
विश्व न्यूज में आपको कई बार मिसाइलों की मारक क्षमता और तेजी को लेकर कई सारे बातें सुनने को मिलता होगा | इसके अलावा परमाणु बम से युक्त कई मिसाइलों के बारे में भी आपने कई खतरनाक बातें भी सुनी होगी और इसी वजह से इन मिसाइलों को ज़्यादातर लोग दुनिया की सबसे तेजी से गति करने वाले वस्तु भी मानते हैं | परंतु क्या सच में यह मिसाइल इतने तेज होते हैं ! जी नहीं दोस्तों मिसाइल उतने भी तेज नहीं होते |वैसे में आपको बता दूँ की हम लोग आज हाइपर वेलोसिटी स्टार (Hyper Velocity star In Hindi) के बारे में बात करेंगे जो की ब्रह्मांड की प्रकाश के बाद सबसे तेजी से गति करने वाला सितारा है।
वैसे पृथ्वी पर शायद ही ऐसा कोई दूसरा वस्तु होगा (प्रकाश के अतिरिक्त) जो की मिसाइलों की रफ्तार से टक्कर ले सके परंतु ब्रह्मांड में ऐसे भी कई खगोलीय चीज़ है जो की हमारे द्वारा निर्मित मिसाइलों की रफ्तार से भी 10000 गुना ज्यादा तेज हैं जिन में हाइपर वेलोसिटी सितारे मुख्य हैं|
वैसे तो हाइपर वेलोसिटी स्टार (hyper velocity star in hindi) देखने को सिर्फ एक साधारण सितारे के ही तरह प्रतीत होते हैं, परंतु इनकी रफ्तार इन सितारों को बहुत ही ज्यादा खास बनाती हैं | तो, चलिए मित्रों मेरे साथ आज इस लेख के अंदर इन्हीं गज़ब की सितारों के बारे में बहुत सारी हैरतअंगेज बातों को जानते हैं और आपसे अनुरोध है की आज के विषय को सही से समझने के लिए लेख में आरंभ से लेकर अंत तक मेरे साथ बने रहिएगा |

विषय - सूची
आखिर हाइपर वेलोसिटी स्टार क्या हैं ? – What is Hyper Velocity Star In Hindi ? :-
NASA के वैज्ञानिकों के द्वारा किए गए एक शोध से पता चला है की, हमारे आकाशगंगा यानी मिल्की वे के केंद्र में स्थित ब्लैक होल से 6 बहुत ही तेजी से गति करने वाले सितारे निकले हैं, इन्हें वैज्ञानिक हाइपर वेलोसिटी स्टार (hyper velocity star in hindi) के नाम से पुकारते हैं | इनकी रफ्तार करीब-करीब 2 लाख किलोमीटर प्रति घंटा है और समय के साथ धीरे-धीरे इनका रफ्तार भी बढ़ रहा हैं |
वैसे तो मिल्की वे का केंद्र खगोलीय धूल के बादलों और कई प्रकार के तरह-तरह के सितारों से भरी हुई हैं, परंतु वैज्ञानिक हाइपर वेलोसिटी स्टार को उसके रफ्तार और चमकदार गुणों के लिए आसानी से ढूंढ सकते हैं | इसके अलावा इन्हीं हाइपर वेलोसिटी स्टार (hyper velocity star in hindi) के कारण वैज्ञानिक सितारों की बनने के प्रक्रिया को भी और बेहतर ढंग से समझ सकते हैं |
हाइपर वेलोसिटि स्टार और ब्लैक होल के बीच का अजीब रिश्ता ! :-
वैसे हाइपर वेलोसिटी स्टार के पास इतनी तेज गति आने के पीछे की वजह को अभी तक वैज्ञानिकों ने सटीक रूप से नहीं ढूंढा हैं, परंतु कुछ वैज्ञानिक कहते हैं की जब ब्लैक होल किसी बाईनेरी स्टार सिस्टम को अपने अंदर निगल जाता हैं तब उन्हीं दो सितारों में से एक सितारे को खुद ब्लैक होल बाहर फिर से उगल कर छोड़ देता हैं | जब ब्लैक होल के द्वारा उगला हुआ सितारा बाहर आता हैं तब वह अपने साथ-साथ बहुत तेज गति भी साथ लेकर आता हैं |
इसके अलावा मेँ आपको और भी बता दूँ की, हाइपर वेलोसिटि स्टार (hyper velocity star in hindi) किसी भी प्रकार से गुरुत्वाकर्षण शक्ति के वश में नहीं रहता हैं और तेजी से घूमने के कारण इसके चारों तरफ किसी भी प्रकार से धूल या बादल भी नजर नहीं आते हैं | इन सितारों का आकार लगभग हमारे सूर्य से 4 गुना ज्यादा हैं और अब तक वैज्ञानिक ऐसे 130 हाइपर वेलोसिटि स्टार ढूँढने में सक्षम रहें हैं |
आखिर कितना तेज हैं यह सितारा ? – How Fast Is a Hyper Velocity Star ? :-
अब लोगों के मन में यह सवाल जरूर ही उठा होगा की, आखिर कितना तेज यह सितारा गति कर सकता हैं ? तो, सुनिए हाइपर वेलोसिटी सितारों (hyper velocity star in hindi) की औसतन वेग 20 लाख किलोमीटर प्रति घंटा हैं | इतने तेजी से गति करने के कारण कई बार यह अपने ही आकाशगंगा से ही बाहर चला जाता हैं | मेँ आपको यहाँ और भी बता दूँ की, हाइपर वेलोसिटी स्टार प्रकाश के बाद अंतरिक्ष में दूसरा सबसे तेज गति करने वाला खगोलीय पिंड हैं |
मित्रों ! यहाँ आपको और एक बात को भी याद रखना चाहिए | मैंने ऊपर ही कहा हैं की, ज़्यादातर हाइपर वेलोसिटी स्टार (hyper velocity star in hindi) ब्लैक होल के अंदर से ही निकलते हैं परंतु दोस्तों कुछ हाइपर वेलोसिटि सितारे ऐसे भी हैं जो की ब्लैक होल से नहीं निकलते हैं | जी हाँ ! आपने सही सुना कुछ हाइपर वेलोसिटी सितारे ऐसी भी हैं जो की ब्लैक होल से न निकलकर मिल्की वे के पास मौजूद लार्ज मेग्लेनिक क्लाउड से निकलते हैं |
आपको बता दूँ की, लार्ज मेग्लेनिक क्लाउड मिल्की वे के पास मौजूद एक द्वार्फ गैलेक्सी हैं जो की मिल्की वे के चारों तरफ घूम कर चक्कर काट रहा हैं | यह रिपोर्ट आपको हाल ही में देखने को मिलेगा जो की हाइपर वेलोसिटी सितारों को बारे में एक अलग सा पहलू ही बना दिया हैं | आपको इसके बारे में लेकर क्या ख्याल हैं ? जरूर ही कमेंट करके बताइएगा | वैसे और बात यह है की, वैज्ञानिक अभी भी हाइपर वेलोसिटी सितारों को लेकर शोध कर रहें हैं तो आगे इसके बारे में और भी कई सारे जानकारी हमें पढ़ने को मिलेगा |

यह सितारा है अंतरिक्ष का सबसे तेज हाइपर वेलोसिटी स्टार ! :-
मैंने ऊपर आपको हाइपर वेलोसिटी स्टार (hyper velocity star in hindi) को लेकर कई सारे बातें बताई हैं, परंतु अब चलिए अंतरिक्ष की सबसे तेज हाइपर वेलोसिटी स्टार के बारे में जान लेते हैं | तो, दुनिया का सबसे तेज हाइपर वेलोसिटी स्टार है यूएस-708 (US-708)| यह सितारा “ओ” श्रेणी की हाइपर वेलोसिटी स्टार है जो की हमारे आकाशगंगा के अंदर मौजूद उस्रा मेजर नाम के सितारों की क्लस्टर में आता हैं |
इसको अब तक का सबसे तेज सितारे खिताब मिला है और इसे साल 1982 में पहली बार खोजा गया था | साल 2005 में इस सितारे के ऊपर काफी गहन चर्चा हुई जिसमें इस सितारे के बारे में भी बहुत सारी मौलिक बातों को वैज्ञानिकों को जानने को मिला | साल 2015 में किए गए और एक शोध से यह पता चला की इस सितारे का वेग करीब-करीब 1,200 km/h हैं जो की अंतरिक्ष में मौजूद अन्य सितारों के मुकाबले बहुत ही ज्यादा तेज हैं |
पहले वैज्ञानिक मानते थे की, इस सितारे का यह वेग मिल्की वे केंद्र में स्थित ब्लैक होल के कारण ही हैं,परंतु बाद में पता चला है की 1.4 करोड़ साल पहले ही यह सितारा मिल्की वे के बाहरी डिस्क को पार कर चुका है जो की यह पुष्टि करता है की यह सितारा वास्तविक तौर पर आकाशगंगा के केंद्र से नहीं आया हैं | कुछ वैज्ञानिक कहते हैं की यह सितारा एक समय में एक बाईनारी स्टार सिस्टम का हिस्सा था, जिसके कारण ही इसको इतनी तेज गति मिली हैं |
निष्कर्ष – Conclusion :-
मेँ आपको और भी बता दूँ की, बाइनरी स्टार सिस्टम में स्थित इसका साथी सितारा आपने अंतिम अवस्था यानी व्हाइट द्वार्फ स्टेज में पहुँच चुका है, जब कि US-708 अपने रेड-जाईंट के अवस्था में परिवर्तित हो रहा हैं | वैसे सितारों की इन अवस्थाओं से याद आया की, मैंने इससे पहले ब्रह्मांड में मौजूद अलग-अलग प्रकारों के सितारों तथा उनके अलग-अलग अवस्थाओं के बारे में एक खास लेख लिखा हैं | तो, अगर आप सितारों के जीवन के बारे में जानने को इच्छुक हैं तो उस लेख को अवश्य ही पढ़िएगा |
खैर US-708 को लेकर कुछ वैज्ञानिक यह भी कहते हैं की, जल्द ही यह सितारा एक सुपरनोवा में भी परिवर्तित हो सकता हैं | सुपरनोवा में परिवर्तित होने के बाद यह एक विशाल धमाका करता हुआ छोटे-छोटे अन्य सितारों को भी जन्म दे सकता हैं | वैसे यह सितारा भी अन्य सितारों के ही तरह मौलिक रूप से हीलियम से बना हुआ हैं और इसके बाहरी आवरण में एक समय हाइड्रोजन गैस भी मौजूद था | वैसे यह सितारा वर्तमान के समय में एक व्हाइट द्वार्फ सितारे का चक्कर काट रहा हैं जो की सूर्य के वजन के जितना ही हैं | यहाँ गौरतलब बात यह है की मात्र 10 मिनट में उस सितारे का एक चक्कर काट लेता हैं | वाकई में हैं न बहुत ही गज़ब !
Sources :- www.newsweek.com , www.space.com, www.forbes.com.