Physics

Higgs Boson and Graviton In Hindi – हिग्स बोसॉन और ग्रेविटोन का पूरा विज्ञान।

क्या आपने God Particle के बारे में इन तथ्यों को जाना है?

हिग्स फील्ड और ग्रेविटॉन पर एक नज़र: – Introduction to Higgs Boson and Graviton In Hindi

आज के 21वीं सदी में हिग्स फील्ड और ग्रेविटॉन (Higgs Boson and Graviton In Hindi) भौतिक विज्ञान के सबसे दिलचस्प विषय हैं। इसके साथ ही, ये विज्ञान का एक ऐसा पहलू है जिसे आज के वैज्ञानिक ठीक से समझ नहीं पाए हैं।

यह एक रहस्य से घिरा हुआ विषय है। जैसे कि मैंने अपने सूर्य से जुड़े लेख और शुक्र की टेराफॉर्मिंग के आर्टिकल में बताया था, हमारा विज्ञान आज भी कई सारे सवालों का जवाब नहीं दे सकता। इसी तरह, विज्ञान हिग्स फील्ड और ग्रेविटॉन की संज्ञा को आज भी सही तरीके से नहीं दे पाया है।

मित्रों, मैंने यहां पर इस लेख को हिग्स फील्ड और ग्रेविटॉन के रूप में दो भागों में बांटा है। इसलिए, लेख के पहले भाग में आपको हिग्स फील्ड और दूसरे भाग में ग्रेविटॉन पढ़ने को मिलेगा। परंतु लेख में आगे बढ़ने से पहले चलिए जान लेते हैं कि हिग्स बोसॉन क्या है। क्योंकि यह हिग्स फील्ड को ज्यादा बेहतर तरीके से समझने में हमारी मदद करेगा।

वास्तविक में क्या है Higgs Boson? – Higgs Boson In Hindi

Higgs Field and Graviton का पूरा विज्ञान - Higgs Field and Graviton in Hindi.
कणिका Credit: Science alert

हिग्स बोसॉन (Higgs Boson In Hindi) पर कई समय से कई वैज्ञानिक शोध करते आ रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि इन शोधों के दौरान हर एक वैज्ञानिक ने हिग्स बोसॉन पर अपना अलग शोध किया। जैसे कहते हैं न कि सफल व्यक्ति के पीछे हर कोई भागता है, उसी तरह हिग्स बोसॉन जैसे महत्वपूर्ण विषय पर हर वैज्ञानिक अपना मत रखना चाहता था।

1960 के दशक में पीटर हिग्स ने सबसे पहले हिग्स बोसॉन की खोज की। उनके साथ रॉबर्ट ब्राउट और फ्रांस्वा एंगलर भी इस शोध में शामिल थे। इस दल ने हिग्स फील्ड को एक नई दिशा दी। इसीलिए पीटर हिग्स को हिग्स फील्ड और ग्रेविटॉन का जनक भी कहा जाता है।

1964 के नवंबर में पीटर हिग्स ने हिग्स फील्ड और हिग्स बोसॉन की खोज की। इसके तुरंत बाद गेराल्ड गुरालनिक और टॉम किबल ने भी हिग्स फील्ड पर अपना सिद्धांत प्रकाशित किया। लेकिन उनका सिद्धांत हिग्स के सिद्धांत जितना स्वीकार नहीं किया गया। वर्ष 1964 के अंत में पीटर हिग्स, रॉबर्ट ब्राउट और फ्रांस्वा एंगलर को हिग्स फील्ड के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। अब चलिए हिग्स फील्ड और ग्रेविटॉन के इस लेख में आगे बढ़ते हुए हिग्स बोसॉन की परिभाषा जानते हैं।

हिग्स बोसॉन की परिभाषा – Higgs Boson In Hindi

हिग्स बोसॉन (Higgs Boson In Hindi) वास्तव में एक वाहक कणिका (Carrier Particle) है। विशेष रूप से यह Higgs Field के वाहक कणिका के रूप में काम करता है। अगर आसान भाषा में कहें तो यह हमारे शरीर में बहते हुए खून की तरह है, जिसका काम Higgs Field में ऊर्जा का संचार करना है।

बोसॉन को और भी बेहतर ढंग से समझने के लिए उदाहरण के रूप में फोटॉन को ले सकते हैं। जैसे फोटॉन विद्युत चुंबकीय क्षेत्र  (Electromagnetic Field) के लिए ऊर्जा के मौलिक एकक (Fundamental particle) हैं, ठीक उसी तरह बोसॉन हिग्स फील्ड के ऊर्जा का मौलिक एकक है।

साधारण तौर पर Boson के तीन प्रकार होते हैं: पहला W Boson, दूसरा Z Boson और तीसरा Gluon। ये तीन प्रकार के Bosons कणिका Nuclear Force को दो भागों में बांटते हैं। उन्हीं दो भागों में पहला है ताकतवर Nuclear Force और दूसरा है कमजोर Nuclear Force।

साधारण तौर पर बोसॉन के तीन मुख्य प्रकार होते हैं: W बोसॉन, Z बोसॉन और ग्लूऑन (Gluon)। ये तीनों प्रकार के बोसॉन कण परमाणु बल को दो भागों में बांटते हैं: ताकतवर Nuclear Force और कमजोर परमाणु बल (Weak nuclear Force)। W और Z बोसॉन कण दुर्बल परमाणु बल को सूचित करते हैं, जबकि ग्लूऑन बोसॉन (Gluon Boson) ताकतवर परमाणु बल को सूचित करता है।

The Classification Of Bosons | Higgs Boson and Graviton
The Classification Of Bosons

Higgs Boson के ऊपर थोड़ी और जानकारी :-

बाकी अन्य सबअटोमिक पार्टिकल्स के विपरीत, Boson बहुत जल्दी विघटित (disintegrate) हो जाता है। इसलिए यह पार्टिकल कोलाइडर में बहुत कम समय के लिए उत्पन्न होता है। हालाँकि, 2013 में Higgs की खोज ने Boson पर नया प्रकाश डालने की कोशिशों में सफलता पाई है।

जेनेवा में मौजूद Hadron Collider को Boson की उत्पत्ति का मूल स्रोत माना गया है। वैसे, आपको जानकर हैरानी होगी कि Boson कणिका ही आपके अस्तित्व का मूल कारण है। अगर Boson कणिका न होता, तो इस संसार में किसी भी वस्तु का निर्धारित द्रव्य मान नहीं होता।

हर एक वस्तु प्रकाश की तरह बिखर कर इस अंतरिक्ष में तैरती हुई नजर आती। Higgs Field और Graviton के इस लेख में, मैं आपको और भी बता दूँ कि जैसे संसार की हर एक वस्तु अपने आकार से जानी जाती है, ठीक उसी तरह Boson कण भी गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force) के इर्द-गिर्द अपना अस्तित्व बनाए रखता है।

इसी कारण से हमारा शरीर या दुनिया की हर वस्तु Boson कणिका के बिना अधूरी है। समय-समय पर इसे God Particle का नाम दिया गया है। Boson कणिकाओं का महत्व हमारे जीवन में बहुत ज्यादा है, जिसकी कल्पना कर पाना भी हमारी सोच से परे है।

Higgs Field क्या है ? – What is Higgs Field In Hindi?

The Higgs Field and Higgs Boson In Hindi

मैंने आपको पहले ही हिग्स बोसॉन (Higgs Boson In Hindi) के बारे में बता रखा है, इसलिए आपको Higgs Field को समझने में कोई दिक्कत नहीं होगी। मित्रों, अगर मैं आपसे पूछूँ कि ऐसी एक वस्तु या पदार्थ का नाम बताइए जिसका कोई वजन ही न हो, तो आपका जवाब क्या होगा? यहाँ शायद कुछ लोग हवा का नाम लेंगे, परंतु मित्रों, मैं आपको बता दूँ कि हवा का भी अपना वजन होता है। खैर, कभी आपने यह सोचा है कि एक वस्तु का वजन कहाँ से आता है? इसके पीछे का कारण क्या है?

मित्रों, ऊपर दिए गए सवालों का जवाब सिर्फ एक ही है और वह जवाब है Boson के द्वारा निर्मित Higgs Field। इसके बाद आपको यह सुनकर हैरानी होगी कि संसार में जितने भी जीव-जन्तु, पेड़-पौधे, वस्तुएँ मौजूद हैं, यह सब Higgs Field की संरचना से निर्मित हैं।

यहाँ पर Peter Higgs ने अपनी एक थ्योरी रखी, जो कि बाद में Higgs Field के नाम से जानी गई। तो, मित्रों, यह Higgs Field है क्या? चलिए जानते हैं।

हिग्स फील्ड की संज्ञा :- Definition of Higgs Field in Hindi

किसी भी साधारण चुंबकीय और गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र की तरह, हिग्स फील्ड (Higgs Field in Hindi) भी एक क्षेत्र है। इसी क्षेत्र में वस्तुओं की मौलिक कणिकाएँ अपने वजन के हिसाब से एक निर्धारित संरचना में अपने आपको सजा कर रखती हैं। विशेष रूप से, अगर वस्तु बड़ी है, तो यह Higgs Field से ज्यादा प्रतिक्रिया करेगी और अगर वस्तु छोटी है, तो वह Higgs Field से कम प्रतिक्रिया करेगी। यहाँ पर आपको साफ-साफ नजर आएगा कि किसी भी वस्तु का आकार मौलिक रूप से उस वस्तु की Higgs Field की संरचना पर निर्भर करता है।

फिर भी, अगर हिग्स फील्ड को एक ऊर्जा का क्षेत्र कहें तो इसमें कोई गलती नहीं होगी। उदाहरण के लिए, यहाँ मैं एक छोटी मछली और एक बड़ी मछली को ले रहा हूँ। थोड़ा गौर से ध्यान-पूर्वक सोचिएगा! ठीक है! अगर हम इन दोनों (बड़ी और छोटी) को समंदर में छोड़ देते हैं, तो कौन सबसे फुर्तीले तरीके से समंदर के क्षेत्र के हिसाब से सहज तरीके से तैर पाएगी? छोटी मछली ना! क्योंकि, छोटी मछली का आकार बड़ी की तुलना में कम है और वह आसानी से ज्यादा जगह पाकर फुर्तीले तरीके से समंदर में तैर सकती है। वहीं, बड़ी मछली का आकार बड़ा होने के कारण वह ठीक तरीके से तेजी से तैर नहीं पाएगी।+

तो, मित्रों, ठीक इसी प्रकार से हिग्स फील्ड (Higgs Field in Hindi) भी काम करता है। अगर हिग्स फील्ड छोटा होगा तो उसमें बहने वाली ऊर्जा ज्यादा होगी और वह ताकतवर होगा। वहीं, दूसरी ओर, बड़ी हिग्स फील्ड की ऊर्जा कम होगी और वह कमजोर होगी।

आपके लिए एक जरूरी सूचना :-

मित्रों, आपको बताने के लिए ही मैंने मछलियों का उदाहरण लिया है। इसे आप गंभीर रूप से हिग्स फील्ड (Higgs Field in Hindi) की संरचना के साथ जबरदस्ती जोड़ने का प्रयास ना करें। हिग्स फील्ड में Electron और Top Quark को प्रयोग में लिया जाता है।

Quarks type in Hindi (Higgs Boson In Hindi)
क्वार्क पार्टिकल 6 तरीके के होते हैं।

इन दोनों कणिकाओं (electron और top quark) का आकार तो समान होता है, परंतु सबअटॉमिक पार्टिकल्स होने के कारण दोनों कणिकाओं की संरचना में काफी विभेद दिखाई पड़ता है।

Higgs Mechanism क्या है? – What is Higgs Mechanism In Hindi

हालाँकि Higgs Boson के बारे में आप लोगों ने यहाँ बहुत कुछ जान लिया है, परंतु Higgs Mechanism के बारे में क्या आप जानते हैं? Higgs Mechanism की मूल-निव 1961 में प्रसिद्ध वैज्ञानिक Julian Schwinger ने रखी थी। उन्होंने अपने शोध में इस Mechanism पर बहुत काम किया था, परंतु उन्होंने कभी इस बारे में दुनिया के सामने कोई जिक्र नहीं किया।

1965 में Peter Higgs ने विश्व दरबार में अपने थ्योरी के जरिए Higgs Mechanism का सही रूप प्रकाशित किया। यह Mechanism Quantum विज्ञान के Superconductivity के नियमों पर आधारित था। बिना Higgs Mechanism के संसार का कोई भी कण वजन रहित हो जाएगा और कोई भी वस्तु बिना वजन के अंतरिक्ष में तैरती रहेगी। इसी कारण से Higgs Mechanism आज इतना महत्वपूर्ण है।

Higgs Mechanism कैसे दुनिया के सामने आया?

1961 में Julian ने इस Mechanism का निव रखा था, परंतु इसे सर्वप्रथम 1962 में Philip Warren ने सही रूप से विकसित करके दुनिया के सामने रखा। यही Mechanism बाद में Higgs Field और Graviton का पूर्वज के रूप में परिचित हुआ।

Higgs Mechanism के आविष्कार के समय में Quantum विज्ञान में यह अभूतपूर्व खोज थी। यह Gauge Theory और Mass Generation के साथ भी सही तरीके से सांझा करता था। 8 अक्टूबर 2013 को, LHC (Large Hadron Collider) में Higgs Field का जन्म हुआ।

Higgs Boson से जुड़े रोचक तथ्य :- Fact’s of Higgs Boson In Hindi

  1. इसका वास्तविक नाम God Particle नहीं है!

झटका लगा ना! मुझे भी लगा था जब मुझे इसके बारे में पता चला था। यहाँ पर बहुत सारे लोग हैरान हो जाते हैं। Leon Ledermann, जिन्होंने यह नाम Boson को दिया था, उन्होंने भी अपनी किताब में साफ-साफ इसके बारे में जिक्र नहीं किया है। वाह! मान गए Ledermann साहब! मित्रों, इसलिए किसी भी चीज़ पर यकीन करने से पहले आप उसके बारे में अच्छे से जान लें, क्योंकि अधिक जानकारी आपको ही फायदा पहुंचाएगी। अगर आप इस तरीके के ज्ञानवर्धक लेख पढ़ना चाहते हैं, तो आप हमारे ब्लैकहोल, Antimatter और ऐसे ही कई सारे विज्ञान पर लिखे लेखों को आसानी से हमारी वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं।

  1. Higgs Boson को लेकर हुआ था नोबेल पुरस्कार में विवाद

Higgs Field और Graviton के ऊपर आधारित इस लेख में मैंने आपको बहुत सारी अनोखी बातें बताई हैं। परंतु ठहरिए! अभी और भी अनोखी बातें जानना बाकी हैं। उदाहरण स्वरूप, आपको जानकर हैरानी होगी कि Higgs Boson की खोज वास्तव में 7000 लोगों ने की थी। जी हाँ! आपने सही सुना, 7000 लोगों ने। Peter Higgs के साथ-साथ Gerald Guralnik, Francois Englert, Tom Kibble आदि इसमें प्रमुख हैं।

  1. शायद हमने Boson कणिका को निकाल लिया है!

मित्रों! विज्ञान के क्षेत्र में कोई भी चीज़ स्थाई नहीं होती, विशेष रूप से नए-नए खोजे गए कणिका (Particles)। इसलिए Boson के ऊपर भी हम सटीक रूप से अब भी कुछ टिप्पणी नहीं कर सकते। हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम Boson के बारे में और शोध करके इसके असली गुणों को पहचानें और इसके आविष्कारक को अच्छे से ढूंढ कर निकालें।

  1. Hadron Collider की हैरान कर देने वाला आकार

Higgs Boson को जहाँ से आविष्कार किया गया है, वह यंत्र अपने आप में ही एक अजूबा है। Hadron Collider दुनिया का सबसे जटिल यंत्र है। जमीन के 100 मीटर नीचे मौजूद 27 किलोमीटर लंबी यह यंत्र कई सारे चुम्बकों से बनी हुई है। यह यंत्र कई खरबों Proton को एक साथ लेकर प्रकाश की 99.9999% गति तक किसी भी वस्तु पर टकराने में सक्षम है।

Higgs Field and Graviton का पूरा विज्ञान - Higgs Filed and Graviton in Hindi.
Large Hadron Collider- The Particle Accelerator
  1. Hadron Collider पृथ्वी को कभी भी तबाह नहीं करेगा!

यह बात मुझे लगता है सब ने पहले से सुनी होगी। परंतु फिर भी मुझे ऐसा लगा कि इसके बारे में बात करना सही रहेगा। कुछ लोग कहते थे कि यह ब्लैक होल का निर्माण कर सकता है। परंतु मित्रों! यह मात्र एक अफवाह है। Hadron Collider कोई भी ब्लैक होल बनाने में सक्षम नहीं है। इसलिए आपको रत्ती भर भी चिंता करने की जरूरत नहीं है।

  1. Higgs Mechanism ही हमारे ब्रह्मांड को इतना अनोखा बनाता है!

मित्रों! हमारा अंतरिक्ष अजूबों से भरा हुआ है। इसमें बहुत प्रकार के अजीबो-गरीब पदार्थ मौजूद हैं। परंतु कुछ ऐसे भी कणिका हैं जो हमारे अंतरिक्ष में बहुत रहस्यमय तरीके से हमारे ब्रह्मांड के मौलिक पदार्थों को बनाते हैं। उन्हीं मौलिक कणिकाओं में Higgs Boson कणिका सबसे मुख्य है।

जब से ब्रह्मांड बना है, तब से यह ब्रह्मांड में मौजूद हर एक वस्तु को उसका सही वजन हासिल करने में मदद कर रहा है। यह कणिका हमारे मौलिक आणविक कणिका Proton, Electron और यहाँ तक की Quarks के वजन को निर्धारित करते हैं। इसीलिए Boson हमारे ब्रह्मांड का सबसे महत्वपूर्ण कणिका है।

मित्रों! ऊपर आपने हिग्स बोसोन Boson के विषय में बहुत सारी रोचक बातें जान ली हैं। इसलिए अब यहाँ बारी आती है Graviton की, क्योंकि यह लेख Higgs Field और Graviton के ऊपर आधारित है।

क्या है Graviton ? – What is Graviton In Hindi

अगर आपको याद हो, हिग्स फील्ड और ग्रेविटोन (Higgs Field and Graviton In Hindi) के ऊपर आधारित इस लेख में मैंने पहले ही फोटोन का जिक्र किया है। जैसे Photon विद्युतचुम्बकीय क्षेत्र (electromagnetic field) में ऊर्जा का संचार करता है, ठीक उसी तरह Graviton गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में गुरुत्वाकर्षण शक्ति का संचार करता है।

वैसे तो Photon, Boson और Graviton तीनों अलग-अलग कण हैं, परंतु इन सभी का कार्य मोटे तौर पर समान ही है। इसके अलावा, इन सभी पार्टिकल्स में एक और समानता है और वह है इनका वजन रहित (Massless) होना।

यहाँ एक और विषय पर गौर करने की जरूरत है। Graviton को इसकी घूमने की दिशा (spin) और भी अनोखा बना देती है। Photon कणिका से विपरीत, यह एक 2-spin कणिका है। Graviton को आज तक कोई भी वैज्ञानिक वास्तविक रूप में खोज नहीं पाया है। इसी कारण से यह एक काल्पनिक कणिका है। हालाँकि, इसके ऊपर अभी भी शोध चल रहा है।

एक विशेष नजर Graviton पर :-

मित्रों! गुरुत्वाकर्षण बल एक कमजोर बल होता है। इसीलिए, इसको परिवहन करने वाला मौलिक-कण भी वस्तु के साथ बहुत ही कमजोर तरीके से प्रतिक्रिया करता है। इसके अलावा, इसको ढूंढ पाना भी बहुत मुश्किल है। परंतु, यहाँ एक गौर करने वाली चीज़ भी है। अगर कोई Graviton को खोजना चाहता है, तो वह गुरुत्वाकर्षण शक्तियों से बनी तरंगों की मदद से इसको शायद खोज सकता है।

Graviton के बारे में रोचक तथ्य:  Graviton Facts In Hindi

मित्रों, Higgs Field और Graviton के ऊपर आधारित इस लेख में अब बारी Graviton की आती है। अभी के लिए आपने सिर्फ Graviton (Graviton In Hindi) क्या है, वह जाना है। परंतु, मैं यहाँ पर Graviton के विषय में रोचक तथ्यों को बताऊंगा।

  • बाकी अन्य कणिकाओं के विपरीत, Graviton एक काल्पनिक और रहस्यमयी कणिका है। इसकी अस्तित्व की पुष्टि अभी तक विज्ञान ने किसी भी प्रकार के शोध के माध्यम से नहीं की है।
  • ब्लैकहोल Graviton के समागम से बना हुआ होता है। हाँ जी! दोस्तों, इस प्रकार की थिओरी को कई वैज्ञानिकों ने खुद माना है। Quantum Mechanics के अंदर यह संभव है। Graviton अंतरिक्ष के समय के प्रतिक्रिया करके, इसके द्रव्य मान को परिवर्तित करके ब्लैकहोल का निर्माण करता है।
  • Graviton attraction particle का भी इजात करता है। कई थ्योरी के हिसाब से यह संभव है। Graviton के बिना जनरल रिलेटिविटी की थ्योरी के संभव नहीं हो पाती।

Higgs Field और Graviton तथा Black-hole के बीच में संबंध: 

मित्रों! दूसरे आयामों के बारे में आपने पहले से जरूर ही कई सारी कहानियाँ सुनी होंगी। परंतु, क्या आप जानते हैं कि इनके पीछे की हकीकत क्या है? क्या आप जानते हैं कि ब्लैकहोल की संरचना के पीछे कैसे Graviton कणों का हाथ है? अगर नहीं जानते, तो कृपया इस लेख को पढ़ते रहिए।

हमने अपने जीवन में सिर्फ तीन आयामों की चीजों को ही देखा है। मैं, आप सब और संसार की हर एक वस्तु तीन आयामों से ही बनी हुई है। इसीलिए, हमारे संसार को 3D कहा जाता है। परंतु, Boson कणिका जो है, यह 2D और इसके नीचे के आयामों को भी स्थापित करता है। आसान भाषा में कहा जाए तो, Boson कणिका और आयाम एक-दूसरे के पूरक हैं। आमतौर पर हमारे आसपास मौजूद हर एक जीव और वस्तु ऊपर-नीचे, आगे-पीछे और दायें-बाएँ जा सकता है। परंतु, Boson कणिका 3D के साथ 2D प्लेन में भी आसानी से गति कर सकते हैं।

इसके अलावा, अगर हम अलग आयामों को प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमें बेहद छोटे ब्लैक होल के बारे में भी सोचना पड़ेगा। अगर हम किसी भी प्रकार से ऐसा ब्लैक होल बना भी लेते हैं, तो उस समय हमें आयामों की संख्या, इसके अंदर मौजूद ऊर्जा और ब्लैकहोल के आकार को भी देखना पड़ेगा। कई थिओरी यह भी कहती हैं कि Hadron Collider में वास्तव में ब्लैकहोल बनता है। परंतु, मित्रों, आप ही सोचिए इतने क्षुद्र ब्लैकहोल का जीवन काल कितना कम होता होगा। वैज्ञानिकों ने इन ब्लैकहोल के जीवन काल को 10^-27 सेकंड बताया है।

Graviton और गुरुत्वाकर्षण बल:

कई वैज्ञानिक मानते हैं कि Graviton (Graviton In Hindi) को Hadron Collider में बनाया जा सकता है। परंतु, मित्रों, जरा सोचिए, Graviton एक कमजोर कणिका है और इसका ज्यादा समय तक टिकना संभव नहीं है। फिर भी, हम मान लेते हैं कि Graviton का जन्म Hadron में किया जा सकता है। परंतु, अगर ऐसा भी होता है, तो Graviton को अतिरिक्त आयामों में विलय होने से कोई भी रोक नहीं सकता है।

इसको समझने के लिए हम पटाखे का उदाहरण ले सकते हैं। जैसे पटाखे से छिटक कर कणिकाएँ निकलती हैं, ठीक उसी प्रकार से Hadron Collider से Graviton कणिका छिटक कर बाहर निकलती है। Collider से निकलने के बाद Graviton बाहर मौजूद अतिरिक्त आयामों में विघटित हो जाती है। यहाँ, अगर हमें Graviton को देखना है, तो हमें थोड़ी बारीकी से अध्ययन करना पड़ेगा। Graviton निकलते समय हल्का सा आवेग और ऊर्जा के तरंगों में परिवर्तन लाती है।

यकीन मानिए, अगर आप इस बदलाव को सही तरीके से नहीं देखेंगे, तो आप इसे दुबारा नहीं देख पाएंगे। मित्रों! विज्ञान की दुनिया में छोटी से छोटी चीज़ को भी आपको महत्व देना पड़ेगा।

Graviton की हमारे जीवन में भूमिका:

मित्रों, हमारे लिए खाने की भांति Graviton कण हमारे जीवन में बहुत ज्यादा महत्व रखती है। हालाँकि, हम इसे अपनी आँखों से नहीं देख सकते, परंतु इसका कार्य हमारे दैनिक जीवन में काफी महत्वपूर्ण है। हम जो खाना निगलते हैं, उसमें Gravity या Graviton मदद करता है। जब हम चलते हैं, तो Graviton एक बल की तरह हमारे पैरों के जरिये हमारी चलने में मदद करता है।

इसके साथ-साथ, Graviton (Graviton In Hindi) के बदौलत हम किसी भी वस्तु को पकड़ सकते हैं। Graviton की वजह से हर एक वस्तु पर गुरुत्वाकर्षण बल काम करता है। अगर Graviton नहीं होगा, तो गुरुत्वाकर्षण बल हमारे शरीर या किसी भी वस्तु पर सही तरीके से काम नहीं कर पाएगा। शायद Graviton अभी के लिए काल्पनिक हो, परंतु जल्द ही इसे वैज्ञानिक खोज कर निकालने वाले हैं।

निष्कर्ष :-

इस सफर का अंत हो गया है। मैंने आपके लिए हिग्स बोसॉन, हिग्स फील्ड और ग्रेविटोन (Higgs boson and Graviton In Hindi) के बारे में कुछ रोचक तथ्य प्रस्तुत किए हैं। क्या आप इनमें से किसी तथ्य के बारे में और जानना चाहते हैं? या फिर आपके मन में कोई और सवाल है? मुझे बताएं, मैं आपके सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हूं।

क्या आपने रसायन विज्ञान में तत्वों के अद्भुत संयोजनों के बारे में जानना चाहेंगे? या फिर जीव जंतुओं की दुनिया में छिपे रहस्यों को उजागर करना चाहते हैं? या फिर हमारे सूर्य के बारे में कुछ रोचक जानकारियां हासिल करना चाहते हैं? इन सभी विषयों पर मैंने विस्तृत लेख लिखे हैं। आप इन्हें विज्ञानम वेबसाइट पर आसानी से पढ़ सकते हैं।

हमने आज हिग्स बोसॉन, हिग्स फील्ड और ग्रेविटोन (Higgs boson and Graviton In Hindi) जैसे रहस्यमयी विषयों पर चर्चा की है। विज्ञान की दुनिया में हमेशा कुछ नया सीखने को मिलता रहता है। उम्मीद है कि इस लेख ने आपको विज्ञान के प्रति और अधिक उत्सुक बनाया होगा।

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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