ब्रह्मांड की बात हो रही हो और ब्लैक होल (1st Image of milky way blackhole) की बात न हो, ये तो कभी हो ही नहीं सकता है। मैंने इससे पहले भी ब्लैक होल के बारे में कई लेखों को लिखा है, परंतु ये लेख उन सभी लेखों से काफी ज्यादा अलग होने वाला है। क्योंकि इसमें आप लोगों को मैं कुछ ऐसी बातों को बताऊंगा, जिसके बारे में आप शायद ही कभी सोच पाएंगे। मित्रों! ब्लैक होल से जुड़े इस नए विषय पर, क्या आप भी उत्सुक हैं? क्या आपको भी ब्लैक होल से जुड़े इस बड़े खोज के बारे में जानना है?
दोस्तों! आज का हमारा विषय हमारी आकाशगंगा मिल्की वे (1st Image of milky way blackhole) के एक तारामण्डल में मौजूद एक बड़े से मैसिव ब्लैक होल के बारे में है। वैज्ञानिकों ने इस ब्लैक होल को लेकर एक बेहद ही बड़ी चीज़ को हासिल कर लिया है। ये चीज़ एक ब्लैक होल की फोटो है और ये दूसरी फोटो से भी काफी ज्यादा अनोखी है। तो, अगर आपको इस रोचक ब्लैक होल के बारे में जानना है तो, आपको ये लेख पूरा पढ़ना होगा।
तो, चलिए अब लेख को आरंभ करते हुए, इस विषय को और भी गहराई से जानते है।
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आकाशगंगा के ब्लैक होल की पहला तस्वीर! – 1st Photo of Milky Way Blackhole :-
इतिहास में पहली बार वैज्ञानिको ने मिल्की वे (1st photo of milky way blackhole) के “Sagittarius A” में मौजूद ब्लैक होल के फोटो को खींच लिया है। ब्लैक होल की इमेज खींचने के लिए “Event Horizon Telescope Collaboration” नाम का एक मिशन चलाया जाता है। इस मिशन में पूरी दुनिया से 200 से ज्यादा वैज्ञानिक और इंजीनियर शामिल है और इसमें पृथ्वी के अलग-अलग जगहों पर मौजूद टेलिस्कोप का भी इस्तेमाल होता है। इसके अलावा डाटा प्रोसेसिंग, डाटा आनालाइसिस, इन्स्ट्रूमैनटेशन और पब्लिकेशन के लिए भी अलग-अलग टीमें रहती हैं।
मिशन में इस्तेमाल होने वाला प्रमुख टेलिस्कोप “इवैंट होरीज़ोन टेलिस्कोप” का नाम खुद ब्लैक होल के “इवैंट होराइजन” से ही आया है। जिसको वैज्ञानिक “पॉइंट ऑफ नो रिटर्न” भी कहते है। खैर मई 12, 2022 ये वो दिन था, जब वैज्ञानिकों ने “Sagittarius A” में मौजूद ब्लैक होल का फोटो खींचा था। इस फोटो को “सब मिलीमीटर रेडियो वेव” के आकार में केप्चर किया गया है और ये पहले खींचे गए ब्लैक होल “M87” से आकार में काफी ज्यादा छोटा है। ये सुपर मैसिव ब्लैक होल हमारी आकाशगंगा के बिलकुल केंद्र में है और सूर्य से ये लगभग 40 लाख गुना ज्यादा वजनी है।
एक खास बात ये हैं कि, हमारी मिल्की वे की चौड़ाई लगभग 100,000 प्रकाश वर्ष है, परंतु इस ब्लैक होल की चौड़ाई सिर्फ 23.5 मिलियन किलोमीटर ही है। ऐसे में आकाशगंगा की तुलना में ये ब्लैक होल काफी छोटा है। अमेरिका, चिली और मेक्सिको के अलग-अलग जगहों पर लगे टेलिस्कोप एक साथ अन्तरिक्ष में अपने टार्गेट को तलाश करते है। जिससे अलग हो कर भी ये टेलिस्कोप एक टेलीस्कोप कि तरह काम करते हैं।
आखिर कैसे किया गया ये काम? :-
अटॉमिक क्लॉक्स (Atomic Clocks) के जरिए टेलिस्कोप एक साथ एक ही फ्रीक्वेंसी पर अन्तरिक्ष में मौजूद हाइड्रोजेन गैस में माइक्रोवेव लेजर को टार्गेट करते हैं, जिससे ब्लैक होल (1st photo of milky way blackhole) के बारे में कुछ जानकारी मिल जाती है। साल 2019 में “EHT” (Event Of Horizon Telescope) ने “M87” के इवैंट होराइजन को कैप्चर किया था, जो की उस समय काफी ज्यादा क्लियर और स्पष्ट था। वैसे ब्लैक होल के चारों तरफ बेहद ही चमकीले गैस का घेरा था, जिसके कारण हम बेहद ही आसानी से इसे देख सकते हैं।
साल 2021 में वैज्ञानिकों ने एक और चीज़ को ढूंढ कर निकाला है। उन्होंने ब्लैक होल के चारों तरफ मौजूद पोलाराइज्ड़ को कैप्चर कर लिया। हमें इससे ब्लैक होल के चारों तरफ मौजूद मैग्नेटिक फ़ील्ड के बारे में काफी कुछ जानकारीयां मिलीं। मित्रों! आप लोगों को बता दूँ की, जब भी प्रकाश गर्म और मैग्नेटिक फ़ील्ड के अंदर आता है, तब वो पोलाराइज्ड़ हो जाता है। वैसे एक खास बात ये भी है कि, दोनों ही पोलाराइज्ड़ और अनपोलराइज्ड प्रकाश की किरणों के घुमाव और चमक अलग-अलग होता है।
मित्रों! ब्लैक होल का पोलाराइज्ड़ व्यू इस बात को पुष्टि करता है कि, इसके इवैंट होराइजन के पास मौजूद मैग्नेटिक फ़ील्ड के कारण ही ब्लैक होल के अंदर पोलाराइज्ड़ व्यू संभव हो पा रहा है। इसलिए हम लोगों को भी अभी ब्लैक होल के इतनी तस्वीरें देखने को मिल रही हैं। “Sagittarius A*” के अजीबो-गरीब गुणों को समझने के लिए वैज्ञानिक हर एक संभव तस्वीरों को देख रहें हैं। वैसे इसमें डाटा को काफी सिम्प्लिफ़ाई किया जा रहा है।
कैसे होती है ब्लैक होल इमेजिंग! :-
ब्लैक होल (1st photo of milky way blackhole) के इमेजिंग में मूल रूप से दो तरीकों को इस्तेमाल किया जाता है, पहले तरीके में लिए गए इमेज डाटा को टाइम के अनुरूप विबाजित कर दिया जाता है और बाद में उस सारे डाटा को एक स्नैपशॉट (Snapshot) में बदल दिया जाता है। इस मेथड की वजह से ब्लैक होल के पास मौजूद जगह से प्रोसेस का कोई लेना-देना नहीं होता है। हालांकि सेकंड मेथड में सभी डाटा को एक साथ एक ही समय पर फिट कर दिया जाता है।
ऊपर के इन्हीं मेथड के जरिए ही ब्लैक होल की इमेजिंग काफी ज्यादा सहज और सटीक हो चुकी है। वैसे एक खास बात ये भी है की, “Sgr A*” और “M87*” दोनों ही ब्लैक होल के इमेज कैप्चरिंग के दौरान कई सारे चुनौतियाँ वैज्ञानिकों के सामने देखने को मिलीं। जानने वाली बात ये है कि, आकार में “Sgr A*” “M87*” से काफी ज्यादा छोटा है और संरचना में इसके काफी ज्यादा बदलाव आते रहते है। इसके अलाव Sgr A* के चारों तरफ मैटेरियल को घूमने के लिए सिर्फ कुछ मिनट ही लगते हैं।
इसके अलावा हमारी आकाशगंगा में मौजूद डस्ट पार्टिकल भी इस ब्लैक होल को देखने में काफी ज्यादा मुश्किल पैदा करते है। साथ ही साथ ये डस्ट और गैस के बादल रेडियो तरंगों को भी ब्लॉक कर देते हैं। जिससे ब्लैक होल से जुड़े इमेजिंग प्रक्रिया को शुरू कर पाना बेहद ही मुश्किल हो जाता है। इमेज का धुंधला होना इस ब्लैक होल इमेजिंग का एक खामी है, जो की वैज्ञानिकों को काफी ज्यादा दिक्कत देती है।
निष्कर्ष – Conclusion :-
वैज्ञानिकों को इस ब्लैक होल (1st photo of milky way blackhole) के फोटो को खींचने के लिए काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। फिर भी प्रकाश की किरणों की वेवलेंथ को सही तरीके अब्ज़र्व करके फिर उसको सही तरीके से विश्लेषण कर के ही वैज्ञानिक इस ब्लैक होल के तस्वीर को खींचने में सक्षम हुए हैं। खैर वैज्ञानिकों ने कहा है की, आने वाले समय में हम को ब्लैक होल के और अच्छे क्वालिटी के इमेजेस को देखने को मिलेगें। साल 2024 आते-आते पूरे दुनिया के अंदर कई अलग-अलग तरह के टेलिस्कोप को ऑपरेशनल किया जाएगा।
वैसे ब्लैक होल इमेजिंग में एक खास बात ये है कि, इसमें जिस तकनीक का इस्तेमाल होता है, वो तकनीक फिल्म मेकिंग में भी इस्तेमाल होती है। क्योंकि इसमें डाइनैमिक इमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल होता है, जो कि काफी ज्यादा मॉडर्न व हाइ-टेक तकनीक है। EHT का आने वाला कल बहुत सारे मिशनों से भरा हुआ है, वैज्ञानिकों ने कहा है कि, वो लोग ब्लैक होल की इमेजिंग के साथ ही साथ सुदूर अन्तरिक्ष में मौजूद क्वासर्स (Quasars) को भी ढूँढेंगे। खैर वैज्ञानिकों के लिए Sagittarius A* एक सही टार्गेट था, परंतु भविष्य में वो लोग फिर से M87* की तस्वीरों को खींचने का सोच रहें हैं।
कोरोना के दौरान इमेजिंग का प्रोसेस थोड़ा धीमा हो गया था, परंतु आशा है कि धीरे-धीरे ये फिर से नॉर्मल हो जाएगा। आप लोगों को क्या लगता है, क्या हमें आने वाले समय में ब्लैक होल के और भी ज्यादा क्लियर इमेजेस देखने को मिलेंगे?
Source:- www.space.com