![जानिए दो आकाशगंगाओं के अद्भुत संगम के बारे में! - Merging of Galaxies In James Webb.](https://vigyanam.com/wp-content/images/2023/05/james-webb-fwatured-780x470.jpg)
हमारे लिए ये आकाशगंगा काफी ज्यादा विशाल और रहस्यों से भरी हुई जगह है। यूं तो ब्रह्मांड में कई अरबों आकाशगंगाएँ होंगी, परंतु उनमें से कुछ खास आकाशगंगाओं में ही लगातार कुछ न कुछ दिलचस्प चीज़ें होती रहती हैं। सुपरनोवा के विस्फोट से ले कर दो आकाशगंगाओं के मिलन (Merging of Galaxies In James Webb) तक, हर एक घटना हम मानवो के लिए अनोखी ही तो है। क्योंकि ऐसे घटनाओं को फिर से देखने के लिए, कौन जाने कितने वक़्त का इंतजार करना पड़ेगा! मित्रों, आज के लेख में हम कुछ उसी तरह की दुर्लभ घटनाओं के बारे में चर्चा करने जा रहें हैं।
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क्योंकि हाल ही में कुछ ऐसा घटा है, जिसके बारे में सुनकर शायद आपको भी अपने कानों पर यकीन ही नहीं आएगा। मित्रों! कुछ समय पहले ही जेम्स वेब टेलिस्कोप के द्वारा (Merging of Galaxies In James Webb) एक ऐतिहासिक फोटो को खींचा जा चुका है, जिसमें दो आकाशगंगाएँ एक दूसरे में समा रही हैं। सरल भाषा में कहूँ तो, दो आकाशगंगाओं के मिलन के फोटो को, यहाँ जेम्स वेब के द्वारा खींचा गया है। इसलिए ये फोटो दुनिया भर में बहुत चर्चा में रही है और आज हम इसी के बारे में बातें करने वाले हैं।
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दो आकाशगंगाओं का भव्य मिलन – Merging of Galaxies In James Webb! :-
अपने लाँच के बाद से ही जेम्स वेब टेलिस्कोप (Merging of Galaxies In James Webb) कई ऐतिहासिक कार्यों को अब तक पूर्ण कर चुका हैं। इस स्पेस टेलीस्कोप के द्वारा खींची गई हर एक फोटो, हम मानवों के लिए किसी अनमोल खजाने से कम नहीं होती है। दरअसल बात ये है कि, आज से कई अरबों सालों बाद हमारी आकाशगंगा दूसरे एंड्रोमिडा आकाशगंगा से जा कर मिलने वाली है। परंतु शायद उतने वक़्त तक हम इंसान यहाँ जीवित ही न बचें हो। पर एक खास बात हम लोगों ने अभी ही देख ली है।
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जेम्स वेब के द्वारा खींचे गए एक फोटो में, Arp 220 नाम की दो आकाशगंगाओं के गुच्छों को एक साथ मिलने की प्रक्रिया को देखा गया है। वैज्ञानिकों कि मानें तो, ये घटना पृथ्वी से लगभग 25 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर घटित हो रही है और इसे देख कर कोई भी इंसान अपना होश भी खो सकता है। देखने में ये इतना आकर्षक लगता है कि, शायद ही आप कभी भी इसके बारे में सोच पाएंगे। वैसे अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, ये दोनों ही आकाशगंगाएँ “Serpens” नाम के तारा मंडल के अधीन आती हैं।
चूंकि ये पृथ्वी के बेहद ही पास मौजूद है, इसलिए इनके समागम को हम काफी बारीकी से देख सकते हैं। मित्रों! आप लोगों को क्या लगता है, क्या इस तरह के घटनाओं के बारे में आपने कभी पहले सुना था? जरूर ही कमेंट कर के बताइएगा।
काफी दुर्लभ होते हैं ऐसे घटनाएँ! :-
आज से पहले वैज्ञानिकों के लिए दो आकाशगंगाओं का मिलन (Merging of Galaxies In James Webb) किसी पहेली से कम नहीं था। कहने का मतलब ये है कि, इसके बारे में न तो किसी को ज्यादा कुछ पता था या ब्रह्मांड के इतिहास में इसकी कोई सबूत मिलते थे! वैज्ञानिकों के अनुसार एआरपी 220 के अंदर मौजूद आकाशगंगाएँ भी किसी जमाने में हमारे आकाशगंगा “मिल्की वे” के तरह ही थीं। इसके अलावा कुछ वैज्ञानिक ये भी कहते हैं कि, ये दोनों ही आकाशगंगाओं का बनावट हूबहू हमारे आकाशगंगा की तरह ही हैं।
![ARP 220 Merging in space.](https://vigyanam.com/wp-content/images/2023/05/the-galactic-channel-3.jpg)
इसके अलावा एक हैरान कर देने वाली बात ये भी हैं कि, दोनों ही आकाशगंगाओं के मिलन की प्रक्रिया आज से लगभग 70 करोड़ साल पहले ही शुरू हो गया थी। उदाहरण के लिए मैं आप लोगों को बता दूँ कि, आज से लगभग 4-5 अरब साल बाद हमारी आकाशगंगा एंड्रोमेडा गैलेक्सी के साथ मिलने जा रही है और संगम की ये प्रक्रिया लगभग 10 अरब सालों तक चलने वाली है। परंतु इस प्रक्रिया को अभी शुरू होने के लिए काफी समय है और हमें डरने की जरूरत नहीं है। वैसे एक रोचक बात ये भी हैं कि, इस प्रक्रिया के दौरान कई अद्भुत घटनाएँ भी घटित होंगी।
जैसे कि, एआरपी 220 के मिलन के प्रक्रिया से उसके केंद्र में काफी सारे सितारों के बनने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। काफी ज्यादा मात्रा में सितारों के बनने से इसका केंद्र पहले के तुलना में काफी ज्यादा सघन हो गया हैं और देखने में अब काफी ज्यादा आकर्षक भी लगता है। वैज्ञानिकों के हिसाब से इसके केंद्र में मौजूद कॉस्मिक गैस की मात्रा हमारे मिल्की वे के अंदर मौजूद कॉस्मिक गैस के मात्र के समान ही है।
दो आकाशगंगाओं के मिलन से बनने वाला गैलेक्टिक सेंटर आखिर कैसा होता है?
मित्रों! हमारे लिए दो आकाशगंगाओं के मिलन (Merging of Galaxies In James Webb) से बनने वाला गैलेक्टिक सेंटर जैसी जगह काफी ज्यादा अनोखी है। क्योंकि इस बेहद ही छोटी सी जगह में करीबन दो बड़ी-बड़ी आकाशगंगाओं के अंदर मौजूद हर एक चीज़ मौजूद है। वैज्ञानिकों के अनुसार लगभग 5,000 प्रकाश वर्ष जितनी विशाल जगह में 200 से ज्यादा तारा-मण्डलों की उपस्थिति हैं। इसलिए जेम्स वेब के द्वारा खींचे गए फोटो में, एआरपी 220 का केंद्र इतना चमकीला दिख रहा है।
![HST planetary camera images of core of peculiar galaxy Arp 220 (](https://vigyanam.com/wp-content/images/2023/05/esa-4-1.jpg)
इसके केंद्र से बाहर की और निकलने वाले 6 प्रकाश की तेज किरणें, इसके केंद्र के सघनता और खास बनावट को ही दर्शाती हैं। हालांकि! एक खास बात ये भी है कि, जेम्स वेब से पहले हब्बल ने भी एआरपी 220 के बारे में काफी कुछ पता लगाया था। परंतु जो बारीकी जेम्स वेब के फोटो में हैं न दोस्तों वो शायद ही किसी दूसरे स्पेस टेलिस्कोप में होगी। हालांकि! उस वक़्त वैज्ञानिकों को एआरपी 220 से काफी भारी मात्रा में X-रे की किरणों की निकलने के बारे में पता चला था।
परंतु उस समय वैज्ञानिकों को लगा कि, एआरपी 220 के केंद्र में शायद एक सुपर मैसिव ब्लैक होल है, जिसके कारण से ये एक्स-रे के किरणें निकल रही हैं। पर आज देखिये, हमारी सोच उस वक़्त कितनी गलत थी। क्योंकि यहाँ तो दो आकाशगंगाएँ आपस में मिल रही हैं और ब्लैक होल की उपस्थिति दूर-दूर तक नहीं हैं। तो, अनुमान कई बार गलत भी हो सकते हैं!
निष्कर्ष – Conclusion :-
आज तक वैज्ञानिकों का लगता था कि, जब भी दो आकाशगंगाएँ (Merging of Galaxies In James Webb) आपस में मिल रहें होती हैं; तब सितारों के बनने की प्रक्रिया काफी ज्यादा तेज हो जाती होगी। परंतु सच्चाई इसके विपरीत है। माने जब दो आकाशगंगाओं के मिलन की प्रक्रिया शुरू होती है, तब अचानक से सितारों के बनने की प्रक्रिया रुक जाती है। यहाँ एआरपी 220 में मिलन की प्रक्रिया शुरू होने के लगभग 10 करोड़ साल पहले ही नए सितारों की बनने की प्रक्रिया रुक गई थी।
![जानिए दो आकाशगंगाओं के अद्भुत संगम के बारे में! - Merging of Galaxies In James Webb.](https://vigyanam.com/wp-content/images/2023/05/india-times-5.jpg)
खैर जेम्स वेब ने इस बेहद ही ऐतिहासिक फोटो को खींचने के लिए अपने दो मुख्य उपकरणों को इस्तेमाल में लिए है। पहला हैं “Near Infrared Camera (NIRCam)” और दूसरा है “Mid-Infrared Instrument (MIRI)”। ये दोनों उपकरणों के जरिये जेम्स वेब फोटो खींचने के साथ ही साथ लाइट स्पेक्ट्रम में एक खास टार्गेट को कैप्चर भी कर सकते हैं। वैज्ञानिकों के हिसाब से एआरपी 220 काफी ज्यादा चमकीली है, मानों जैसे एक खरब सूर्य एक साथ एक ही जगह पर चमक रहें हैं।
आमतौर पर वैज्ञानिक एआरपी 220 में मौजूद दो आकाशगंगाओं को एक नाम नहीं देना चाहते थे, परंतु जब उन्होंने देखा कि, ये दोनों ही आकाशगाएँ आपस में पहले ही मिल चुकी हैं, तब उन्होंने ने दोनों के लिए एक ही नाम रख दिया है। वैसे एक बात तो तय हैं कि, आने वाले समय में एआरपी 220 गैलेक्टिक फोर्मेशन को ले कर कई सारे अहम जानकारिओं को हमें देने वाली है।
Source – www.space.com