़ेगा। परंतु अगर उसे प्रकाश से भी तेज जाना हैं तो, उसे नेगेटिव मास का होना पड़ेगा।
क्या प्रकाश से भी ज्यादा तेज की रफ्तार संभव हैं ! :-
इस लेख के आरंभ में ही मैंने आप लोगों को प्रकाश के रफ्तार से भी ज्यादा तेज Tachyon (tachyon particle in hindi) कण के बारे में बताया हैं। परंतु क्या आपको लगता हैं की, वास्तविक तौर पर यह संभव हैं ! खैर चलिये इसी मुद्दे पर भी कुछ बात कर लेते हैं।
ज़्यादातर भौतिक विज्ञानी मानते है की, पारंपरिक भौतिक विज्ञान के सिद्धांतों के आधार पर Tachyon कणों की पुष्टि वह लोग नहीं कर सकते हैं। इसलिए उनके हिसाब से इन कणों का अभी तक कोई अस्तित्व नहीं हैं। हालांकि इसके विपरीत कुछ भौतिक विज्ञानी कहते हैं की, हमारे अंतरिक्ष में Space-Time में कई तरह के बदलाव नजर आती हैं। जिसके वजह से इन Tachyon कणों की पुष्टीकरण किया जा सकता हैं।
वैसे रोचक बात तो यह है की, इस अंतरिक्ष में कई जगह ऐसी भी हैं जहां पर साधारण भौतिक विज्ञान के सिद्धांत काम नहीं आते हैं। यहाँ तो सिर्फ अंतरिक्ष का सन्नाटा ही होता हैं। वैसे इन जगहों पर WormHole के अस्तित्व को दर्शाया जाता हैं। तो, अगर कोई वस्तु किसी भी कारण के वजह से इस Wormhole के अंदर चला जाता हैं तो बहुत ही कम समय में वह कई दूर तक चल जा सकता हैं जो की प्रकाश के गति से भी ज्यादा तेज होगा।
इसलिए जितना भी हो परंतु आप कभी भी Tachyon कणों की अस्तित्व को नकार नहीं सकते हैं। इससे यहीं पता चलता है की, हम अंतरिक्ष के बारे में कितना कम जानते हैं और आज भी हम को और कितना अधिक जानना हैं। मित्रों ! आपको क्या लगता हैं, क्या अंतरिक्ष में WormHole के जरिए कोई चीज़ प्रकाश से भी ज्यादा तेज में गति कर सकता हैं ? क्या कोई चीज़ हमारे द्वारा बनाए गए सिद्धांतों को खंडन कर सकता हैं ? क्या हम लोगों ने जो पढ़ा हैं वह गलत हैं ?
निष्कर्ष – Conclusion :-
Tachyon के (Tachyon Particle In Hindi) कणों की पुष्टि मेरे हिसाब से दोस्तों, WormHole के जरिए ही हो सकता हैं। क्योंकि इसी के जरिए ही एक चीज़ बहुत ही तेजी से कहाँ से कहाँ पहुँच सकता हैं। वैसे वैज्ञानिक मानते हैं की, सुदूर अंतरिक्ष में मौजूद आकाशगंगाओं की आधार पर प्रकाश के गति में भी अंतर देखा जा सकता हैं। पृथ्वी पर प्रकाश दिन में ही रहता हैं, परंतु अन्य ग्रहों तथा आकाशगंगाओं में प्रकाश के रहने का अवधि अलग-अलग हैं।
इसके अलावा अंतरिक्ष में घूम रहें धूमकेतूओं की गति भी समय तथा स्थान के हिसाब से बदलता रहता हैं। अगर एक धूमकेतु पृथ्वी के निकट आता हैं तो उसका गति प्रकाश के मुक़ाबले धीमा होता हैं, जिससे हम उसे देख पाते हैं। परंतु वहीं दूसरी तरफ वह धूमकेतु पृथ्वी से दूर मौजूद रहता हैं तो उसकी गति बढ़ कर प्रकाश के गति से भी ज्यादा हो सकता हैं।
इसलिए आप कह सकते हैं की, अंतरिक्ष में कोई भी चीज़ स्थाई नहीं हैं और हमारे द्वारा बनाए गए सिद्धांत तथा तथ्यों में बदलाव आना कोई बड़ी बात नहीं हैं। आप इसके बारे में अधिक Quantum Physics में जान पाएंगे, जिसमें मुख्य रूप से Double-Slit Experiment प्रधान हैं।
Sources :- www.desy.de, www.gizmodo.com, www.digital.csic.es, www.scientificamerica.com, www.web.archive.org.