ब्रह्मांड में कई सारे चीज़ें मौजूद हैं। मैंने आप लोगों को ब्रह्मांड व अन्तरिक्ष (Hard to Explain Discoveries) से जुड़ी कई खगोलीय घटना-क्रमों के बारे में बताया है। मानव इतिहास में ब्रह्मांड और इंसान के बीच एक अलग ही रिश्ते को देखा गया है। क्योंकि जब-जब हमें ये लगता है कि, हमने ब्रह्मांड के बारे में कुछ अधिक जान लिया है, तब-तब ब्रह्मांड हमें कुछ ऐसी चीज़ दिखाता है कि, हम लोगों का होश ही उड़ जाता है। इसलिए कहा जाता है कि, ब्रह्मांड के सामने इंसान की औकात कुछ भी नहीं है। क्योंकि ये ब्रह्मांड अनंत है और हम काफी ज्यादा सीमित।
हालांकि! मानव दिमाग की जब भी बात आती है, तब हमारे मन में ब्रह्मांड को जानने का उत्साह हमेशा ही बढ़ जाता है। क्योंकि अक्सर ये दिमाग हमें बोलता है कि, कुछ और जान लेते हैं! मित्रों! मैंने भी जब सबसे पहले अन्तरिक्ष के बारे में जानना शुरू किया था, तब मुझे भी ब्रह्मांड की हर एक बात अद्भुत लगा करती थी। और मुझे पता है कि, आप लोगों के मन में भी ये जिज्ञासा जरूर रहीं होगी कि, आखिर ये ब्रह्मांड (Hard to Explain Discoveries) इतना उलझा हुआ क्यों है!
तो मित्रों मैं आप लोगों को बता दूँ कि, ब्रह्मांड के आज भी कुछ ऐसे खोज मौजूद हैं, जिनके बारे में आज तक हम कुछ भी जान नहीं पाए हैं। या यूं कहें कि, हमारे लिए ये सभी आविष्कार अनजान हैं। इसलिए आज के लेख में हम इन्हीं आविष्कारों को और ज्यादा बारीकी से जानने का प्रयास करेंगे।
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ब्रह्मांड की कुछ अन-सुलझी खोजें! – Hard to Explain Discoveries in Space :-
लेख के इस भाग में हम लोग ब्रह्मांड के कुछ बेहद ही रोचक व अनजान आविष्कारों (Hard to Explain Discoveries) के बारे में चर्चा करेंगे। इसलिए आप लोगों से विनती हैं कि, इस भाग को जरा गौर से पढ़िएगा। मुझे आशा है कि, आप लोगों को इस लेख के जरिये काफी कुछ जानने का मौका मिलेगा।
1) प्लानेट नाइन (Planet Nine) :-
सौर-मंडल के ग्रहों की बात ही कुछ अलग है। वैज्ञानिकों के अनुसार नेपच्यून के कक्षा के तुरंत बाद एक बहुत ही बड़ा व रहस्यमयी खगोलीय पिंड सूर्य का चक्कर काट रहा है। कुछ शोध कर्ता ये कहते हैं कि, ये अनजान ऑब्जेक्ट हमारे सौर-मंडल का 9 वां ग्रह हो सकता है। हालांकि! अभी तक हम इसको देख नहीं पाएँ हैं, परंतु आने वाले समय में शायद हम इसको देख पाएँ। अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, ये ग्रह बहुत ही ज्यादा खास हैं।
क्योंकि शायद ये पृथ्वी से 5 से 10 गुना तक बड़ा हो सकता है और सूर्य की एक परिक्रमा के लिए ये 10,000 सालों का समय लेता है। वैसे यहाँ एक गौर करने वाली बात ये है कि, प्लानट 9 के बारे में अभी तक कोई ठोस सबूत मिल नहीं पाया है। इसलिए इसके बारे में अभी कुछ सटीक तरीके से कह पाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल है।
वैसे अगर हकीकत में प्लानेट 9 मौजूद हैं, तो उसे वर्तमान के तकनीक के जरिये डिटेक्ट कर पाना काफी ज्यादा मुश्किल है। क्योंकि ये हम से काफी दूर मौजूद हैं और हमारे स्पेस टेलिस्कोप्स इतने दूर मौजूद ग्रहों के बारे में कुछ ठोस जानकारी देने में अभी सक्षम नहीं है। इसलिए शायद हमें कुछ और समय तक इंतजार करना पड़ेगा, ताकि हमें इनके बारे में जरूरी जानकारी मिल सके।
2) द रन अवे ब्लैक-होल ( The Runaway Black Hole) :-
आप लोगों को जानकर बहुत ही ज्यादा हैरानी होगी कि, ब्रह्मांड (Hard to Explain Discoveries) में कुछ ऐसे भी ब्लैक-होल हैं; जो की बाकी ब्लैक होल्स से काफी ज्यादा अलग हैं। कहने का मतलब ये हैं कि, इस तरह के ब्लैक होल ब्रह्मांड में एक जगह टिकते नहीं हैं। इसलिए इनका नाम “दौड़ता हुआ ब्लैक-होल” भी रख दिया जाता हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार वर्तमान समय में इस तरह के एक ब्लैक होल की खोज हो चुकी हैं।
वैसे आप लोगों की अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, इस तरह के ब्लैक होल अपने पास मौजूद आकाशगंगा से काफी दूर भागते हैं। और सबसे रोचक बात ये है कि, आकाशगंगा से दूर भागते वक़्त इनके पीछे-पीछे सितारों की एक लंबी सी कतार दिखाई पड़ती है। 2023 में खोजे गए इस प्रकार के ब्लैक होल का वजन हमारे सूर्य से लगभग 2 करोड़ गुना ज्यादा होता है और इसके पीछे 200,000 लाइट इयर्स लंबी सितारों के कतार को देखा गया था।
हालांकि! इस तरह के ब्लैक होल का बनना कोई आम बात नहीं है। क्योंकि ज़्यादातर ब्लैक होल्स अपने आकाशगंगा के साथ मौजूद रहते हैं। परंतु कुछ क्षेत्रों में अगर एक साथ तीन ब्लैक होल्स करीब आ जाते हैं, तब उनमें से एक ब्लैक होल भारी गुरुत्वाकर्षण बल में असमानता के कारण काफी दूर छिटक जाता है। वैसे आप लोगों का इस पर क्या राय है, कमेंट कर के जरूर बताइएगा।
3) द फर्मी बबल (The Fermi Bubble) :-
अभी तक हम लोगों ने इस लेख में कई सारे रोचक बातों को जान लिया हैं। परंतु अब मेँ जिस चीज़ के बारे में बात करने के लिए जा रहा हूँ, वो आप लोगों की होश जरूर ही उड़ा सकता हैं। आकाशगंगाओं के केंद्र में मौजूद ब्लैक-होल्स से दो बहुत ही विशाल और शक्तिशाली ऊर्जा के बबल निकलते हुए नजर आए हैं। वैज्ञानिक इन बबल्स को “फर्मी बबल” कहते हैं। आप लोगों को बता दूँ कि, अभी तक वैज्ञानिकों को इन बबल्स की उत्पत्ति के बारे में कुछ भी नहीं पता हैं।
और सबसे खास बात ये हैं कि, इन बबल्स को हमारे ही आकाशगंगा में देखा गया हैं। वैसे अधिक जानकारी के लिए आप लोगों को बता दूँ कि, फर्मी बबल के कारण हमारे आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद ब्लैक-होल के ऊपर और नीचे लगभग 25,000 प्रकाश वर्ष की दूरी तक एक “Hour Glass” जैसा स्ट्रक्चर बन गया हैं। और इन बबल्स की चौड़ाई हमारे आकाशगंगा के कूल चौड़ाई का आधा हैं।
वैसे इन बबल्स को आप अपने खुली आँखों से नहीं देख सकते हैं। क्योंकि ये सिर्फ और सिर्फ “एक्स-रे” में ही दिख सकते हैं। इसलिए इनके इतने बड़े आकार होने के बाद भी हम इन्हें सिर्फ टेलिस्कोप के जरिए ही देख सकते हैं। मित्रों! वाकई में ये ब्रह्मांड (Hard to Explain Discoveries) कितना अद्भुत हैं! इसके बारे में जितना भी जानो, उतना ही कम हैं।
4) “?” आकार का आकाशगंगा (The Big Question) :-
हमारे ब्रह्मांड (Hard to Explain Discoveries) में कई आकार और प्रकार के आकाशगंगाओं को खोजा गया हैं। परंतु कभी आपने सोचा हैं कि, एक आकाशगंगा ऐसा भी हैं जो की देखने में “?” जैसा लगता हैं। “Herbig-Haro 46/47” नाम के सितारे को अब्ज़र्व करते वक़्त, वैज्ञानिकों ने एक अलग ही चीज़ देख लिया हैं। मेरे कहने का ये मतलब हैं कि, उस सितारों के बारे में जानकारी इक्कठा करते वक़्त वैज्ञानिकों को एक फोटो ऐसी मिली की जिसे देख कर सब का होश उड़ गया।
असल में उस फोटो में कॉस्मिक डस्ट से बने हुए एक विशालकाय आकृति को देखा गया हैं, जो की हूबहू किसी प्रश्न चिन्ह के आकार का हैं। अब वैज्ञानिकों को इस आकृति के उत्पत्ति या इसके बारे में कुछ पता नहीं हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस चीज़ के बारे में न तो हमें कुछ पता हैं और न ही ये हमसे कितने दूरी पर मौजूद हैं, इसके बारे में भी कुछ जानकारी नहीं हैं। तो, अब आप सोच सकते हैं कि; ये चीज़ असल में कितना ज्यादा रहस्यमयी हैं। मित्रों! अकसर ब्रह्मांड में इस तरह के रहस्यमयी चीजों की खोज होते रहते हैं।
वैसे कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार इस चीज़ के लाल रंग को देख कर ये कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि, ये चीज़ काफी ज्यादा पुरानी हैं। वैसे कुछ थियरि ये भी कहते हैं कि, इस चीज़ के अंदर कई सारे आकाशगंगाओं का मिलन हो रहा होगा। जिससे ये अफरा-तफरी वाली आकृति बन गई हैं।
Source :- www.livescience.com