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आखिर हम रात में क्यों सोते हैं, क्या है इसके पीछे का राज! – Science Of Sleep In Hindi

हमें नींद क्यों आती हैं और हम सपने कब देखते हैं! जानिए इसके बारे में पूरी बात।

हर एक जीव अपने आप में ही अलग और खास है। हर एक की अपनी-अपनी विशेषताएं है। इसलिए तो हमारे पृथ्वी पर इतनी उत्कृष्ट जैव-विविधता देखने को मिलती है। वैसे मित्रों! अपने-आप में काफी ज्यादा अलग-अलग होने के बाद भी एक चीज़ हर एक जीव को एक दूसरे से जोड़ता है। क्या सोच रहें है! इतना सोचने की जरूरत नहीं हैं, मेँ यहाँ पर बात कर रहा हूँ निद्रा के बारे में (science of sleep in hindi)। जी हाँ! मेँ उसी नींद के बारे में ही बात कर रहा हूँ जिसके आने पर हमारा शरीर अपने-आप ही शिथिल हो कर आराम करने की मुद्रा में चली जाती है।

हम क्यों सोते हैं? - Full Science Of Sleep In Hindi.
सोने के पीछे का विज्ञान | Credit: The Sleep Doctor.

नींद (science of sleep in hindi) एक ऐसी चीज़ है, जो की अगर सही समय पर आए तो वरदान है और अगर गलत समय पर आए तो किसी सजा से कम नहीं है। वैसे हम लोग आज इस लेख के अंदर नींद से जुड़ी मूलभूत बातों को जानेंगे जैसे , ये आखिर हमारे शरीर को क्यों जरूरत है और नींद के वक़्त हमारे शरीर में क्या-क्या घटित होता है। मित्रों! मेँ आप लोगों को और भी बता दूँ की, इस लेख को पढ़ कर आप लोगों को नींद से जुड़ी हर एक मौलिक पहलुओं के बारे में पता चल जाएगा।

तो, चलिये अब बिना किसी देरी किए आज के लेख को आगे बढ़ाते हैं और नींद की विशेषताओं के बारे में जानते है।

नींद की परिभाषा क्या हैं? – Definition Of Sleep In Hindi? :-

हर किसी को पता है की, नींद किसे कहते है। परंतु दोस्तों क्या आप इसके परिभाषा को वैज्ञानिक तौर पर जानते है। नहीं न! इसलिए चलिये सबसे पहले इसके परिभाषा को ही जान लेते है।

वैज्ञानिकों के हिसाब से नींद हमारे शरीर की एक ऐसी अवस्था हैं जहां हमारा दिमाग आंशिक तौर पर काम करता हैं और ये वाह्य संदीपन (Stimuli) से पूर्ण रूप से विच्छेद हो कर रहता है”। मित्रों! ये परिभाषा बहुत ही मौलिक और सरल है, ताकि आप लोगों को आसानी से समझ में आए। इसलिए मेँ आप लोगों को और भी बता दूँ की, इसके अलावा भी नींद के कई अन्य जटिल परिभाषा मौजूद है।

Patient in coma.
कोमा भी है एक तरह का नींद| Credit: The Independent.

वैसे यहाँ गौरतलब बात ये हैं की, नींद के समय हमारी चेतना चली जाती हैं और इसी दौरान हमारा अवचेतन मन हमारे शरीर एक ऊपर नियंत्रण करता है। इसी अवस्था को वैज्ञानिक कोमा (Coma) या शीतनिद्रा (Hibernation) भी कहते है। मित्रों! हैरान कर देने वाली बात ये भी है की, कुछ वैज्ञानिक नींद के अवस्था को आंशिक मृत्यु के साथ भी तुलना करके देखते है।

नींद का पूरा विज्ञान – Full Science Of Sleep In Hindi :-

लेख के इस भाग में हम लोग नींद के पीछे छुपी विज्ञान (science of sleep in hindi) के बारे में जानेंगे, जिसको की आप लोगों ने शायद ही कभी जाना होगा। इसलिए इस भाग को थोड़ा गौर से पढ़िएगा।

तो, मित्रों मूल रूप से नींद को दो भागों में बांटा जाता है। पहला हैं “Rapid Eye Movement” (REM) और दूसरा है “Non-rapid Eye Movement” (NREM)। नींद की इन प्रकारों को वैज्ञानिक “Electroencephalogram (ECG)” के माध्यम से मापा जाता है। ECG की मशीन हमारे दिमाग के अंदर इलेक्ट्रिक तरंगे छोड़ती है, जिससे दिमाग के अंदर चल रहे नींद के प्रकार के बारे में पता चलता है।

Sleep Scientist talking about sleep.
नींद के ऊपर हो रही है शोध | Credit: Wsu Insider.

जब आप नींद के REM अवस्था में होते है, तब आपका दिमाग काफी ज्यादा सक्रिय रहता है। इसी वजह से ECG के ग्राफ में काफी ज्यादा गतिविधि नजर आती हैं और इसी अवस्था में पलकों के नीचे आँखों की गतिविधि होती रहती है। वैसे बता दूँ की, नींद के इस अवस्था में भी आप गहन निद्रा में होते है।

नींद के NREM अवस्था में आपका दिमाग काफी ज्यादा निष्क्रिय हो जाता है, जिससे ECG के ग्राफ में गतिविधि देखने को नहीं मिलता है। इस अवस्था में आपके आँखों की गति भी रुक जाती है और आप पूर्ण रूप से नींद के अवस्था में होते है।

आपको नींद कैसे आती हैं और इसके 4 चरण :-

मित्रों! जब आप लोगों ने नींद के मूलभूत बातों को (science of sleep in hindi) जान ही लिया हैं, तो चलिये इसके चरणों के बारे में भी जान लेते है। खैर यहाँ एक बात मेँ आप लोगों को साफ-साफ तरीके से बता दूँ की, नींद इंसानों को चुटकी बजा कर एक झटके में नही आती है। इसके मुख्य रूप से 4 चरण है, जिसके बारे में मेँ आप लोगों यहाँ बताऊंगा।

हम क्यों सोते हैं? - Full Science Of Sleep In Hindi.
हम कब सपना देखते हैं? | Credit: The Sleep Cycle.
    • नींद के पहले चरण को “Initial NREM Phase” कहते है। इसी चरण में इंसान अपने आस-पास मौजूद चीजों के बारे में अवगत रहता है तथा अपने होश में भी। पहले चरण में शरीर के अंदर अचानक मांसपेशी संकोचन होता है। वैज्ञानिकों का मानना है की, नींद के पहले चरण में रह कर ही हम सपने देखते हैं। इसलिए इस चरण को आपसपने देखने का चरण” भी कह सकते है।
    • नींद के दूसरे चरण में हमारा शरीर धीरे-धीरे NREM अवस्था में रह कर गहन निद्रा की और गति करती है। इस वक़्त ECG के मशीन में ग्राफ को देख कर वैज्ञानिक दिमाग के अंदर चल रही प्रतिक्रियाओं के बारे में पता लगा लेते है। इसी चरण में इंसान नींद की गोद में खोने लगता है।
    • निद्रा के तीसरे चरण में मांसपेशी में होने वाली संकोचन धीरे-धीरे शिथिलता में बदल जाती है। इस वक़्त शरीर नींद आगोश में आती जाती हैं। इस वक़्त इंसान लगभग निद्रा में चला जाता है।
    • नींद के आखिरी व चौथे चरण में इंसान पूर्ण तरीके से गहन नींद में होता है। पलकों के नीचे होने वाली आँखों की गतिविधि भी कम हो जाती हैं और हम चेतन शून्य हो जाते हैं। अब हमारे शरीर के ऊपर अवचेतन मन का प्रभाव रहता है।

हमें कितने घंटे सोना चाहिए? :-

ज़्यादातर लोगों के मन में ये सवाल अकसर आ ही जाता हैं! इसलिए मेंकने सोचा की क्यों न इसके बारे में भी कुछ बात की जाए। मित्रों! ध्यान रहे की निद्रा (science of sleep in hindi) की कुल अवधि हर एक व्यक्ति के लिए अलग-अलग होता है। किसी व्यक्ति को ज्यादा निद्रा की जरूरत पड़ती है तो किसी व्यक्ति को कम।

हम क्यों सोते हैं? - Full Science Of Sleep In Hindi.
कितना घंटा सोना चाहिए | Credit: Vox.

वैसे वैज्ञानिक कहते है की, एक स्वस्थ वयस्क व्यक्ति को दिन में औसतन 7-8 घंटे की निद्रा की जरूरत पड़ती है। हालांकि, फिर से बता दूँ की किसी-किसी व्यक्ति को दिन में 12 घंटे की निद्रा की भी जरूरत पड़ती है तो किसी-किसी को मात्र 6 घंटे की।

हम आखिर क्यों सोते हैं, नींद पूरी करना हमारे लिए क्यों जरूरी है? :-

नींद (science of sleep in hindi) हमारे लिए बहुत ही जरूरी है, क्योंकि ये सीधे-सीधे हमारे दिमाग के साथ जुड़ा हुआ है। नींद हमारे दिमाग के कार्य-क्षमता के ऊपर सीधा-सीधा प्रभाव डालती है। इसलिए नींद पूरी न होने के कारण हम कुछ भी कार्य सही तरीके से कर ही नहीं पाते है। नींद पूरी करके वजह से ही हमारे दिमाग की “Plasticity” बना रहता है। Plasticity माने दिमाग के अंदर डेटा का इनपुट होना, जो कि हम पूरे दिन करते रहते है।

What haapens while we are sleeping.
सोते समय हमारा दिमाग ऐसे काम करता हैं | Credit: Web md.

इसलिए नींद हमारे दिमाग के स्मरण शक्ति के ऊपर भी अपना प्रभाव डालती हैं। नींद पूरी हो तो हम बेहतर तरीके से चीजों को बाद में भी याद कर पाएंगे। इसके अलावा नींद के समय हमारा दिमाग, अंदर मौजूद बेकार के तथ्यों को छाँट कर बाहर निकाल देता हैं जिससे हमें चीजों के बारे में सटीक जानकारी मिल जाती है।

इसके अलावा नींद पूरी न होने के कारण उच्च रक्त चाप, डिप्रेशन, सीज़र और माइग्रेन जैसी बीमारियां भी होती है। नींद के कमी के कारण दिल की बीमारी भी हो सकती है। इसलिए लोगों को अपने दिनचर्या तथा नींद के पैटर्न के ऊपर भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। मित्रों! हम लोग आप लोगों से तहे दिल से आग्रह करना चाहेंगे की, व्यस्तता के चलते आप लोग अपने नींद को तिलांजलि न दें ये आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और जरूरी है।

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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