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आखिर कार वैज्ञानिकों ने ढूंढ ही लिया “Aliens” का ठिकाना, “Dyson Sphere”!

क्या यहाँ हो सकते हैं दूसरे ग्रह में रहने वाले लोग!

ब्रह्मांड में दो चीज़ें काफी ज्यादा मशहूर है, पहला तो है ब्लैक होल और दूसरा है एलियंस (the aliens are in Dyson sphere)। जब भी हम एलियंस की बात करते हैं, तब हमारे अंदर एक ऐसी अनोखी उत्सुकता बनती है जिसको की हम कभी भी शब्दों में बयान नहीं कर सकते हैं। ऐसे में ज़्यादातर ये देखा गया है कि, लोगों को एलियंस के बारे में जानना और पढ़ना आज-कल के जमाने में काफी अच्छा लगने लगा है। तो ये ही वजह है कि, आज के इस लेख का विषय एलियंस के ऊपर ही बना हुआ है। क्योंकि आप लोगों को एलियंस के बारे में अपडेटेट न्यूज़ देना हमारा ही काम है।

एलियंस मिल सकते हैं हमें इस जगह पर - The Aliens Are In Dyson Sphere.
एलियंस की हो सकती हैं सभ्यता। | Credit: Ashutosh Viramgama

खैर एलियंस (the aliens are in Dyson sphere) के बारे में एक गज़ब कि बात ये है कि, आज तक हमें ये पता नहीं चल पाया है कि; आखिर ये रहते कहाँ हैं? इतने बड़े ब्रह्मांड में हमें इनके घर को ढूँढने के लिए काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बहरहाल हमें ये भी नहीं पता है कि, आखिर एलियंस सच में होते हैं या नहीं! और अगर सच में होते भी हैं तो, आखिर ये दिखते कैसे हैं? दोस्तों! आज ये एक बहुत ही बड़ी मिस्ट्री बन चुकी है और इसके बारे में हमारे पास कोई ठोस सबूत ही नहीं है।.

तो, चलिए अब एक नजर हम इसी बहुत ही ज्यादा विशेष और रोचक विषय पर डाल लेते हैं और देखते हैं आखिर एलियंस का घर कहाँ है?

वैज्ञानिकों ने आखिर कार खोज ही लिया एलियंस का घर! – The Aliens Are In Dyson Sphere! :-

अभी तक किसी ने भी विकसित एलियंस (the aliens are in dyson sphere) सभ्यता के बारे में कुछ खास खुलासा नहीं किया था। यहाँ तक कि किसी को भी एलियंस के ठिकाने का पता तो दूर, इसके बारे में कुछ भनक ही नहीं मिल पाया है। परंतु हाल ही के एक रिपोर्ट के अनुसार कुछ वैज्ञानिकों को ये लगने लगा है कि, एलियंस अगर ब्रह्मांड में होंगे तब “डाइसन स्फियर” नाम के एक गोलाकृति सूर्य के जैसे कई सारे सितारों के मण्डल के पास होगा। इसके अलावा रिपोर्ट में ये सलाह भी दी गई है कि, इधर-उधर खोजने के वजाए हमें इसी डाइसन स्फियर के आस-पास एलियंस को खोजना चाहिए।

एलियंस मिल सकते हैं हमें इस जगह पर।
एलियंस की सभ्यता। | Credit: Rock Paper Shot Gun.

इसी जगह पर ही हम एलियंस को खोज कर इनके सही संख्या और इनके आधुनिकता के बारे में भी हम काफी कुछ पता लगा सकते हैं। कईयों के अनुसार यहाँ ऐसे-ऐसे एलियंस कि सभ्यताएँ हो सकते हैं, जो कि हमारी सभ्यता से भी काफी ज्यादा विकसित हो सकते हैं। कोई भी उन्नत सभ्यता को फलने-फूलने के लिए ऊर्जा की जरूरत पड़ती है। क्योंकि खाने से ले कर ट्रांसपोर्ट तक, हर किसी चीज़ में ऊर्जा का महत्व बहुत ही ज्यादा गुरुत्वपूर्ण है। पृथ्वी की अगर बात करें तो, यहाँ पर बसने वाले 7.8 अरब लोग हर वर्ष 580 मिलियन मिलियन जुल की ऊर्जा का खपत कर लेते हैं।

बता दूँ कि, इतनी मात्रा में ऊर्जा को पैदा करने के लिए हमें लगभग 14,000 मिलियन टन की ऑइल की जरूरत पड़ेगी। यहाँ ऊर्जा के प्रमुख स्रोत के तौर पर जैव-ईंधन को काम में लिया जाता है, परंतु आने वाले समय में हमें सबसे ज्यादा सूर्य के ऊपर ऊर्जा के लिए निर्भर होना पड़ेगा। नहीं तो हमारी पृथ्वी ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रह पाएगी।.

ऊर्जा का नया स्रोत! :-

वैज्ञानिकों के द्वारा किए गए एक शोध से ये पता चला है कि, अगर इंसान पृथ्वी के हर एक इंच के जमीन पर सोलर पैनल लगा दें और उससे ऊर्जा को इक्कठा करने लगे, तब भी इतनी ऊर्जा सूर्य से एक सेकंड में निकलने वाली ऊर्जा के बराबर नहीं होगा। खैर एक नए एलियंस (the aliens are in Dyson sphere) वाले सभ्यता को बढ्ने के लिए “डाइसन स्फियर” वाली थ्योरी को सबसे पहले 1960 में “Freeman Dyson” ने दिया था। इस थ्योरी के अनुसार, अगर एक परग्रही सभ्यता को बढ़ना होगा, तब उन्हें अपने सोलर सिस्टम में मौजूद एक सितारे के ऊर्जा को इक्कठा कर के उसका सही से उपयोग करना होगा।

एलियंस मिल सकते हैं हमें इस जगह पर।
अन्तरिक्ष में डाइसन स्फियर। | Credit: Gamingbolt

खैर डाइसन की थ्योरी के अनुसार ऊर्जा के सॉलिड स्पियर को हकीकत में बन पाना बेहद ही ज्यादा मुश्किल है। क्योंकि अगर किसी एक सभ्यता को बढ़ना है तो, उसे ऊर्जा के स्रोत के तौर पर अपने सोलर सिस्टम के अंदर मौजूद एक सितारे को ठीक केंद्र में रख कर उससे ऊर्जा को सोखना होगा। इससे उस सभ्यता की ऊर्जा की आपूर्ति अच्छे तरीके से हो सकता है। परंतु दुख की बात ये है कि, इस तरह के स्फियर/ डाइसन स्फियर काफी समय तक स्टैबल नहीं रह सकता है। चरम टाइडल और रोटेशनल फोर्स के कारण स्फियर सहज तरीके से टूट सकता है।

एक खास बात ये भी है कि, एलियंस की सभ्यता कितना भी उन्नत क्यों न हो, उन्हें लंबे समय तक बचे रहने के लिए एक नहीं बल्कि कई सारे डाइसन स्फियर कि जरूरत पड़ेगी। क्योंकि हर एक सितारे की अपनी एक जीवन सीमा होती है और सितारे की जीवन सीमा खत्म होने के बाद ये ऊर्जा का स्रोत बन कर नहीं रह सकता हैं। तो, उन्हें ऊर्जा के अलग-अलग स्रोतों के बारे में भी ध्यान रखना होगा।

ऊर्जा कि हो सकती ही कमी! :-

अगर एलियंस कि सभ्यता ( the aliens are in Dyson sphere) हमारे सूर्य के जैसे सितारे के चारों तरफ बनता है, तब एक दिन ये सितारा रेड जाइंट में बदल कर आखिर में ठंडा सफ़ेद ड्वार्फ प्लैनट में तब्दील हो जाएगा। इससे जीन-जीन जगहों पर भी जीवन पनपा होगा, वहाँ का वातावरण काफी ज्यादा ठंडा हो कर जीवन कि नामोनिशान ही मीट जाएगा। वैसे यहाँ पर एलियंस के लिए दो विकल्प बचेंगे। पहला तो ये कि, उनको अपना घर  छोड़ कर एक नए दूसरे ग्रह पर जा कर बसना होगा।

Life in Dyson Sphere.
डाइसन स्फियर के अंदर जीवन। | Credit: Extra Time Media

दूसरा विकल्प ये कि, उनको ऊर्जा के स्रोत के कई सारे स्रोत अपने ग्रह के पास ही बना कर रखना होगा। जिससे उन्हें अपने बसे-बसाए घर को छोड़ कर जाना न पड़े। इसलिए उनके द्वारा ऊर्जा के इतने बड़े-बड़े स्रोतों को बना कर, फिर एक नए सितारे तक ट्रैवल करने की संभावनाएं वैज्ञानिकों को ज़्यादातर संभव नहीं लगता है। ये चीज़ एलियंस सभ्यता और डाइसन स्फियर से जुड़ी कई सारे बातों को काफी अच्छे तरीके से जोड़ कर रखता है। वैसे इससे वैज्ञानिकों के लिए एक अच्छा चांस क्रिएट हो जाता है।

अगर हमारे वैज्ञानिक खाली डाइसन स्फियर और व्हाइट ड्वार्फ प्लैनेट्स को एक साथ खोज लेते हैं या उनके तादाद को अच्छे तरीके से गिन लेते हैं, तब वे आसानी से एलियंस सभ्यता के बारे में काफी कुछ जानकारी हासिल कर सकते हैं। वैसे एक सर्वे से पता चला है कि, हमें अभी तक किसी भी डाइसन स्फियर के बारे में कुछ नहीं पता है, परंतु इसका मतलब ये नहीं हैं कि डाइसन स्फियर असल में अन्तरिक्ष में होते ही नहीं हैं।

निष्कर्ष – Conclusion :-

वैसे अगर एलियंस (the aliens are in Dyson sphere) के द्वारा बनाए गए डाइसन स्फियर असल में होते भी हैं, तो हमें उन्हें ढूँढने के लिए कई सारे सितारों को विश्लेषित करना होगा। वैसे इनको ढूँढने के लिए हमें कई सारे मुसीबतों का भी सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि अगर कोई डाइसन स्फीयर किसी सितारे के ज्यादा पास या ज्यादा बड़ा होगा तब, सितारे से आने वाले प्रकाश के किरणों को ये ब्लॉक कर देगा। जिससे हमारे पृथ्वी तक सितारे कि रोशन नहीं पहुँच पाएगी। ये ही वजह हैं कि, हमें ये स्फियर नहीं दिखते।

Modern Civilization In Dyson Sphere.
डाइसन स्फियर के अंदर मॉडर्न सभ्यता। | Credit: Xbox Play Games.

हालांकि कई वैज्ञानिकों के अनुसार ये स्फियर अन्तरिक्ष में इंफ्रारेड कि सिग्नल छोड़ते होंगे, जिससे शायद इन्हें ढूँढना आसान हो जाए। अभी तक हमें व्हाइट ड्वार्फ वाले प्लैनेट्स तो मिले हैं, परंतु उनके पास डाइसन स्फियर देखने को नहीं मिले हैं। इससे ये ही साबित होता हैं कि, हमको आगे चल कर इन्हें खोजने के लिए कितना मेहनत करना होगा।.

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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