“राज! समुद्र की गहराई से लेकर अंतरिक्ष की काली चादर तक, हर जगह कुछ न कुछ रहस्य छिपे हुए हैं। हमारे जीवन में अक्सर ऐसी घटनाएं होती हैं जिन्हें हम दूसरों के साथ साझा नहीं कर पाते, और ये हमारे दिल में राज बनकर रह जाती हैं। मित्रों, चाहे जीवन का कोई राज हो या फिर अंतरिक्ष का कोई रोचक तथ्य (Space Facts In Hindi), हर एक का अपना महत्व होता है।
आप सोच रहे होंगे कि मैं आज सिर्फ राजों की बात क्यों कर रहा हूँ? इसका कारण यह है कि आज हम अंतरिक्ष के कुछ ऐसे रहस्यों (Space Facts In Hindi) के बारे में बात करेंगे, जिनके बारे में आपने शायद पहले कभी नहीं सुना होगा। अंतरिक्ष एक रहस्यमयी जगह है, जितना हम इसके बारे में जानते हैं, उससे कहीं ज्यादा अनजान है।”
अंतरिक्ष से जुड़ी अंजान बातें – Astonishing Space Facts In Hindi :-
लेख के इस भाग में मेँ आपको अंतरिक्ष से जुड़ी बहुत ही अजब बातों के बारे में (Space Facts In Hindi) जिक्र करूंगा, तो इसे जरा गौर से पढ़िएगा|
1. 400 साल पहले इस व्यक्ति ने सबसे पहले अंतरिक्ष में झाँका था :-
आज के समय में ज़्यादातर लोगों को यह लगता है की, अंतरिक्ष में होने वाले योजना पिछले कुछ दशकों की मेहनत की नतीजा हैं| परंतु थोड़ा ठहरिए, आपकी यह सोच पूर्ण रूप से गलत हैं| क्योंकि अंतरिक्ष के बारे में खोज बिन आज से 400 साल पहले ही शुरू हो गया था| जी हाँ! सुनकर बहुत ही अजीब लगेगा परंतु यह सच हैं|
आज से 400 पहले गॅलिलिओ (Galileo) ने अपने टेलिस्कोप के माध्यम से अंतरिक्ष (Space Facts In Hindi) में सबसे पहले झाँका था।
2. पृथ्वी में खिले फूल की सुगंध और अंतरिक्ष में खिले फूल (वही समान फूल) की सुगंध अलग-अलग होती है :-
कभी आपने सोचा हैं की, हम जो पृथ्वी पर फूल देख रहें हैं उस फूल का सुगंध आखिर हमारे नाकों के अंदर किस वजह से आती हैं! खैर उसके बारे में बाद में किसी दूसरे लेख में बात करेंगे, परंतु यहाँ मेँ आपको एक बहुत ही खास तथ्य के बारे में बताऊंगा।
कुछ वातावरण से जुड़े कारणों (तापमान,नमी आदि) के वजह से पृथ्वी में खिले फूल का सुगंध और अंतरिक्ष में खिले फूल का सुगंध अलग-अलग होता है।
3. रबर की भांति है अंतरिक्ष! :-
सुनकर थोड़ा अजीब अवश्य ही लगेगा, परंतु यह बात पूरी तरह से सत्य है। अंतरिक्ष एक रबर की तरह है। जैसे रबर को खींचने पर लंबा हो जाता है, उसी तरह अंतरिक्ष (Space Facts In Hindi) भी किसी महाकर्षण शक्ति के कारण खिंचता जा रहा है। मित्रों! आपको जानकर हैरानी होगी कि हर एक क्षण हमारे अंतरिक्ष और भी ज्यादा बड़ा और रहस्यमय बनता जा रहा है। इस लेख को आप पढ़कर खत्म करने तक अंतरिक्ष पहले के मुकाबले कई गुना बड़ा हो चुका होगा।”
4. अंतरिक्ष में पानी दिखाता है यह अजीब चमत्कार! :-
मित्रों! अगर आप पृथ्वी पर पानी को गरम करेंगे तो, उसमें आपको कई सारे बुल-बुले बनते हुए नजर आएंगे| परंतु क्या आप जानते है, अंतरिक्ष में अगर आप पानी को गरम करते हैं तब उसके अंदर आपको कई सारे बुल-बुलों की जगह सिर्फ एक बड़ा सा बुल-बुला तैरता हुआ नजर आएगा|
पानी के इस गुण को वैज्ञानिकों ने बुयोंसी (buoyancy) और गुरुत्वाकर्षण बल के न होने का प्रभाव माना है। हालांकि! मैं आपको यहाँ बता दूँ की इसके बारे में किसी वैज्ञानिक ने पूर्ण रूप से औपचारिक तौर पर पुष्टि नहीं की है।
5. पृथ्वी से अंतरिक्ष में सबसे पहले इंसान नहीं यह कुत्ता गया था! :-
अंतरिक्ष (Space Facts In Hindi) में जाने के लिए इंसान आज तक बहुत सारे प्रयास और शोध कर चुका है। उसके लिए अंतरिक्ष में जाना एक सपने की भांति हैं, जो की उसने पहले भी कई बार पूरा कर चुका है। परंतु क्या आप जानते है, अंतरिक्ष में सबसे पहले पृथ्वी से जाने वाला जीव इंसान नहीं बल्कि एक कुत्ता है।
1957 में सोविएत संघ के द्वारा “लाइका” नाम के एक कुत्ते को स्पूत्नीक अंतरिक्ष यान के द्वारा अंतरिक्ष (Space Facts In Hindi) में छोड़ा गया था। इसी हिसाब से यह कुत्ता अंतरिक्ष में दाखिल होने वाला पृथ्वी का पहला जीव था।
6. यह थी अंतरिक्ष में दाखिल होने वाली पहली महिला ! :-
ज़्यादातर परीक्षाओं में अंतरिक्ष (Space Facts In Hindi) में दाखिल होने वाली पहली महिला का नाम लिखने का प्रश्न अकसर ही आता हैं| इसलिए एक बार इस प्रश्न के उत्तर के ऊपर भी नजर डाल लेते हैं| साल 1963 में रुषि अंतरिक्ष वैज्ञानिक वेलेंटीना टेरेस्कोवा अंतरिक्ष में दाखिल होने वाली पहली महिला थीं|
उन्होने ने वोस्टोक 6 से अपना पहला उड़ान भरा था। मित्रों! टेरेस्कोवा जी को उनके गौरव मई कैरीयर के लिए आज भी याद किया जाता हैं|
7. स्पेस आपके शरीर के पसीने के साथ कुछ ऐसा होता हैं! :-
साधारण रूप से पृथ्वी पर आपके शरीर से गर्मियों के दिन बहुत ही ज्यादा पसीना निकलता है। मित्रों, पसीने निकलने का मूल कारण है आपके शरीर को गर्मी से बचाए रखना। पसीने के कारण ही आपका शरीर ठंडा हो जाता है। परंतु अंतरिक्ष (Space Facts In Hindi) में आपके पसीने के साथ कुछ बेहद ही अजीब बात घटती है।
अंतरिक्ष में हीट कन्वेक्शन नहीं होता है, जिसकी वजह से आपका शरीर धीरे-धीरे ठंडा होता रहता है। इसी कारण से अंतरिक्ष में पसीना पृथ्वी के भांति नहीं निकलता है और अगर निकलता भी है, तो वह शरीर की त्वचा से पूर्ण रूप से चिपक कर रह जाता है।
8. स्पेस में आँखों के ऊपर यह कू-प्रभाव पड़ता है! :-
पृथ्वी पर इंसानों के ऊपर गुरुत्वाकर्षण बल हमेशा लगता रहता है। इसी वजह से शरीर के अंदर बहने वाली जैव-रासायनिक पदार्थ, खून और दूसरे तरल माध्यमों के जरिए एक संतुलित अवस्था में बहते रहते हैं।
परंतु अंतरिक्ष (Space Facts In Hindi) में गुरुत्वाकर्षण बल का अभाव होने के कारण ज़्यादातर जैव-रासायनिक पदार्थ शरीर के ऊपरी हिस्से में जमा हो जाते हैं। इसके कारण दिमाग और आँखों पर बहुत ही ज्यादा दबाव पड़ता है। इसी वजह से अंतरिक्ष में रहने वाले वैज्ञानिकों की आँखों की रोशनी कम हो जाती है।
9. स्पेस में ज्यादा तेजी से बढ़ते है बैक्टेरिया :-
जानकर थोड़ा अटपटा अवश्य की लगेगा, परंतु अंतरिक्ष की यह अज्ञात बात (Space Facts In Hindi) आपको जरूर ही भा जाएगा| पृथ्वी पर बैक्टेरिया का बढ्ना कोई ज्यादा असाधारण बात नहीं हैं, परंतु अंतरिक्ष में बैक्टेरिया का बढ़ना एक बहुत ही गज़ब की बात हैं|
वैज्ञानिकों के द्वारा ISS में किए गए एक शोध से यह पता चला है की, अंतरिक्ष में ई-कोली नाम का एक किटाणु बहुत तेजी से बढ़ता हैं| और भी गौर से अध्ययन करने से पता चला है की पृथ्वी के मुकाबले यह किटाणु अंतरिक्ष में दो-गुनी तेजी से बढ़ते हैं|
10.घर बैठे अपने टीवी पर आप हमेशा देखते है बिग-बैंग! :-
शीर्षक पढ़ के ज़्यादातर लोगों को झटका लगने वाला हैं| क्योंकि यह बात ही कुछ ऐसी हैं| आखिर कैसे कोई घर में बैठ कर अपने टीवी के जरिए बिग-बैंग को देख सकता हैं| यह तो हो ही नहीं सकता| परंतु दोस्तों गौर से सुनिए| जब आप अपने घर में बैठ कर अपने टीवी को ऑन करते हैं, तब कुछ समय के लिए आपके टीवी के अंदर स्टेटिक एनर्जि चली आ जाती हैं|
यह स्टेटिक एनर्जि कोई आम एनर्जि नहीं हैं, यह एनर्जि है बिग-बैंग की | जी हाँ!कोई भी चैनल बदलने के दौरान या टीवी को ऑन करने के बाद 1% स्टेटिक एनर्जि आपके टीवी के अंदर बिग-बैंग के प्रभावों से ही आता हैं|
11. बिग-बैंग एक धमाका नहीं हैं! :-
बचपन से ही आप पढ़ते हुए आए होंगे की बिग-बैंग के धमाके से ही यह ब्रह्मांड बना हैं| परंतु दोस्तों यह बात पूर्ण रूप से सत्य नहीं हैं| जी हाँ! आपने सही सुना हैं| बिग-बैंग सिर्फ एक धमाका नहीं हैं, यह एक धमाके से बढ़ कर हैं| ज़्यादातर लोगों को बिग-बैंग एक धमाके सा प्रतीत होता है, परंतु मेँ आपको यहाँ बता दूँ की बिग-बैंग एक धमाका नहीं हैं|
ज़्यादातर वैज्ञानिक यह मानते हैं की, बिग-बैंग एक धमाके की बजाए अंतरिक्ष के फैलाव का प्रक्रिया हैं| जी हाँ! बिग-बैंग के बाद ही यह अंतरिक्ष हर एक क्षण फैलता ही जा रहा हैं| अब बताइए आपको अंतरिक्ष के अज्ञात बातों (Space Facts In Hindi)) के ऊपर आधारित इस लेख में बहुत कुछ सीखने को मिल रहा हैं न! आपका जवाब हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं|
इसके अलावा इस तरह के रोचक लेखों को भविष्य में पढ़ते रहने के लिए आप हमारे फेसबूक पेज को भी लाइक कर सकते हैं|
12. आप चाहें तो इतने बड़े ब्रह्मांड को एक माइक्रोस्कोप के नीचे भी देख सकते हैं! :-
अब शीर्षक पढ़ कर मेरी बातों पर किसी को शायद यकीन नहीं आएगा, परंतु यह बात पूर्ण रूप से सटीक हैं| जी हाँ ! आप पूरे के पूरे ब्रह्मांड को एक माइक्रोस्कोप के नीचे देख सकते हैं वसर्ते आपको एक विशेष बात का ध्यान रखना होगा|
कुछ वैज्ञानिक मानते है की हम लोग बिग-बैंग होने के बाद के 10-43 सेकंड तक के समय को देख सकते हैं| परंतु यहाँ पर ब्रह्मांड को माइक्रोस्कोप के नीचे देखने के लिए आपको एक सेकंड के 1 करोड़ खरब खरब खरब भाग के समय को देखना होगा|
हालांकि! यहाँ पर कुछ लोग कहेंगे की यह तो असंभव है, परंतु मेँ आपको और भी बता दूँ की कुछ वैज्ञानिक इस प्रक्रिया को करने के लिए अभी से शोध कर रहे हैं और कौन जाने भविष्य में कब-क्या-कैसे हो जाए|
13. गुरुत्वाकर्षण बल का जन्म कब हुआ था? :-
सुनने में बहुत ही सरल प्रतीत होने वाला यह सवाल, वास्तव में एक बहुत ही जटिल और अस्पष्ट उत्तर का जनक है। अक्सर आपने मुझे गुरुत्वाकर्षण बल के बारे में बात करते हुए अवश्य ही पढ़ा होगा। हर जगह आपको गुरुत्वाकर्षण बल का प्रभाव होता ही होगा। परंतु कितने लोग जानते हैं कि आखिर कब इस बल का उत्पादन हुआ?
बात भले ही सुनने में आसान लगे, पर इसमें बहुत ही ज्यादा दम है। मित्रों! मैं आपको बता दूँ कि बिग बैंग घटने के फौरन बाद, यानी 0.000000000000000000000000000000000000001 सेकंड बाद गुरुत्वाकर्षण बल का जन्म हुआ।
वाकई में अंतरिक्ष का यह अज्ञात तथ्य (space facts in hindi) मुझे भी इससे पहले पता नहीं था। आपका इस तथ्य के बारे में क्या राय है?
14. कभी ही खत्म हो सकता है यह ब्रह्मांड! :-
मित्रों! हमारे ब्रह्मांड को संतुलित ढंग से बचा कर रखने के लिए हर वक़्त गुरुत्वाकर्षण बल अपना काम कर रहा हैं| परंतु सोचिए किसी कारण के वजह से यह सही तरीके से काम करना बंद कर दे तो! जी हाँ, अगर किसी वजह से गुरुत्वाकर्षण बल काम करना बंद कर देता हैं तब हमारा ब्रह्मांड पल भर में ध्वस्त हो सकता हैं|
15. एक से अधिक बिग-बैंग घटे हो सकते है! :-
अब कुछ वैज्ञानिक यह भी कह रहें है की, हमारे ब्रह्मांड में एक से अधिक बिग-बैंग घटे होंगे| वैसे अगर एक से अधिक बिग-बैंग घटा होगा तो, हमारे ब्रह्मांड के भांति एक से अधिक ब्रह्मांड देखने को मिल सकते हैं|
16. आप कभी भी ब्रह्मांड के छोर तक नहीं पहुँच सकते हैं! :-
वैसे तो आपको इंटरनेट पर ब्रह्मांड (space facts in hindi) के छोर तक कैसे कैसे पहुंचा जा सकता है, उसके ऊपर बहुत सारे लेख पढ़ने को मिलेंगे| परंतु हकीकत की बात यह है की आप कभी भी ब्रह्मांड के छोर तक पहुँच ही नहीं सकते हैं| कोई व्यक्ति अनंत काल तक एक सीध में ब्रह्मांड के छोर की और अगर चले भी तो, वह आखिर में आ कर अपने प्रारंभ विंदु तक आ कर रुक जाएगा|
17. मिल्की वे में इतनी होती है दो सितारों के बीच का औसतन दूरी! :-
विभिन्न प्रकार के तारे अलग-अलग दूरी पर पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, बड़े और चमकीले तारे आम तौर पर एक-दूसरे से अधिक दूरी पर होते हैं, जबकि छोटे और कम चमकीले तारे एक-दूसरे के करीब पाए जा सकते हैं। हालांकि, खगोलविदों ने मिल्की वे में तारों के बीच की औसत दूरी का अनुमान लगाने की कोशिश की है। आमतौर पर यह कहा जाता है कि मिल्की वे में दो सितारों के बीच की औसत दूरी लगभग 5 प्रकाश वर्ष है।
18. ब्रह्मांड है तो 13 अरब प्रकाश साल पुराना परंतु कैसे यह 156 अरब प्रकाश साल तक फैली हुई है! :-
यह एक बात बहुत ही अजीब हैं| ब्रह्मांड को बने 13 अरब प्रकाश साल ही हुए हैं, परंतु आखिर कैसे यह 156 अरब प्रकाश साल तक फैली हुई हैं| कई वैज्ञानिकों का मानना है की ब्रह्मांड की चौड़ाई हर एक पल बढ़ रहा है और ब्रह्मांड का फैलाव इस बात का मूल कारण हैं|
19. ब्रह्मांड की सबसे चमकीली चीज़! :-
अंतरिक्ष में मौजूद R136a1 नाम का ये तारा , पृथ्वी से 1,63,000 प्रकाश वर्ष दूर लार्ज मेग्लेनिक क्लाउड में स्थित पूरे ब्रह्मांड की सबसे चमकीली चीज़ है। मित्रों! एक शोध से यह पता चला है की यह सूर्य से 47 लाख गुना ज्यादा चमकीला है।
20. अंतरिक्ष है इतना ठंडा! :-
आप सोच भी नहीं सकते कि अंतरिक्ष (space facts in hindi) वास्तव में कितना ठंडा है। वैसे, अंतरिक्ष का औसत तापमान -270.45 डिग्री सेल्सियस है। यहाँ तो इंसान आसानी से कुल्फी बन जाएगा!
21. प्रकाश को 170,000 वर्ष समय लगता है सूर्य से पृथ्वी तक आने के लिए :-
शीर्षक में कोई भी भूल नहीं है। आपने अवश्य ही पढ़ा होगा कि सूर्य की किरणें सूर्य से पृथ्वी तक आने के लिए करीब-करीब 8 मिनट का समय लेती हैं, परंतु यहां पर एक बहुत रोचक बात सामने आती है।
सूर्य के केंद्र (Core) से पृथ्वी तक प्रकाश को आने के लिए करीब-करीब 100,000 वर्ष का समय लग जाता है। वाकई में, अंतरिक्ष में इतने अज्ञात तथ्य हैं कि आपको शायद ही कोई इनके बारे में बताए।”
22. इस खगोलीय पिंड के एक चम्मच जितने पदार्थ का वजन 90 अरब किलो है!
यह बात सुनकर आप जरूर ही अचंभित हो जाएंगे। मित्रों, अंतरिक्ष (space facts in hindi) में मौजूद न्यूट्रॉन स्टार नामक यह खगोलीय पिंड बहुत ही ज्यादा सघन होता है। इसके अंदर से अगर हम एक चम्मच भी पदार्थ को ले आएं तो भी उसका वजन 90 अरब किलो होगा। इतने वजनी और सघन पदार्थ को इतने छोटे आकार में देखना बहुत ही गजब की बात है। आपकी इस बारे में क्या राय है?”
23. सिर्फ खुली आँखों से आप इतने ही सितारों को देख सकते हैं! :-
वैज्ञानिकों का कहना है की हमारी आँखें अंतरिक्ष (Space Facts In Hindi) में मौजूद सिर्फ 2,000 तारों को ही एक साथ देख सकते हैं| इन तारों को आप एक ही विंदु पर ही देख सकते हैं|
24. एक स्पेस सूट की कीमत होती है इतनी,सुनकर होश उड जाएंगे! :-
मित्रों! एक पूर्ण रूप से कार्यक्षम और सम्पूर्ण रूप से बनी स्पेस सुट की कीमत करीब-करीब 78 करोड़ रूपय होता हैं| इतनी महंगी सूट को पहनकर ही वैज्ञानिक स्पेस वॉक पर जा सकते हैं|
25. इस सिद्धांत के तहत ब्रह्मांड में मौजूद हो सकते है एक से अधिक सभ्यता :-
20वीं शताब्दी में खगोलशास्त्री फ्रैंक ड्रेक ने एक समीकरण दिया था जिसके माध्यम से हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि हमारी आकाशगंगा में कितनी सभ्यताएं मौजूद हो सकती हैं। इसीलिए इसे ड्रेक समीकरण कहा जाता है।
यह एक गणितीय समीकरण है जिसमें कई कारक शामिल होते हैं, जैसे कि:
- हमारी आकाशगंगा में बनने वाले तारों की दर
- उन तारों के चारों ओर ग्रहों का बनना
- उन ग्रहों पर जीवन उत्पन्न होने की संभावना
- उनमें से कितने ग्रहों पर बुद्धिमान जीवन विकसित हो सकता है
- कितने समय तक ये सभ्यताएं रेडियो संकेतों का प्रसारण कर सकती हैं
इन सभी कारकों को गुणा करके हम एक अनुमानित संख्या प्राप्त करते हैं कि हमारी आकाशगंगा में कितनी सभ्यताएं मौजूद हो सकती हैं।
26. हर वर्ष इतने उप-ग्रहों को अंतरिक्ष में छोड़ा जाता हैं :-
मित्रों! हर वर्ष 100 से भी ज्यादा उप-ग्रहों को अंतरिक्ष में छोड़ा जाता है। इससे अंतरिक्ष में उपग्रहों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह तकनीकी प्रगति और मानव जाति की अंतरिक्ष (Space Facts In Hindi) में रुचि का प्रमाण है। हालांकि, हमें अंतरिक्ष कचरे और अन्य पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में भी जागरूक रहना चाहिए।
27. इतने आकाशगंगा मौजूद होंगे पूरे ब्रह्मांड में :-
वैज्ञानिकों का मानना है की पूरे ब्रह्मांड में 20 खरब से भी ज्यादा आकाशगंगा मौजूद होंगे। तो, अंतरिक्ष के अज्ञात बातों पर (Space facts in hindi) आधारित यह लेख आपको कैसा लगा?