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ब्रह्मांड के 5 ऐसे समूह, जिनके आकार का आप अंदाजा नहीं लगा सकते- 5 Biggest Groups In Universe

"Great Wall Of China" के बारे में तो सुना होगा, परंतु क्या आपने कभी "Great Wall Of Universe" के बारे में कुछ सुना है?

कहते हैं हमारे ब्रह्मांड का कोई आकार व अंत नहीं है! इसलिए इसके आकार के बारे में कल्पना करना भी हमारे लिए असंभव हो जाता है। इंसान पिछले कई दशकों से ये जानने में लगा हुआ हैं की, हमारे ब्रह्मांड का निर्माण कैसे हुआ और इसमें कौन-कौन सी चीज़ें मौजूद हो सकती है? इसी खोज के दौरान इंसान को ऐसे कुछ बहुत ही विशाल समूहों (5 biggest groups in universe) के बारे में पता चला, जिनके आकार के बारे में सुनकर खुद वैज्ञानिकों का भी होश उड़ जाता हैं। इनका आकार इतना बड़ा हैं की, ये पास मौजूद दूसरे चीजों से काफी ज्यादा अलग दिखती है।

ब्रह्मांड के 5 सबसे बड़े समूह - 5 Biggest Groups In Universe.
ब्रह्मांड का फोटो | Credit: PBS.

मित्रों! आज के लेख में हम इसी तरीके के समूहों (5 biggest groups in universe) के बारे में जानेंगे। ये समूह या ग्रुप्स आकार में काफी ज्यादा बड़े हैं और इनके अंदर कई सारे विशेष तथ्य छुपे हुए हैं, जो की आज भी एक रहस्य बना हुआ हैं। हालांकि! इस लेख के अंदर मेँ आप लोगों को उन्हीं तथ्यों के बारे में बताऊंगा, जिसके बारे में सिर्फ वैज्ञानिक और काफी कम लोग ही जानते होंगे। तो, क्या आप इन समूह के बारे में जानने के लिए तैयार हैं? अगर आप का जवाब हाँ, है तो लेख को आगे पढ़ते रहिए।

ब्रह्मांड के 5 सबसे बड़े समूह (Groups) – 5 Biggest Groups In Universe :-

लेख के इसी भाग से ही हम ब्रह्मांड के 5 सबसे विशाल समूहों (5 biggest groups in universe) के बारे में चर्चा करेंगे, जिसको की मैंने आप लोगों को एक-एक करके बताया हैं। तो, इसे जरा ध्यान से पढ़िएगा; क्योंकि ये आपके लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकता है।

  1. सरस्वती सुपरक्लस्टर (Saraswati Supercluster)! :-

ब्रह्मांड के 5 सबसे बड़े समूहों (5 biggest groups in universe) के इस सूची में पहले स्थान पर आता हैं सरस्वती सुपरक्लस्टर”। ये सुपरक्लस्टर इसके आकार के साथ-साथ हमारे लिए इसलिए भी खास हैं क्योंकि, इसका नाममाता सरस्वती” के नाम के अनुसार रखा गया है। मित्रों! बता दूँ की, ये सुपरक्लस्टर लगभग 650 मिलियन यानी 65 करोड़ प्रकाश वर्ष बड़ा है। इसके आकार और भव्यता को देख कर हर कोई मोहित हो जाता है। इसलिए इसे ब्रह्मांड में मौजूद सबसे बड़े समूहों में से एक माना जाता है।

खैर आपके बेहतर जानकारी के लिए बता दूँ की, ब्रह्मांड में कुछ (लगभग 50 आकाशगंगा) आकाशगंगाओं को लेकर एक ग्रुप का निर्माण होता हैं। फिर कई हजारों ग्रुप्स मिलकर एक क्लस्टर” (Cluster) को बनाते हैं और बाद में कई सौ/ हजारों क्लस्टर मिलकर एक सुपरक्लस्टर (Supercluster) को बनाते है। ब्रह्मांड में कई अरबों सुपरक्लस्टर मौजूद हो सकते हैं, जिनको की वैज्ञानिक आज धीरे-धीरे खोज रहें है।

ब्रह्मांड के 5 सबसे बड़े समूह - 5 Biggest Groups In Universe.
सरस्वती सुपरक्लस्टर की फोटो | Credit: Tech Explorist

वैसे सरस्वती सुपरक्लस्टर की अगर मेँ बात करूँ तो, इसे पुणे केसावित्रीवाई फुले यूनिवर्सिटी” में काम कर रहें Joydeep Bagchi और उनके सहकर्मियों ने खोजा था। इस सुपरक्लस्टर को खोजने के लिए उन्होने “Sloan Digital Sky Survey” की मदद ली थी। इस सुपरक्लस्टर के एक खोजकर्ता ये कहते हैं की, स्लोन डिजिटल स्काइ सर्वे के आधार पर इस विशाल समूह को खोज़ना; मानचित्र के आधार पर किसी पर्वत शृंखला को खोजने के जैसा है।

सरस्वती सुपरक्लस्टर के बारे में कुछ विशेष बातें! :-

सरस्वती सुपरक्लस्टर समूह (5 biggest groups in universe) के बारे में दूसरी सबसे बड़ी खास बात ये हैं की, ये पृथ्वी से काफी दूर मौजूद हैं (दूसरे बड़े-बड़े समूह के तुलना में)। पृथ्वी से ये लगभग 4 अरब प्रकाश वर्ष के दूरी पर स्थित “Pisces” (मीन राशि) के अंदर मौजूद है। इस सुपरक्लस्टर के अंदर 43 बड़े-बड़े क्लस्टर और ग्रुप्स शामिल है। इसके अलावा वैज्ञानिकों कहते हैं की, सरस्वती सुपरक्लस्टर के अंदर 400 से भी अधिक आकाशगंगा मौजूद रह सकते है, जो की हमारे सूर्य के आकार से 2 करोड़ अरब गुना बड़ा है

वैज्ञानिकों के लिए सरस्वती सुपरक्लस्टर के ऊपर शोध करना काफी ज्यादा कठिन हो जाता हैं। क्योंकि 10 अरब प्रकाश वर्ष पुराने ब्रह्मांड में 4 अरब प्रकाश वर्ष दूर मौजूद सुपरक्लस्टर के बारे में पता लगाने के लिए काफी ज्यादा समय की जरूरत पड़ती है। बागची के अनुसार इस सुपरक्लस्टर से हम प्रारंभिक ब्रह्मांड के बारे में काफी कुछ जानकारी ले सकते है। इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा की, इस सुपरक्लस्टर के जरिये हम बिग-बैंग के बारे में भी काफी कुछ जान सकते हैं।

बागची ने इस सुपरक्लस्टर को लेकर काफी कुछ सपना देखा है। उनके अनुसार अगर वो इस सुपरक्लस्टर को आने वाले समय में और भी अच्छे तरीके से जान पाये तो, वो ब्रह्मांड के सबसे खुफिया चीज़ डार्क मेटर के बारे में भी पता लगा सकते है। क्योंकि ऐसा माना जाता हैं की, ये सुपरक्लस्टर तब बना होगा जब ब्रह्मांड में डार्क मेटर का बनना शुरू ही हुआ होगा। ऐसे में ये देखना बाकी हैं की, हमारे वैज्ञानिक इस सुपरक्लस्टर के बारे में कितना खोज पाते है।

ब्रह्मांड के 5 सबसे बड़े समूह - 5 Biggest Groups In Universe.
IC 1101 की फोटो | Credit: Wikimedia

2. आईसी 1101 (IC 1101) :-

अब इस सूची के दूसरे स्थान पर आता है विशाल आईसी 1101″  (5 biggest groups in universe)। अति सरल भाषा में कहूँ तो, ये एक बहुत ही बड़ा अंडाकृति आकाशगंगा (Elliptical Galaxy) है जो की लगभग 20 लाख प्रकाश वर्ष  तक फैला हुआ है। अगर मेँ पृथ्वी से इस आकाशगंगा की दूरी की बात करूँ तो, ये लगभग 1.04 अरब प्रकाश वर्ष होगा। वैज्ञानिकों के अनुसार इस आकाशगंगा के अंदर लगभग 100 अरब तारें शामिल है। इसलिए ये आकाशगंगा एक काफी बड़ा तारों का समूह बन जाता है।

खैर इसको साल 1970 में ब्रिटिश खगोल विज्ञानी “Frederick William Herschel I” के द्वारा खोजा गया था। इस आकाशगंगा को अति-विशाल आकाशगंगाओं की श्रेणी में रखा जाता हैं और ये काफी ज्यादा चमकीला भी है। वैज्ञानिकों के अंदर इस आकाशगंगा के आकृति को लेकर काफी ज्यादा विवाद चलता रहा हैं, क्योंकि पृथ्वी से इस आकाशगंगा की दूरी कम नहीं है। पृथ्वी से ये आकाशगंगा देखने में एक सपाट डिस्क के आकृति का लगता है, परंतु इस बात से काफी सारे वैज्ञानिकों को आज भी काफी दिक्कत होती है।

इसके अलावा वैज्ञानिकों को इसके आकार को लेकर भी कई सारे दुविधाएँ है। मूलतः वैज्ञानिक किसी भी आकाशगंगा के आकार को ब्लू शिफ्ट के जरिये मापते हैं, परंतु इस आकाशगंगा में एक व्यतिक्रम देखा जाता है। वैज्ञानिकों को लगता हैं की, आकाशगंगा के केंद्र में काफी ज्यादा खाली जगह मौजूद है जिससे आकाशगंगा से मिलनी वाली जानकारी सटीक नहीं है। वैसे इस आकाशगंगा के अंदर कई पुराने सितारे भी स्थित है जो की सूर्य से 7 अरब साल तक पुराने है।

  1. विर्गो सुपरक्लस्टर (Virgo Supercluster) :-

मित्रों! अब मेँ जिस विशाल समूह (5 biggest groups in universe) के बारे में बताने जा रहा हूँ, उसके बारे में जानना आप लोगों को जानना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। वैसे इस विशाल समूह का नाम है विर्गो सुपरक्लस्टर”। अब आप लोग सोच रहें होंगे की, भला इसमें कौन सी खास बात हो गई जो ये सुपरक्लस्टर हमारे लिए इतना जरूरी हैं; तो मित्रों जान लीजिये की हमारी आकाशगंगा मिल्की वे और पड़ोसी आकाशगंगा एद्रोमेदा इसी सुपरक्लस्टर के अंदर आते है।

विर्गो सुपरक्लस्टर
विर्गो सुपरक्लस्टर, Credit: deviantart.com/ethylice4

 

इसके अलावा ये सुपरक्लस्टरविर्गो क्लस्टर” को भी अपने अंदर रखता है। 11 करोड़ प्रकाश वर्ष में फैले इस विशाल समूह के अंदर लगभग 100 आकाशगंगा और अलग-अलग तरह के क्लस्टर मौजूद होंगे। माना जाता हैं की, ये सुपरक्लस्टर ब्रह्मांड के सबसे बड़े व प्राचीन समूहों में से एक है। हालांकि! 2014 में किए गए एक शोध से ये पता चला हैं की, विर्गो सुपरक्लस्टर उससे भी बड़े एक अल्ट्रा सुपरक्लस्टर का हिस्सा है जिसका नाम “Laniaeka” है।

वैसे इस समूह को सबसे पहले 1980 से 1970 के दशकों में किए गए सर्वे में खोजा गया था। बता दूँ की, ये वो समय था जब वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में सुपरक्लस्टर के बारे में पहली बार कुछ सटीक तरीके से पता चला था। उस समय काई कम सुपरक्लस्टर को खोजे जाने के कारण विर्गो सुपरक्लस्टर को लोकल सुपरक्लस्टर” भी कहा जाता है। खैर इस सुपरक्लस्टर के केंद्र में किनारे के मुकाबले कई ज्यादा आकाशगंगाओं को पाया जाता है।

विर्गो सुपरक्लस्टर और डार्क मेटर! :-

वैज्ञानिकों के अनुसार विर्गो सुपरक्लस्टर के अंदर डार्क मेटर की मौजूदगी हो सकती है। एक शोध से पता चला हैं की, सुपरक्लस्टर के अंदर लगभग M ≈ 1015 तक का डार्क मेटर हो सकता है तथा सुपरक्लस्टर का लुमिनोसिटी L ≈ 3×1012  तक है। इसलिए वजन और लुमिनोसिटी का अनुपात 300 से भी ज्यादा हो जाता है, जिससे ये पता चलता हैं की; समूह के अंदर डार्क मेटर मौजूद रह सकता है। मित्रों! इसके अलावा एक बात गौर करने वाली हैं की, बाकी समूह से भिन्न इस समूह के अंदर कई सारे ऐसे भी क्लस्टर मौजूद हैं जिनका की मास-लुमिनोसिटी रैशियो काफी ज्यादा हाइ है।

वहीं समूह के अंदर मिल्की वे जैसे ऐसे भी आकाशगंगा मौजूद हैं, जिनका की मास-लुमिनोसिटी दूसरे आकाशगंगाओं से कम है। बता दूँ की, मिल्की वे का मास-मुमीनोसिटी रैशियो 63.8 है। वैसे कई वैज्ञानिक ये भी मानते हैं की, विर्गो सुपरक्लस्टर में जो मास-मुमीनोसिटी का रैशियो है वो वास्तव में बहुत ही अधिक है। क्योंकि अगर ब्रह्मांड में कोई चीज़ मौजूद हैं तभी जा कर ये अनुपात इतना अधिक होगा।

तो, हमारे मिल्की वे के समेत पूरे विर्गो सुपरक्लस्टर में स्थित आकाशगंगाओं में काफी ज्यादा डार्क मेटर के होने की संभावना बनता है। अब आप ही अंदाजा लगा लीजिये की, आखिर कितना प्रतिशत हिस्सा विर्गो सुपरक्लस्टर का डार्क मेटर से बना होगा। एक थियरि पेपर के अनुसार विर्गो सुपरक्लस्टर का 2/3 हिस्सा एक डिस्क के आकार का है जो की चमकीला है और बाकी का 1/3 हिस्सा खाली बृत्ताकार के जैसा है जो की चमकीला नहीं है, जिसके अंदर शायद डार्क मेटर मौजूद हो सकता है।

  1. बुट्स वोइड्स (Boötes void) :-

Photo of Boötes void.
बूट्स वोइड का फोटो | Credit: Pinterest.

हमारा अंतरिक्ष कई सारे विशाल चीजों से भरा हुआ हैं, परंतु उन विशाल चीजों में एक ऐसी चीज़ शामिल है जिसके बारे में शायद ही किसी ने सोचा होगा। मित्रों! हमारे अंतरिक्ष में एक बहुत ही बड़ाबबल” (“Bubble”) स्थित है जिसका नाम “Boötes void” है। वैसे अच्छे तरीके से देखें तो ये एक गोलाकार समूह हैं जो की “Big Dipper” के पास मौजूद है। खैर ये गोलाकार समूह लगभग 28 करोड़ प्रकाश वर्ष चौड़ा है। अगर हम इसके अंदर मौजूद आकाशगंगाओं की बात करें तो, हमें सिर्फ एक ही आकाशगंगा नजर आता है।

वाकई में चौंका देने वाली बात है ना? क्योंकि ये समूह अपने-आप में इतना बड़ा के बाद भी सिर्फ एक ही आकाशगंगा का मिलना बहुत ही अजीब बात हैं। इससे छोटे समूहों में हमने काफी ज्यादा आकाशगंगाओं को देखा है, परंतु जब Boötes void की बात आती हैं तो सारे के सारे बातें उल्टा पड़ जाता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार इस समूह (5 biggest groups in universe) के अंदर अत्यधिक मात्रा में डार्क मेटर मौजूद रह सकता है, क्योंकि इस समूह में मौजूद ज्यादा चीजों को हम देख ही नहीं सकते है। इसके अलावा वैज्ञानिकों को इस वोइड को इसके आकार के कारण समझने में काफी दिक्कत आ रहीं है।

  1. हरक्युलस-कोरोना बोरियालीस (Hercules-Corona Borealis) :-

ब्रह्मांड के 5 विशाल समूहों (5 biggest groups in universe) की सूची में अब बारी आती हैं अंतरिक्ष की सबसे बड़े समूह की। मेरे बताने से पहले चलिये एक सवाल आप लोगों से पूछा जाए! आप बताइए की, अंतरिक्ष की सबसे बड़े समूह का आकार कितना होगा? अंदाजा लगाइए और मुझे कमेंट में बताइएगा। खैर बता दूँ की, अंतरिक्ष में मौजूद सबसे बड़े समूह का नाम “Hercules-Corona Borealis” है।

Photo of Hercules-corona borealis.
हरक्युलस-कोरोना बोरियालीस का फोटो | Credit: Wikipedia.

मित्रों! कई बार इसके विशाल आकृति को देख कर वैज्ञानिक इसे “Hercules-Corona Borealis Great Wall” (Great Wall Of Universe) भी कह देते है। वैसे इस समूह का आकार लगभग 10 अरब प्रकाश वर्ष तक है। जी हाँ! आप लोगों ने सही सुना 10 अरब प्रकाश वर्ष, इतने विशाल आकार के होने के कारण आज भी वैज्ञानिक इसे समझने में लगे हुए है। वैसे इतने बड़े आकृति के चीज़ को वैज्ञानिकों ने गामा रे बर्ट्स” के माध्यम से ढूंढा है। खैर इसको साल 2013 में खोजा गया था और ये तब से ब्रह्मांड का सबसे बड़े समूह के तौर पर परिचित है।

इस समूह से जुड़ा एक विशेष सवाल! :-

वैज्ञानिकों के अनुसार अंतरिक्ष में वस्तु का फैलाव उसके मास के ऊपर निर्भर करता है और ब्रह्मांड में मास एक समान ढंग से हर एक दिशा में फैले रहना चाहिए। परंतु ये बात इस हेरक्युलस बोरियालीस के ऊपर लागू नहीं होता है। वैज्ञानिकों के मन में ये सवाल बार-बार उठता हैं की, आखिर कौन सी वो वजह है जिससे ये समूह इतना बड़ा हो गया। इसके अलावा ये समूह बिग-बैंग के मात्र 4 अरब साल बाद ही बना होगा।

तो, मित्रों! मैंने इस लेख में आप लोगों को ब्रह्मांड के 5 सबसे बड़े-बड़े समूहों के बारे में बता दिया और मेँ आशा करता हूँ की, आप लोगों को भी इस लेख से काफी जानकारी व मदद मिली होगी। आने वाले समय में इस तरीके के विज्ञान से जुड़ी और पोस्ट पढ़ने के लिए हमें बूक मार्क अवश्य ही करिएगा।


Sources :- www.sciencefocus.com, www.newscientist.com, www.harvard.edu.

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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