ब्रह्मांड में जब भी इधर-उधर हम नजरें दौड़ाते हैं, तब हर तरफ कई सारे चीजों की जमावड़ा हमें दिखाई पड़ता है। ऐसा लगता है कि, ब्रह्मांड में हर वस्तु की भरमार है, सिवाए एक चीज़ को छोड़ कर और वो वस्तु है जीवन (largest organic molecule ever found)। अन्तरिक्ष में निर्जीव वस्तुओं कि कोई कमी नहीं हैं, धूल के कण, पत्थर और गैस आप सभी जगहों पर देखेंगे। ऐसा लगेगा कि, आप किसी खदान में खड़े हों। परंतु जो सबसे अहम बात है, वो ये है कि, आपको यहाँ (अन्तरिक्ष) चलते-फिरते सजीव जीव नहीं देखने को मिलेंगे और ये काफी हैरानी वाली बात भी है।
जीवन (largest organic molecule ever found) की बात करें तो, ये पृथ्वी पर ही हमें दिखाई पड़ती है। हालांकि! ऐसा भी नहीं हैं कि, सिर्फ पृथ्वी पर ही जीवन मौजूद हो सकता है! परंतु अब तक सिर्फ पृथ्वी ही है जहां पर जीवन पनप रहा है। खैर जीवन से जुड़ी सबसे रोचक बात ये है कि, इसके स्रोत के बारे में हमें आज तक कुछ सटीक रूप से नहीं पता है। ये हमेशा से ही एक विवादों से घिरा हुआ विषय रहा है। इसी के चारों ओर ही कई वैज्ञानिकों की अलग-अलग राय हैं।
तो, मित्रों! आज का हमारा विषय इसी जीवन पर आधारित हैं। आज हम जीवन के शायद संभव स्रोत के बारे में ही बात करने जा रहें हैं। क्योंकि अन्तरिक्ष में कुछ भी संभव हो सकता है।
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हमारे यहाँ जीवन कैसे आया? – Largest Organic Molecule Ever Found! :-
अब हम जिस खोज के बारे में बात करने जा रहें हैं, वो खोज शायद ब्रह्मांड को देखने का हमारा नजरिया ही बदल देगा। जीवन (largest organic molecule ever found) के जिस मूल स्रोत को हम काफी समय से खोज रहें थे, शायद उसका पता हमें इस खोज से ही पता चले। निकट भूत काल में वैज्ञानिकों ने एक ऐसे कण को खोज कर निकाला है, जो कि शायद अब तक का सबसे बड़ा जैविक मूल-भूत कण हो। इस कण को वैज्ञानिकों ने एक बहुत ही खास जगह पर देखा है।
उन्होंने इस कण को एक ग्रह बनाने वाले “डस्ट क्लाउड” के अंदर देखा है। इससे वैज्ञानिकों को ये लगता है कि, इन्हीं जैविक कणों/ ओर्गानीक कणों के कारण ही, एक ग्रह पर जीवन पनप सकता है। हालांकि! इसके बारे में अभी और भी ज्यादा पुष्टीकरण आना बाकी है। मित्रों! इससे पहले वैज्ञानिकों को लगता था कि, पृथ्वी पर जीवन किसी दूसरे ग्रह से ट्रैवल करते हुए आया होगा। परंतु फिर वही सवाल खड़ा हा जाता था कि आखिर कैसे और कहाँ से उस ग्रह पर भी जीवन आया होगा? कई वैज्ञानिकों को लगता है कि, सबसे पहले पृथ्वी पर जीवन पृथ्वी के समंदर में ही पनपा था।
पानी में जीवन पनपने के बाद ये आकाश और जमीन पर भी ट्रान्सफर हो गया था। हालांकि! अभी तक इसके बारे में भी कई सारे बातें होती रहती हैं। मित्रों! आपको क्या लगता है, पृथ्वी पर जीवन अन्तरिक्ष से आया होगा या हमारे इन्हीं विशाल समुद्रो ने ही जीवन को पहले जन्म दिया था?
आखिर कैसे खोजा गया था इस बड़े जैविक कण को? :-
अब लोगों के मन में ये सवाल चल रहा होगा कि, इस बड़े से जैविक कण (largest organic molecule ever found) को आखिर वैज्ञानिकों ने कैसे ढूंढा होगा? तो चलिए एक नजर हम इस विषय पर ही ड़ाल लेते हैं। वैज्ञानिकों ने इस खोज के लिए “Atacama Large Millimeter/submillimeter Array (ALMA)” टेलिस्कोप का इस्तेमाल किया था। बता दूँ कि, चिली में स्थित इस टेलिस्कोप के जरिए वैज्ञानिकों ने “Ophiuchus” तारा मंडल में मौजूद “IRS 48” नाम के सितारे का अध्ययन किया था। पृथ्वी से ये सितारा लगभग 444 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद है।
वैज्ञानिकों ने टेलिस्कोप के माध्यम से सितारे से आ रही प्रकाश की किरणों को काफी बारीकी से अध्ययन किया। बारीकी से अध्ययन करने के कारण, इसके आसपास मौजूद कॉस्मिक डस्ट से बने गैस के बादल में छुपे हुए मूलभूत कणों के बारे में वैज्ञानिकों को पता चला। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि, इस अध्ययन से वैज्ञानिकों को किन-किन चीजों के बारे में जानने का मौका मिला होगा। वैज्ञानिकों को डस्ट क्लाउड के अंदर बड़े-बड़े ओर्गानिक कण देखने को मिले थे। जो कि ब्रह्मांड में मिलना काफी दुर्लभ हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार ये ओर्गानिक कण “Dimethyl Ether” के नाम से जाना जाता है। बता दूँ कि, ये कण मूलतः ब्रह्मांड के ठंडे व जहां कॉस्मिक डस्ट मौजूद होते हैं वहाँ दिखाई पड़ते हैं। खैर आपके जानकारी के लिए बता दूँ कि, ये ठंडे कॉस्मिक डस्ट से भरे इलाकों में से ही नए सितारों का जन्म होता है। खैर ये इथर के कण ब्रह्मांड में जीवन के पनपने के लिए काफी ज्यादा जरूरी है। इसलिए ये काफी महत्वपूर्ण भी रहते हैं।
आखिर कैसे ये कण जीवन के लिए जरूरी है? :-
अब एक बड़ा सवाल ये भी उठता है कि, आखिर कैसे ये जैविक कण (largest organic molecule ever found) ब्रह्मांड में जीवन को पनपने के लिए मदद करता है! मित्रों आप लोगों को बता दूँ कि, ये बड़े-बड़े इथर के कण कुछ बेहद ही अहम जैविक कण जैसे “अमीनो एसिड और शुगर के कण” आदि को बनाने में मदद करते है। पृथ्वी के ज़्यादातर सजीव जीवों में ये दो महत्वपूर्ण जैविक कण कई सारे अहम जैविक प्रक्रियाओं को अच्छे से अंजाम देते हैं। बिना इन कणों के इंसान तो अपने अस्तित्व में रह ही नहीं सकता है। तो आप जरा सोचिए कि ये कण हमारे लिए क्या मायने रखते होंगे।
“नौ परमाणु” से बना हुआ डाइमिथाइल इथर किसी भी प्लैनेट फोर्मिंग रिंग में पाया गया सबसे बड़ा कण है। ये खोज वैज्ञानिकों को ये बताता है कि, आखिर कैसे सुदूर अन्तरिक्ष से जैविक कण प्लैनेट फोर्मिंग रिंग के अंदर पहुँचते हैं! इस खोज से हम पृथ्वी पर कैसे जीवन आया होगा, और इसके स्रोत के बारे में हम पता लगा सकते हैं। इसके अलावा ये खोज हमें परग्रही जीवन के बारे में भी काफी कुछ बताने में सक्षम रहेगा। क्योंकि इस खोज के आधार पर हम और भी बड़े-बड़े खोज करेंगे और आखिर में हमें एक बड़े और विस्तृत आइडिया मिल जाएगा।
IRS 48 नाम के इस सितारे ने वैज्ञानिकों का ध्यान काफी समय पहले से ही खींच कर रखा था। इसके आसपास मौजूद बर्फ और कॉस्मिक डस्ट का रिंग इसे काफी ज्यादा अनोखा बनाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस रिंग के अंदर एक ऐसी जगह हैं, जिसे वो लोग “डस्ट ट्रैप” कहते हैं। तो, आखिर ये डस्ट ट्रैप क्या है?
डस्ट ट्रैप क्या है? :-
ब्रह्मांड में डस्ट ट्रैप वो जगह है, जहां पर दबाव काफी ज्यादा रहता है। इसी दबाव के चलते कॉस्मिक डस्ट के कण आपस में इक्कठे हो कर धूमकेतु और उल्कापिंडों को बनाते हैं और आखिर में ये बड़े हो कर ग्रह में परिवर्तित हो जाते हैं। वैज्ञानिकों को लगता है कि, जिस जगह पर ब्रह्मांड के सबसे बड़े जैविक कण (largest organic molecule ever found) मौजूद हैं, वहाँ का तापमान काफी ज्यादा कम है।
जिससे वहाँ स्थित कॉस्मिक डस्ट के कण आपस में चिपक कर इस तरह के बड़े-बड़े जैविक मॉलिक्यूल को बनाते हैं। हालांकि! कुछ वैज्ञानिकों का ये कहना है कि, ब्रह्मांड में डस्ट ट्रैप किसी लैब कि तरह ही काम करते हैं। वहाँ कई प्रकार के कण कैमिकल रिएक्शन में भाग ले कर अलग-अलग कणों को बनाते हैं।
खैर अभी वैज्ञानिक डस्ट क्लाउड से आ रहे प्रकाश की किरणों को और भी ज्यादा विश्लेषित कर रहें हैं। कुछ वैज्ञानिकों को ये पता चला है कि, सिर्फ और सिर्फ डाइमिथाइल इथर ही है, जो कि ब्रह्मांड की इन जगहों पर मौजूद है। इसके अलावा दूसरे प्रकार के किसी भी बड़े जैविक मॉलिक्यूल को देखा नहीं गया है। आने वाले समय में वैज्ञानिक सितारे के पास के इलाकों को बड़े अच्छे तरीके से छानबीन कर के देखने वाले हैं।