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अलग अलग जगहों पर कैसी होती है ग्रेविटी (Gravity), जानें ग्रेविटी का विज्ञान

What is Gravity? Gravity Explained In Hindi

क्या आप जानते हैं कि इस ब्रह्मांड में एक ऐसा ग्रह है जहां पर अगर आप एक बार पहुँच जाओ तो आप वहां सूपरमैन की तरह उड़ सकते है, और इतना ही नहीं वहां आपकी ताकत भी सूपरमैन जितनी हो जायेगी। वहीं हमारे युनिवर्ष में एक ऐसा भी ग्रह है जहां पर अगर आप एक बार बैठ गये तो जिंदगी भर खड़े नहीं हो सकते हो, लाख कोशिश कर लो पर आप खड़े नहीं हो पाओगे। इन दोनों ग्रहों पर ऐसा क्यों होता है कि एक जगह जाकर आप ताकतवर बन जाते हो तो दूसरी जगह आपका शरीर बहुत कमजोर हो जाता है। तो इसका जबाव है ग्रेविटी (Gravity In Hindi) , ये इस ब्रह्मांड की सबसे अजीब Force  है और सबसे कमजोर होने के बावजूद भी ये पूरे युनिवर्ष को संभाल के रखती है, हम और हमारे आसपास की हर चीज़ इससे प्रभावित होती है और ना चाहते हुए भी हम इस Force  से बच नहीं सकते हैं।

पर ग्रेविटी को जैसा आप जानते है और पढ़ते आ रहे हैं ये उससे बहुत ही अलग है, आज आप इसके बारे में ऐसी बातें जानने वाले हो जो आपने पहले कभी सूनी नहीं होगी।

  गुरुत्वाकर्षण बल – Force of Gravitation

इस दुनिया में जो कुछ भी है चाहें कितना भी छोटा हो और कितना भी विशाल वो हमेशा इस युनिवर्ष के  गुरुत्वाकर्षण बल (Force of Gravitation) को प्रभावित करता है, जिस भी चीज़ में  द्रव्यमान (Mass)  होता है वो हमेशा ग्रेविटी को प्रभावित  करता है, जितना कम द्रव्यमान (Mass) उतनी कम ग्रेविटी और जितना  ज्यादा द्रव्यमान (Mass) उतनी ज्यादा ग्रेविटी।

इससे पहले और हम आगे बढ़े अब हम जान लेते हैं कि आखिर वास्तव में ये ग्रेविटी होती क्या है, और कैसे ये पूरे युनिवर्ष में बिना दिखे और महसूस हुए भी अपना काम करती रहती है।

अगर आप किसी भी चीज़ को आसमान की ओर फेंको तो आप देखोगे कि वो चीज़ वापिस आकर फिर धरती पर गिर जाती है, ये ग्रेविटी की वजह से ही होता है, हमारी पृथ्वी हर उस चीज़ पर ग्रेविटेशन फोर्स (Gravitation Force)  लगाती है जिसमें Mass होता है। इसी तरह हमारी पृथ्वी भारी Mass वाले हमारे सूर्य के चक्कर ग्रेविटी (Gravity In Hindi ) की वजह से लगाती है तो चांद हमारी पृथ्वी के चक्कर लगाता है, पर ये कभी एक दूसरे से टकराते नहीं है क्योंकि इनकी जो दूरी है वो ग्रेविटो को ऐसे Balance करती है जिससे ये सभी एक दूसरे के चक्कर लगाते रहते हैं।

Newton’s Equation Of Gravity

यानि की ग्रेविटी या गुरूत्वाकर्षण एक तरह का Force ही है जिसमें भारी Mass वाला Object अपने से हल्के Mass वाले को Attract करता है।  न्युटन ने 350 साल पहले ग्रेविटी को इस आधार पर इस Equation के जरिए समझाया था, जिसमें हम दो Bodies के बीच में लगने वाले ग्रेविटेशनल फोर्स यानि गुरुत्वाकर्षण बल को निकाल सकते हैं, ध्यान से देखेंगे तो आप समझेंगे कि ग्रेविटी Bodies के Mass पर सीधा निर्भर करती है और दूरी पर उल्टा निर्भर करती है.

Newton's Equation Of Gravity Hindi
Newton’s Equation Of Gravity 

जैसे की अगर किसी Object का Mass ज्यादा है दूसरे से तो वह उस Object को अपने में समा लेगा, पर ऐसा तब होगा जब दूरी भी कम हो, पर अगर दूरी ज्यादा हो तो  Gravitation Force भी कम हो जायेगा, Equation में आप Mass , Distanceऔऱ ग्रेविटेशनल Constant को देख कर आसानी से किन्हीं दो Object के बीच की दूरी नापकर ग्रेविटेशनल फोर्स निकाल सकते हैं। न्युटन की दी गई इसी ऐतिहासिक इक्युशेन की मदद से हम ग्रहों की चाल और उनकी ग्रेविटी के बारे में आसानी से बता पाते हैं।

जैसे पृथ्वी हमें ग्रेविटेशनल फोर्स की वजह से अपनी और खींचती है तो हम भी पृथ्वी को अपनी और खीच रहे हैं, वास्तव में हम दोनों ही ग्रेविटेशनल फोर्स को बना रहे हैं पर पृथ्वी का Mass हमसे बहुत बहुत ज्यादा है तो हम उसकी और ही खींचे चले आते हैं.

पृथ्वी की Surface Gravity

पृथ्वी की Surface Gravity 1 G  है जिसकी मतलब है कि हम पृत्वी पर 9.8 मीटर Per Second Square की Acceleration के साथ पृथ्वी की तरफ खीचें चले आते है, जिसकी अर्थ है कि जब हम पृथ्वी की ग्रेविटी के संपर्क में आते हैं तो प्रति सेंकेड 9.8 मीटर की रफ्तार के बदलाव से गिरते हैं, यानि हर सेकेंड हमारी गिरने की स्पीड 9.8 करीब 10 मीटर बढ़ जाती है।

इसी कारण जब आप कोई चीज़  को पहाड़ से फेंकते हैं तो उसके गिरने की गति बढ़ती रहती है। पर ये जो हमारे गिरने की रफ्तार है ये ही पृथ्वी का ग्रेविटेशनल फोर्स है, इसे ही ग्रेविटी कहते हैं, इसी युनिट के जरिए ही हम पृथ्वी पर हर इंसान का  भार (Weight)  निकालते हैं, जैसे कि अगर आपका Mass 8 kilogram है तो आपका Weight  = Mass X Gravity  होगा, यानि की 8 को 9.8 से  Multiply करने पर आपका भार आपके समाने होगा, ये भार ही होता है जो आप हर मशीन पर नापते हैं, आपका Mass हमेशा Same रहता है, पर आपका Weight ग्रेविटी (Gravity In Hindi) के काऱण बदलता रहता है। जैसे पृथ्वी पर 1 जी यानि 9.8 मीटर पर सेंकेड स्कावर है तो चांद पर 1.62 meter per second square की वजह से जी की बेल्यी 6 गुना कम होकर के 0.1654 हो जाती है जिससे आपका वेट भी चांद पर 80 किलो से 6 गुना कम होकर के 13 kilo rah जाता है।

उसी तरह अगर आप अपनी ग्रेविटी की बात करें तो आपकी खुद की ग्रेविटी 0.000000072 Gहै जिसका अर्थ है कि आप किसी Object को Earth की पावर की तुलना में करोड़ो गुना कम पावर से  Attract कर पाते हो।

अलग अलग ग्रहों पर ग्रेविटी का प्रभाव ( Gravity on Other Planets)

इसी तरह हर वो चीज़ जिसका Mass बहुत कम है उसकी Gravity भी Earth से बहुत ही कम होगी, पूरे सौरमंडल (Solar System)  में  पृथ्वी से ज्यादा ग्रेविटी केवल शनि ग्रह, जूपिटर ग्रह और नेप्युटन ग्रह पर है, शुक्र ग्रह (Venus)  और अर्थ की सरफेस ग्रेविटी (Surface Gravity)  लगभग बराबर ही है, और तो और शनि ग्रह की भी ग्रेविटी पृथ्वी के बाराबर है।

अगर आप  शुक्र और शनि ग्रह पर उतर भी जाते हो तो आपको कोई फर्क नहीं पड़ेगा, आपका भार जितना पृथ्वी पर था लगभग उतना ही इन ग्रह पर रहेगा, पर हालात आपके  बृहस्पति ग्रह (Jupiter)  पर खराब हो सकते हैं, जूपिटर की सरफेस ग्रेविटी पृथ्वी की तुलना में 2.5 गुना ज्यादा है.

Gravity on different Planets (Gravity In Hindi)

जिसका सीधा मतलब है कि ये ग्रह आपको पृथ्वी की तुलना में 2.5 गुना तेज स्पीड से अपनी ओर खीचेंगा और पर इस ग्रह पर सतह नही है तो हम इस पर लैंड नहीं कर सकते हैं। इसके बाद हम चलते हैं सूर्य की ओर, सूर्य इस सौरमंडल का एक तारा है जिसका द्रव्यमान (Mass)  जुपिटर ग्रह से भी 1 हजार गुना ज्यादा है।

अगर आप इसके पास से गुजरते हैं तो ये आपको पृथ्वी की तुलना में 28 गुना तेजी से अपनी और खीचेंगा ये स्पीड तकरीबन 273 METER PER SECOND SQUARE होगी, जिसका मतलब है कि आप हर सेकेंड 273 मीटर की Velocity की बढ़त के साथ इसके Surface पर गिरेंगे.

गिरने के हर सेकेंड में आपकी स्पीड 273 मीटर बढ़ती रहेगी जबतक आप सन के Surface (सतह) पर लैंड नहीं हो जाते। इसके बाद आप सूर्य पर लैंड कर गये तो आपको हर तरफ से 28G की खतरनाक फोर्स का समाना करना पड़ेगा, आपका Weight पृथ्वी के मुकावले 28 गुना हो जायेगा.

आपको ऐसा लगेगा जैसे की आपने 28 लोगों को अपने कंधो पर उठा रखा है। ये हम तभी कह सकते हैं जब हम Counter Gravity Spacesuit या Spacecraft  बना लें, वरना हम इतने भारी पिंडो पर कभी नहीं जा सकते हैं।

कितनी ग्रेविटी को आप झेल सकते हैं?

हम इंसान बहुत कमजोर हैं केवल 5G फोर्स में ही हमारा शरीर जवाब देना,चालू कर देता है, चक्कर आकर हम बेहोश हो सकते हैं, 9G फोर्स हमें तब महसूस होता है जब हम सूपरसोनिक (Supersonic Plane) प्लेन पर बैठे हों, 11G पर हम पर इतना फोर्स होगा कि हम चाहकर भी उठ नहीं पायेंगे।

इसके बाद 20G पर हम इंसानो का चलना और उठना भी लगभग नामुमकिन है। इंसानो में अबतक सबसे ज्यादा 46.2G सहने का World Record है। जिसे अमेरिकन ऐयरफोर्स के Marshall जोन स्टेप ने हासिल किया था। 46.2 G का बहुत ज्यादा फोर्स है इसमें आपका Weight (भार)  46 गुना बढ़ 3600 किलो तक बढ़ जायेगा यानि की आपके शरीर के हर हिस्से पर इतना भार पढ़ेगा।

उसी तरह आपका दिमाग 180 G की फोर्स पर खुद ही अपने वेट से दबकक खत्म हो सकता है। 180 G फोर्स आपके 1300 Gram के दिमाग पर हर तरफ से आपको 230 किलो वजन का दवाब लगेगा जो आपके दिमाग को कुचल देगा, इस तरह की जबरदस्त ग्रेविटी (Gravity In Hindi )  आपको एक ब्राउन ड्वार्फ स्टार  (Brown Dwarf Star) में मिल सकती है जहां अगर आप उतरगये तो आपके शरीर के हर हिस्से को ये इसी तरह अपनी ग्रेविटेशनल फोर्स से कुचल देगा….

White Dwarf Star की खतरनाक ग्रेविटी (Gravity In Hindi)

पर इस Universe में अब ऐसे भी Objects  हैं जिनकी ग्रवेटिशनल फोर्स इतनी ज्यादा है कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं, White Dwarf Star इसी तरह के खतरनाक Objects हैं जो कि एक सूर्य जैसे स्टार के खत्म होने के बाद बनते हैं, इनका  द्रव्यमान (Mass) अपने तारे का आधा ही रहता है पर इनका आकार बहुत बहुत कम हो जाता है जिस वजह से इनकी सर्फेस ग्रेविटी बहुत ज्यादा होती है।

एक सफैद बौने तारे (White Dwarf Star)  की सरफेस ग्रेविटी (Surface Gravity in Hindi)  औसतन 1 लाख G से लेकर के 4 लाख G तक होती है, यानि की पृथ्वी के ग्रेविटेशनल फोर्स या कहें तो गुरूत्वाकर्षण बल से 4 लाख गुना ज्यादा, अगर आप इस स्टार पर उतरने की कोशिश अगर करते भी हैं तो ये स्टार आपको अपनी जबरदस्त ग्रेविटी के कारण करीब 4 हजार किलोमीटर पर Second Square की acceleration के साथ आपको अपनी तरफ खीचेंगा जो कि एक सूपरसोनिक प्लेन की स्पीड से भी 100 गुना ज्यादा है।

इतनी जबरदस्त acceleration के कारण आपके शरीर के सभी हिस्से टूटकर टूकड़ो की तरह इस स्टार में समा जायेंगे, अगर हमारा सूर्य व्वाइट ड्वार्फ स्टार बनता है तो उसका आकार हमारी पृथ्वी के बराबर रह जायेगा और ग्रेविटी 1 लाख जी के बराबर होगी।

न्युट्रोन स्टार (Neutron Star) की ग्रेविटी

इसी तरह अगर कोई स्टार सूर्य से बहुत बड़ा है तो वह अपने Final Stage में एक न्युट्रोन स्टार (Neutron Star)  बन जाता है जो कि इस युनिवर्ष के सबसे खतरनाक Objects हो जाते हैं।

ये तो आप जानते हैं कि एक Neutron Star आकार में बहुत छोटा होता है, कुछ मात्र 10 – 15 किलोमीटर तक पर जो इनका Mass होता है वो अपने Sun से भी 1.5 गुना ज्यादा होता है, जिस कारण इसकी सरफेस ग्रेविटी  (Surface Gravity In Hindi)  इतनी ज्यादा हो जाती है कि वैज्ञानिक भी इसे देखकर हैरान हो जाते हैं।

Neutron Star - Most Dense Thing In Universe
Neutron Star – Most Dense Thing In Universe
Credit – NASA

एक औसतन न्युट्रोन स्टार की ग्रेविटी फोर्स (Gravity In Hindi Facts)  करीब 700  अरब G यानि की 7 Billion G. ये इतनी ज्यादा है कि अगर इस स्टार को हम अपने Solar System में रख दें तो ये अपने जबरदस्त ग्रेविटेशनल फील्ड (Gravitational Field)  से पृथ्वी के मैगनेटिक फील्ड (Magnetic Field)  को खत्म कर सकता है, आपके क्रेडिट कार्ड (Credit Card)  से लेकर के Computer Storage Device सभी की सभी इस न्युट्रोन स्टार से निकलने वाले Strange Particles से खत्म हो जायेंगी।

न्युट्रोन स्टार (Neutron Star)  की इस जबदरस्त ग्रेविटी को हम Newton  की Classic Mechanics से नहीं समझ सकते हैं, इसके लिए हमें Einstein की  General Theory Of Relativity  का सहारा लेते हैं जो कि इस पूरे युनिवर्ष को Space Time Curve के रूप में देखती है।

इसके बाद ब्लैक होल की Infinite Gravitational Force के बारे में तो आप जानते ही हैं जो Massless Particle Photon यानि Light को भी अपनी ग्रेविटी से नहीं छोड़ती है। ब्लैक होल अपना सारा Mass एक Singularity यानि की एक Point पर रखते हैं जिस वजह से इनकी ग्रेविटी को कोई नाप नहीं कर सकता है। शायद भविष्य में हम कर पायें पर फिलहाल तो हमारे लिए पहेली है।

Shivam Sharma

शिवम शर्मा विज्ञानम् के मुख्य लेखक हैं, इन्हें विज्ञान और शास्त्रो में बहुत रुचि है। इनका मुख्य योगदान अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान में है। साथ में यह तकनीक और गैजेट्स पर भी काम करते हैं।

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