मानवों ने 21 वीं शताब्दी में जिस तरीके से पृथ्वी को बदल कर रख दिया है, उसको देख कर ये ही लगता है कि, हम यहाँ ज्यादा दिन तक नहीं रह सकते हैं। इसका सीधा सा अर्थ ये ही है कि, हमें दूसरे ग्रहों पर भी अपना घर (Human Colonizing Other Planets) खोजना होगा। मित्रों! पिछले कुछ वर्षों से हमें ये देखने को मिल रहा है कि, शीर्ध ही संसार के वैज्ञानिक दूसरे ग्रहों पर मानवों को भेजने की तैयारियां कर रहें हैं। ऐसे में हमें इस बात का प्रतीक्षा होगी कि, आखिर कब तक हम दूसरे ग्रहों में अपना घर बना सकते हैं।
ब्रह्मांड में बहुत ग्रह हैं, परंतु हमारी पृथ्वी जैसा कोई दूसरा ग्रह नहीं हैं। क्योंकि, यहाँ हम रहते हैं और यहाँ जीवन पनप सकता है। इसको हमारे लिए प्रकृति ने अनुकूल बनाया है।
बेहरहाल आज के लेख में हम मानवों के द्वारा दूसरे ग्रहों पर (Human Colonizing Other Planets) घर कब तक बनाया जा सकता है, उसके बारे में चर्चा करेंगे। क्योंकि ये विषय काफी ज्यादा रोचक और खास रहने वाला हैं, इसलिए मैं आप लोगों से अनुरोध करना चाहूँगा कि; इसे आप शुरू से लेकर अंत तक पढ़िएगा। खैर चलिये अब लेख को आरंभ करते हुए, देखते हैं कि; आखिर कैसे और कब इंसान अपना दूसरा घर किसी दूसरे ग्रह पर बना सकता है।
कब तक हम बना सकते हैं दूसरे ग्रहों पर अपना घर? – Human Colonizing Other Planets! :-
मित्रों! ज़्यादातर लोगों को ये लगता हैं कि, मंगल पर लोगों को भेजना और हमारे सौर-मण्डल के बाहर मौजूद किसी जगह पर घर (Human Colonizing Other Planets) बनाना एक समान ही है। परंतु मैं आप लोगों को बता देना चाहता हूँ कि, ये दोनों बातें कभी भी एक समान नहीं हो सकती हैं। अगर हम यहाँ स्पेस-एक्स के मुख्य एलोन मस्क की बात करें तो, उनके हिसाब से साल 2050 तक मंगल के ऊपर लगभग 10 लाख जनसंख्या वाले एक नगर बनाने का उनका लक्ष्य है। अब इस बात को सुनकर कई लोग सोचेंगे कि, आज के तकनीक को देख कर इसको संभव कर पाना लगभग असंभव ही हैं।
परंतु मित्रों! क्या आप जानते हैं, सौर-मण्डल के किस ग्रह पर इंसान अपना घर बनाने का सोच रहा है, ये एक बात काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। अगर हम यहाँ पर मंगल की बात करें तो, आने वाले कुछ दशकों में इसके ऊपर शायद इंसान अपना घर हकीकत में बना सकता है। कुछ वैज्ञानिकों का ये मानना है कि, 2050 तक शायद मंगल पर इंसान सच में रहने लगा होगा। खैर वैज्ञानिकों के हिसाब से मंगल पर अगर घर बनाना है तो, सबसे पहले हमें वहाँ पानी की जरूरत पड़ेगी। और मेँ आप लोगों को बता दूँ कि, बर्फ को पिघला कर हमें वहाँ पानी मिल सकता हैं।
इसके अलावा कुछ ओर्गानिक पदार्थों को आपस में मिलाकर भी पानी वहाँ हम बना सकते हैं। पानी की उत्पत्ति से हम वहाँ आसानी से खेती कर सकते हैं और लोगों को आसानी से खाना उपलब्ध करवा सकते हैं। इसके अलावा पानी से मिलने वाला हाइड्रोजन रॉकेट्स में ईंधन का काम भी कर सकता हैं।
क्या कहता है विज्ञान! :-
अगर हम मंगल पर इन्सानों की घर (Human Colonizing Other Planets) बनाने की बात विज्ञान के दृष्टिकोण से देखें तो, ज़्यादातर वैज्ञानिकों को ये आज भी असंभव ही लगता है। कुछ वैज्ञानिकों ने ये भी कह दिया है कि, 2050 तक किसी भी हाल में इंसान वहाँ घर नहीं बना सकता है। वैज्ञानिकों का एक गुट ये कहता है कि, आज भी हम इन्सानों को मंगल पर घर बनाने के सपने को सपना ही समझ लेना चाहिए, क्योंकि हम मंगल के ऊपर आज के तकनीक के जरिये किसी भी हाल में घर नहीं बना सकते हैं। परंतु ये बात तय है कि, आने वाले कुछ दशकों में इंसान मंगल के ऊपर जरूर दिखेगा।
चीन के अनुसार वो अपने सर्व-प्रथम अन्तरिक्ष यात्रीओं को साल 2033 तक मंगल के ऊपर भेजने वाला है। अगर हम यहाँ नासा की बात करें तो, वो 2030s के अंतिम चरणों में या 2040s के प्रारंभिक चरणों में इन्सानों को मंगल के ऊपर भेजने की तैयारी कर रहा हैं। अगर किसी तरह से इंसान मंगल पर पहुँच जाते हैं, तब अगला कदम वहाँ पर इन्सानों से भरा हुआ सहर को बनाने का होगा। जो की शायद इस लेख का भी मूल विषय हैं।
इसके अलावा एक रोचक बात ये भी हैं कि, अगर इंसान किसी तरीके से मंगल के ऊपर अपना सहर बना भी लेता हैं। तब इसका ये मतलब नहीं हैं कि, हम लोग पूरे तरीके से पृथ्वी को भूल ही जाएंगे। हाँ! ये बात सच हैं कि, अगर हमें मंगल के ऊपर घर बनाना हैं तो; कुछ हद तक वहाँ पर आत्मनिर्भर बनाना पड़ेगा। तो, देखते हैं हम कब तक यहाँ आत्मनिर्भर बन पाते हैं।
कैसे इंसान बचेगा मंगल पर! :-
कुछ वैज्ञानिक ये कहते हैं कि, मंगल पर इन्सानों का बसना (Human Colonizing Other Planets) उतना भी मुश्किल नहीं है। कहने का मतलब ये है कि, पृथ्वी पर किसी सुनसान द्वीप पर रहने के जैसा ही हैं मंगल पर रहना। जैसे द्वीप पर रहने के लिए बाहर से चीजों को ऑर्डर करवाना पड़ता है, ठीक उसी तरीके से हमें मंगल पर रहने के लिए पृथ्वी से चीजों को मंगवाना पड़ेगा। क्योंकि मंगल के ऊपर हम चाह कर भी कोई ट्रक या अन्तरिक्ष यान नहीं बना सकते हैं। इसके अलावा मंगल के ऊपर मौजूद कई सारे साधनों को भी हमें सही से इस्तेमाल करना होगा।
मित्रों! आप लोगों को बता दूँ कि, अन्तरिक्ष में अब स्पेस टूरिज़्म का ट्रेंड काफी तेजी से फैल रहा हैं। लोगों के हिसाब से ये टूरिज़्म आने वाले समय में एक भविष्यवादी सोच में बदल कर हमारे नजरिए को ही परिवर्तित कर देगा। इसके अलावा खनिजों का माइनिंग भी मंगल पर इन्सानों के बसने के लिए मददगार साबित हो सकता हैं। उदाहरण के लिए आप प्लेटिनियम को ही देख लीजिये, अगर मंगल के ऊपर इसके जैसे कुछ दुर्लभ व कीमती खनिजों का स्रोत मिल जाता हैं। तब कारोबार के नाते ही, वहाँ लोगों का आना-जाना तो बनेगा।
खैर एक बात तो तय हैं कि, मंगल के ऊपर रहना हैं तो; वहाँ पर कुछ अहम व खास ढूँढना होगा। जिससे वहाँ बसने में भी हमें आसानी होगी और पृथ्वी के लिए भी कुछ खास चीज़ मिल जाएंगे। एक रोचक बात ये भी हैं कि, मंगल के ऊपर बसने के लिए हर एक इंसान चाहता हैं; परंतु वहाँ पर बसना इतना भी आसान नहीं हैं जितना कि हम सोचते हैं।
निष्कर्ष – Conclusion :-
मंगल के ऊपर घर बनाना (Human Colonizing Other Planets) एक बड़ी चुनौतियों से भरा हुआ काम हैं। मंगल के वातावरण का 95% हिस्सा कार्बन डाइऑक्साइड से भरा हुआ हैं। इसके अलावा वहाँ का तापमान भी काफी ज्यादा ठंडा हैं। मंगल पर औसतन तापमान लगभग -60 डिग्री सेल्सियस तक रहता हैं। इसके अलावा वहाँ तक पहुँचने के लिए हमें लगभग 8.5 महीने तक का समय भी लगता हैं। इसके साथ ही साथ वहाँ तक पहुँचते-पहुँचते हमारे ऊपर काफी भारी मात्रा में रेडिएशन का असर भी गिरने वाला होगा।
मित्रों! अगर हम एक्सो-प्लैनेट्स को घर बनाने के बारे में सोच रहें हैं तो, मेँ आप लोगों को बता दूँ कि; वहाँ तक पहुंचाना शायद हमारे लिए मुमकिन ही नहीं होगा। एक सर्वे से पता चला हैं कि, विज्ञान हर एक शताब्दी में जिस दर से तरक्की कर रहा हैं; उसके हिसाब से हमें कई हजारों साल लग जाएंगे किसी भी एक्सो-प्लैनेट्स तक पहुँचने के लिए।
वैज्ञानिकों के हिसाब से किसी नए जगह पर लगभग 500 लोगों का एक छोटा कस्बा ही वहाँ के लिए सही रहेगा। हालांकि! काफी लंबे समय तक अन्तरिक्ष में रहने के लिए अभी भी इंसान तैयार नहीं हैं और इसके ऊपर आज भी कई तरह के सवाल उठते रहते हैं।
Source :- www.livescience.com