नमस्कार मित्रों, आज हम आपको ब्लैक होल (Black Hole In Hindi) के रोमांचक रहस्यों की दुनिया में ले चलेंगे, एक ऐसी यात्रा जिससे आप शायद ही भूल पाएंगे। आप सभी ने महाभारत या रामायण के बारे में तो सुना ही होगा। हमारी जिज्ञासा हमें हमेशा कुछ नया जानने के लिए प्रेरित करती है। अब हम ब्लैक होल की बात करते हैं। ब्लैक होल ब्रह्मांड के सबसे रहस्यमयी पिंडों में से एक है। यह इतना घना होता है कि प्रकाश भी इससे बाहर नहीं निकल पाता। ब्लैक होल के बारे में और जानने के लिए…”
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ब्लैक होल का परिचय : Black Hole In Hindi
हिंदू धर्म में चार वेद, पच्चीस उपनिषद और आठ पुराण हैं। ये सभी ग्रंथ हमें सिखाते हैं कि अच्छाई हमेशा बुराई पर विजय प्राप्त करती है। प्राचीन काल में दानवों को बुराई का प्रतीक माना जाता था। पुराणों में वर्णित दानवों की तरह ब्लैक होल भी अंतरिक्ष में विनाश का खेल खेलते ही रहते हैं।
“मित्रों, ब्लैक होल के बारे में जानने के लिए सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि यह बनता कैसे है। ब्लैक होल का अपना कोई स्वतंत्र अस्तित्व नहीं होता। यह तारों के मरने के बाद बनता है, या फिर दूसरे खगोलीय पिंडो को निगल कर। इसका अस्तित्व दूसरे तारों और ग्रहों पर निर्भर करता है। ब्लैक होल अपने आसपास की गैस, धूल और अन्य खगोलीय पिंडों को अपनी ओर खींचता रहता है। इसी कारण से ब्लैक होल का आकार बढ़ता रहता है।”
इसकी अधिक जानकारी के लिए कृपया लेख को पढ़ते रहें। अगर हम ब्लैक होल के तथ्यों (Black Holes In Hindi) और इससे जुड़ी रोचक बातों के बारे में जानना चाहते है तो , सबसे पहले हमें ब्लेक होल को शुरू से अंत तक समझना होगा।
ब्लैक होल की परिभाषा क्या है? – What is Black Hole?
ब्लैक होल- अंतरिक्ष का एक हिस्सा है , जहां गुरुत्वाकर्षण शक्ति अंतरिक्ष की बाकी जगहों की मुक़ाबले सबसे ज्यादा होती है ( चरम सीमा )। इस गुरुत्वाकर्षण शक्ति की तीव्रता इतनी ज्यादा होती है की इससे ब्रह्मांड का कोई भी वस्तु , विकिरण और यहाँ तक की प्रकाश भी नहीं निकल पाता है।
सरल भाषा में ब्लैक होल :-
ब्लैक होल के तथ्यों की इस लेख में हमने आपको पहले से बता रखा था की , यह एक दानव है| यहाँ मित्रों, दानव का मतलव बड़े-बड़े सिंग और लंबे-लंबे नुकीले दातों वाले दानवों की बात हम नहीं कर रहें है| हमने ब्लैक होल (Black Holes In Hindi) को इसकी आकार को देख कर ही इसे दानव कहा है| तो, चलिए हम ब्लैक होल (Black Hole In Hindi) को एक उदाहरण के माध्यम से समझते है|
उदाहरण के साथ ब्लैक होल :-
मित्रों, आप सभी ने तो निश्चित रूप से गेहूं पीसने की मशीन तो देखा ही होगा जिसमें से आटा निकाला जाता है| तो, यहाँ पर हमने गेहूं पीसने के मशीन की ब्लैक होल के साथ तुलना करने जा रहें हैं| जैसे गेहूं के मशीन में डाले जाने पर मशीन खुदवा खुद घूमते घूमते धीरे धीरे मशीन में डली हुई सारी गेहूं को निगल जाती है| ठीक इसी तरह अंतरिक्ष में ब्लैक होल (Black Holes In Hindi) घूमते घूमते अपने गुरुत्वाकर्षण शक्ति के माध्यम से अपने चारों तरफ मौजूद हर एक चीज़ को धीरे धीरे निगल कर अपने अंदर समा लेता है|
यहाँ ध्यान में रखनी वाली बात यह है की गेहूँ पीसने वाले मशीन से आखिर में हमें आटा देखने को मिलता है , परंतु ब्लैक होल के अंदर एक बार समा जाने के बाद कोई भी चीज़ हमें देखने को नहीं मिलती|
( मित्रों हमने यहाँ आप सभी को समझाने के लिए गेहूं पीसने वाली मशीन और ब्लैक होल (Black Hole In Hindi) की तुलना की है और हम आपको यह भी बता दें की इन दोनों को आप पूर्ण रूप से एक साथ जोड़ कर नहीं देख सकते है क्यूंकी यह दोनों चीज़ें भौतिक विज्ञान के अलग अलग सिद्धांतों के ऊपर काम करते है| )
तो, चलिए ब्लैक होल के तथ्यों ( Black Hole Fact’s ) के ऊपर आधारित इस लेख में आगे बढ़ते हैं| अच्छा अन्य किसी भी विषय पर जानने से पहले थोड़ा चलिए ब्लैक होल के इतिहास बारे में जान लें|
ब्लैक होल के तथ्यों से जुड़ी इसकी इतिहास :- History of the Black Hole
ब्लैक होल के तथ्यों (Black Holes In Hindi) के बारे में सोचना सबसे पहले ब्रिटिश वैज्ञानिक John Michell ने की थी| 1784 में उन्होंने सबसे पहले ब्लैक होल के बारे में जिक्र किया था| उनका कहना था की अगर किसी भी वस्तु का घनत्व सूर्य के समान हो जाए और इसका अर्ध-व्यास सूर्य की व्यास के मुक़ाबले 500:1 के अनुपात का हो जाए तो वह वस्तु अंतरिक्ष में ब्लैक होल बन जाता है|
इस परिस्थिति में उस सघन हुए वस्तु का Escape Velocity प्रकाश की गति से भी ज्यादा हो जाएगा| यहाँ पर उन्होंने और भी कहा था की इस प्रकार के बृहत कार चीजों को हम आसमान में खुले आँखों से देख नहीं सकते| उनका यह कहना सही भी था क्योंकि ब्लैक होल का नाम ही इसकी रूप को दर्शाता है| खैर उन्होंने बाद में कहा की ब्लैक होल को उसके आसपास मौजूद और निगले जाने वाले चीजों से निकलती हुई प्रकाश के माध्यम से देखा जा सकता है|
मित्रों, ऐसे ही हुया था ब्लैक होल के तथ्यों (Black Holes In Hindi) के बारे में जानने की शुरुआत| अभी मित्रों थोड़ा ब्लैक होल के थिओरी के बारे में जान लेते है|
ब्लैक होल के तथ्यों को ले कर Einstein की थिओरी :- The theory of general Relativity.
ब्लैक होल के थिओरी का जन्म Einstein के द्वारा दी गयी सापेक्षता की थिओरी (The theory of Relativity) के ऊपर आधारित है| यही थिओरी के माध्यम से आज हमारे वैज्ञानिक ब्लैक होल के तथ्यों को सब के सामने उजागर करने में सक्षम रहें हैं|
E=mc^2 ( Basic formula of the theory )
1915 में Einstein ने प्रकाश की गति को अपना मूल ढांचा बना कर इस थिओरी को गढ़ा था| बाद में Karl Schwarzschild ने ऊपर दिए गए फॉर्मूला का हल निकाल कर ब्लैक होल (Black Hole In Hindi) की दुनिया में और एक नया अध्याय जोड़ दिया| इसी हल के साथ यह भी प्रमाणित हुआ की ऊर्जा और द्रव्य मान को आपस में बदला जा सकता है|
इसके अलावा इससे Singularity का भी किस्सा सामने आया। हम आपको बता दें की ब्लैक होल के तथ्यों ( Black Hole Fact’s ) की बातें Singularity के ही इर्दगिर्द घूमता रहता है| हम आपको Singularity के ऊपर आगे चल कर ब्लैक होल के तथ्यों ( Black Hole Fact’s ) के ऊपर आधारित इस लेख में जरूर बताएंगे।
ब्लैक होल के ऊपर होने वाले आविष्कार :- Discoveries related to Black Hole
1958 तक वैज्ञानिकों में Einstein के द्वारा दी गयी खगोलीय वस्तु के व्यास और उसके आस पास के वातावरण के जानकारी के ऊपर बहुत विवाद और आलोचना चलता रहा| इन्हीं वैज्ञानिकों में भारतीय मूल के वैज्ञानिक Subramanyan Chandrasekhar में भी शामिल थे|
1958 में जब David Finkelstein ने Event Horizon का खोज किया तो यह एक ऐतिहासिक पल के रूप में इतिहास में लिखित हो गया| यह जो Event Horizon है, यह ब्लैक होल का वह जगह है जहां से कोई भी वस्तु एक बार चला जाए तो वह वापस लौट कर कभी भी इस ब्रह्मांड में नहीं आती| परंतु यहाँ इतनी बड़ी खोज होने के बाद भी ब्लैक होल को सिर्फ किताबी थिओरी के रूप में वैज्ञानिक देखते थे। 1969 में जब Pulsar’s की सबसे पहले खोज हुई थई तो ब्लैक होल को अपना अस्तित्व जताने के लिए एक नया मौका मिला।
कहने का मतलब यह है की , Pulsar’s के खोज के बाद ब्लैक होल को Worm Hole की तरह न देख कर उसको एक अलग ही नजरिये से देखे जाने लगा| तो,मित्रों वादे के मुताबिक चलिये अब थोड़ा Singularity के ऊपर विशेष नजर डाल लेते हैं|
Singularity,ब्लैक होल के अंदर का रहस्य – Inside the Black Hole
सिंगुलैरिटी (Singularity) ही वह है जो ब्लैक होल को रहस्यमयी बनाती है। अगर किसी से पूछा जाए कि दुनिया का सबसे बड़ा रहस्य क्या है, तो शायद उसका जवाब ब्लैक होल होगा। लेकिन वास्तव में सबसे बड़ा रहस्य ब्लैक होल नहीं, बल्कि उसके केंद्र में स्थित सिंगुलैरिटी है। यह ब्रह्मांड का सबसे अनसुलझा रहस्य है।
किसी को नहीं पता कि कोई वस्तु सिंगुलैरिटी में बदलने के बाद उसका क्या होता है। कुछ लोग मानते हैं कि सिंगुलैरिटी कई आयामों वाली हो सकती है, लेकिन यह एक अलग विषय है।
सरल शब्दों में कहें तो सिंगुलैरिटी इस ब्रह्मांड का सबसे छोटा कण है। यह परमाणु से भी छोटा है। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, इतना छोटा होने के बावजूद इसका घनत्व अनंत होता है। इसे इतना छोटा माना जाता है कि वैज्ञानिकों ने इसका आयतन शून्य मान लिया है।
कुल मिलाकर, सिंगुलैरिटी को न तो देखा जा सकता है और न ही इसका द्रव्यमान मापा जा सकता है।
ब्लैक होल की सरंचना,आसान भाषा में :- Structure of Black Hole
मित्रों अब तक तो आप ब्लैक होल क्या है ? (What is Black Hole ) और इससे जुड़ी थिओरी के बारे में ब्लैक होल के तथ्यों (Black Hole Facts In Hindi) से जुड़ी इस लेख के माध्यम से तो जान ही चुके होंगे|
इसलिए अब बारी आती है ब्लैक होल के संरचना के बारे में| यहाँ पर आपको चिंता करने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है,क्योंकि हम आपको बिलकुल ही आसान भाषा में समझाने जा रहे है|
मित्रों अगर हम हमारे घर को बारीकी से देखेंगे तो हमें इसकी एकक के बारे में पता चलेगा| एकक यानी इसकी मौलिक पदार्थ जिससे यह बनी हुई है| घर का एकक होता है ईंट और ईंटों को जोड़ जोड़ कर घर बनाई जाती है| ईंटों के अलावा हमें सीमेंट, बालू , गिट्टी जैसे और भी चीजों की जरूरत पड़ती है| इसलिए अगर हम घर को कई सारे चीजों का मिश्रण का फल कहे तो गलत नहीं होगा| ठीक इसी तरह हर एक ब्लैक होल (Black Hole Facts In Hindi) बहुत सारे मौलिक उपादानों से बनी हुई होती है| परंतु हम यहाँ बात तो जटिल न बनाते हुए सिर्फ उन मौलिक चीजों के बारे में आपको बताएंगे जो वाकई में आपको जानने की जरूरत है|
ब्लैक होल की मुख्य मौलिक पदार्थों की सूची :-
मुख्य रूप से ब्लैक होल की संरचना ही ब्लैक होल के तथ्यों ( Black Hole Fact’s ) की मूल और प्रधान कड़ी है|
इसमें 6 उपादानों को बहुत खास बताया गया है| पहले और दूसरे उपादान का नाम Singularity और Event Horizon है जिसके बारे में हमने आपको पहले से ही बता रखा है| अब बारी आती है अन्य उपादानों की
#Schwarzschild Radius :-
यह ब्लैक होल के संरचना का तीसरा सबसे महत्वपूर्ण उपादान है| Schwarzchild ने ही सबसे पहले इसे खोज कर निकाला था| इसका मुख्य काम है Event Horizon की व्यास को एक निर्धारित अंकों में माप कर प्रकाश करना| यह Event Horizon की एक निर्दिष्ट माप को भी स्थिर करता है| माना जाता है की जब Schwarschid Radius का माप अगर बढ़ जाए तो ब्लैक होल की Escape Velocity प्रकाश के तेजी से भी ज्यादा हो जाती है।
इस व्यास को हिसाब करने के लिए एक फॉर्मूला भी दिया गया है जो की है ;
R= 2GM/c^2
#Accretion Disk :-
यह ब्लैक होल (Black Hole Facts In Hindi) से संरचना का चौथा सबसे महत्वपूर्ण उपादान है| यह ब्लैक होल का वह हिस्सा है जिसको हम ब्लैक होल की तस्वीरों में आम तौर पर देखते है| यह वास्तव में तारकीय चीजों से बनी चपटी डिस्क आकृति का उपादान है| यह नियमित रूप से ब्लैक होल के अंदर समाती रहती है| इसी डिस्क की वजह से हम ब्लैक होल को देख पाते हैं| अगर यह नहीं होता तो शायद हम ब्लैक होल की तस्वीर को भी नहीं देख सकते|
#Ergosphere :-
यह ब्लैक होल संरचना का पाँचवाँ उपादान है |ब्लैक होल हमेशा मुख्य रूप से एक निर्दिष्ट गति में घूमता ही रहता है| यह कोई स्थिर खगोलीय चीज़ नहि होती| इसका गति ज़्यादातर चक्र के रूप में होता रहता है| ब्लैक होल की असीम ताकत के कारण इसके आसपास के सभी चीज़ें की घूमने की गति चक्र के आकृति का हो जाता है| इसलिए ब्लैक होल के आसपास का space time भी घूमता रहता है| इसी घूमने वाले हिस्से को Ergosphere कहा जाता है। देखने में यह काफी खूबसूरत और आकार में बहुत बड़ा होता है।
#Jets of Gas :-
यह ब्लैक संरचना का छटा और आखिरी उपादान है|आपने अगर ब्लैक होल के तस्वीर का एक भी झलक देखा होगा तो भी आप इस चीज़ को पहचान जाएंगे| ब्लैक होल (Black Hole In Hindi) के केंद्र से आपको हमेशा एक चमकीली लकीर उससे निकलते हुए नजर आयेगा| वास्तव में यह चमकीली लकीर और कुछ नहीं बल्कि charged particles का गैस होता है।
दरअसल ब्लैक होल की तीव्र चुंबकीय क्षेत्र उमसे पड़ने वाले वस्तु यों की आणविक संरचना को विखंडित करते हुए उस वस्तु में मौजूद परमाणुयों को charged particles में तबदील कर देता है| यह charged particles बाद में किसी एक jet विमान से निकली धुएँ की तरह ब्लैक होल से निकल कर अंतरिक्ष में विलय हो जाते है| इन गैसों का उत्क्षेपण गति इतना तेज होता है की यह कई करडों किलोमीटर तक चले जाते हैं|
दोस्तों ब्लैक होल के बारे में इतने सारी बातों को जानने के बाद अब बारी आती है , ब्लैक होल (Black Hole In Hindi) और इससे जुड़े दिलचस्प सवालों का जवाब देने का,चलिए बिना किसी देरी करते हुए लेख में आगे बढ़ते है।
1. अगर हम ब्लैक होल के अंदर गिर जाएँ तो हमारे शरीर का क्या होगा?
मित्रों यह जो सवाल है न , यह हर किसी के मन में उठने वाला सवाल है| परंतु दुख की बात यह है की इसके बारे में कोई ज्यादा पूछता या बताता नहीं है| परंतु चिंता मत कीजिए हम है न! हम आपको बताएंगे अगर आप ब्लैक होल के अंदर गिर जाएंगे तो आपका क्या होगा और भी सरल भाषा में|
हम सब का शरीर जैविक परमाणुयों की मिलन से बनी हुई है , जिसमें कार्बन (C) , हाइड्रोजन (H) और ऑक्सिजन ( O ) मुख्य हैं| जब हम ब्लैक होल (Black Hole In Hindi) के अंदर धीरे धीरे गिरते जाएंगे तो हमारा समय धीरे धीरे थमना शुरू हो जाएगा| अगर कोई व्यक्ति दूर से हमें ब्लैक होल के अंदर गिरता हुआ देखेगा तो उसे हम धीरे धीरे आँखों से ओझल होते हुए नजर आएंगे| ब्लैक होल (Black Hole In Hindi) के अंदर गिरते समय अगर हम एक घड़ी को पहने रहते हैं तो हम साफ साफ घड़ी के सुई का घूमने के गति धीमे धीमे थमते हुए देखेंगे| हालाकी जब तक हम ब्लैक होल की Event Horizon तक नहीं पहुंचे होंगे तबतक हमारे शरीर को कोई क्षति नहीं पहुंचेगा।
Event Horizon पर पहुँचने के बाद :-
हमको Event Horizon पर पहुंचने से पहले सिर्फ अंधकार और Tidal Effect की थोड़ी बहुत प्रभाव महसूस होने लगेगी| जब हम
Event Horizon पहुँच जाएंगे तो हमारे शरीर पर ब्लैक होल (Black Hole In Hindi) की ताकतवर चुंबकीय क्षेत्र और गुरुत्वाकर्षण शक्ति एक ही झटके में खाने वाले चाउमीन के भांति दोनों और से खींच कर लंबा कर देगी। इसे विज्ञान की भाषा में Spaghettifiucation कहते हैं।
Spaghettifiucation को हमारा शरीर एक सीमित मात्रा तक ही झेल पाएगा जिसके बाद हमारे शरीर का अति-क्षुद्र विखंडन प्रक्रिया शुरू हो जाएगा| इस प्रक्रिया के खतम होते होते हम दम तोड़ चुके होंगे और आखिरी में हमारे शरीर का हर एक परमाणु Singularity को प्राप्त कर चुका होगा|
तो दोस्तों कुछ इस तरीके से हमारा अंत चंद पलों में ब्लैक होल के अंदर हो जाएगा|
2. क्या हमारी पृथ्वी एक ब्लैक होल (Black Hole In Hindi) बन सकती है?
अगर आपको इस सवाल का जवाब चाहिए तो आपको थोड़ा भौतिक विज्ञान के कुछ मूल बातों को जानना होगा| हमने इस लेख में पहले से ही Schwarzschild Radius के बारे में बता रखा है। अगर हम इस Radius के दिये गए फॉर्मूला को इस्तेमाल करते हुए इससे पृथ्वी का न्यूनतम ब्लैकहोल (Black Hole In Hindi) बनने की व्यास का परिमाप निकालते हैं तो वह 1.67 c.m होगा| तो हाँ विज्ञान के दृष्टि से देखें तो यह मुमकिन है।
परंतु आप थोड़ा सोचिए 6375 k.m की इतने बड़े पृथ्वी को इतने छोटे से गेंद में परिणत करने के लिए कितनी ऊर्जा की जरूरत पड़ेगी| खैर मनुष्य के लिए यह करना नामुमकिन है और मनुष्य भी क्यूँ चाहेगा की उसका घर ब्लैक होल (Black Hole In Hindi) में विलय हो जाए।
3. सूर्य अगर ब्लैक होल बन जाएगा तो पृथ्वी का क्या होगा? –
यह जो सवाल है यह हमारे मन में भी बहुत ज्यादा दिलचस्पी जगा देता है| तो चलिये मित्रों इसके बारे में भी थोड़ा जान लेते है| हाला की ऐसे होने का आसार बहुत कम ही हैं पर फिर भी मान लीजिये की सूर्य ब्लैक होल बन गया| ब्लैक होल बनने के बाद सूर्य का आकार तो छोटा हो जाएगा परंतु उसका द्रव्य मान तो वैसे का वैसा ही रहेगा ना! क्योंकि यह हमेशा Constant रहता है। द्रव्यमान में बदलाव न होने से उसके महाकर्षण शक्ति में भी कोई बदलाव नहीं आएगा|
इसी वजह से सौरमंडल की हर एक ग्रह अपने अक्ष पथ से भटकेंगे नहीं और पहले की तरह घूमते रहेंगे| वैसे ब्लैक होल होने के बाद भी सूर्य ग्रहों को तो नहीं निगलेगा परंतु हाँ ! ब्लैक होल (Black Hole In Hindi) बनने से सूर्य का प्रकाश खत्म हो जाएगा| प्रकाश नहीं आने से पृथ्वी पर अंधकार का साया घिर जाएगा और ठंड से प्रकृति बर्फ के भांति बन कर खतम हो जाएगी|
4. पृथ्वी के सबसे करीब कोनसा ब्लैक होल है ?
यह ब्लैक होल के संदर्भ में ज्यादा पूछे जाने वाला सवाल है| हमारे सबसे करीब का ब्लैक होल का नाम V616 Monocerotis है| यह हमसे 3000 आलोक वर्ष की दूरी पर है| इसका द्रव्य मान सूर्य के द्रव्य मान से 10 से 11 गुना ज्यादा है| इतनी दूरी से यह ब्लैक होल हमें निगल तो नहीं सकता|
परंतु हम आपको यह बता देना चाहते हैं की हमारे आकाश-गंगा के केंद्र में एक बहुत बड़ा ब्लैक होल है (Black Hole In Hindi) , जो की Supermassive Black Hole की विभाग में आता है। इसका नाम Sagittarius A* है और यह हमसे 27,000 प्रकाश-वर्ष के दूरी पर है। इतनी दूरी से यह ब्लैक होल भी पृथ्वी को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।
5. क्या हम एक दिन ब्लैक होल के अंदर समा जाएंगे?
दोस्तों आदि है तो अंत भी निश्चित है| एक न एक दिन हम सभी को इस संसार से जाना ही है| खैर विषय पर आते है , जैसे की हमने आपको सवाल क्रमांकन 4 के जवाब में बताया की हमारा पृथ्वी आसानी से ब्लैक होल (Black Hole In Hindi) की चपेट में नहीं आ सकता , क्योंकि हमसे करीब के दोनों ही ब्लैक होल हमसे बहुत दूरी पर हैं|
परंतु हाँ! हमारे पृथ्वी एक दिन ब्लैक होल (Black Hole In Hindi) में समा जाने का संभावना बिलकुल है| हमारे सबसे करीब का आकाशगंगा Andromeda हमारे गैलेक्सी की तरफ बढ़ता ही जा रहा है एक अनुमान से हमारी आकाशगंगा ओर एंड्रोमेडा की टक्कर आज से 4 अरब साल बाद होगी। इसी टक्कर के दौरान Andromeda के केंद्र में मौजूद ब्लैक होल जो की सूर्य के द्रव्य मान से करोड़ों गुना ज्यादा द्रव मान का है वह हमारे पृथ्वी को निगल सकता है|
तो, दोस्तों आपको क्या लगता है हमारा पृथ्वी ब्लैक होल से सुरक्षित हैं या नहीं ? Comment में जरूर बताइएगा| धन्यवाद!