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चीन ने अपना पहला मार्स रोवर “झुरोंग” को मंगल पर लैंड करके रचा इतिहास! – Zhurong Lands On The Mars

अमेरिका के बाद मंगल पर रोवर उतारने वाला दूसरा देश बना चीन, पढ़िये एक विशेष रिपोर्ट!

दुनिया भर में जिस चीन ने कोरोना का कहर फैलाया हैं, आज वो चीन बिना किसी चिंता के अपने अंतरिक्ष मिशनों को अंजाम दिये जा रहा हैं। 6G सैटेलाइट हो या मंगल पर लैंड करना (Zhurong lands on the mars), दोनों ही कामों में आज चीन काफी आगे हैं। दुनिया जहां, कोरोना के वैक्सीन के लिए गुहार लगा रही हैं; वहीं दूसरी और चीनी अंतरिक्ष संस्थान मंगल पर अपने रोवर को लैंड करने का सोच रहा हैं। मंगल को अपना दूसरा घर बनाने की सोच रहा हैं। जब पृथ्वी बीमार पड़ी हैं तब मंगल पर स्पेस स्टेशन को बनाने की परिकल्पना किया जा रहा हैं।

चीन ने लैंड करवाया अपना पहला मार्स रोवर "झूरोंग" | Zhurong Lands On The Mars.
मंगल के ऊपर मौजूस झूरोंग रोवर | Credit: News Today.

खैर चीन तो चीन ही हैं और वो किसी भी हाल में अपने अंतरिक्ष मिशनों को अंजाम देगा ही हैं। निकट भूत काल में चीन ने अपने पहले मार्स रोवर “झुरोंग” (Zhurong lands on the mars) को मंगल पर उतार दिया हैं और आज ये कई न्यूज़ चैनल्स तथा अखबारों की सुर्खियां बन चुकी हैं। चीन की ये कामयाबी एक तरह से ऐतिहासिक भी हैं और ये एक बहुत बड़ी कामयाबी भी हैं। मंगल के सतह पर किसी भी रोवर को लैंड कराना अपने-आप में ही एक बहुत ही मुश्किल काम हैं।

पृथ्वी से लगभग 33 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर मौजूद हैं मंगल और इसपर एक मार्स रोवर को उतारने के लिए काफी सटीकता और उन्नत शैली की प्रयुक्तिविद्या की जरूरत पड़ती हैं। तो, चलिये आज के इस लेख में एक नजर चीन के इस रोवर के ऊपर भी डाल लेते हैं।

चीन ने मंगल पर उतारा अपना पहला मार्स रोवर “झुरोंग”! – Zhurong Lands On The Mars :-

अभी तक मंगल पर सिर्फ और सिर्फ अमेरिकी मार्स रोवर ही लैंड कर चुका था और अमेरिका ही वो पहला राष्ट्र था जिसने सफलता से अपने रोवर को मंगल के सतह पर उतारा था। खैर इन्हीं मिशनों को देखते हुए चीन भी भला कहाँ चुप बैठता! वो भी काफी समय से अपना मार्स रोवर मंगल की सतह पर उतारने के लिए काफी ज्यादा आतुर था, मानो जैसे मंगल पर अपना रोवर उतारना उसके लिए एक सपना ही हो।

चीन ने लैंड करवाया अपना पहला मार्स रोवर "झूरोंग" | Zhurong Lands On The Mars.
चीनी वैज्ञानिक रोवर को लैंडिंग करवाने के बाद | Credit: Daily Sabah.

वैसे मित्रों! मंगल पर अपने रोवर को उतारने का ये जो चीन का सपना था; वो इसी महीने यानी मई 14, 2021 को पूरा हो गया। चीन ने मई 14 को अपना पहला मार्स रोवर झुरोंग”(Zhurong lands on the mars) को मंगल की सतह पर सफलता से उतार लिया। दोस्तों! अमेरिका के बाद चीन ही सिर्फ एक ऐसा देश हैं, जिसका मार्स रोवर आज मंगल के सतह पर लैंड कर चुका हैं। वर्तमान के समय में, मंगल पर अभी चीन का मार्स रोवर झूरोंग” और अमेरिकी मार्स रोवर क्यूरोसिटी तथा पर्सवीरन्स” जैसे पाँच अलग -अलग रोवर मौजूद हैं। अधिक जानकारी के लिए बता दूँ की, अमेरिकी मार्स रोवर क्यूरोसिटी को साल 2011 में लॉंच किया गया था और ये साल 2012 अगस्त 6 तारीख को मंगल पर लैंड हुआ था

अगर हम यहाँ चीनी रोवर “झूरोंग” के ऊपर नजर डालें तो, पता चलता हैं की; ये रोवर चीन के “Tianwen-1” मिशन के अंतर्गत आता हैं और ये चीन का प्रथम अंतर्ग्रह मिशन भी हैं। वैसे मित्रों! आपका चीन के इस सफल हुए मिशन के ऊपर क्या राय हैं जरूर ही बताइएगा।

इस मिशन जुड़ी कुछ अहम जानकरियां! :-

मित्रों! अगर में आपको सटीक समय के बारे में बताऊँ (झूरोंग का लैंडिंग टाइम) तो, ये होगा लगभग 7:11 pm (2311 GMT) के करीब। हालांकि! चीनी वैज्ञानिकों ने अभी तक अपने और से रोवर के फ़ाइनल टचडाउन के समय के बारे में औपचारिक तौर से कुछ नहीं कहा हैं। इसलिए इसके सटीक समय के बारे में अभी खुलासा होना बाकी हैं। तियानवेन” यानी स्वर्गीय सवाल” के नाम से परिचित इस मिशन को साल जुलाई 5, 2020 को शुरू किया गया था। यहीं वो तारीख था जिस दिन झूरोंग (zhurong lands on the mars) को रॉकेट के द्वारा स्पेस में लॉंच किया गया था।

Zhurong with Orbiter.
मंगल के कक्षा में झूरोंग रोवर | Credit: News 18.

मंगल के ओर्बिट में लगातार 3 महीनों से घूमने के बाद आखिर में मई 14 को झूरोंग रोवर अपने मार्स ओर्बिटर से अलग हो कर लैंडर के साथ मंगल के ऊपर लैंड करता हैं। वैसे लैंड करते समय चीनी रोवर ने हूबहू उन्हीं चरणों को पालन किया जिनको की अमेरिकी रोवर पालन करते हैं। इसलिए चीनी रोवर जब मंगल पर लैंड कर रहा था तब उसने भी सात मिनट का डर” अनुभव किया था। ये जो सात मिनट का डर हैं, वो मंगल के ऊपर सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान ज़्यादातर मार्स रोवर अनुभव करते ही हैं।

खैर, मंगल के ओर्बिट से जब “झूरोंग” रोवर (Zhurong lands on the mars) मंगल के सतह पर उतर रहा था, तब रोवर के चारों तरफ रोवर के सुरक्षा के लिए हिट शील्ड लगे हुए थे। इसके अलावा सॉफ्ट टच डाउन के लिए उन्नत प्रकार पैरश्यूट भी इसमें मौजूद थे। मित्रों! अब लोगों के मन में ये सवाल आ रहा होगा की, मंगल के आखिर किस जगह पे ये चीनी रोवर लैंड किया होगा?

चीन ने आखिर किस जगह पर लैंड करवाया अपने रोवर “झूरोंग” को! :-

मंगल पर कई सारे जगह हैं, जहां मार्स रोवर को लैंड करवाया जा सकता हैं। परंतु इस बार चीन ने अपने रोवर “झूरोंग” को (Zhurong lands on the mars) को मंगल के उत्तरी गोलार्ध में लैंड करवाया हैं। अगर मेँ लैंडिंग की सटीक जगह की बात करूँ तो, इसका नाम हैं “Utopia Planitia”। मित्रों! ये जो इलाका हैं, ये काफी सपाट हैं जो की एक बड़े ही इंपैक्ट बेसिन के मध्य मौजूद हैं। इसके अलावा ये इलाका दूसरे जगहों के मुक़ाबले लैंडिंग के लिए काफी ज्यादा सुरक्षित भी हैं। वैसे लैंडिंग के दौरान रोवर ने लैंडिंग स्पीड करने के लिए लैंडिंग के विपरीत दिशा में कई छोटे रॉकेट्स दागे थे।

चीन ने लैंड करवाया अपना पहला मार्स रोवर "झूरोंग" | Zhurong Lands On The Mars.
ऐसे ही रॉकेट से छोड़ा गया था झूरोंग रोवर को | Credit: East Mojo.

कहा जा रहा हैं की, ये रोवर मंगल के ऊपर 93 दिनों तक काम करने के लिए सक्षम हैं। इस रोवर का मूल उद्देश्य मंगल की संरचना और वहाँ मौजूद बर्फीले इलाकों में पानी को ढूँढने का होगा। मंगल का यूटोपिया प्लानीशिया इलाका पानी के लिए काफी ज्यादा लोकप्रिय हैं। ठीक इसी जगह पर ही 1976 में अमेरिकी रोवर “Viking 2” भी लैंड हुआ था। मित्रों! अब देखना ये हैं की, आखिर कब ये रोवर मंगल पर छुपे पानी के स्रोतों को ढूंढ पाता हैं और दुनिया के हित में कुछ काम भी करता हैं।

आखिर इस रोवर की संरचना कैसी हैं? :-

चीनी रोवर “झूरोंग” (Zhurong lands on the mars) वाकई में एक परिकल्पित सोच की तरह ही दिखाई पड़ता हैं, यानी ये रोवर नासा के ट्विन रोवर स्पिरिट” और क्यूरोसिटी” के आकार के जितना ही हैं। इसके अलावा इस रोवर के अंदर 6 अत्याधुनिक उपकरण भी लगे हुए हैं जिससे ये रोवर कई जटिल वैज्ञानिक शोधों को अंजाम देने में सक्षम हैं। मित्रों! इसके अंदर हमें दो पैनेरोमिक कैमरें, एक ग्राउंड पैनेट्रेटिंग रैडार और एक मैटल डिटेक्टर मौजूद हैं। इसके अलावा रोवर के अंदर एक शक्तिशाली लेजर भी लगा हैं, जो की पथरीले इलाकों में भी ग्रह के भौगोलिक संरचना को काफी अच्छे से विश्लेषित कर सकते हैं।

Utopia Planitia and North Pole.
मंगल का उत्तरी गोलार्ध और यूटोपिया प्लानीशिया | Credit: Ifunny.

मित्रों! आपको जानकर हैरानी होगी की, चीन का ये तियानवेन-1 मिशन मंगल से संबंधित प्रथम मिशन नहीं हैं। इससे पहले साल 2011 में चीन ने मंगल पर अपने रोवर “Yinghuo-1” को लैंड करने की कोशिश की थी, परंतु तकनीकी गड़बड़ी के चलते वो मिशन सफल नहीं हो पाया था। दोस्तों! इस मिशन के साथ रूस ने भी अपना एक मार्स मिशन लॉंच किया था। परंतु वो मिशन भी सफल नहीं हो पाया था। इसके अलावा एक खास बात ये भी हैं की, सोवियत यूनियन भी एक ऐसा देश था जिसने की अपना रोवर मंगल पर उतार दिया था। परंतु लैंड होने के कुछ ही समय बाद वो रोवर नष्ट हो गया था।

चीन के इस मिशन के बाद अब वो मार्स से सैंपल लाने की बात कर रहा हैं। 2028 में उसने मार्स से सैंपल लाने के लिए एक मिशन को अंजाम देने के लिए तैयारी कर रहा है।


Source :- www.livescience.com

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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