मित्रों! कभी आपने हमारे ब्रह्मांड के बारे में गौर से सोचा है, अगर आपने सोचा होगा तो, आपको अवश्य ही पता होगा की हमारा यह ब्रह्मांड देखने में जितना सुंदर और आकर्षक है; उतना ही यह जादुई और रहस्यमयी चीजों से भी भरा हुआ है। दोस्तों! यहाँ जादुई चीजें कहने का मेरा यह आशय है की, ज़्यादातर ब्रह्मांड में मौजूद चीजों के बारे में इंसान नहीं जानता। वह चीज़ें कैसे काम करती हैं, कैसे वह बनी हुई हैं, इन सबके बारे में इंसान को ज्यादा जानकारी नहीं है। खैर आज हम लोग ऐसे ही एक जादुई और अंजान कण (Particle) न्यूट्रीनो (Neutrino Particle In Hindi) के बारे में जानेंगे।
न्यूट्रीनो (neutrino particle in hindi) कणिका एक ऐसी कणिका (कण) है दोस्तों! जो की आपको ब्रह्मांड के हर एक कोने में मिलेंगी।जैसे हमारे शरीर के हर एक कोने में किसी न किसी प्रकार का कोई जैविक कणिका मौजूद हैं, ठीक उसी तरह ब्रह्मांड के हजार एक छोटी सी छोटी जगह में यह कणिका मौजूद हैं। वैसे तो अब तक वैज्ञानिक इसके बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं जुटा पाएँ हैं, परंतु हाँ! इसके बारे में कुछ मूलभूत बातों के बारे में जानने का मौका अवश्य ही मिलेगा और वह भी इस लेख के अंदर।
तो, चलिए दोस्तों आज के न्यूट्रीनो कणिका (neutrino particle in hindi) के ऊपर आधारित इस लेख में आरंभ से ले कर अंत तक मेरे साथ बने रहिए और जानिए इस से जुड़ी बहुत ही रोमांचक बातें।
विषय - सूची
नुट्रीनो कणिका क्या हैं? – What Is Neutrino Particle In Hindi? :-
आम तौर पर देख गया हैं की न्यूट्रीनो कणिका दुर्बल न्यूक्लियर बल के साथ प्रतिक्रिया करती है, जो की ब्रह्मांड का एक मौलिक बल है। इसके अलावा ध्यान रखने वाली बात यह है की, न्यूट्रीनो कणिका अगर किसी दुर्बल न्यूक्लियर बल के साथ प्रतिक्रिया करती हा तब उस अवस्था में उस कणिका को “लेप्टोन्स (Leptons)” कहा जाता है। यहाँ पर मेँ आपको और भी बता दूँ की, लेप्टोन्स कणिका इलेक्ट्रॉन कणिका से 200 गुना ज्यादा वजनी होता हैं।
लेप्टोन्स के अलावा “टाउ (Tau)” नाम का भी एक कण देखा गया है, जो की शायद न्यूट्रीनो से ही बना हुआ होता है। मित्रों! मेँ बता दूँ की ताऊ कण इलेक्ट्रॉन कण से 3,500 गुना ज्यादा वजनी होता है और यह एक प्रकार से एंटी-पार्टिकल के हिसाब से काम करता है। मित्रों! सबसे पहले नुट्रीनो कणिका के संज्ञा (Definition) को जान लेते है। तो, अगर में सरल भाषा में कहूँ तो नुट्रीनो कणिका इलेक्ट्रॉन कणिका के भांति ही एक मौलिक कणिका हैं, परंतु यहाँ गौरतलब बात यह है की इस कणिका (न्यूट्रीनो कणिका) का कोई वजन और चार्ज नहीं होता है। विज्ञान की भाषा में कहूँ तो, न्यूट्रीनो एक फेर्मीअन कणिका (Fermion Particle) है जो की सिर्फ दुर्बल सब अटॉमिक बल और गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के साथ प्रतिक्रिया कर सकता हैं|
इसके अलावा मेँ आपको और भी बता दूँ की न्यूट्रीनो (neutrino particle in hindi) कणिका अंतरिक्ष में हर जगह मौजूद हैं और इन्हें आप आसानी से देख या खोज नहीं सकते हैं| मित्रों! ज़्यादातर देखा गया है की न्यूट्रीनो कणिका ब्रह्मांड में मौजूद किसी भी वस्तु के साथ प्रतिक्रिया नहीं करते और हमेशा ही शिथिल अवस्था में इधर-उधर घूमते रहते हैं|
इस जादुई कणिका को (न्यूट्रीनो कणिका) आखिर कैसे खोजा जाता हैं ? :-
मैंने ऊपर ही आपको बताया है की, न्यूट्रीनो कणिका (neutrino particle in hindi) को ढूँढना भूसे में सुई ढूँढने के बराबर यानी बहुत ही मुश्किल हैं| परंतु दोस्तों हमारे वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे तरीकों को निकाला है, जिसके जरिए हम इस कणिका को खोज कर निकाल सकते हैं| तो, चलिए एक नजर उन तरीकों के ऊपर भी डाल लेते हैं|
न्यूट्रीनो कणिका को खोजने के लिए बहुत ही जटिल और बड़े-बड़े डिटेक्टर उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता हैं| यह बड़े-बड़े डिटेक्टर छोटे से लेकर बेहद ही छोटे न्यूट्रीनो कणिका को खोजने में सक्षम रहते हैं| सेड्बुरी न्यूट्रीनो ओबसेरवाटोरी में करीब-करीब 1000 टन वजनी एक न्यूट्रीनो डिटेक्टर लगा हुआ हैं| शायद यह दुनिया का सबसे बड़ा न्यूट्रीनो डिटेक्टर भी होगा| खैर मेँ आपको यहाँ और भी बता दूँ की आकार में यह डिटेक्टर इतना बड़ा होने के बाद भी पूरे दिन में यह सिर्फ 30 न्यूट्रीनो कणिका ही ढूंढ सकता हैं| है न बहुत ही कम!
दोस्तों! देखिए इन कणिकाओं को ढूँढना बहुत ही कठिन और मेहनती काम हैं| इतने परिश्रम के बाद ही वैज्ञानिकों को 30 न्यूट्रीनो पूरे दिन में मिल जाते हैं वही एक बड़ी बात हैं|
न्यूट्रीनो कणिका कैसे अस्तित्व में आते हैं? :-
अब यहाँ पर ज़्यादातर लोगों के मन में यह सवाल होगा की आखिर यह न्यूट्रीनो कणिका (neutrino particle in hindi) ब्रह्मांड में कैसे और कहाँ से आया? आखिर यह किससे बना हुआ हैं? तो, चलिए दोस्तों आगे इस लेख में इन सवालों के जवाबों को ढूंढते हैं|
देखिए नुट्रीनो कणिका हमारे पृथ्वी और अंतरिक्ष दोनों ही जगहों पर बनती हैं और पायी जाती हैं| इसलिए हम लोग दोनों ही जगहों के बारे में बात करेंगे और जानेंगे की इन दोनों ही जगहों पर आखिर कैसे यह कणिका बनती हैं!
मित्रों! मूल रूप से पृथ्वी में पायी जाने वाली न्यूट्रीनो कणिका रैडिओ एक्टिव पदार्थों के विघटन प्रक्रिया के जरिए बनता हैं| यहाँ मेँ आपको और भी बता दूँ की इस प्रक्रिया से बनने वाले न्यूट्रीनो कणिका बहुत ही दुर्बल किस्म के होते हैं| इसलिए इन्हें लो-एनर्जि-एंटि-इलेक्ट्रॉन-नुट्रीनो भी कहते हैं| इसके अलावा अगर हम अंतरिक्ष में न्यूट्रीनो कणिका के बनने की प्रक्रिया को देखें तो, आपको पता लगेगा की यह प्रक्रिया सुपरनोवा के धमाकों से जुड़ी हुई हैं| जी हाँ! आपने सही सुना अंतरिक्ष में न्यूट्रीनो कणिका सुपरनोवा से ही बन कर आते हैं|
क्या डार्क मेटर न्यूट्रीनो कणिका से बना हैं! :-
खैर यहाँ पर आप लोगों के सामने मेँ एक बेहद ही हैरान कर देने वाली तथ्य को रखना चाहता हूँ| मित्रों! वैज्ञानिकों का मानना है की ब्रह्मांड में मौजूद जो डार्क मेटर हैं वह मूल रूप से इन्हीं न्यूट्रीनो कणिका से बना हुआ हैं| बेहद ही चौका देने वाली यह बात एक सत्य और सटीक तथ्य हैं, क्योंकि ज़्यादातर न्यूट्रीनो कणिकाओं को आप न ही देख सकते हैं और न ही यह डार्क मेटर की तरह किसी वस्तु या पदार्थ के साथ किसी तरह का कोई प्रतिक्रिया करते हैं|
डार्क मेटर से याद आया की, हमने इस से पहले डार्क मेटर विषय के ऊपर एक बेहद ही खास लेख लिखा हैं| अगर आप चाहें तो उस लेख को भी अवश्य ही देख सकते हैं|
न्यूट्रीनो कणिका क्या इंसानों के ऊपर दुष्प्रभाव डालता हैं ? :-
ज़्यादातर लोगों को लगता है की न्यूट्रीनो कणिका (neutrino particle in hindi) उनके लिए बेहद ही खतरनाक हैं| परंतु, क्या सच में यह रहस्यमयी कणिका इंसानों के लिए खतरनाक हैं या यह सिर्फ एक मिथक ही हैं! चलिए आगे इसके बारे में जानते हैं|
मित्रों! मेँ आपको बता दूँ की न्यूट्रीनो कणिका हमारे शरीर के लिए बिलकुल भी खतरनाक नहीं हैं| लोगों के मन में न्यूट्रीनो कणिका को ले कर डर सिर्फ एक मिथक ही हैं| आपको अगर पता न होतो मेँ बता दूँ की सूर्य से आने वाली प्रकाश की किरणों में आपको न्यूट्रीनो कणिका भी देखने को मिलती हैं| यह किरणें हर एक दिन हमारे शरीर के ऊपर पड़ रही हैं और किसी भी प्रकार से हमारा नुकसान भी नहीं कर रहीं हैं|
खैर न्यूट्रीनो कणिका हमारे शरीर के कोषीकाओं के साथ किसी भी प्रकार से कोई भी प्रक्रिया नहीं करता हैं और यह चार्ज रहित होने के कारण यह हमारे शरीर में चल रही किसी भी जैव-रासायनिक प्रक्रिया के ऊपर प्रभाव नहीं डाल सकता हैं| परंतु हमें यहाँ इस बात का भी अवश्य ही ध्यान रखना चाहिए इलेक्ट्रॉन जैसे चार्ज से युक्त कणिकाओं की तरह यह न्यूट्रीनो कणिका हमारा क्षति तो नहीं करते, पर हाँ! चार्ज रहित कणिकाओं के पास भी ज्यादा देर तक रहना या उसके पास जाना हमारे शरीर के लिए बिलकुल सही नहीं हैं|
Source :- www.scientificamerican.com.