आज एलन मस्क अपने अभूतपूर्व कामों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध हो रहें हैं। शायद ही कोई उनके जैसा व्यक्ति होगा जिसने अपने दृढ़ इच्छा शक्ति और अदम्य मनोबल के बलबूते खुद निजी रूप से अंतरिक्ष के लिए इतना कुछ किया हो। उनके कंपनी स्पेस-एक्स (SpaceX starship mission in hindi) के द्वारा किए जाने वाला हर एक मिशन अंतरिक्ष विज्ञान के किताब में भविष्यवादी पन्नों को जोड़ता ही जा रहा हैं। नासा, ईएसए और दुनिया भर के और भी कई अंतरिक्ष संस्थान स्पेस-एक्स के द्वारा काफी प्रभावित हुये हैं। अगले पीढ़ी के तकनीक को सामने रखते हुये स्पेस-एक्स ने जिस भी मिशन को अंजाम दिया हैं, वो सभी मानव सभ्यता के लिए मार्ग दर्शन का काम करने वाली है।
मित्रों! अकसर अंतरिक्ष विज्ञान पर आधारित फिल्मों में आपको अत्याधुनिक अंतरिक्ष यानों को देखने का मौका मिला होगा। ये अंतरिक्ष यान/ स्टार शिप (SpaceX starship mission in hindi) देखने में जितना अत्याधुनिक होते हैं, उन सभी का काम करने का ढंग भी उतना उन्नत होता हैं। आज के लेख में हम वास्तव में एक ऐसे ही मिशन या अंतरिक्ष यान के बारे में बात करने वाले है, जो की देखने में आकर्षक होने के साथ ही साथ पूरे अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास को ही बदलने का काबिलीयत रखता हैं। “स्टार शिप” नाम से परिचित ये मिशन वाकई में काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं, और आने वाले समय में हमें काफी मदद भी करने वाला है।
तो, चलिये अब मुख्य विंदुओं पर आते हैं और इस मिशन से जुड़ी हर एक बातों को लेख में जानने का प्रयास करते हैं।
विषय - सूची
आखिर स्टार शिप मिशन क्या हैं? – What Is Starship Mission in Hindi? :-
सबसे पहले हम मिशन से जुड़ी मूलभूत बातों को ही जानेंगे, तो क्या आप बता पाएंगे स्टार शिप (SpaceX starship mission in hindi) मिशन क्या हो सकता हैं? थोड़ा सोचिए शायद आपने कहीं पहले पढ़ा हो! अच्छा अगर याद नहीं आ रहा तो, मेँ तो हूँ ना।
एलन मस्क और उनकी कंपनी स्पेस-एक्स निकट भविष्य में एक ऐसे स्पेस ट्रांसपोर्ट यान को बनाने का सोच रहें हैं, जो की अंतरिक्ष में इंसानी पहुँच को काफी सस्ती और सुगम कर देगा। वैसे इसी स्पेस ट्रांसपोर्ट यान को ही, “Starship” (स्टार शिप) कहते हैं। ये यान मूल प्रवाह में इस्तेमाल होने वाले सभी अंतरिक्ष यानों से काफी उन्नत और विकसित हैं। इस यान से जुड़ी सबसे खास बात ये भी हैं की, इसे हम कई बार इस्तेमाल कर सकते हैं जिसे की हम अंग्रेजी में “Reusable” भी कहते हैं। यहाँ! गौरतलब बात ये भी हैं की, इस यान को बनाने का लागत भी काफी कम आता हैं।
ऐसे में हर एक क्षेत्र में इस यान को जल्द से जल्द इस्तेमाल करना हमारे लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया हैं। अंतरिक्ष में जीतने भी मिशन किए जाते हैं, सभी काफी महंगे होते हैं। आज तक भारत या किसी अन्य देश के द्वारा किया गया अंतरिक्ष मिशन काफी सारे प्रयासों और असफलता के बाद ही प्रेरित हो कर किया जाता हैं, हालांकि! ISRO ने जो अभूतपूर्व मुकामों को पिछले कुछ सालों में हासिल किया हैं वो वाकई में सराहनीय हैं।
स्टार शिप कहाँ से प्रेरित हैं और SpaceX ने इसे किस तरीके से इतना विकसित किया? :-
आगे बढ्ने से पहले एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात बता दूँ की, स्टार शिप (SpaceX starship mission in hindi) अपने आप में ही बहुत ही ज्यादा खास हैं। अब आप सभी के मन में ये सवाल आता होगा की, आखिर ऐसा क्यों हैं ? तो, मित्रों मेँ आपको बता दूँ की; ये यान अगर सफल तरीके से पूर्ण रूप से विकसित हो जाता हैं तब ये पृथ्वी से करीब 100 लोगों को मंगल तक सुरक्षित पहुंचा सकता हैं। ऐसे में आप सोच ही सकते हैं की, ये यान आने वाले समय में कितने मार्गों को हमारे लिए खोल देगा जिससे हम अंतरिक्ष मिशनों को कितनी आसानी से अंजाम दे पायेंगे।
वर्तमान के समय की बात करें तो, अभी हम हमारे अंतरिक्ष यानों के जरिये अंतरिक्ष में 6 से 7 लोगों को ही भेज सकते हैं। ऐसे में अगर हम भविष्य में एक साथ 100 लोगों को भेजने में सफल हो जाते हैं तो न बल्कि मिशनों के दौरान हमारा समय बचेगा बल्कि काफी सारे पैसों को हम बचा भी सकते हैं। इससे हम बहुत ही कम समय में काफी प्रभावशाली मिशनों को भी अंजाम दे सकते हैं और पृथ्वी से बाहर इंसानों को बसाने (रहने लायक घर बनाना) का जो हमने सपना देखा हैं वो भी सफल हो जाएगा। मित्रों! आप लोगों का इस यान को लेकर क्या ख्याल हैं जरूर ही बताइएगा।
इस सोच से प्रेरित हैं एलन मस्क की “Starship” को बनाने का सपना :-
जब एलन मस्क ने अपनी कंपनी स्पेस-एक्स खोला था तब उनका प्रमुख लक्ष था की; आखिर कैसे वो इंसानी सभ्यता को पृथ्वी के बाहर अंतरिक्ष में दूर-दूर तक फैला पायें। खैर एलन मस्क के ऐसी सोच के पीछे उनके एक डर का हाथ था, जो की किसी उल्कापिंड से पूरे पृथ्वी से मानव सभ्यता का लोप हो जाना था। वैसे डर से याद आया की, मैंने वर्तमान में ही “Phobia” के ऊपर एक सुंदर साल लेख लिखा हैं। तो, अगर आपको फोबिया के बारे में जानना हैं तो आप उस लेख को एक बार जरूर पढ़ें।
साल 2016 में एलन मस्क ने दुनिया के सामने अपना “Mars City” का सपना रखा था, जो की शायद स्टार शिप (spacex starship mission in hindi) से ही पूरा होगा। उनके इस सपने के अनुसार वो आने वाले समय में मंगल के ऊपर कई सारे बड़े-बड़े इमारतों से बनी नगरियों को बसाएंगे। जो की शायद पृथ्वी के बाहर मंगल पर बसा इंसानों का पहला घर भी हो।
स्टार शिप जो हैं ये पूरे तरीके से बहुत बार इस्तेमाल किए जाने वाला यान हैं। अन्य अंतरिक्ष यानों से विपरीत इसका कोई भी हिस्सा पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते वक़्त जलता या खराब नहीं होता हैं। आप लोग सोच सकते हैं की, ये एक तरीके का प्लेन हैं जिसे की काफी कम देखभाल में कई बार इस्तेमाल किया जा सकता हैं। अन्य अंतरिक्ष यान में लगे उपकरण सिर्फ एक ही मिशन के बाद उपयोगी नहीं रहते हैं। ये सारे उपकरण या तो समंदर में गिर कर नष्ट हो जाते हैं या वायुमंडल के साथ घर्षण में जल जाते हैं।
स्टार शिप यान के कुछ खास विशेषताएँ! :-
मित्रों! लेख के इस भाग में हम स्टार शिप (SpaceX starship mission in hindi) यान के कुछ विशेषताओं के बारे में चर्चा करेंगे, जिससे हम जान पाएंगे की आखिर क्यों ये यान दूसरों से उन्नत और विकसित हैं?
यान से जुड़ी सबसे पहली खास बात ये हैं की, यान में इस्तेमाल होने वाला रॉकेट “सुपर हैवि” (Super Heavy) श्रेणी के अंतर्गत आता हैं परंतु जो मुख्य यान है उसका नाम “Starship” हैं। वैसे यान में लगे रॉकेट की ऊंचाई सर्वाधिक 120 मीटर तक हैं और ये स्टेन-लेस स्टील से बना हुआ हैं। अगर हम यान के निचले हिस्से यानि एक्सॉस्ट को देखें तो आपको वहाँ पर यान के “फिंस” देखने को मिलेंगे, जो की लॉंच के वक़्त हवा के साथ होने वाली घर्षण को कम करता है।
वैसे अगर हम रॉकेट से हट कर इसके मुख्य यान की बात करें तो, इसकी ऊंचाई लगभग 50 मीटर तक हैं। दोस्तों इसी मुख्य यान के अंदर हम लोगों को या समान को लोड करके अंतरिक्ष में भेज सकते हैं। मुख्य यान का हिस्सा रॉकेट के सबसे ऊँचे या पहले हिस्से में हैं। अगर हम यान के मध्य हिस्से की बात करें तो आपको यहाँ ईंधन की टंकियाँ नजर आएँगी। इस यान में ईंधन के तौर पर “मिथेन और ऑक्सिजन” के मिश्रण को इस्तेमाल किया जाता है।
मित्रों! हमेशा एक बात पर गौर करिएगा की, रॉकेट के अंदर तरह-तरह के ईधन इस्तेमाल किए जाते आ रहें हैं, इसलिए रॉकेट का कोई स्थायी ईंधन नहीं होता। अगर हम यहाँ स्टार शिप को देखें तो, इसके अंदर मिथेन को इसलिए इस्तेमाल किया जा रहा हैं; क्योंकि मिथेन जलने के बाद काफी ज्यादा थ्रस्ट यान को देता हैं। इसके अलावा मंगल पर मिथेन को आसानी से बनाया भी जा सकता हैं।
यान में लगा हैं अगले पीढ़ी का इंजन जो की ला सकता हैं क्रांति! :-
स्पेस-एक्स ने स्टार शिप (SpaceX star ship mission in hindi) में लगे इंजन को विकसित करने के लिए एक दशक से भी ज्यादा समय लगाया हैं। इसलिए इसके इंजन को यान की आत्मा भी कहा जाता हैं। यान में लगा “राप्टर” (Raptor) इंजन न ही शक्तिशाली हैं परंतु ये बाकी रॉकेट इंजन से काफी कम ईंधन की खपत करता है। ये इंजन अगर मंगल तक एक बार पहुँच जाए तो, मंगल पर बनाया गया ईंधन इसके अंदर डाल कर पुनः पृथ्वी तक आया जा सकता है। जिससे पृथ्वी से मंगल तक और मंगल से पृथ्वी तक की गई यात्रा का लागत काफी कम किया जा सकता हैं।
इस इंजन की मदद करने के लिए इस यान में शक्तिशाली रॉकेट बूस्टर भी लगे हुए हैं, जिसके अंदर हम 3,400 टन से ज्यादा फ़्यूल को डाल सकते हैं। इसके अलावा पूरे यान में 28 से ज्यादा राप्टर इंजन लगे हुए हैं जो की 72 मेगान्यूटन से ज्यादा थ्रस्ट पैदा कर सकते हैं। इतने थ्रस्ट से हम अंतरिक्ष में 100 टन से 150 टन तक के पे-लोड को ले जा सकते हैं। इसलिए इस रॉकेट को अब तक का बना हुआ सबसे शक्तिशाली रॉकेट कहा जा रहा है। इतना शक्तिशाली होने के बाद भी इस रॉकेट के ईंधन की खपत काफी ज्यादा कम है। वैज्ञानिकों के अनुसार ये रॉकेट चाँद पर लैंडिंग करने के दौरान इस्तेमाल किए गए “Saturn V” रॉकेट से भी ज्यादा शक्तिशाली हैं।
एलन मस्क के लिए “स्टार शिप” मिशन इतना जरूरी क्यों हैं? :-
पिछले कुछ सालों में एलन मस्क ने इस स्टार शिप (SpaceX starship mission in hindi) मिशन के ऊपर काफी ज्यादा उत्सुकता दिखाया हैं और एलन मस्क की ये ही उत्सुकता दर्शाता हैं की, स्टार शिप मिशन उनके लिए कितना ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। तो, चलिये लेख के इस भाग में हम जान लेते हैं की, आखिर क्यों एलन मस्क के लिए ये मिशन इतना जरूरी हैं।
एलन मस्क की इच्छा हैं की, कम समय के अंदर पृथ्वी से मंगल तक और मंगल से पृथ्वी तक की यात्रा किया जाए। आमतौर पर पृथ्वी से मंगल तक की यात्रा की लंबाई लगभग 9 महीने का हैं। तो, अगर वो स्टार शिप मिशन को सफल कर देते हैं तो फिर इंसान पृथ्वी से मंगल तक की यात्रा 9 महीने या इससे भी कम समय में तय कर पायेगा।
इसके अलावा आज के अंतरिक्ष यानों को अगर हम देखें तो इनके अंदर अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सिर्फ एक कैबिन बनाया हुआ रहता हैं, जिसके अंदर सर्वाधिक 7 लोग ही बैठ पाते हैं। परंतु एलन मस्क स्टार शिप के अंदर 40 से भी ज्यादा कैबिन्स बनाना चाहते हैं, जिससे 100 से भी ज्यादा लोग एक समय में यान में बैठ कर मंगल तक की यात्रा पूरी कर सकते हैं। इसके अलावा यान के अंदर सोलर स्टोर्म्स से बचने के लिए एक स्वतंत्र कक्ष भी होगा।
नासा करने वाला हैं स्टार शिप के जरिये एक ऐतिहासिक मिशन! :-
बड़े-बड़े कॉमन एरिया, विशाल संग्रह कक्ष के साथ गालियां भी इस यान के अंदर होंगी। इसके अलावा एलन मस्क के लिए स्टार शिप को बनाना इसलिए भी जरूरी बन जाता हैं, क्योंकि ये नासा के “Artemis” प्रोग्राम में भी हिस्सा लेगा। बता दूँ की, इस प्रोग्राम के अनुसार पृथ्वी की पहली महिला और अगले पुरुष अंतरिक्ष यात्री को चांद पर उतारा जाएगा; क्योंकि अगले दशक आने तक हमारा चांद पर एक बेस बनाने का लक्ष हैं। 2020 में नासा ने स्टार शिप मिशन को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए स्पेस-एक्स को 135 मिलियन डॉलर अर्थ राशि का सहयोग भी किया था।
मित्रों! आर्टेमिस में जो स्टार शिप (SpaceX starship mission in hindi) इस्तेमाल होने वाला हैं, उसके बाहरी सतह पर वायुमंडल के साथ घर्षण में होने वाले बल से बचने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले “Heat Shield” मौजूद नहीं हैं। ऐसे में आपको जानकर हैरानी होगा की, लॉंच के बाद से ही ये यान अंतरिक्ष में ही रहेगा और पृथ्वी पर वापस नहीं आयेगा। तो, आप सोचिए की ये मिशन कितनी अनोखी होगी।
इसके बाद नासा स्टार शिप के जरिये अपने कई उपग्रह और टेलिस्कोप भी अंतरिक्ष में छोड़ने का सोच रहा हैं। खैर सूत्रों से ये भी पता चला हैं की, स्टार शिप में लगे इंजन को इस्तेमाल कर के पृथ्वी के अंदर भी कई हाइ-स्पीड डेस्टिनेशन जर्नी भी की जाएंगी। वैसे इसके ऊपर एलन मस्क का कहना हैं की, स्टार शिप लोगों को हमारे सौर-मंडल में स्थित कई ग्रहों के ऊपर भी ले जाने में सक्षम होगा।
Source :- www.bbc.com