नमस्कार मित्रों ! कैसे हैं आप सब ? सब ठीक न ! खैर आज मेँ एक बहुत ही अनोखी व एक अजीब सी चीज़ के बारे में बात करने जा रहा हूँ और वह अजीब सी चीज़ का नाम फर्मी बबल (Fermi bubble in Hindi) हैं | आप सभी लोगों ने अगर मेरे पहले के कुछ लेखों को पढ़ा होगा तो , आप जानते होंगे की अंतरिक्ष बहुत सारे अजीब चीजों से भरी हुई हैं | कहीं सुपरनोवा के शक्तिशाली धमाके हैं , तो कहीं घूप अंधकार में ढका हुआ ब्लैक होल | हमारे पृथ्वी से हम लोगों ने अंतरिक्ष का सिर्फ 1 % हिस्सा ही अच्छे से खोज पाएँ हैं |
यह अंतरिक्ष किसी भी इंसान की कल्पना से भी ज्यादा बड़ा हैं | यहाँ प्रति क्षण कुछ न कुछ घटता ही रहता हैं | उन्हीं कुछ घटनाओं के अंदर फर्मी बबल (fermi bubble in hindi) की घटना भी एक बहुत ही अकाल्पनिक घटना हैं | अकसर मैंने लोगों को देखा है की वह अंतरिक्ष में अगर कोई चीज़ को जानते है , तो वह शायद एक ब्लैक होल ही होता हैं | परंतु क्या आपको पता हैं ! उसी ब्लैक होल से कई सारे अजीब-अजीब चीज़ भी निकलती रहती हैं | अंतरिक्ष में फर्मी बबल (fermi bubble in hindi) भी एक ब्लैक होल के पास ही निकलता हुआ नजर आता हैं |
मित्रों ! यहाँ मेँ आपको और भी बता दूँ की आमतौर पर फर्मी बबल (fermi bubble in hindi) को हमारे आकाशगंगा यानी मिल्की वे के केंद्र में मौजूद सुपर मेसिव ब्लैक होल के पास देखा गया हैं | परंतु दुख की बात यह है की इस के बारे में ज्यादा कोई बात नहीं करते हैं | तो , चलिए आगे इस लेख मेँ इस अंजान चीज़ के बार में और भी बहुत सारी बात जानते हैं |
विषय - सूची
क्या है यह फर्मी बबल – What is Fermi Bubble ? :-
आगे कुछ जानने से पहले सबसे पहले आपको फर्मी बबल क्या है , उसको जानना होगा | तो यहाँ सवाल बनता है की आखिर क्या है यह फर्मी बबल ?
2010 में किया गया गामा रे ओब्सर्बवेसन के दौरान फर्मी रे टेलीस्कोप (Fermi Gamma-ray Space Telescope)
ने मिल्की वे से जुड़ी एक बहुत बड़ा राज को दुनिया के सामने लाया था | फर्मी टेलिस्कोपे ने मिल्की वे के केंद्र में बबल (Bubble) आकृति के दो रहस्यमई चीज़ को खोज कर निकाला था | आमतौर पर यह चीज़ मिल्की वे के केंद्र से निकल कर एक बबल (बुलबुले) के आकृति में ऊपर और नीचे के दिशा में फैला हुआ था |
इस बबल के आकृति वाले चीज़ को “फर्मी टेलिस्कोप” ने खोजा था , इसलिए इस का नाम “फर्मी बबल” हुआ | वैज्ञानिकों की माने तो यह बबल मिल्की वे के केंद्र से ऊपर और नीचे करीब-करीब 50,000 प्रकाश वर्ष तक फैला हुआ हैं | इसका आकार इतना विशाल है की आप चाहें तो भी इस के अंत का कल्पना नहीं कर सकते | इसलिए जब भी मेँ इस तरह के किसी भी विशाल खगोलीय चीज़ की बात करता हूँ तो , मुझे ऐसा लगता है की हमारी औकात इस अंतरिक्ष मेँ शायद कुछ भी नहीं हैं | हमारा पृथ्वी इतना छोटा है की , जैसे कोई रेत के पहाड़ का एक छोटा सा कण हैं |
वाकई में अंतरिक्ष को 100% समझना हमारे लिए शायद ही कभी संभव हो |
फर्मी बबल और इसका ब्लैक होल से रिश्ता :-
अकसर कई वैज्ञानिक फर्मी बबल को (fermi bubble in hindi) एक खगोलीय शृंखला के तौर पर भी देखते हैं | हमारा अंतरिक्ष आमतौर पर इस तरीके से बना हुआ है की , यह गामा रे के विकिरण से चमक उठता हैं | विज्ञान के क्षेत्र में ऐसी शक्तिशाली गामा रे को कॉस्मिक रे (Cosmic Ray) भी कहते हैं | जब अंतरिक्ष में मौजूद धूल के कण और खगोलीय बादल कॉस्मिक रे के संपर्क में आते है , तो एक चमकीले खगोलीय बादल का निर्माण करते हैं |
मेँ आपको यहाँ और भी बता दूँ की फर्मी बबल (fermi bubble in hindi) देखने में एक बादल का जैसा ही है और यह अंतरिक्ष में अपने चमकीले गुण के वजह से कई हजारों प्रकाश वर्ष तक प्रकाश के किरणों को विकीरित करता हैं | अगर आप एक फर्मी बबल की तस्वीर देखेंगे तो आपको पता चलेगा की चपटी सी डिस्क जैसी दिखती हुई हिस्सा मिल्की वे है और इस के ऊपर व नीचे मौजूद चमकीला बादल जैसा हिस्सा फर्मी बबल हैं |
यहाँ एक चीज़ फर्मी बबल को बहुत ही अजीब बनाता हैं | कुछ वैज्ञानिक मानते है की फर्मी बबल मिल्की वे के केंद्र में मौजूद ब्लैक होल से बना हुआ हैं | परंतु ठहरिए ! हमने तो पढ़ा था की ब्लैक होल से कोई भी वस्तु यहाँ तक की प्रकाश भी नहीं निकल सकता हैं | तो , यह फर्मी बबल (Fermi bubble in hindi) आखिर कैसे एक ब्लैक होल से निकल सकता हैं |
आखिर कैसे एक ब्लैक होल से बनता है फर्मी बबल ? :-
कई वैज्ञानिक फर्मी बबल के बनने को ले कर काफी सारे तर्क प्रस्तुत करते हैं | परंतु इन तर्कों में सबसे ज्यादा वैज्ञानिक जेट एमिसन के तर्क तो जायज मानते हैं | मूल रूप से फर्मी बबल (fermi bubble in hindi) एक शक्तिशाली जेट एमिसन ही हैं | मिल्की वे के केंद्र में मौजूद सुपर मेसिव ब्लैक होल शायद एक ऐसी अवस्था में पहुँच चुका है की , अब वह जेट एमिसन भी करने लगा हो और इसी कारण से फर्मी बबल जैसे चीजों का बनना संभव हुआ हो |
फर्मी बबल के बनने के लिए काफी सारी ऊर्जा की जरूरत पड़ती है और इतनी ऊर्जा वह भी नियमित रूप से सिर्फ ब्लैक होल से ही निकल सकता हैं | अंतरिक्ष में फर्मी बबल जैसी अजीब व असाधारण चीजों की खोंज बहुत ही उत्साह की बात हैं | यह अंतरिक्ष के दिशा में हमारे दृष्टिकोण को काफी ज्यादा प्रभावित करने में सक्षम रहा हैं |
हाल ही के एक खोज से पता चला है की फर्मी बबल के पास एक और गामा रे विकीरित करने वाला चीज़ को ढूंढा गया हैं | जब वैज्ञानिकों ने इस पर शोध किया तो , पता चला की इसको ऊर्जा देने के लिए कोई भी ऊर्जा का स्रोत इस के पार मौजूद नहीं हैं | तो , आखिर कैसे यह गामा रे जैसी शक्तिशाली किरणों को अंतरिक्ष में विकिरित कर रहा है |
वाकई में मित्रों ! अंतरिक्ष मेँ अब भी हमें काफी कुछ जानना और खोजना बाकी हैं | आपको इस के बारे में क्या लगता हैं ? क्या भारत भी कभी अंतरिक्ष में फर्मी बबल (fermi bubble in hindi) जैसी असाधारण चीजों को खोज पाएगा ?
हबल ने ढूंढ निकाला फर्मी बबल का चौकाने वाला रहस्य ! – Hubble Solves The Mystery Of Fermi Bubble In Hindi :-
NASA और अंतरिक्ष में इंसान की सबसे सटीक और कामयाब आँख माने जाने हबल स्पेस टेलीस्कोप ने फर्मी बबल (fermi bubble in hindi) से जुड़ी कुछ बहुत ही चौकाने बाली बातों को ढूंढ कर निकाला हैं | अमरीका में फर्मी बबल पर कई सारे वैज्ञानिक शोध कर रहें हैं और उन में से कुछ वैज्ञानिकों ने फर्मी बबल के रहस्य को दुनिया के सामने रखने के लिए कई सालों से तत्पर हैं |
खैर आप लोगों ने निश्चित रूप से अमरीका में मौजूद एमआईटी (MIT) का नाम तो सुना ही होगा | तो , वहाँ के कुछ वैज्ञानिक फर्मी बबल के रहस्य को सफल रूप से विश्लेषण करने मेँ सक्षम रहें हैं | वैज्ञानिक Rongmon Bordoloi के नेतृत्व में बनी वैज्ञानिकों का यह दल क्वासार के जरिए ऊपरी फर्मी बबल के बारे में काफी सारी जानकारी जुटाने में सक्षम रहें हैं |
फर्मी बबल से जुड़ी शोध :-
मेँ आपको यहाँ बता दूँ की ऊपरी फर्मी बबल लगभग 23,000 प्रकाश वर्ष तक फैला हुआ हैं | इसके अलावा इस बबल के अंदर इतनी ऊर्जा है की यह इस से आसानी से 20 लाख सूर्य उत्पन्न हो सकते हैं | करीब-करीब 46 क्वासारों के ऊपर शोध करने के बाद वैज्ञानिकों ने फर्मी बबल के गति को सही तरीके से ट्रेक कर पाएँ हैं | इसके अलावा वैज्ञानिकों ने फर्मी बबल (fermi bubble in hindi) का आयु 60 से 90 लाख साल का लगाया हैं |
यहाँ मित्रों चौकाने बाली बात यह है की एमआईटी के वैज्ञानिकों ने पहले से फर्मी बबल के बनने के लिए दिया गया तर्क को नकारते हुए एक दूसरी व इसके विपरीत तर्क को प्रस्तुत किया | ब्रह्मांड के अंदर जीतने भी आकाशगंगा मौजूद है , हर एक के केंद्र में एक-एक सुपर मेसिव ब्लैक होल मौजूद हैं | हमारे आकाशगंगा के केंद्र में सेजीटेरीअस ए नाम का एक ब्लैक होल मौजूद हैं | यह ब्लैक होल अब सुप्त अवस्था में मौजूद हैं | हालाँकि अपने प्रारंभिक अवस्था में यह भी सक्रिय रूप में था |
एमआईटी के वैज्ञानिकों का फर्मी बबल से जुड़ी तर्क :-
तो , यहाँ वैज्ञानिकों का मानना है की जब हमारे आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद यह ब्लैक होल चमकीले बादल और धूल के कण को अपने अंदर खींचता है , तब यह धूल के कण और चमकीले गैस के बादल एक फनल के आकृति में इस के ऊपर और नीचे के दिशा में फैल जाते हैं | मूल रूप से ऐसे ही फर्मी बबल का निर्माण होता हैं |
खैर इस खोज से और एक दिलचस्प बात भी पता चला | गहन शोध से हासिल हुआ की कई बार ब्लैक होल से भी कुछ-कुछ वस्तु वापिस आ जाते हैं | जी हाँ ! आपने सही सुना एक ब्लैक होल से | इस तरीके के घटना बहुत ही कम और देखने में काफी दुर्लभ हैं | जब कोई भी पदार्थ ब्लैक होल से निकल कर आ जाता है , तब उसकी संरचना ब्लैक होल के शक्तिशाली आकर्षण बल के कारण पहले की तरह नहीं रहता हैं |
इसी वजह से वह वस्तु अंतरिक्ष में दूर-दूर तक फैल कर अपना विस्तार कर देता हैं | इसको वैज्ञानिक “आउट फ्लो” भी कहते हैं और फर्मी बबल (Fermi bubble in hindi) भी एक आउट फ्लो का भी नतीजा हो सकता हैं |
फर्मी बबल से जुड़ी कुछ अनोखी बातें :-
मित्रों यहाँ आपको मेँ और भी बता दूँ की ब्रह्मांड में मौजूद आकाशगंगाओं के अंदर इस तरह के ऊर्जा का आउट फ्लो होना एक आम बात हैं और फर्मी बबल की ही तरह अन्य आकाशगंगाओं के अंदर भी इस तरीके के बबल मौजूद होंगे | खैर उस सभी की दूरी के कारण हम लोग अकसर उन्हें देख नहीं पाते | परंतु फर्मी बबल (fermi bubble in hindi) हमारे आकाशगंगा के अंदर मौजूद होने के कारण हम इसे आसानी से देख सकते हैं |
रोजाना फर्मी बबल से प्रकाश की किरणें पृथ्वी तक आती ही रहती है और इसी कारण से यह चमकीला बादल हमें हर वक़्त आकर्षित करता रहता हैं | इसके अलावा वैज्ञानिक आसानी से फर्मी बबल के गति की दिशा को इसके कारण से ट्रेक भी कर सकते हैं | वैज्ञानिकों का मानना है की फर्मी बबल मुख्य रूप से कार्बन और सिलिकॉन से बना हुआ हैं | इस के अंदर मौजूद हर एक कण 30 लाख मिल प्रति घंटे की गति से घूम रहा हैं | इसके अलावा इतने तेजी से घूमने के कारण इन कणिकाओं का तापमान 9,8000 डिग्री सेलसीअस तक भी पहुँच जाता हैं।
निष्कर्ष – Conclusion :-
मित्रों ! मैंने ऊपर आपको फर्मी बबल से जुड़ी काफी कुछ जानकारी पहले ही ही दे दिया है | परंतु यहाँ मेँ आपको कुछ अधिक बताना चाहता हूँ | जैसा की मैंने ऊपर ही कहा है की गामा रे के वजह से फर्मी बबल (fermi bubble in hindi) काफी ज्यादा चमकीले होते हैं | पर दोस्तों इस के पीछे और एक वजह भी छुपा हुआ है जिसके कारण यह इतना चमकीला हो पाता हैं।
हाल ही के एक शोध से पता चला है की , फर्मी बबल के अंदर मौजूद मूल भूत कणिकाओं का तापमान 1 करोड़ डिग्री सेलसीअस तक पहुँच जाता हैं | जी हाँ ! 1 करोड़ तक | इतने ज्यादा तापमान में शायद ही कोई अन्य दूसरी कणिका टिक पाता | इतने ज्यादा तापमान के कारण गामा रे के कणिका अंतरिक्ष में चमक उठते हैं | इसके अलावा देखा जाए तो फर्मी बबल के आसपास का हिस्सा ब्लैक होल के कारण बहुत अंधकार है जो की इसे (फर्मी बबल) और भी ज्यादा खूबसूरत बनाता हैं।
इसके अलावा वैज्ञानिकों ने फर्मी बबल के गति को गद्दे नजर रखते हुए इस की अंदरूनी संरचना को सही तरीके से खोजने में सक्षम रहें हैं | मैंने इसके बारे में आपको ऊपर भी एक छोटा सा विवरण दे दिया हैं | तो , मित्रों इस लेख को अंत करने का समय आ गया है | परंतु जाने से पहले आप सभी लोगों से मेँ कुछ आग्रह करना चाहूँगा | मित्रों ! अगर आप लोगों को मैरे व विज्ञानम के अन्य लेख पसंद आते हैं , तो इसे आप ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिए।
शेयर करेंगे तो यह लेख ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँच पाएगा और वह कहते हैं न “ज्ञान बांटने से ही बढ़ता है” | इस तरीके के विज्ञान से जुड़ी ज्ञान वर्धक और दिलचस्प लेखों को आगे पढ़ते रहने के लिए हमसे आगे भी जुड़े रहिए।
।। धन्यवाद ।।