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“Eternal Inflation” थ्योरी के बारे में पूरी जानकारी! – Eternal Inflation Theory In Hindi

क्या होता हैं "मल्टीवर्स (Multiverse)"? क्या हूबहू आपके और हमारे जैसे लोग अन्य ब्रह्मांडों में मौजूद हैं?

ब्रह्मांड कितना बड़ा है? ये सवाल वैज्ञानिकों से लेकर हर एक साधारण इंसान के मन में हमेशा से ही आता रहा है। परंतु खेद की बात ये हैं की, इसका कोई संतोषजनक उत्तर हमें अभी तक नहीं मिला है। परंतु, यहाँ फिर से सवाल उठता हैं कि, क्या कभी हमें इस सवाल का जवाब मिल पाएगा? सोचने वाली बात है न! मित्रों मुझे ये पता हैं की, आप लोगों में से ज़्यादातर लोगों को बिग-बैंग के बारे में पहले से ही कई चीज़ें पता हैं। लेकिन आज मैं बिग-बैंग से अधिक आप लोगों को कुछ बताने वाला हूँ। आज मैं आप लोगों को बताऊंगा “इटरनल इंफ्लैशन थ्योरी” (Eternal Inflation Theory In Hindi) के बारे में।

“इटरनल इंफ्लैशन थ्योरी” (Eternal Inflation Theory In Hindi) एक ऐसा सिद्धांत हैं, जिसके बारे में काफी कम लोग ही जानते हैं। कहने का मतलब ये है की, बिग-बैंग सिद्धांत के साथ ये सिद्धांत इतना जरूरी हैं कि, शायद ही आप कभी सोच पाएंगे। परंतु पता नहीं क्यों कोई इसके बारे में इतनी चर्चा नहीं करता है। खैर आप चिंता मत कीजिये, मैं आप लोगों को इस पुराना परंतु काफी महत्वपूर्ण सिद्धांत के बारे में अवश्य ही कुछ न कुछ बताने का प्रयास अवश्य ही करूंगा।

इटरनल इंफ्लैशन थियरि के बारे में पूरी जानकारी - Eternal Inflation Theory In Hindi.
हर क्षण फैल रहा हैं हमारा ब्रह्मांड | Credit: YouTube.

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“Eternal Inflation” थियरि किसे कहते हैं? – What Is Eternal Inflation Theory In Hindi? :-

मित्रों! सबसे पहले मेँ आप लोगों को इटरनल इन्फ़्लामैशन थियरि (eternal inflation theory in hindi) आखिर किसे कहते हैं, वो बताऊंगा। क्योंकि, इसकी संज्ञा को एक बार जान लेने के बाद आप खुद व खुद इससे संबंधित कई बातों को स्वतः ही समझने लगेंगे। तो, आखिर क्या हैं “Eternal Inflation Theory”?

गौर करें तो आप इसके शब्दों के मतलब से ही, इस सिद्धांत के बारे में काफी कुछ जान सकते हैं। “Eternal” यानी अनंत” और “Inflation” यानी फैलना”। तो, दोनों ही शब्दों के अर्थ को अगर हम एक जगह पर रख कर देखें तो “Eternal Inflation” का अर्थ होगा अनंत फैलाव”। फिर, आप लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि, आखिर किस संदर्भ में अनंत फैलाव के बारे में बोला जा रहा है? तो, मित्रों! आप लोगों को बता दूँ की; ये हमारे ब्रह्मांड के संदर्भ के बारे में कहा जा रहा हैं।

What Is Eternal Inflation Theory?
इटरनल इंफ्लैशन थियरि किसे कहते हैं? | Credit: lwcopsa.

वैसे देखा जाए तो, “Eternal Inflation” का सिद्धांत एक काल्पनिक विचारधाराओं पर आधारित सिद्धांत हैं, जो की “बिग-बैंग” से ही अपना संबंध रखता है। मित्रों, आप यहाँ ये भी कह सकते हैं कि, बिग-बैंग का ही एक हिस्सा “Eternal Inflation” हैं। इसलिए कई बार इसे “Inflationary Universe” मॉडेल का भी हिस्सा मान लिया जाता है। इस सिद्धांत का जन्म बिग-बैंग के कारकों पर ही हुआ हैं और ये अपना ताल्लुक कई अन्य सिद्धांतों तक भी रखता है।

खैर इस के बारे में हम आगे लेख में चर्चा करेंगे, तो मेरे साथ इस लेख में बने रहिए।

आखिर क्या दर्शाता हैं “Eternal Inflation” सिद्धांत? :-

“Eternal Inflation” (eternal inflation theory in hindi) थयोरी के अनुसार हमारा ब्रह्मांड अनंत काल के लिए फैलता ही रहेगा”। यानी हमारे ब्रह्मांड का inflationary phase हमेशा-हमेशा के लिए रहेगा। मित्रों! हर एक क्षण हमारा ब्रह्मांड फैल रहा है और इसके अंदर मौजूद चीजों का घनत्व भी उसी हिसाब से बढ़ रहा है। इसलिए ब्रह्मांड के किसी एक निर्धिष्ट समय में मौजूद चीजों का घनत्व कभी भी एक समान नहीं रहता है। यही वजह है कि, इटरनल इंफ्लैशन थ्योरी हमारे ब्रह्मांड को अनंत बना कर मल्टीवर्स” (Multiverse) में बदल देता है। वैसे आपको मल्टीवर्स के बारे में पता हैं?

मल्टीवर्स” माने कई सारे ब्रह्मांडों के मिलने से बनाने वाला एक विशालकाय ब्रह्मांड, जिसके आकार के बारे में सोचना भी हमारे लिए एक सपने की तरह ही है। वैसे सबसे पहले ऐसे ब्रह्मांडों की परिकल्पना साल 1983 में “Paul Steinhardt” और “Alexander Vilenkin” के द्वारा किए जाना लगा। मल्टीवर्ष हालांकि एक प्राचीन भारतीय विचार है पर आधुनिक काल में इस विचार को इन दोनों ही वैज्ञानिकों ने दुनिया के सामने दर्शाया की ऐसे मल्टीवर्स हकीकत में हो सकते हैं और इसके अस्तित्व को हम खारिज नहीं कर सकते हैं।

इटरनल इंफ्लैशन थियरि के बारे में पूरी जानकारी - Eternal Inflation Theory In Hindi.
क्या बताता है इटरनल इंफ्लैशन थियरि? | Credit: Mit News.

वैसे 2007 में आई एक रिपोर्ट में ये पाया गया कि, इटरनल इंफ्लैशन थ्योरी के अंदर भी कुछ अपवाद शामिल हैं। रिपोर्ट में दर्शाया गया था की, भले ही ये सिद्धांत सत्य हो परंतु कुछ क्षेत्रों में ये पूरे तरीके से लागू नहीं हो सकता है। रिपोर्ट में और भी कहा गया की, ब्रह्मांड का अनंत काल तक फैलना भविष्य के समयानुसार संभव हैं, परंतु कभी भी ये भूत काल के लिए संभव नहीं हो सकता हैं”। ऐसे में दुनिया भर के वैज्ञानिकों का ध्यान इस विषय पर और भी अधिक पड़ने लगा।

आखिर कैसे बना ये सिद्धांत! :-

मित्रों! इस सिद्धांत का सबसे पहली नींव साल 1979 को रखी जाती है। उस समय के वैज्ञानिक ब्रह्मांड के चपटे आकार और एकरूपता के ऊपर अध्ययन कर रहें होते हैं। तब वैज्ञानिकों को लगता है की, बिग-बैंग के तुरंत बाद हमारा ब्रह्मांड क्रमागत रूप से कई बार फैलने लगता है। वैसे उनके अनुसार इस फैलाव के लिए लगने वाली ऊर्जा फल्स वैक्युम से ही आती है। खैर क्रमागत रूप से फैलाव के इस प्रक्रिया में कोई निर्धारित समयसीमा न होने के कारण कुछ वैज्ञानिक इसे अनंत काल तक चलने वाली प्रक्रिया के रूप से देखने लगे।

वैसे सोचने वाली बात ये है कि, बिना ऊर्जा के कोई भी प्रक्रिया घटित नहीं हो सकती है और किसी प्रक्रिया को अनंत काल के लिए चलने के लिए इतनी मात्रा में ऊर्जा का स्रोत शायद ही इस ब्रह्मांड में कहीं हों। इसलिए कुछ वैज्ञानिकों ने पहले-पहले इस सिद्धांत को सिर्फ परिकल्पना मात्र ही समझा। परंतु साल 1983 में जब Paul Steinhardt ने इस सिद्धांत का एक नया पहलू खोला, तब ऐसा प्रतीत होने लगा कि, ये सिद्धांत सच में संभव हो सकता है। उन्होने दर्शाया की, ब्रह्मांड का फैलना एक आकस्मिक प्रक्रिया न हो कर एक Slow-roll प्रक्रिया है”

धीमी प्रक्रिया होने के कारण, ब्रह्मांड के फैलाव (eternal inflation theory in hindi) में कोई दिक्कत नहीं है। इसके अलावा इस प्रक्रिया के लिए लगने वाली ऊर्जा भी आसानी से ब्रह्मांड से उपलब्ध हो सकती है। तो, मित्रों! कुछ तरह ही इस सिद्धांत का सूत्र पात हुआ था। खैर आपको इस सिद्धांत के बारे में क्या लगता हैं, जरूर ही कमेंट करके बताइएगा।

निष्कर्ष – Conclusion :-

1983 में ही किए गए एक अध्ययन से पता लगा की, ब्रह्मांड के अनंत काल तक फैलाव के कारण (eternal inflation theory in hindi) इसके अंदर कई प्रकार के बबल या बुल-बुले बन रहें हैं। मित्रों! इन्हीं बबल्स या बुल-बुले के बारे में एक बहुत ही खास बात उस समय पता चला। वैज्ञानिकों ने देखा की ब्रह्मांड के फैलने से इसके (ब्रह्मांड के) आकार में तो बृद्धि हो रही है, परंतु साथ ही साथ ये कई छोटे-छोटे या यूं कहे की कई अलग-अलग ब्रह्मांडों में बंट जा रहा है।

इटरनल इंफ्लैशन थियरि के बारे में पूरी जानकारी।
क्या ये सिद्धांत मल्टीवर्स को जन्म देता हैं? | Credit: Wiktionary

मैंने जो पहले बबल्स या बुल-बुलों की बात करी, वो दरअसल एक-एक अलग-अलग ब्रह्मांड हैं। वैसे काफी सारे अलग-अलग ब्रह्मांडों के मिलने से ही मल्टीवर्स” का निर्माण होता है। इसके अलावा एक बहुत ही चौंकाने वाली बात ये भी हैं की, ये ब्रह्मांड एक-दूसरे के इतने पास मौजूद रह कर भी एक-दूसरे से काफी ज्यादा अलग-अलग है। कहने का मतलब ये हैं की, हर एक ब्रह्मांड के अपने अलग ही गुण और नियम होते हैं। इसलिए किसी एक ब्रह्मांड में प्रचलित नियम या सिद्धांत किसी दूसरे ब्रह्मांड में भी लागू होगा, ये अनिवार्य नहीं है।

वैसे अगर हम इटरनल इंफ्लैशन थियरि को गौर से देखें तो, ये भौतिक विज्ञान के कई  नियमों को उल्लंघन करता हुआ दिखाई देगा। इसलिए कई वैज्ञानिक आज भी इस सिद्धांत को ग्रहण करने में झिझकते हैं।


Source :- www.journals.aps.org.

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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