मानव और प्रकृति के बीच एक अनूठा रिश्ता है। पृथ्वी के ऊपर मानवों का रह पाना सिर्फ और सिर्फ प्राकृतिक संपदा के ऊपर ही निर्भर करता है। खैर इन्सानों को प्रकृति के साथ-साथ विज्ञान ने भी काफी ज्यादा मदद की है, जिसके कारण आज हम इतने बेहतरीन तकनीकों को इस्तेमाल करते हुए एक आधुनिक जीवन को जी पा रहें है। खैर एक विशेष बात ये भी है कि, विज्ञान ने हमें कई वरदान दिये है और उन वरदानों में एक सबसे बड़ा वरदान है “बिजली” (Electricity Facts In Hindi)। जी हाँ! मित्रों बिना बिजली के शायद आप इस 21 वीं शताब्दी में जिंदा भी रह नहीं सकते हैं।
आप जरा एक क्षण के लिए सोच कर देखिये बिना “बिजली” (Electricity Facts In Hindi) के क्या इस दुनिया में एक सेकंड भी रहना आपके लिए पॉसिबल है? व्यक्तिगत रूप से अगर मैं अपनी बात करूँ तो, मुझसे तो बिना बिजली के एक पल भी रहा न जाए। हमारी जिंदगी आज बिजली से चलने वाली चीजों से इतना ज्यादा घिर चुका है कि, आपको इन चीजों के बिना अपनी जिंदगी अधूरा लगने लगता है। उदाहरण के लिए आप अपने स्मार्टफोन को ही देख लीजिए, क्या आप अपने स्मार्टफोन को छोड़ कर एक दिन भी रह सकते हैं?
तो, आज के इस लेख में हम दुनिया कि शायद सबसे महत्वपूर्ण चीज़ “बिजली” से जुड़ी कुछ बेहद ही रोचक चीजों के बारे में जानेंगे। तो, अपनी कुर्शी कि पेटी बांध लीजिए और तैयार हो जाइए एक अनोखे सफर के लिए।
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बिजली से जुड़ी कुछ चौंका देने वाली बातें! – Electricity Facts In Hindi! :-
लेख के इस भाग में मेँ आगे एक-एक कर के बिजली (Electricity Facts In Hindi) से जुड़ी बेहद ही दिलचस्प बातों को बताने जा रहा हूँ, तो आप लोगों से अनुरोध हैं कि इसे थोड़ा गौर से पढ़िएगा।
1. क्या है “बिजली” का रहस्य! :-
जब भी किसी बिजली (Electricity Facts In Hindi) से चलने वाली चीज़ को इस्तेमाल कर रहें होते हैं, तो क्या आपके मन में बिजली से जुड़ी कुछ अंतरंगी सवाल आते हैं! जैसे कि आखिर ये बिजली होता क्या है? मित्रों! मेरे मन में भी ये सवाल कई बार आए है और बिजली आखिर किसे कहते है, शायद आपको ये कोई नहीं बताता है। परंतु बिजली एक बहुत ही सरल चीज़ है, आमतौर पर “इलेक्ट्रॉन्स के बहाव” को ही इलेक्ट्रिसिटी या बिजली कहते हैं। मित्रों! ब्रह्मांड में मौजूद हर एक चीज के अंदर इलेक्ट्रॉन नाम कि एक सब-अटॉमिक पार्टिकल होता हैं, जो कि एटम या परमाणु के चारों तरफ एक पर्टिकुलर ओर्बिट में घूमता रहता है।
वैसे साधारण तौर पर ये इलेक्ट्रॉन्स परमाणु के साथ काफी मजबूती से जुड़े रहते हैं। परंतु जब भी इनके ऊपर किसी बाहरी बल के माध्यम से इन्हें उनके परमाणु से अलग किया जाता हैं, तब जा कर ये बिजली को पैदा करते है।
2. आकाश में कड़कने वाली बिजली के कारण पेड़ों से निकलती है “चिंगारी”! :-
कई लोगों को शायद ये पता नहीं होगा कि, जब भी घने बादल से बिजली कड़कती है; तब कुछ खास पलों के लिए पेड़ों से भी चिंगारी निकलती है। दिखने में नीले रंग की ये चिंगारी दूर से ही आसानी से डिटेक्ट किया जा सकता है। मित्रों! जब भी किसी तूफान वाले मौसम में पेड़-पौधे होते हैं, तब ये आप-पास मौजूद जलवायु के इलेक्ट्रिकल फील्ड के साथ रिएक्ट कर के इन चिंगारिओं को पैदा करते है।
वैसे एक खास बात ये भी है कि, ये चिंगारी जलवायु को काफी ज्यादा दूषित भी करते हैं। इन चिंगारिओं से काफी ज्यादा मात्रा में रेडिकल्स निकलते हैं और ये रेडिकल्स हमारे शरीर के लिए अच्छे नहीं होते हैं।
3. आपके दिमाग से जलाया जा सकता है एक बल्ब! :-
अब कई लोगों को लगता होगा कि, बिजली (Electricity Facts In Hindi) पानी या कोयले के माध्यम से बनाया जाता है। परंतु क्या आप जानते हैं, आपके दिमाग के जरिये भी एक बल्ब जलाया जा सकता है! मित्रों, जी हाँ; आपके दिमाग के अंदर मौजूद ऊर्जा से भी एक बिजली कि बत्ती जल सकती है। दरअसल बात ये है कि, हमारे दिमाग के अंदर मौजूद न्यूरोन कई छोटे-छोटे बिजली के संकेत के माध्यम से एक दूसरे से संपर्क करते है। मित्रों! बता दूँ कि, ये बिजली के संकेत कोशिका के झिल्ली में रासायनिक प्रक्रियाओं के फेर-बदल के कारण संभव हो पाता है।
कुल मिला कर आप ये कह सकते हैं कि, आपका दिमाग एक तरह का बिजली पैदा करने वाला जेनेरेटर है और इस जेनेरेटर समान दिमाग से एक लो वाट या कम बिजली खपत करने वाला एक बिजली का बल जल सकता हैं। हमारे दिमाग के अंदर लगभग 86 अरब से भी ज्यादा न्यूरोन हैं और इन सभी से पैदा होने वाली बिजली वाकई में पर्याप्त होता है एक बल्ब को जलाने के लिए।
4. बिजली के झटकों से ही बनता हैं “हीरा”! :-
संसार का एक नियम है कि, बिना संघर्ष के कभी कोई भी छीज श्रेष्ठ नहीं बनता है। कहने का तात्पर्य ये है कि, जिस हीरे को आज हम शायद दुनिया कि बेस-कीमती रत्नों के अंदर गिनते हैं, वो भी एक जमाने में कोयला हुआ करता था और आप जानते ही हैं कोयले और हीरे कि क्या-क्या कीमतें है। दुनिया सिर्फ हीरों कि सुंदरता को ही देखती, परंतु उसके पीछे छुपी संघर्ष को कोई नहीं देखता हैं।
वैज्ञानिकों कि माने तो, पृथ्वी के सतह से थोड़ी ही गहराई में हीरे बनते हैं और 2021 में आए एक रिपोर्ट ने ये पुष्टि की है, हीरों कि बनने में बिजली का बहुत ही बड़ा हाथ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, कार्बन को हीरे जैसी चमक के लिए लगभग 1 वॉल्ट जीतने बिजली कि झटके कि जरूरत पड़ती है। ये बिजली का झटका कोयले को क्रिस्टालाइजेशन प्रोसेस के लिए तैयार करवाता है।
5. बैक्टीरिया भी पैदा करती है “बिजली”! :-
समंदर कि अनंत गहराई हो या जमीन के अंदर गहरी खाई, इन सुदूर जगहों पर कुछ बैक्टीरिया के प्रजाती ऐसे भी है, जो बिजली (Electricity Facts In Hindi) को अपने अंदर से पैदा करती है। “जियोबेक्टर” (Geobacter) नाम की एक बैक्टीरिया की प्रजाती बिजली को उत्पन्न करने के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं।
एक खास बात ये भी है कि, बैक्टीरिया की इस प्रजाती को कई बिजली से चलने वाले छोटे-छोटे उपकरणों को चलाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
6. एक घंटे में दुनिया में आखिर कितनी बिजली की खपत होती है! :-
अब जब हमारे चारों तरफ बिजली (Electricity Facts In Hindi) के उपकरणों की संख्या बढ़ने लगी है, उसी के कारण दिन व दिन पृथ्वी की औसतन बिजली इस्तेमाल करने की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ चुकी है। एक रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान प्रति घंटा पृथ्वी में लगभग 22,848 टेरावाट की बिजली की खपत होती है। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि, एक टेरावाट एक खरब वाट के बराबर होता है, और आपके घर में लगने वाले बल आमतौर पर 20-40 वाट के होते हैं।
तो आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि, इंसान प्रति घंटा कितनी अधिक मात्रा में बिजली कि खपत कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में खपत होने वाली कुल बिजली का 41% हिस्सा इंडस्ट्रीयल यूज, 27% रेसिडेंशियल यूज और 21% पब्लिक यूज के लिए इस्तेमाल होता है। बाकी बचा हिस्सा इलेक्ट्रिक व्हिकल और अलग-अलग कामों के लिए इस्तेमाल होता है।
7. आखिर क्या है बादलों में कड़कने वाली बिजली का राज!
बारिश के समय बादलों में कड़कने वाली बिजली (Electricity Facts In Hindi) को तो सब ने देखा होगा। क्या आप जानते हैं, वही बिजली की चौड़ाई आपके एक अंगूठे के जीतने से हो कर लगभग 3.2-4.8 km तक भी चौड़े हो सकती है। इसके अलावा एक खास बात ये भी है कि, बिजली कड़कने के कारण उसके आस-पास का इलाका लगभग 30,000 डिग्री सेल्सियस तक गरम हो जाता है।
बता दूँ कि, ये तापमान सूर्य की सतह के तापमान से लगभग 5 गुना ज्यादा है, हालांकि औसतन पृथ्वी पर सिर्फ 44 सेकंड तक ही बिजली कड़कती है।
Source – www.livescience.com