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Artificial Intelligence या कृत्रिम बुद्धिमता क्या है और ये कैसे काम करती है?

Artificial Intelligence (AI) In Hindi Facts

Artificial Intelligence (AI)  In Hindi Facts – हम जानते हैं कि इस दुनिया में बिना बुद्धि या दिमाग के हम कुछ नहीं कर सकते हैं। इंसानो और जानवरों सभी के पास अपनी बुद्धि होती है जिससे वह जीवन यापन करते हैं। पर क्या आपको पता है कि इंसानो द्वारा बनाई गई जितनी भी चीज़े हैं जो कुछ खास काम करने के लिए बनाई गई हैं उनके पास किसी भी तरह की कोई बुद्धि नहीं होती है वे केवल कुछ निर्धारित नियमों पर ही काम करती हैं।

पर अब वैज्ञानिक और कंप्युटर इंजीनियर इससे आगे बढ़ना चाहते हैं, उनका मानना है कि अगर हम किसी मशीन को कुछ निर्धारित नियमो से आगे बढ़कर खुद से सोच कर काम करने पर बल दें तो वह मशीन ज्यादा बेहतर काम कर सकती है, जिससे वह इंसानो की तरह कोई गलती नहीं करेगी। वैज्ञानिकों ने इसे Artificial Intelligence या कृत्रिम बुद्धिमता का नाम दिया है जिसके अनुसार वह किसी भी मशीन में बुद्धि का विकास करके उसे इंसानो की तरह सोचने और समझने के काबिल बनना चाहते हैं।

कृत्रिम बुद्धिमता क्या है – What is Artificial Intelligence (AI)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) कंप्यूटर विज्ञान का एक क्षेत्र है जो बुद्धिमान मशीनों के निर्माण पर जोर देता है जो मनुष्यों की तरह काम करते हैं और उनकी तरह ही प्रतिक्रिया करते हैं। शोधकर्ताओं ने Artificial Intelligence (AI) को तकनीक के कार्यों में बहुत कुशल और विशिष्ट माना है। उनके मुताबिक एक AI का मुख्य काम कंप्यूटर विज्ञान में इन क्षेत्रों पर अधिक बल देना और उन्हें सुगम बनाने का है – 

  • ज्ञान (Knowledge)
  • विचार (Reasoning)
  • समस्या को सुलझाना (Problem solving)
  • अनुभूति (Perception)
  • सीखना (Learning)
  • योजना बनाना (Planning)
  • वस्तुओं में हेरफेर करने और स्थानांतरित करने की क्षमता (Ability to manipulate and move objects)

1955 में जॉन मकार्ति ने इसको कृत्रिम बुद्धि का नाम दिया और उसके बारे में “यह विज्ञान और इंजीनियरिंग के बुद्धिमान मशीनों बनाने के” के रूप परिभाषित किया। कृत्रिम बुद्धि अनुसंधान के लक्ष्यों में तर्क, ज्ञान की योजना बना, सीखने, धारणा और वस्तुओं में हेरफेर करने की क्षमता, आदि शामिल हैं।

आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) का लक्ष्य

एक्सपर्ट सिस्टम बनाने के लिए – वे सिस्टम जो बुद्धिमान व्यवहार प्रदर्शित करते हैं, सीखते हैं, प्रदर्शित करते हैं, समझाते हैं और अपने उपयोगकर्ताओं को सलाह देते हैं।

मशीनों में मानव बुद्धि को लागू करने के लिए – ऐसे सिस्टम बनाना जो इंसानों की तरह समझें, सोचें, सीखें और व्यवहार करें। हालांकि ये एकदम इंसानो की तरह नहीं होगे पर कुछ खास पैटर्न पर सोच समझकर ही आगे के निर्णय लेंगे।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कुछ तथ्य ( 1-5 ) AI Facts Hindi 

1. कार्ल जिरासी नामक वैज्ञानिक ने न केवल जन्म नियंत्रण की गोली विकसित की, बल्कि विभिन्न विषयों पर 1200 से अधिक पत्र भी लिखे, और 1965 में उन्होंने अपना पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम DENDRAL लिखा, जो दवाओं के अज्ञात रूपों को स्वचालित रूप से खोज सकता है।

2. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शोधकर्ताओं ने एक लेगो बॉडी (खिलोने वाला मानव)  में एक कीड़े का दिमाग लगाया और  जिसने बिना किसी प्रोग्रामिंग के केवल न्यूरॉन्स की मैपिंग करके अपने आसपास के वातावरण पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। – स्रोत

3. जनवरी 2015 में, स्टीफन हॉकिंग, एलोन मस्क और दर्जनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विशेषज्ञों ने एआई पर एक खुले पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसमें उन्होंने शोधकर्ताओं से कुछ ऐसा ना बनाने का आग्रह किया जिसे बाद में नियंत्रित नहीं किया जा सके। – स्रोत

4.  बिलियनेयर दिमित्री इटकोव ने 2045 इनिशिएटिव नामक एक गैर-लाभकारी संगठन बनाया, जहाँ वे वर्ष 2045 तक कृत्रिम शरीर में मानव बुद्धि को जोड़कर लोगों को अमर बनाना चाहते हैं। – स्रोत

5. Google के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बॉट का कहना है कि जीने का मकसद केवल एक ही है वो है ‘हमेशा के लिए जीना’। – स्रोत

Artificial Intelligence Hindi Facts (6-10) 

6.  MASSIVE एक सॉफ्टवेयर पैकेज है जिसका इस्तेमाल हजारों कलाकार अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ करते हैं। इसका उपयोग लॉर्ड ऑफ द रिंग्स फिल्मों में युद्ध के दृश्यों को उत्पन्न करने के लिए किया गया था। – स्रोत

7. 2048 नाम की एंड्रोयेड गेम को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने केवल 973 चालों में हल कर दिया, इसने सभी मानव रिकोर्ड को धूल   कर 8,39,732 का सर्वाधिक स्कोर हासिल किया।

8. Google में इस्तेमाल होने वाला CAPTCHA –  short for Completely Automated Public Turing test to tell Computers and Humans Apart प्रोग्राम है। – Source

9. स्टैनफोर्ड का मुफ्त आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्ग Google प्लस हैंगआउट का उपयोग करता है ताकि उन्हें अधिक प्रभावी ढंग से सिखाने में मदद मिल सके। – स्रोत

10. 2006 तक नासा ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग विकासवादी प्रक्रियाओं को करने के लिए किया था, जिसने केवल 10 घंटों में लाखों पुनरावृत्तियों के बाद एक स्पष्ट रूप से डिज़ाइन एक अंतरिक्ष एंटीना बनाया था। – स्रोत

Artificial Intelligence Hindi Facts (10-14) 

11. फेसबुक भी अपने उपयोगकर्ता की भावनाओं को समझने, तस्वीरों में वस्तुओं की पहचान करने और उपयोगकर्ता कार्यों की भविष्यवाणी करने के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिजाइन विकसित कर रहा है। – स्रोत

12.  Google के पास एक क्वांटम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब है जिसमें एक वास्तविक क्वांटम कंप्यूटर है। – स्रोत

13. “Singularity Institute” नाम का एक संस्थान है जो कि सुरक्षित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के निर्माण के लिए समर्पित है। – स्रोत

14. सोनी आइबो (Sony Aibo ) उन पहले “खिलौनों” में से एक था जिसे आप एआई के साथ खरीद सकते हैं और बातचीत कर सकते हैं।

Aibo एक रोबोट कुत्ता है जो कुछ भी तलाश सकता है, खेल सकता है और दुख और खुशी जैसी भावनाओं को व्यक्त कर सकता है। उनकी एक अनूठी विशेषता यह थी कि वे अपने मालिक को भी पहचान भी सकते थे! .

AI का भविष्य और खतरा – 

वै5ानिक मानते हैं कि जिस तरह हम AI को जितना विकसित करते जा रहे हैं और उनको हर पल विशिष्ट बनाते जा रहे हैं तो आने वाले भविष्य में ये मशीने उल्टा हम पर ही राज कर सकती हैं, ये हमारी गतिबिधि को सीखकर हमारा दिमाग पढ़कर हम गुलाम बना सकती हैं और नहीं तो हमें हमेशा के लिए खत्म कर सकती हैं। पर फिलहाल ये अभी एक थ्योरी है जो कितनी सही है आगे आने वाले सालों में ही पता चलेगा।

– गूगल क्रोमबुक पर उपभोक्ता कर सकेंगे Artificial Intelligence का उपयोग

Shivam Sharma

शिवम शर्मा विज्ञानम् के मुख्य लेखक हैं, इन्हें विज्ञान और शास्त्रो में बहुत रुचि है। इनका मुख्य योगदान अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान में है। साथ में यह तकनीक और गैजेट्स पर भी काम करते हैं।

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