![इस छोटी आकाशगंगा में छुपा हुआ है एक विशाल ब्लैक होल! - Giant Black Hole In A Tiny Galaxy](https://vigyanam.com/wp-content/images/2021/12/black-hole-in-tiny-galaxy-780x470.jpg)
अंतरिक्ष के बारे में जब भी बात उठती है, तब-तब आकाशगंगाओं और ब्लैक होल (giant black hole in a tiny galaxy) का नाम सामने आया है। ब्रह्मांड के आरंभ से ले कर शायद इसके अंत तक, हर वक़्त इन दोनों ही चीजों के बारे में जिक्र मिलता रहा है। क्योंकि इन दोनों ही चीजों के बिना न तो हमारा और न ही हमारे सौर-मंडल का कुछ भी अस्तित्व है। ब्लैक होल को अंतरिक्ष विज्ञानी इसके खोज से ले कर आज तक बड़े ही उत्सुकता और बारीकी से देखते हैं। ब्लैक होल ही वो चीज़ है, जहां ब्रह्मांड के ज़्यादातर राज छुपे हुए हैं।
![छोटे आकाशगंगा के अंदर मौजूद हैं विशाल ब्लैक होल! - Giant Black Hole In A Tiny Galaxy.](https://vigyanam.com/wp-content/images/2021/12/SCI-NEWS-FEATURED.jpg)
इसलिए कई बार आपको हमारी वेबसाइट विज्ञानम पर ब्लैक होल (giant black hole in a tiny galaxy) से जुड़े तरह-तरह के तथ्य पढ़ने को मिलेंगे। खैर आज के इस लेख का विषय भी ब्लैक होल और आकाशगंगा से जुड़ा है, इसलिए अगर आपने अभी तक हमारे दूसरे लेखों को (ब्लैक होल और आकाशगंगा से जुड़े) नहीं पढ़ा है, तो कृपया उसे एक बार अवश्य पढ़ें। ताकि आप लोगों को मूल विषय अच्छे से समझ में आ जाए। तो, आज हम चर्चा करेंगे एक ऐसे ब्लैक होल के बारे में जिसने पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों का चैन छिन लिया है।
तो, चलिए अब लेख को आगे बढ़ाते हैं और इसी अनोखे व असाधारण ब्लैक होल के बारे में जानते हैं।
विषय - सूची
छोटे सी आकाशगंगा में बसा हुआ है एक विशाल ब्लैक होल! – Giant Black Hole In A Tiny Galaxy! :-
अभी तक वैज्ञानिकों के पास ब्लैक होल (giant black hole in a tiny galaxy) को ले कर तरह-तरह के सिद्धांत थे। ब्लैक होल के बनने से लेकर इसके अंत तक, वैज्ञानिक सभी घटनाओं की अच्छे तरीके से व्याख्या कर सकते थे। परंतु हाल में ही एक ऐसी घटना घटी है, जिसने वैज्ञानिकों की ब्लैक होल को लेकर जो सोच थी उसे पूरी तरीके से बदल कर रख दिया है। जी हाँ मित्रों! हम लोगों को एक ऐसे ब्लैक होल के बारे में जानने को मिला है, जिसके बारे में सारे सिद्धांत गलत हो जाते हैं। ये कोई आम व साधारण ब्लैक होल नहीं है, परंतु एक खास ब्लैक होल है।
![छोटे आकाशगंगा के अंदर मौजूद हैं विशाल ब्लैक होल! - Giant Black Hole In A Tiny Galaxy.](https://vigyanam.com/wp-content/images/2021/12/ign-2.jpg)
अब आप लोगों के मन में ये सवाल पहले उठ रहा होगा कि, आखिर ये ब्लैक होल कहाँ मौजूद हैं? मित्रों! आपको जानकर काफी हैरानी होगी कि, ये ब्लैक होल हमारी पृथ्वी के काफी पास मौजूदहैं। दरअसल बात ये है कि, हमारी आकाशगंगा के पास एक बहुत ही छोटी सी आकाशगंगा हैं जिसके अंदर ये खास ब्लैक होल स्थित है। वैज्ञानिकों के अनुसार आकाशगंगा के आकार की तुलना में ब्लैक होल का आकार ही इस ब्लैक होल और साथ में आकाशगंगा को काफी ज्यादा असाधारण बना रहा है।
आम तौर पर आकाशगंगाओं के केंद्र में ब्लैक होल मौजूद होते हैं। परंतु इस आकाशगंगा के केंद्र में जो ब्लैक होल स्थित है, वो तुलनात्मक रूप से काफी ज्यादा बड़ा है। कहने का तात्पर्य ये हे कि, इस आकाशगंगा के अंदर जो ब्लैक होल है, उसे इस आकाशगंगा के अंदर नहीं होना चाहिए। वैसे इसके बारे में वैज्ञानिकों के पास भी कोई सिद्धांत नहीं हैं, जो कि इस ब्लैक होल के उपस्थिति के बारे में ज्यादा प्रकाश ड़ाल सके।
आखिर कैसे हुआ ये संभव! :-
“Leo I” नाम से परिचित ये आकाशगंगा आकार में सिर्फ 2,000 प्रकाश वर्ष जितना ही बड़ी हैं और पृथ्वी से मात्र 8,20,000 प्रकाश वर्ष के दूरी पर मौजूद है। हालांकि! इससे पहले वैज्ञानिक इस आकाशगंगा को सिर्फ एक क्षुद्र समूह के तौर पर देख रहे थे। कुछ वैज्ञानिकों ने, इस समूह का कुल वजन सूर्य के वजन से लगभग 1.5 से 3 करोड़ गुना बताया था। खैर आप लोगों को बता दूँ कि, हमारे आकाशगंगा “मिल्की वे” का वजन सूर्य के वजन से लगभग 1.5 खरब गुना ज्यादा है और इसका आकार 00,000 प्रकाश वर्ष जितना है।
![Harlen Telescope.](https://vigyanam.com/wp-content/images/2021/12/macdonald-observatory-3.jpg)
वर्तमान में किए गए शोध से पता चला है कि, लियो I के केंद्र में जो ब्लैक होल मौजूद है वो हमारी आकाशगंगा “मिल्की वे” के केंद्र में मौजूद ब्लैक होल (giant black hole in a tiny galaxy) के जितना ही बड़ा है। इतनी छोटी आकाशगंगा के अंदर इतने बड़े ब्लैक होल कि मौजूदगी वाकई में एक बहुत ही बड़ी बात है। इससे पहले वैज्ञानिकों को लगता था कि, जितने भी बड़े-बड़े ब्लैक होल हैं वो सब आकाशगंगाओं की आपस में टक्कर से ही बनते हैं।
इसलिए ब्लैक होल और आकाशगंगाओं के आकार में मेल रहना जायज़ है। परंतु इस लियो I के ब्लैक होल ने पूरे सिद्धांत को ही बदल कर रख दिया है। मित्रों! बता दूँ कि, इस ब्लैक होल के सामने कोई भी थ्योरी काम नहीं आ रही है। पूरी अंतरिक्ष विज्ञान ही इस आकाशगंगा और ब्लैक होल के सामने असहाय सी जान पड़ती है। खुद वैज्ञानिकों को ही इसके बारे में कुछ समझ में नहीं आ रहा है। आपको इसके बारे में क्या लगता हैं?
ये खोज हमें क्या संकेत दे रही है? :-
लियो I के इस ब्लैक होल ने हमारे लिए एक अलग ही राह खोल दी है, जो कि हमें तरह-तरह के संकेत दे रही हैं। मित्रों! ज्यादातर वैज्ञानिक खोजों की तरह ही ये खोज भी गलती से ही हुई है, वैज्ञानिकों को इसे लेकर कोई पुर्वानुमान नहीं था। दरअसल वैज्ञानिक लियो I के अंदर मौजूद डार्क मैटर की मात्रा के बारे में पता लगाने के लिए प्रस्तुत थे। उन्होंने इसके लिए “Harlan Telescope” को इस्तेमाल में लिया था। इस टेलिस्कोप में लगे “Virus-W” नाम के उपकरण के जरिये वैज्ञानिक किसी भी आकाशगंगा में मौजूद डार्क मैटर को मापते हैं।
![All galaxies nearby Milky Way.](https://vigyanam.com/wp-content/images/2021/12/PHYS-ORG-4.jpg)
हालांकि! ये उपकरण छोटे-छोटे आकाशगंगाओं में मौजूद सितारों के गति को देख कर, वहाँ हो रहे बदलावों के आधार पर ही डार्क मैटर के बारे में पता लगाता है। बता दूँ कि, डार्क मैटर भी ब्लैक होल के जितना ही रहस्यमयी और खुफ़िया है। आप लोगों को जानकर हैरानी होगा कि, ब्रह्मांड की जिस जगह पर जितना अधिक डार्क मैटर होगा, वहाँ पर सितारे उतने ही तेजी से गति करेंगे। हालांकि! वैज्ञानिकों को पता चला कि, लियो I के अंदर कोई डार्क मैटर तो नहीं है, परंतु हाँ इसके अंदर एक ऐसा ब्लैक होल जरूर है जो कि काफी बड़ा है।
निष्कर्ष – Conclusion :-
मित्रों! एक ध्यान देने वाली बात ये भी है कि, लियो I के अंदर वैज्ञानिकों को पहले डार्क मैटर के मौजूदगी के बारे में काफी ज्यादा संभावना दिखाई पड़ती थी। कुछ वैज्ञानिक तो लियो I के अंदर डार्क मैटर कि मौजूदगी को एक सत्य घटना के तौर पर भी देखते थे। परंतु, हाल ही में हुई इस खोज ने उन सभी कल्पनाओं और सिद्धांतों तथा रायों के ऊपर पानी ही फेर दिया है। क्योंकि उस समय ऐसे खोज बिना सुपर कम्प्युटर के किए जाते थे। इससे पहले के खोज में वैज्ञानिक आकाशगंगा के भीतरी बनावट को नहीं देख रहे थे।
![छोटे आकाशगंगा के अंदर मौजूद हैं विशाल ब्लैक होल! - Giant Black Hole In A Tiny Galaxy.](https://vigyanam.com/wp-content/images/2021/12/NASA-5.jpg)
वो लोग आकाशगंगा के कुछ बारीक दिखाई देने वाले सितारों के आधार पर ही डार्क मैटर के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहें थे। इसलिए उन लोगों ने जो जानकारी जुटाई थी, वो सब सटीक नहीं था। इसके अलावा इन खोजों से जुटाए गई तथ्यों में काफी धीमी गति के सितारों के बारे में ही पता चल पाया था। मित्रों! ऊपर से इन धीमी गति वाले सितारों के संख्या में भी काफी ज्यादा असमानताएं पायी गई थी। इसलिए इन तथ्यों के आधार पर हम लियो I के अंदर मौजूद डार्क मैटर के बारे में कभी सटीक तरीके से पुष्टि नहीं कर सकते थे।
तो, अगर हम आकाशगंगाओं के अंदर मौजूद डार्क मैटर के बारे में भी सटीक तरीके पुष्टि नहीं कर पाएंगे, तो ब्लैक होल (giant black hole in a tiny galaxy) जैसे रहस्यमयी चीज़ें तो हमारे लिए और भी ज्यादा रहस्य बन जाएंगी। वाकई में सटीक तथ्यों के बिना ब्रह्मांड में कुछ भी कर पाना बहुत ही मुश्किल है।
Source :- www.livescience.com