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इंसानी सभ्यता के इतिहास में हुआ एक बड़ा चमत्कार! – Powerhouses Of Cells Have Been Gene-Edited

ये प्रक्रिया कई जानलेवा बीमारियों का इलाज करवा सकती है! जानिए इससे जुड़ी पूरी बात।

हर दिन विज्ञान बहुत बड़े-बड़े चमत्कार कर रहा है। वैसे तो विज्ञान के कई सारे क्षेत्र हैं, परंतु आज कल जीव-विज्ञान के क्षेत्र के बारे में काफी कुछ सुनने को मिल रहा है। 21 वीं शताब्दी के इस साल 2020 में, जीव विज्ञानी इंसानी शरीर के मूलभूत तथ्यों को विश्लेषित कर के इसके अंदरूनी तथा मौलिक “Organelle” के बारे में कई सारे शोध कर रहें है। इसी क्रमागत शोध में मिलने वाली सफलता के कारण आज इंसान अपने “Mitochondria” के आनुवंशिक संरचना (powerhouses of cells have been gene-edited)  में बदलाव लाने में सक्षम हो पाया है।

माइटोकोंडरिया के संरचना के बदलाव - Powerhouses of cells have been gene-edited.
माइटोकोंडरिया की मूलभूत बातें | Credit: NBI.

मित्रों! अगर आप यहाँ पर “Mitochondria” (powerhouses of cells have been gene-edited) के बारे में सोच रहें है तो, चिंता न करें मेँ आपको इसके बारे में आगे इस लेख में बहुत कुछ बताऊंगा; जिससे आप लोगों को इसके बारे में एक अवधारण मिल जाए। वैसे इसके साथ ही साथ हम इसके आनुवंशिक संरचना में किए गए बदलाव के बारे में भी बात करेंगे, जो की जीव-विज्ञान के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी उपलब्धि भी है।

तो, चलिये अब सबसे पहले “Mitochondria” से जुड़ी कुछ बहुत ही सरल व महत्वपूर्ण बातों को जान लेते है, जिससे आप लोगों को इसके बारे सम्यक जानकारी मिल सके।

“Mitochondria” किसे कहते हैं? – Definition Of Mitochondria In Hindi :-

मेँ आप लोगों को “Mitochondria” (powerhouses of cells have been gene-edited) की सबसे सरल परिभाषा बताने जा रहा हूँ, इसलिए आशा करता हूँ की इसे आप जरा तव्वजो दे कर पढ़ेंगे।

“Mitochondria एक तरह से बहू-कोशिय जीवों में दिखने वाला एक “Organelle” है जो की झिल्लियों से घिरा हुआ होता है”ये साधारण तौर पर कोशिय द्रव्य (Cytoplasm) में दिखाई देता हैइसका मूल काम है कोश के अंदर ATP (Adinosine triphosphate) को बनाना

मित्रों! बता दूँ की, ATP हमारे शरीर की शक्ति मुद्रा भी है। इसके बिना हमारे अंदर कोई भी चयापचय गतिविधि (Metabolic Activity) नहीं हो सकता है। क्योंकि इन गतिविधियों के लिए शरीर को ऊर्जा की जरूरत पड़ती है, जो की ATP के जरिये ही शरीर के अंदर उपलब्ध होता है।

Mitochondrial D.N.A and Mitochondria.
माइटोकोंडरिया का डीएनए | Credit: National Human Genome Institute.

और एक बात आप लोगों को यहाँ, जानना जरूरी है की; ATP को Mitochondria बनाता है। इसलिए Mitochondria को कोश की “Power House” भी कहा जाता है। दोस्तों! हम लोग इसी पावर हाउस के बारे में आगे और भी ज्यादा बारीकी से जानेंगे। वैसे गौरतलब बात ये है की, Mitochondria में द्वि-स्तरीय झिल्ली मौजूद रहती है। जो की अपने आप में ही एक खास बात है।

वैसे मित्रों! हम लोग Mitochondria के अंदरूनी संरचना के बारे ज्यादा बारीकी से इस लेख में चर्चा नहीं करेंगे, परंतु आप के जानकारी के लिए फिर भी बता दूँ की; ATP को माइटोकोंडरिया के अंदरूनी झिल्ली “Cristae” में बनाया जाता है। तो, अगर आप लोग माइटोकोंडरिया के विषय में और अधिक जानने को इच्छुक है तो मेँ आने वाले समय में इसके ऊपर एक स्वतंत्र लेख अवश्य ही ले कर आऊँगा।

दोस्तों! चलिये अब आगे हम माइटोकोंडरिया के कार्य के बारे में भी थोड़ा जान लेते है।

“Mitochondria” के कार्य – Functions Of Mitochondria In Hindi! :-

हम यहाँ माइटोकोंडरिया (powerhouses of cells have been gene-edited) के कार्यों के बारे में एक-एक करके जानने वाले है, जो की आप लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित भी हो सकता है।

  • शरीर के अंदर होने वाली जैविक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करना।
  • कोशिका विभाजन और कोशिका को बढ़ाने में मदद करना।
  • यकृत में अमोनिया को खंडन करना तथा शरीर से नुकसान दायी पदार्थों को बाहर निकालना।
  • खून और कई सारे हॉरमोन को बनाने में शरीर की मदद करना।
  • शरीर के अंदर कैल्सियम आयन के मात्रा को बना कर रखना।
  • कोशिका में होने वाली हर तरह के महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में भाग लेना व नियंत्रण करना।

एक बहुत ही जरूरी बात आप लोगों जानना चाहिए, माइटोकोंडरिया आखिर किस प्रक्रिया के तहत ATP के कणों को बनाता है! क्या आप लोगों को इस प्रक्रिया के बारे में पता है? अगर नहीं तो जान लीजिये की, Mitochondria “Oxidative Phosphorylation” के जरिये ATP को बनाता है।

Gene edit of Mitochondria.
इंसान और माइटोकोंडरिया की एडिट | Credit: Experience Life.

 

Mitochondria के आनुवांशिक संरचना में हुआ बदलाव – Powerhouses Of Cells Have Been Gene-Edited :-

इंसानों के अंदर आज भी ऐसे कई सारे बीमारियां मौजूद है, जिसका कोई इलाज ही नहीं है। यहाँ पर COVID-19 को ही देख लीजिये, आज पूरे विश्व में इसके लिए कोई 100% सटीक इलाज ही नहीं है। खैर हम इसके बारे में ज्यादा बात नहीं करेंगे, क्योंकि हम आज Mitochondria (powerhouses of cells have been gene-edited) के आनुवंशिक संरचना के बदलाव के बारे में ही बात करेंगे।

असंभव सा लगने वाला ये कार्य, हमारे वैज्ञानिकों ने कर दिखाया है और इससे आगे आने वाले समय में कई सारे बीमारियों को ठीक भी किया जा सकता है। वैसे इसको सफल बनाने के लिए एक विशेष “Base Editor” का इस्तेमाल किया गया है।

मित्रों! आप को जानकर हैरानी होगी की, Mitochondria उन चंद Organelles के अंदर आता है जिसके पास खुद का अपना D.N.A होता है और इन D.N.A में भारी मात्रा में म्टूटेशन के होने का खतरा भी होता है। एक रिपोर्ट से पता चला है की, Mitochondrial D.N.A में म्यूटेशन के चलते मांसपेशियों में कमजोरी और कई मानसिक बीमारियाँ भी हो जाती है। कई-कई क्षेत्रों में तो इससे नवजात शिशुओं की मृत्यु तक भी हो जाती है।

माइटोकोंडरिया के संरचना के बदलाव - Powerhouses of cells have been gene-edited.
शोध करते हुए जीव-विज्ञानी | Credit: The Wistar Institute.
आरएनए और जिन एडिटिंग!:- RNA and Gene Editing

इससे पहले कई बार Mitochondria में मौजूद डीएनए को एडिट यानी ठीक करने की कोशिश की गई है। परंतु विडंबना की बात तो ये है की, ज़्यादातर ये नाकाम हुआ है। क्योंकि माइटोकोंडरिया का डीएनए बहुत ही जल्दी विघटित हो जाता है और इसको ठीक करना बहुत ही मुश्किल है। इसलिए वैज्ञानिकों को इसके लिए एक विशेष प्रकार की एडिटर की जरूरत पड़ी, जो की कम समय के अंदर डीएनए के संरचना में मौजूद म्यूटेशन को ठीक करने में सक्षम रही।

पहले जीतने भी बेस एडिटर थे वो सब आरएनए में मौजूद म्यूटेशन को ठीक करने के लिए थे, परंतु माइटोकोंडरिया के आरएनए को ढूँढना लगभग असंभव था। वैसे और एक बात आप लोगों को बता दूँ की, माइटोकोंडरियाल डीएनए को थी करके नवजात शिशुओं में होने वाली बीमारी तथा इनके मृत्यु को रोका जा सकता है।

ऐसे लाया गया इसके संरचना में बदलाव! :-

वैज्ञानिकों ने माइटोकोंडरिया के डीएनए में एक तरह का रासायनिक पदार्थ मिला दिया। इससे डीएनए में मौजूद प्रोटीन के कण आपस में एक अलग से संरचना में बंध गए। बता दूँ की, प्रोटीन के कण जिस संरचना में बंधे वो वैज्ञानिकों के लिए बहुत ही जरूरी था। इससे वैज्ञानिकों को माइटोकोंडरिया के डीएनए में बदलाव लाने में बहुत ही ज्यादा मदद मिला।

बाद में जब इंसानों के माइटोकोंडरियाल डीएनए में विशेष बेस एडिटर को डाला गया तो, पता चला की ये डीएनए के 50% संरचना को बदलने में सक्षम हो रहा है। ये बात जब वैज्ञानिकों ने देखी तो सब बहुत ही ज्यादा खुश हो गए, क्योंकि ऐसा होना बहुत ही ज्यादा दुर्लभ है।

Photo of Base Editor.
बेस एडिटर की फोटो | Credit: New Scientist.
Mitochondria से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें:-

खैर ध्यान रहें की, डीएनए में बदलाव लाने के लिए कई सारे अलग-अलग बेस एडिटर (Base Editor) की जरूरत पड़ने लगा। मित्रों! माइटोकोंडरियल डीएनए में स्थित हर एक संरचना के क्रम में बदलाव लाना कोई आसान काम नहीं है, हर एक सीक्वेंस के लिए अलग-अलग एडिटर की जरूरत पड़ती है और एक सीक्वेंस सिर्फ एक ही खास एडिटर को पहचानता है।

अब तक वैज्ञानिकों ने 6 बेस एडिटर को बनाने में सफल हुए है। इन बेस एडिटर की संख्या बाद में और भी बढ़ने वाला है, जो की आने वाले समय और भी ज्यादा हिस्सों को बदलने में सक्षम रहेंगे। मित्रों! वैसे एक बात तो स्पष्ट है की, इस तरह के प्रक्रिया को लोगों के शरीर में इस्तेमाल करना बहुत ही ज्यादा जटिल है। क्योंकि इंसानी माइटोकोंडरियाल डीएनए के अंदर कई हजारों हिस्से होते है, जिनको ठीक करने के लिए कई हजारों बेस एडिटर की जरूरत भी पड़ेगी।

Sources :- www.newscientist.com, www.byjus.com.

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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5 Comments

  1. मैं sci myth का रेगुलर viewer हूं ।
    मुझे इस वेबसाइट पर दी गई जानकारियां बहुत अच्छी लगती हैं।
    शिवम भाई को मेरा नमस्कार ! ??

  2. सर, मैं एक YouTuber हूँ मुझे आपके द्वारा दी गई जानकारी बहुत पसंद आई
    क्या मै इन जानकारीयो का उपयोग अपने videos में कर सकता हूँ?

  3. उपयोग कर सकते हो, पर क्रेडिट देना अनिवार्य है, क्रेडिट अपने डेस्क्रिपशन में जरूर दें।

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