मैरे प्यारे और आदरणीय पाठकों | सबसे पहले मेँ आप सभी लोगों को तय दिल से इस लेख में अभिनंदन करना चाहता हूँ | अभिनंदन इस बात की की हम लोगों ने आज अंतरिक्ष की खोज के दिशा में एक नया मुकाम हासिल कर लिया हैं | हाल ही में हमने K2-18b नाम के एक ग्रह पर पानी का पता लगा लिआ है (water found in k2-18b On hindi) | मित्रों ! पानी का किसी दूसरे ग्रह पर मौजूद होना , यह कोई आम बात नहीं है | पानी ही जीवन का मूल आधार है , बिना पानी के पृथ्वी पर भी जीवन संभव नहीं हैं |
इंसानी शरीर का 75% हिस्सा पानी से बना हुआ होता हैं और अगर हम पृथ्वी के अलावा किसी दूसरे ग्रह पर पानी की मौजूदगी को ढूंढ लेते है , तो यह अपने आप में ही एक अनोखी बात हैं | K2-18b (water found on k2-18b in hindi) को वैज्ञानिकों ने करीब-करीब 4 साल पहले ही खोज लिया था और उसी समय से ही इस ग्रह पर वह लोग काफी शोध कर रहे थे |
कुछ वैज्ञानिक K2-18b को पृथ्वी की तरह एक जीवन युक्त ग्रह मानते है , जहां पर एक दिन इंसान भी बस सकते हैं | इस ग्रह पर जीवन को बनाए रखने के लिए हर लगभग हर वह कारक मौजूद है जो की वर्तमान में पृथ्वी के पास हैं | तो , चलिए इस लेख में आगे लोकप्रिय हो चुके इस ग्रह के और भी कई सारे बात जानते हैं |
विषय - सूची
K2-18b के विषय में कुछ मूलभूत बातें – Basic Information About K2-18b :-
वास्तव में K2-18b (water found on K2-18b in hindi) एक एक्सो प्लानेट (ExoPlanet) है जो की पृथ्वी से 110 प्रकाश वर्ष के दूरी पर मौजूद हैं और आकार में यह पृथ्वी की दो गुनी है | यह K2-18b नाम के एक नक्षत्र का परिक्रमा कर रहा हैं | इस को सबसे पहले Kepler Space Telescope ने खोजा था , इस लिए इसका नाम “K” यानी “Kepler” से शुरू होता हैं | यह ग्रह का वातावरण और संरचना लगभग पृथ्वी के जैसा ही हैं |
K2-18b (water found in k2-18b on hindi) का द्रव्य मान (Mass) पृथ्वी से 8 गुना ज्यादा है , तो इसी कारण से कई बार इसे “सुपर अर्थ (Super Earth)” भी कहा जाता हैं | मित्रों ! मेँ आपको यहाँ और भी बता दूँ की जब भी यह ग्रह अपने नक्षत्र की परिक्रमा करता है , तब उस समय 33 दिन ऐसे आते हैं जब वहाँ पर सम्पूर्ण रूप से जीवन पनपने का शत-प्रति शत आसार रहता हैं |
मित्रों ! अगर आपको मेँ कहूँ की यह ग्रह आपके लिए आपका दूसरा घर बन जाएगा , तो क्या आप कभी यहाँ पर रहना पसंद करेंगे | क्या आपको यह ग्रह रहने लायक लगता हैं ?
खैर मैरे द्वारा ऊपर दिए गए प्रश्नों का उत्तर आप को देने में शायद अभी थोड़ा तकलीफ होगा , परंतु आगे मेँ इस ग्रह से जुड़ी कुछ ऐसी जानकरिओं को आपके साथ साझा करूंगा जी स से आपको उन सवालों के उत्तर देना और भी आसान हो जाएगा |
K2-18b पर मिला पानी , वहाँ पर हो सकता हैं जीवन ! – Water Found On K2-18b In Hindi :-
जैसा की मैंने आप सभी लोगों को पहले ही बता कर रखा है , K2-18b पर हाल ही में पानी मिला है (Water found on k2-18b in hindi) जो की वहाँ पर जीवन के होने के संभावना को और भी ज्यादा बढ़ा देता हैं | परंतु यहाँ और एक बात आपको जाननी चाहिए की आखिर कैसे यहाँ पर पानी को ढूंढा गया | क्योंकि किसी भी विषय के ऊपर गहराई से जानना ही , उस विषय को संपूर्ण रुप से जानना कहते हैं |
साल 2019 में यानी इस साल हबल स्पेस टेलीस्कोप और स्पीट्ज़र स्पेस टेलीस्कोप एक साथ K2-18b से जुड़ी काफी महत्वपूर्ण तथ्य वैज्ञानिकों को दिया | बाद में इन तथ्यों को आधार मान कर वैज्ञानिकों ने इस ग्रह की वायुमंडल को और ज्यादा विश्लेषण किया | यहाँ पर विश्लेषण करने के लिए वैज्ञानिकों ने “स्पेक्ट्रा ऑफ स्टार लाइट (spectra of starlight) ” प्रक्रिया का मदद लिया | इस प्रक्रिया के तहत यह पता चला की K2-18b का वायु मंडल हाइड्रोजन और हीलिअम से बनी हुई हैं |
K2-18b के वायुमंडल की संरचना :-
यहाँ पर मेँ आपको और भी बता दूँ की इस ग्रह के वायु मंडल में हाइड्रोजन और हीलिअम की मात्रा 20% से ले कर 50% तक हैं | इतनी ज्यादा मात्रा में हाइड्रोजन का होना इस बात की पुष्टि करता है की , यहाँ पर जल वाष्प (water vapor) की कोई कमी नहीं हैं | जल वाष्प की भारी मात्रा यहाँ पर पृथ्वी में मौजूद बादल की तरह पानी से बनी बादलों का निर्माण करते हैं |
मित्रों ! यहाँ आपको जानकर और भी हैरानी होगा की K2-18b वह पहला एक्सो प्लानेट जहां पर पानी का संधान मिला हैं (water found on K2-18b in hindi) और हाँ जहां पर इंसानों के लिए रहने लायक वातावरण मौजूद हैं | इस से पहले कई अन्य ग्रहों के ऊपर जीवन के लिए खोजा किया गया था , परंतु वहाँ पर जीवन की कोई भी आसार नजर नहीं आया |
क्या कभी हम K2-18b पर रह सकते हैं ? :-
यहाँ पर लोगों के मन में अकसर यह सवाल आता है की , जब हमने K2-18b पर पानी का खोज कर ही लिया है तो क्या हम कभी वहाँ पर रह सकते हैं ? चलिए इस सवाल का जवाब लेख में आगे जानते हैं |
मित्रों ! आज तक K2-18b की तरह ही कई सारे एक्सो प्लानेट की खोज किया जा सका हैं | कई ग्रह पृथ्वी से कई गुना बड़े है , तो कई ग्रह पृथ्वी की तरह होने के बावजूद अपने वायुमंडल में कई खतरनाक गैसों को समाए हुए है | खतरनाक गैसों से बनी इन ग्रहों को “मिनी गैस जाईंट” कहा जाता हैं | यह मिनी गैस जाईंट वाले ग्रह अकसर आकार में पृथ्वी से बड़े होते है , परंतु नेपच्यून से आकार में छोटे होते हैं |
कुछ वैज्ञानिकों का यह मानना है की , K2-18b भी एक प्रकार का मिनी गैस जाईंट वाला ग्रह हैं | हालाँकि इस ग्रह पर रहने के लिए उपयुक्त (तापमान और पानी) वातावरण है , परंतु वायुमंडल में हिलीअम की उपस्थिति इसे पूर्ण तरीके से रहने लायक नहीं बनाता | इसके अलावा इस ग्रह पर किसी भी प्रकार का रहने के लिए ठोस सतह नहीं हैं | बिना ठोस सतह के कैसे कोई वहाँ पर रह सकता हैं !
कई वैज्ञानिक इसे “मिनी नेपच्यून” भी कहते हैं | तो, कुल मिला कर इतना कहा जा सकता है की , सिर्फ पानी मिलने से एक ग्रह शत प्रति शत रहने योग्य नहीं हो जाता हैं |