अन्तरिक्ष में इन्सानों के लिए कई तरह के एक्सपेरिमेंट्स को अंजाम देने के लिए तरह-तरह के उपकरण मौजूद रहते हैं। परंतु एक बात तो माननी पड़ेगी कि, कुछ उपकरण अन्तरिक्ष में हमारे लिए ऐसे भी हैं, जिनके बिना हम अन्तरिक्ष में कुछ भी नहीं कर सकते हैं। कुछ भी नहीं मतलब सच में कुछ भी नहीं। मित्रों! जैसे हमारे शरीर को ठीक तरीके से चलने के लिए सभी अंगों का होना जरूरी है, ठीक उसी तरीके से किसी भी स्पेस मिशन को अंजाम देने के लिए अन्तरिक्ष में स्पेस टेलिस्कोप्स (1st images of James Webb Space Telescope) कि मदद अनिवार्य व लाजिमी हैं।
इंसानी शरीर के लिए आँखें कितने जरूरी हैं, ये आप लोगों को बताने कि जरूरत नहीं है। बिना आँखों के आप कुछ काम करना तो दूर, आप अपने बिस्तर से उठ भी नहीं सकते हैं। मित्रों! ये ही वजह हैं कि, वैज्ञानिकों को अन्तरिक्ष में कुछ भी करने से पहले उसको ठीक से देख कर विश्लेषण करने कि जरूरत पड़ती है और इसके लिए उन्हें अन्तरिक्ष में अपने एक ऐसे उपकरण को भेजना था, जो कि उनके लिए अन्तरिक्ष में एक आँख कि तरह काम कर सके। और वो आँख आज वैज्ञानिकों के लिए जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप (1st images of James Webb Space Telescope) बन चुका है।
कहा जा रहा है कि, ये टेलिस्कोप हमारा अन्तरिक्ष को देखने का नजरिया ही हमेशा-हमेशा के लिए बदल कर रख देगा। खैर आज के इस लेख में हम पहली बार जेम्स वेब से लिए गए कुछ ऐसे तस्वीरों को देखेंगे, जो कि शायद ही आपने कभी अपने पूरी जिंदगी में देखा होगा। तो, चलिये अब लेख में आगे बढ़ते हैं और उन्हीं तस्वीरों के बारे में कुछ-कुछ दिलचस्प बातें जानते हैं।
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जेम्स वेब से पहली बार आयी शानदार तस्वीरें! – 1st Images Of James Webb Space Telescope! :-
हाल ही में जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप (1st images of James Webb Space Telescope) की टीम ने एक बेहद ही सुंदर व ऐतिहासिक तस्वीरों को दुनिया के साथ साझा किया है। इन तस्वीरों में कुछ चीज़ें ऐसी भी है, जिनको देख कर कोई भी इंसान अपने आँखों पर यकीन ही नहीं कर पाएगा। जी हाँ मित्रों! आप लोगों ने बिलकुल सही सुना, जेम्स वेब से लिए गए पहले तस्वीरों में हमें अन्तरिक्ष में हमसे सबसे दूर मौजूद यानी सबसे पुराने आकाशगंगाओं से ले कर ऐसे ग्रह जिन पर जीवन व पानी के होने की पुष्टि हो सकती हैं, उन सभी चीजों को देखा गया हैं। यानी एक ही बार में जेम्स वेब ने एक काफी बड़ा काम कर के दिखा दिया हैं।
खैर लेख में आगे हम जेम्स वेब से लिए गए कुछ ऐसे तस्वीरों के बारे में जानेंगे, जिसको देख कर आज पूरी दुनिया दंग रह गयी हैं। मित्रों! क्या आप भी तैयार हैं; जेम्स वेब के इन ऐतिहासिक व भव्य तस्वीरों को देखने के लिए? तो, दोस्तों चलिए अब शुरू करते हैं!
1. सुदूर ब्रह्मांड में बसी आकाशगंगाएँ और ब्रह्मांड का प्रारंभिक अवस्था! :-
जेम्स वेब (1st images of James Webb Space Telescope) स्पेस टेलिस्कोप के पहले तस्वीर में हमें एक खास तरह के आकाशगंगा को देखने को मिल रही हैं। वैज्ञानिकों ने इस खास तरह के आकाशगंगा का नाम “SMACS 0723” दिया है। अधिक जानकारी के लिए बता दूँ की, ये आकाशगंगा उत्तरी गोलार्ध के आकाश में दिखाई पड़ती है और ये पृथ्वी से लगभग 5.12 अरब प्रकाश वर्ष दूर मौजूद है। वैसे एक रोचक बात इस तस्वीर की ये भी हैं कि, इस तस्वीर में बारीकी बेहद ही ज्यादा है। माने आप इस तस्वीर में कई सारे आकाशगंगाओं को एक साथ एक ही बार काफी अच्छे तरीके से देख सकते हैं।
तस्वीर के बीचों-बीच आप जिन बड़े-बड़े सफ़ेद व चमकीले आकाशगंगाओं को देख पा रहें हैं, वो असल में हमारी पृथ्वी और सूर्य के जीतने ही पुरानी आकाशगंगाएं हैं। वैसे अगर हम तस्वीर के केंद्र से इसके बाहरी छोर के और जैसे-जैसे बढ़ते हैं, हमें वैसे-वैसे हमसे दूर होती हुए आकाशगंगाओं को देखने का मौका मिलता है। जेम्स वेब में लगे असाधारण उपकरणों के जरिए, ये सभी सुदूर आकाशगंगाएँ मैग्नीफाइ हो कर पहले से काफी ज्यादा बेहतर ढंग से नजर आ रही हैं।
खैर अगर हम तस्वीर के बिलकुल बाहरी कोनों को देखें, तो आपको बहुत ही छोटे-छोटे व लाल रंग के आकाशगंगाएँ देखने को मिलेंगे। बता दूँ कि, ये आकाशगंगाएँ हमसे सबसे दूर स्थित आकाशगंगाएँ हैं और ये समय के साथ-साथ हमसे और भी ज्यादा दूर होते जा रहें हैं। वैज्ञानिकों के हिसाब से ये आकाशगंगाएँ 13 अरब साल से भी ज्यादा पुराने हो सकती हैं और माना जाता हैं कि, ये ब्रह्मांड के बनने के तुरंत बाद ही बने हैं।
किसी अचंभे से कम नहीं हैं ये तस्वीरें :-
विज्ञान के दृष्टिकोण से देखें तो, जेम्स वेब (1st images of James Webb space telescope) स्पेस टेलिस्कोप न बल्कि काफी बारीक तस्वीरें खींचने में सक्षम हैं, परंतु ये उन आकाशगंगाओं को हमारे सामने ला रहा है, जिन्हें आज से पहले किसी ने देखा ही नहीं था। आप कह सकते हैं की, इस स्पेस टेलिस्कोप ने ब्रह्मांड के अनंत सीमा को और भी ज्यादा अनंत बना दिया है। इन अनजान आकाशगंगाओं में ऐसे-ऐसे पदार्थों को भी देखने को मिल रहा हैं, जो की आज से पहले किसी ने सोचा भी नहीं होगा।
जेम्स वेब से पहले वैज्ञानिकों को जो आसमान खाली व अंधकार से भरा हुआ नजर आ रहा था, आज उसी खाली आसमान में कई सारे अनजान व छुपे हुए आकाशगंगाएँ नजर आ रहें हैं। जेम्स वेब को आप आज जिस दिशा में घूमा लो, आपको हर तरफ कोई न कोई आकाशगंगा जरूर ही नजर आएगा। मित्रों! बता दूँ कि, ये कोई आम या साधारण बात बिलकुल भी नहीं है। गौरतलब अभी भी ये स्पेस टेलिस्कोप अपने पूरी ताकत से काम नहीं कर पाया हैं।
जब ये अपने पूरी ताकत से काम करने लगेगा, तब ये ब्रह्मांड की डीप फील्ड अनालाइसीस करेगा और उस समय हमें ब्रह्मांड आज के मुक़ाबले काफी ज्यादा बारीक और सुंदर दिखेगा। शायद ये ही वो समय होगा जब हमें वाकई में बिग-बैंग के बारे में असल में कुछ जानने का मौका मिलेगा। ब्रह्मांड की उत्पत्ति और इसके पीछे छुपे रहस्यों को एक न एक दिन ये टेलिस्कोप ढूंढ कर निकाल ही लेगा!
2. अद्भुत ग्रह और अनोखे सितारे! :-
जेम्स वेब (1st images of James Webb space telescope) का ये खोज वैसे तो एक तस्वीर नहीं है, परंतु उससे मिलती-जुलती ही है। कहने का मतलब ये है की, इस खोज में हमें एक स्पेक्ट्रम को देखने को मिल रहा है। स्पेक्ट्रम माने किसी भी प्रकाश के किरण को अलग-अलग वेबलेंथ और ईंटेंसिटी के आधार पर बांटना। बता दूँ की, वेब का ये स्पेक्ट्रम वाला फोटो “WASP 96-B” के ऊपर लिया गया है। अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, वास्प 96-बी एक काफी गरम गैस से बना हुआ ग्रह है, जो कि पृथ्वी से लगभग 1,000 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद हैं।
ये ग्रह पृथ्वी की भांति ही एक सूर्य के चारों तरफ परिक्रमा करता रहता है और जब ये अपने सूर्य के बेहद ही करीब आता है, तब एक बहुत ही खास घटना घटित होती है। जेम्स वेब टेलिस्कोप ने उनके उपकरणों से ये पता लगाया है कि, इस ग्रह के ऊपर पानी के होने का सबूत मिला हैं। बहरहाल अब तक पानी के होने के सबूत के तौर पर “वाटर भेपर” ही मिल पाया। आगे चल कर वैज्ञानिकों को लगता है कि, वो अलग-अलग ग्रहों पर जेम्स वेब के मदद से ऑक्सिजन, नाइट्रोजन और कार्बन जैसे पदार्थों के होने के सबूतों को भी ढूंढ पाएंगे।
मित्रों! दूसरे ग्रहों पर जीवन के सत्ता कि अनुसंधान को विज्ञान के भाषा में “Transit Spectroscopy” कहते हैं और ये करने में काफी ज्यादा मुश्किल होता हैं। ट्रांसिट स्पेक्ट्रोस्कोपि एक बेहद ही ज्यादा जटिल प्रक्रिया होने के कारण इसको अभी सफल तरीके से अंजाम देने के लिए काफी समय लगने वाला हैं। आपको इसके बारे में क्या लगता हैं, जरूर ही बताइएगा!
3. ब्रह्मांड के खुलते हुए नए राज! :-
इस खास टेलिस्कोप जेम्स वेब (1st images of James Webb space telescope) के द्वारा खींचे गए आखिरी 3 फोटो, सितारों के जन्म से लेकर इनके अंत तक के अलग-अलग अवस्थाओं को दर्शाते हैं। जेम्स वेब के असाधारण इन्फ्रारेड वेब के रेंज में तस्वीरों को खींच पाने के काबिलीयत के वजह से, ये आसानी से कॉस्मिक डस्ट और सघन कॉस्मिक गैस के बादलों को भेदते हुए “Carina Nebula” की भव्य तस्वीरों को पहली बार इतनी बारीकी से खींच पाया है। बता दूँ कि, ये नेब्यूला ही वो जगह है, जहां पर कई तरह के सितारे बनते रहते हैं।
इसके अलावा जेम्स वेब ने सितारों के अंतिम अवस्थाओं को भी अपने कैमरे में कैद कर लिया है। उदाहरण के स्वरूप इसने “Southern Ring Nebula” के तस्वीरों को खींच लिया है। इस तस्वीर में पहली बार किसी मरते हुए सितारे से इतने बारीकी से पदार्थों के उत्सर्जन को देखने का मौका मिला है।
जेम्स वेब के आखिरी तस्वीर में हमें पृथ्वी से लगभग 30 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर मौजूद “Stephan’s Quintet” का फोटो देखने को मिला है। बता दूँ कि, ये 5 आकाशगंगाओं से बना एक ग्रुप है जो कि एक-दूसरे के साथ अकसर कुछ न कुछ करते ही रहते हैं। वैज्ञानिक इन घटनाओं को “Cosmic Dance” का नाम दिया है। आपको इस आखिरी तस्वीर में आकाशगंगाओं में सितारों के बनने से ले कर इनके चारों तरफ अद्भुत ढंग से बाहर निकलते हुए कॉस्मिक डस्ट का फव्वारा नजर आएगा।
Source – www.space.com