इंसान 1969 में मात्र 4 KB RAM की मदद से चांद पर गया था और आज उसके 50 साल बाद एक मामूली गेम भी बिना 1GB रैम के नहीं चलता। आज हमारे स्मार्टफोंस में ही अट्ठारह जीबी तक RAMs आती है जो उस 4KB RAM का कई गुना है। आजकल एक मामूली लैपटॉप की भी स्टोरेज 1TB तक होती है। खैर क्या आपने कभी यह सोचा है कि हमारे ब्रह्मांड की स्टोरेज (Data Storage In Universe) कितनी होगी? हमारे ब्रह्मांड की स्टोरेज हर एक पिंड के हर एक एटम की स्टोरेज के बराबर होगी। अब हर एक Atom को लेकर उसका डाटा मापना तो प्रैक्टिकली पॉसिबल नहीं है लेकिन हम थ्योरी में इसे जरूर समझ सकते हैं और आज हम आपको इस आर्टिकल में भी कुछ यही समझाने वाले हैं।
आज आपको हम स्टोरेज की छोटी-छोटी यूनिट से चालू करते हुए पूरे ब्रह्मांड की स्टोरेज कैपेसिटी के बारे में बताएंगे।
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कैसे मापा जाता है डेटा
आमतौर पर डाटा को Kilobytes, Megabytes, Gigabytes और Terabytes में नापा जाता है। लेकिन डाटा की इससे भी छोटी unit होती है और उसे Byte कहा जाता है।
8 bits के मिलने के बाद हमे एक Byte मिलती है और 1024 बाइट्स के मिलने से एक किलोबाइट। आगे बढ़ते हुए जब 1024 KB का डाटा होता है तो उसे Megabyte कहते हैं और ये सीरीज आगे ऐसे ही कंटिन्यू होती रहती है। आज कल के स्मार्टफोन में ही 1TB तक का डाटा स्टोर (Data Storage In Universe) हो जाता है और आपके फोन में भी कम से कम 16 GB स्टोरेज तो होगी ही। Terabytes के बाद भी कई सारी units होती हैं लेकिन वो इतने बड़े डाटा की यूनिट है जितना हमने कभी स्टोर नहीं किया। Terabytes के बाद आती है Petabytes जिसमे 1024 terabytes के बराबर का डाटा होता है।
आज तक जितने भी न्यूजपेपर्स और मैगजींस इस दुनिया में छपे हैं उन सभी के डाटा को मिलाकर करीब 200 पीबी डाटा बनेगा। PB के ऊपर आती है EB यानी एग्जाबाइट्स और इसकी एक यूनिट मे 1024 PB डाटा होता है। अगर हम आज तक पैदा हुए सारे इंसानों के मुंह से निकले शब्दों को टेक्स्ट फाइल में स्टोर करें तो उसका डाटा (Data Storage In Hindi) करीब 5 EB का बनेगा। 15 EB, Google के डाटा वेयरहाउस की स्टोरेज कैपेसिटी थी। चौंकाने वाली बात यह है कि आपके शरीर के सिर्फ 1 ग्राम डीएनए में 360 EB डाटा स्टोर है।
विशालकाय डेटा कल्केशन
इससे भी बड़ी यूनिट को कहा जाता है Zettabyte और इसमें 1024 Exabyte के बराबर का डाटा स्टोर किया जा सकता है। Graphite के 12 ग्राम में करीब 75 Zettabyte का डाटा स्टोर रहता है। यह इतना ज्यादा डाटा है की अगर इसे इंटरनेट पर स्टोर किया जाए तो आपको इसे डाउनलोड करने में करीब 72 करोड़ साल लग जाएंगे। अब हम आपको बताने वाले है डाटा की सबसे बड़ी यूनिट के बारे में जिसे कहते हैं Yottabytes और इसके एक यूनिट में 1024 Zettabyte के बराबर का डाटा मौजूद (Data Storage In Universe) होता है। यह हमारी आम जिंदगी में कभी भी नही use हुई है और इसे सिर्फ बहुत ही ज्यादा बड़े लेवल के डाटा की थ्योरी बताने में इस्तेमाल में लाया जाता है।
18 ग्राम पानी में कितना डेटा स्टोर हो सकता है?
अगर आपको यह जानना हैं की एक Mole यानी करीब 18 ग्राम पानी को 100°C पर गर्म करने पर उसकी कितनी entropy बढ़ती है यानी उसमे कितनी अस्थिरता आती तो आपको करीब 1.7 YB (Yottabytes) 1.1×1025 Bits की जरूरत पड़ेगी। यह इतनी ज्यादा स्टोरेज है कि हम इस स्टोरेज को बनाना तो दूर इसके बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। अगर आप इस डाटा को डीवीडी में स्टोर करते हैं तो इतने सारे डीवीडी आपके पास हो जाएंगे की अगर उन्हें एक के बाद एक रखकर पृथ्वी के अट्ठारह चक्कर भी लगवा दें तो भी वह पूरे नहीं पड़ेंगे।
सूर्य में कितना डेटा स्टोर होता है?
हम यहां पर भी नहीं रुकने वाले हैं अब हम बात करेंगे सूर्य और ब्लैक होल जैसे विशाल पिंड मैं स्टोर डाटा के बारे में। हमारा सूर्य हम से 15 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है और यह हमारे सूर्य मंडल का 99.8% हिस्सा बनाता है। इससे हर सेकंड निकलने वाले पार्टिकल्स की संख्या अनगिनत है और इसलिए इसमें मौजूद डाटा भी बहुत ज्यादा है।
अगर इसमें मौजूद पार्टिकल्स की अस्थिरता यानी randomness और entropy को नापा जाए तो उसका डाटा कितना ज्यादा होगा यह हम और आप सोच भी नहीं सकते। सूर्य के हर एक फोटोन में 30 बिट डाटा स्टोर होता है और इसके हर एक इलेक्ट्रॉन में 10 बिट डाटा होता है । अगर इन सभी को मिला दिया जाए तो यह करीब 1058 bits डाटा होगा। इस डाटा को स्टोर करने के लिए आपके पास एक टेराबाइट की 1045 हार्ड डिस्क होनी चाहिए यानी एक के आगे 45 जीरो लगा दो उतनी हार्ड डिस्क।
आकाशगंगा और डेटा (How Much DATA in Milky Way)
वहीं अगर आप पूरी मिल्की वे गैलेक्सी की एंट्रॉपी को निकालना चाहते हैं जिसका डायमीटर करीब 100000 प्रकाश वर्ष है यानी प्रकाश की गति से चलने पर भी आपको मिल्की वे के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में 100000 साल लगेंगे , तो वह करीब 1069 bits बनेगी। इस डाटा में भी सिर्फ तारों का ही डाटा है क्योंकि अभी हमें मिलती रहने मौजूद सभी ब्लैक होल की संख्या क्लियर नहीं है। अगर इसी डाटा को टेराबाइट में बदला जाए तो यह करीब 1.25×1056 TB बनेगा।
इसे स्टोर करने के लिए आपको 1.25×1056 हार्ड डिस्क की जरूरत पड़ेगी और अगर आप इन हार्ड डिस्क को एक लाइन में रखेंगे तो यह कई प्रकाश वर्ष में फैल जाएंगी। यह तो हमारा छोटा सा सूर्य था। इससे कई गुना ज्यादा जानकारी ब्लैक होल में मौजूद होती है क्योंकि जो भी चीज ब्लैक होल में जाती है उसका अपना खुद का एक डाटा होता है और जब कई सारी चीजों का डाटा एक ही चीज में स्टोर (Data Storage In Hindi) होता जाता है तो उस चीज की भी स्टोरेज काफी ज्यादा बढ़ जाती है जैसा कि ब्लैक होल के केस में होता है।
ब्लैक होल और डेटा
वैज्ञानिक अभी भी ब्लैक होल इनफार्मेशन पैराडॉक्स (Information Paradox) को नहीं सुलझा पाए हैं जिसके मुताबिक ब्लैक होल में जाने वाली जानकारी आखिर जाती कहां है ? स्टीफन हॉकिंग ने बताया था कि ब्लैक होल भी रेडिएशन के फॉर्म में पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं लेकिन यहां पर यह सवाल उठता है कि ब्लैक होल में जो भी जानकारी गई थी आखिर वह कहां जाती है क्योंकि जानकारी कभी भी डिस्ट्रॉय नहीं की जा सकती ? खैर एक ब्लैक होल में करीब 1077 bits डाटा स्टोर (Data Storage Of Universe) होता है जो 1.25×1064 bits के बराबर है। यह तो उस ब्लैक होल का डाटा है जो हमारे सूर्य से मात्र 10 गुना ज्यादा बढ़ा है। हमारे ब्रह्मांड में ऐसा भी एक ब्लैक होल मौजूद है जिसका साइज हमारे सूर्य से 21 अरब गुना ज्यादा है अब आप ही अंदाजा लगाइए कि उस ब्लैक होल में कितना ज्यादा डाटा स्टोर होगा।
ब्रह्मांड में स्टोर डेटा – Data Storage In Universe
अब हम आपको बताने वाले है की हमारे पूरे ब्रह्मांड में कितना डाटा स्टोर है। 2002 में हुई एक रिसर्च के मुताबिक हमारा ब्रह्मांड भी एक फिजिकल सिस्टम है और इसमें मौजूद डाटा करीब 10107 Tera bytes या 10120 bits के बराबर है।
IBM के मुताबिक एक बिट डाटा को स्टोर करने के लिए करीब 12 atoms लगते है और यह तो 10120 bits डाटा है और इतने डाटा को स्टोर करने के लिए हमारे ब्रह्मांड में एटम भी कम पड़ जायेंगे। आपको हम सूचित कर दे कि यह डाटा सिर्फ उतने ही ब्रह्मांड का है जितना हम इंसान आज तक खोज पाए हैं यानी Observable Universe का।
जैसे-जैसे और ज्यादा खोज होती जाएंगी और विज्ञान आगे बढ़ता जाएगा वैसे वैसे डाटा की मात्रा भी बढ़ती जाएगी। इससे पता चलता है कि हमारा ब्रह्मांड कितना ज्यादा विशाल है और हम उसके सामने कितनी ज्यादा छोटे हैं।