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चेर्नोबिल का रोंगटे खड़े कर देने वाला परमाणु हादसा (Chernobyl Disaster In Hindi)

छोटी सी लापरवाही के कारण गई लाखों लोगों की जान , कैसे! जाने इस लेख में |

प्रस्तावना – Introduction :-

नमस्कार मित्रों ! कैसे हैं आप सब ? दोस्तों हम सभी ने अपने स्कूल के दिनों मेँ द्वितीय विश्व युद्ध के बारे मेँ जरूर कुछ न कुछ पढ़ा ही होगा | खैर पृथ्वी का सबसे भयानक युद्ध (द्वितीय विश्व युद्ध) मेँ अमेरिका ने जो परमाणु हथियार जापान के हिरोशिमा और नागासाकी के ऊपर गिराया था , वो आज पूरे इंसानी जाती के इतिहास मेँ एक काले धब्बे की तरह रह गया हैं | परंतु आपको यहाँ जान कर हैरानी होगी की इस परमाणु आक्रमण के अलावा एक ऐसा परमाणु हादसा भी हुआ है , जिसने लाखों लोगों की जिंगदी बरबाद कर दी थी।  मैं यहाँ बात कर रहा हूँ चेर्नोबिल (Chernobyl disaster in hindi) हादसे की।

चेर्नोबिल की रोंगटे खड़ी कर देने वाली परमाणु हादसा - Chernobyl Disaster In Hindi.
चेर्नोबिल रिएक्टर-4 की धमाके से उडी हुई छत | Credit: Metro.

जी हाँ, मित्रों ! चेर्नोबिल (chernobyl disaster in hindi) परमाणु हादसा एक ऐसी घटना हैं , जिसने की पूरे पृथ्वी का इतिहास बदल डाला | एक छोटी सी लापरवाही के कारण करड़ों लोगों की जान चली गई और आने वाले कई इंसानी पुश्तों की विनाश एक झटके मेँ हो गया |

तो , मित्रों इस लेख के माध्यम से चलिए एक ऐसे सफर पर चलते हैं , जहाँ मेँ आपको चेर्नोबिल (Chernobyl disaster in Hindi) हादसे के बारे में हर एक चीज़ को समझाऊंगा |

आखिर चेर्नोबिल हादसा क्या है ? – What is Chernobyl Disaster In Hindi ? :-

मित्रों ! आसान भाषा में बोलूँ तो चेर्नोबिल एक परमाणु हादसा है , जो की साल 1986 मेँ चेर्नोबिल परमाणु प्लांट मेँ हुआ था | चेर्नोबिल परमाणु प्लांट “यूक्रेन” की “प्रीप्याट” सहर के पास मौजूद हैं | मित्रों ! जब यह हादसा हुआ था तब , यूक्रेन सोवियत संघ का हिस्सा था और उस समय शीतल युद्ध के कारण सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका के अंदर परमाणु हथियारों का प्रतियोगिता चल रहा था |

मेँ आपको और भी बता दूँ की चेर्नोबिल (Chernobyl disaster in hindi) पृथ्वी का सबसे बड़ा परमाणु हादसा है , क्योंकि इस का प्रभाव यूक्रेन से होते हुए पूरे यूरोप और अमरीका की पूर्वी तट तक पहुँच चुका था | इस हादसे के कारण सबसे ज्यादा क्षति बेलारूस का हुआ था क्योंकि हादसे मेँ निकली 60% रैडिओ एक्टिव पदार्थ उड कर बेलारूस के अंदर ही गिरा था जो की काफी ज्यादा खतरनाक था|

हादसे का प्रभाव :-

इसी कारण से हादसे के 10 घंटे के अंदर ही अंदर 3,60,000 लोगों को सुरक्षित जगह पर विस्थापित किया गया था | इस हादसे के कारण सोवियत संघ के परमाणु कार्य-क्रमों के ऊपर दुनिया भर देशों ने कई सारे टिप्पणी की , जिस के बदौलत सोवियत संघ को जान बुझ कर अपने परमाणु योजनायों को रोकना पड़ा |

यहाँ मेँ आपको और भी बता दूँ की विकिरण (radiation) के कारण कई सारे लोगों की जिंदगी इस हादसे से चली गई , परंतु इस हादसे की व्यापकता को देखते हुए अपनी जान गवाने वाले लोगों की सटीक संख्या का अंदाजा लगाना मुश्किल हैं |

फिर भी एक रिपोर्ट के मुताबिक हादसे के सीधे झटके के कारण 56 लोगों की और बाद मेँ विकिरण से पीड़ित हो कर 4000 लोगों के मौत की पुष्टि मिलती हैं | परंतु दोस्तों यह तो सिर्फ सरकारी डैटा है , कई लोगों का यह भी कहना हैं की हादसे के कारण आने वाले कई पीढ़िओं की जान (लाखों लोगों की) आशंकायों से घिरी हुई है |

हादसे की वजह आखिर क्या था ? – Cause of Chernobyl Disaster :-

चेर्नोबिल (Chernobyl disaster in hindi) हादसे की कारण को ले कर आज भी कई सारे अटकलें लगाए जाते हैं , परंतु उन सभी अटकलों के मध्य एक ऐसा कारण हैं जिसे की इस हादसे का मूल जड़ मानते हैं | तो , चलिए जानते है चेर्नोबिल हादसे की (cause of Chernobyl disaster) मूल कारण के बारे में |

तो, 1986 अप्रैल 26 तारीख के दिन चेर्नोबिल प्लांट के अंदर मौजूद रिएक्टर 4 में एक बड़ा धमाका हुआ | इस धमाके की मुख्य वजह रिएक्टर चालक (operator) की  लापरवाही को बताया गया | इसके अलावा प्लांट के कर्मी बिना किसी सुरक्षित प्रक्रिया (safety protocol) का पालन किए बड़ी ही असुरक्षित ढंग से रिएक्टर को बहुत ही कम बिजली पर चला रहे थे | कई लोग यह भी कहते हैं की प्लांट के कर्मी अपने ही प्लांट मेँ तैनात सुरक्षा कर्मियों की सलाह भी नहीं लेते थे |

चेर्नोबिल (Chernobyl disaster in hindi) हादसे का एक और अजीब वजह था प्लांट के अंदर इस्तेमाल किया जाने वाले रिएक्टरों की बनावटी संरचना | जी हाँ ! दोस्तों चेर्नोबिल के अंदर मौजूद सभी रिएक्टर RBMK डिज़ाइन के तहत बनाया गया था , जो की किसी भी दूसरे सामान्य रिएक्टर से काफी ज्यादा भिन्न था | यह रिएक्टर काफी ज्यादा ताकतबर था और इसके अंदर पानी की भारी मात्रा मेँ दबाव बना कर रखा जाता था |

Cleaning chernobyl's Reacter.
प्रदूषित जगह को साफ करते हुए कर्मी | Credit: Business Insider.
हादसे के दिन आखिर क्या हुआ था ? :-

चेर्नोबिल मेँ लगे हर एक रिएक्टर से मुख्य रूप से बिजली और प्लूटोनियम (plutonium) निकलता था | इसलिए इस के अंदर बहुत तेजी से परमाणुओं का प्रतिक्रीया होता था | परंतु दोस्तों यह रिएक्टर इतना ताकतबर होने के बावजूद इसकी एक कमजोरी थी | यह रिएक्टर कम ऊर्जा मेँ सही तरीके से काम नहीं कर पाता था | इसलिए इस को कम ऊर्जा मेँ चलना खतरे से बिलकुल भी खाली नहीं था |

रिएक्टर के अंदर होने वाले ताकतबर परमाणु प्रतिक्रीया (nuclear reaction) रिएक्टर को बहुत ही कम समय मेँ बहुत ज्यादा गरम कर देते थे | इसलिए रिएक्टर को हमेशा ठंडा रखने के लिए ठंडे पानी का इस्तेमाल किया जाता था | परंतु अप्रैल 26 1986 के दिन किसी कारण से रिएक्टर को ठंडे पानी की पूर्ति नहीं हो पाई और रिएक्टर बहुत ज्यादा गरम हो कर एकाएक विस्फोट हो कर फट गया | पानी के आपूर्ति का मूल कारण बाद में रिएक्टर से ठंडे पानी की रिसाव को बताया गया |

रिएक्टर के अंदर मौजूद पावर फ्युल केवल के साथ रिएक्टर को ठंडा करने वाला पानी प्रतिक्रिया करते हुए एक बड़े से धमाके की कारण बनी | चेर्नोबिल के अंदर बाकी बचे रिएक्टर 2 को साल 1991 के में बंद कर दिया गया था | इसके अलावा रिएक्टर 1 और 3 को क्रमानुसार 1996 और 2000 को बंद करवा दिया गया था |

आज का चेर्नोबिल :-

हादसे की 35 साल बाद भी चेर्नोबिल की मिट्टी , पेड़-पौधे तथा इसके आसपास मौजूद हर एक चीज़ रैडिओ एक्टिविटी के कारण बहुत ज्यादा खतरनाक हैं | आज चेर्नोबिल के अंदर विकिरण 12.6 uSv/hour है  , जो की काफी ज्यादा हैं और रिएक्टर के अंदर 336 uSv/hour है |

सोवियत सरकार ने हादसे को देखते हुए रिएक्टर के आसपास सीमेंट से एक बड़ा दीवार बना दिया था , जिससे विकिरण और ज्यादा न फैले परंतु दोस्तों ! समय की दबाव के चलते बाद मेँ यह दीवाल क्षति-ग्रस्त हो गया | बाद मेँ इसके ऊपर एक सुरक्षा चादर बिछाया गया है , जो की चेर्नोबिल (Chernobyl disaster in hindi) हादसे से निकलती हुई विकिरण को आने वाले 100 सालों तक रोके हुए रखेगा |

Gas Mask during a rescue Operation.
चेर्नोबिल के बीहड़ घरों मे मौजूद गैस मास्क | Credit : Reddit.
चेर्नोबिल कितने समय तक सुरक्षित हो जाएगा ? – How Long Until Chernobyl Will be Completely Safe? :-

अकसर चेर्नोबिल को ले कर एक सवाल सब के मन में उठता है की , आखिर कब तक चेर्नोबिल रहने लायक सुरक्षित हो जाएगा ? तो , मित्रों ! इसलिए मैंने सोचा की क्यूँ न इसी सवाल का उत्तर आपको दिया जाए |

खैर इस सवाल का उत्तर कई कारणों पर निर्भर करता हैं , क्यूँ की यह एक चेर्नोबिल के अंदर कई सारे जगहों से जुड़ी है | मेँ यहाँ आपको बता दूँ की एक शोध से पता चला है की सबसे ज्यादा विकिरण से संक्रमित जगह रिएक्टर-4 हैं | इसलिए यह रिएक्टर 20,000 साल के बाद ही रहने लायक हो पाएगा |

हालाँकि सटीक रूप से चेर्नोबिल कब तक सुरक्षित होगा यह तो कह पाना मुश्किल है , परंतु कई सारे वैज्ञानिकों के अनुसार यह 20 साल से ले कर कई सौ वर्षों तक रहने लायक सुरक्षित नहीं हैं|

मित्रों ! यहाँ और एक बात की बहुत ज्यादा चर्चा होती हैं और वह है , कई सारे लोग जापान पर गिरे परमाणु हथियार की तुलना चेर्नोबिल (Chernobyl disaster in hindi) हादसे से करते हैं और कहते हैं की अगर जापान के अंदर परमाणु बॉम्ब गिरने के बाद भी वहाँ रहा जा सकता हैं तो चेर्नोबिल पर क्यूँ नहीं ?

तो , सुनिए आमतौर पर एक परमाणु बॉम्ब इस तरह से बना होता है की , जिस से वह एक ही समय में एक निर्धारित जगह पर अपनी सारी ताकत झौंक कर तबाही मचा सके और इस से ज्यादा समय तक कोई भी जगह विकिरण के द्वारा उतना प्रदूषित नहीं होता है , परंतु दोस्तों चेर्नोबिल एक न्यूक्लियर रिएक्टर है और जब इस से निकला रैडिओ एक्टिव पदार्थ मिट्टी के साथ मिल जाता हैं तो वह लंबे समय तक वायुमंडल को विकिरण (radiation) के द्वारा प्रदूषित करता रहता हैं | इसलिए चेर्नोबिल के अंदर आज भी रहना खतरे से खाली नहीं हैं |

चेर्नोबिल से जुड़े रोंगेटे खड़ी कर देने वाली बातें – Chernobyl Disaster Facts In Hindi :-

वैसे तो चेर्नोबिल हादसा विज्ञान के क्षेत्र मेँ एक बहुत बड़ी घटना हैं , क्योंकि इस हादसे के वजह से दुनिया में मौजूद बाकी सारे न्यूक्लियर रिएक्टरों की सुरक्षा और तकनीक को सुरक्षा के नजरिए से काफी ज्यादा उन्नत किया गया | खैर इस हादसे में जान गवाने वाले हर एक व्यक्ति के लिए हम बहुत ही ज्यादा दुखी है , क्योंकि हर एक इंसानी जीवन की कीमत बहुत ज्यादा होता हैं |

तो , चलिए अब कुछ ऐसे बातों को जानते हैं ; जिसे सुनकर आप भी सोच मेँ पड जाएंगे की , आखिर ऐसा भी हो सकता है क्या !

Chernobyl's Red Forest.
चेर्नोबिल की सबसे खतरनाक जंगल – Red Forest | Credit: Inverse.
1. ज्यादा नुकसान विस्फोट में नहीं परंतु विकिरण (Radiation) से हुआ था :-

कई सारे लोगों की यह गलत धारणा है की , चेर्नोबिल के धमाके से बहुत ज्यादा लोगों की जान गई थी | परंतु मेँ आपको बता दूँ की सिर्फ धमाके से 56 लोगों की ही जान गई थी | परंतु धमाके बाद लगातार फैलता हुआ रैडिओ एक्टिव पदार्थ वायुमंडल को काफी ज्यादा प्रदूषित कर दिया था जिससे कई हजारों लोगों की जान चली गयी |

इसके अलावा मेँ आपको बता दूँ की धमाके 10 वे दिन के बाद से विकिरण के मात्रा में काफी ज्यादा गिराबट आ गयी थी , परंतु धमाके के दौरान छिटक कर निकलने वाले रैडिओ एक्टिव पदार्थ आज भी चेर्नोबिल के मिट्टी को प्रदूषित किए हुए हैं |

2. हादसे की पहली सूचना सोवियत संघ ने नहीं , परंतु इस देश ने दी था :-

अगर मेँ आपसे कहूँ की चेर्नोबिल की हादसे के पहली सूचना दुनिया भर को सोवियत संघ ने नहीं दिया था , तो क्या आप मेरी बातों पर विश्वास करेंगे ! नहीं न | परंतु मित्रों ! यह बात सच है | दरअसल चेर्नोबिल हादसे की पहली सूचना सबसे पहले स्वीडन “ ने दी थी |

चेर्नोबिल से 1100 km दूर मौजूद एक स्वीडिस न्यूक्लियर प्लांट मेँ लगे सेंसर के माध्यम से सबसे पहले चेर्नोबिल हादसे का पता सोवियत संघ के बाहर से पता लगाया गया था | कई दिनों तक हादसे की बात सोवियत संघ ने अपने लोगों से छुपा कर रखा हुआ था|

3. आप अगर चाहें तो आज भी बिना किसी दिक्कत के चेर्नोबिल रिएक्टर-4 के पास जा सकते हैं :-

शीर्षक पढ़ कर कैसा लगा ? खैर यह बात बिलकुल सच है की , आप चाहें तो चेर्नोबिल के रिएक्टर-4 के पास बिना किसी दिक्कत के खड़े हो सकते हैं | अब आप यहाँ सोच रहे होंगे की आखिर ऐसा कैसे संभव है ! तो , थोड़ा ध्यान दीजिए चेर्नोबिल से निकलने वाला विकिरण (radiation) सापेक्ष (relative) विकिरण हैं |

इसी कारण से अगर आप चेर्नोबिल (chernobyl disaster in hindi) के पार्किंग लॉट मेँ खड़े हो कर रिएक्टर-4 को देखते भी हैं , तो आपके शरीर के अंदर विकिरण की मात्रा बहुत ही कम रहेगा | विकिरण के इतने से मात्रा से आपको कोई भी दिक्कत नहीं होगा |

4. शुनशान शहर बन चुका है चेर्नोबिल :-

अगर मेँ चेर्नोबिल को एक बीहड़ इलाका कहूँ तो यह गलत नहीं होगा | हालाँकि जब भी आप चेर्नोबिल की रिएक्टर को टीवी या कहीं दूसरी जगह देखते हैं तो , वहाँ आपको हमेशा एक वीरान पड़ा सहर देखने को मिलेगा | मित्रों ! यह वीरान पड़ा सहर चेर्नोबिल नहीं परंतु प्रीप्याट “ शहर है |

Internal View of Reacter-4 of Chernobyl.
रिएक्टर-4 के अंदर का द्र्श्य | Credit; Youtube.

खैर चेर्नोबिल सहर रिएक्टर से 10km दूर होने के कारण , यहाँ एक कुछ घर में आपको लोग देखने को मिलेंगे | परंतु वहाँ पर भी लोग सिर्फ कुछ समय के लिए ही अस्थाई रूप से रहते हैं |

5. खतरनाक होने के बाद भी आप चाहें तो चेर्नोबिल घूमने के लिए जा सकते हैं :-

शीर्षक पढ़ कर कई सारे लोगों का चौकना लाज़िमी हैं | आखिर कैसे कोई इतने खतरनाक जगह पर घूमने के लिए जा सकता हैं | परंतु मेँ आपको बता दूँ की दुनिया में ऐसे कई लोग मौजूद हैं , जिन्हें नई-नई जगह पर जा कर उस जगह के बारे में जानना पसंद हैं |

इसी कारण से अगर कोई भी व्यक्ति चेर्नोबिल पर घूमना चाहें तो वह घूम सकता हैं , हालाँकि इसके लिए आपको इजाजत व कुछ नियम का पालन करना पड़ेगा | क्योंकि विकिरण एक ऐसा खतरा है जिसे आप देख , चख और शुंघ नहीं सकते हैं | इसलिए अगर आप कभी भविष्य में चेर्नोबिल घूमने जाएँ तो हमेशा  सुरक्षा का ध्यान रखें ,

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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