कोरोना के खिलाफ अभी भी जंग जारी हैं और जब तक हम इस महामारी से जीत नहीं जाते तब तक हमें ऐसे ही एक जुट हो कर इसके खिलाफ युद्ध में डटे रहना होगा। अभी तक कोरोना ने भारत में जो तबाही और खौफ फैलाया हैं उससे हम लोगों को सबक सीख लेनी चाहिए की, आज के समय में स्वास्थ्य की अहमियत किया हैं। शरीर अगर रोगों से मुक्त रहेगा तभी जा कर ये दुनिया आगे बढ़ पायेगी और इसके लिए हमें जैव प्रयुक्ति विज्ञान (Biotechnology) की बहुत ही जरूरत हैं। जैव प्रयुक्ति विज्ञान ने जो वैक्सीन (single dose nanoparticle vaccine) बनाकर हमें दिया है उसी के कारण ही हम कोरोना से जीतने की उम्मीद रख सकते हैं।
मित्रों! आज के लेख में हम कोरोना के एक ऐसे वैक्सीन (single dose nanoparticle vaccine) के बारे में चर्चा करेंगे, जो अगर एक बार बन गया ना! तो यकीन मानिए ये अब तक के बने कोरोना के बेहतरीन वैक्सीन्स में से एक होगा। तो, आखिर कौन सी खास बातों के कारण ये वैक्सीन इतना सटीक है? ऐसे ही कई सवालों के जवाब को जानने के लिए ही मैंने आज इस विषय को चुना है। तो, दोस्तों अब आप 4 से 5 मिनट आराम से बैठ कर इस लेख को अंत तक पढ़िये। ताकि! आपको भी इस बेहतरीन वैक्सीन के बारे में पता चल पाये।
तो, चलिये अब लेख को शुरू करते हैं और इस वैक्सीन के बारे में हर एक बात को जानते हैं।
विषय - सूची
कोरोना की सबसे पहली नैनो पार्टिकल से बनी सिंगल डोज़ वैक्सीन! – Single Dose Nanoparticle Vaccine :-
दुनिया भर में कोरोना के वैक्सीन को लेकर काफी ज्यादा प्रतियोगिता देखी जार रही हैं, कई बड़ी-बड़ी कंपनियाँ वैक्सीन की तलाश में दिन-रात मेहनत करते हुए नजर आ रही हैं। ऐसे में हमें कई वैक्सीन मिल भी चुकी हैं और कई वैक्सीन्स का आना अभी बाकी हैं। वर्तमान के समय में अगर हम भारत की बात करें तो, कोरोना के लिए वैक्सीन के तौर पर Covishield और Covaxin को इस्तेमाल किया जा रहा हैं। परंतु अभी भी कई ऐसे वैक्सीन (single dose nanoparticle vaccine) बन रहें हैं जो की शायद इन सारे वैक्सीन से भी कई गुना ज्यादा असरदार और सस्ती हों।
स्टैनफोर्ड के शोधकर्ता एक ऐसे वैक्सीन को ढूंढ रहें हैं जो की काफी ज्यादा सस्ती और सटीक हो, ताकि भारत जैसे विकासशील देशों में इसको व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जा सके। वैसे बता दूँ की, ये जो वैक्सीन हैं इसे नैनोपार्टिकल नाम के तकनीक के आधार पर बनाया जा रहा हैं। खैर “फेररिटिन” (Ferritin) नाम के नैनोपार्टिकल को इस वैक्सीन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा हैं। मित्रों! फेररिटिन जो हैं ये एक ऐसा पार्टिकल हैं जो की इंसानी प्रतिरक्षा तंत्र को वैक्सीन के मुताबिक काफी ज्यादा मजबूत कर देता है। जिससे वैक्सीन शरीर के ऊपर अपना प्रभाव अच्छे से दिखा पाता है।
खैर मुख्य धारा में बनने वाली वैक्सीन जैसे Pfizer या Moderna, ये सब जीवित रिकम्बीनेंट वायरल वैक्सीन के श्रेणी में आती हैं। देखा जाए तो इन वैक्सीन्स को भी कई देशों में इस्तेमाल किया जा रहा हैं, परंतु कई-कई जगहों पर इसके साइड इफ़ेक्ट्स भी देखने को मिल रही हैं। क्योंकि ये सारी की सारी वैक्सीन m-RNA के आधार पर वायरल जीनोम से बनी हुई होती है।
आखिर इस वैक्सीन में खास क्या हैं? :-
जैसा की मैंने पहले ही बता कर रखा हैं, मुख्य धारा के वैक्सीन m-RNA के आधार पर वायरल जीनोम से बनी हुई होती हैं, इसलिए इसको इस्तेमाल करने के दौरान काफी सावधानियाँ बरतनी पड़ती हैं। क्योंकि ये आसानी से खराब भी हो सकती हैं। इस्तेमाल उपयोगी बनाए रखने के लिए इन वैक्सीन को हमेशा काफी कम तापमान में रखा जाता हैं जिससे वैक्सीन को कोई हानी न पहुँच सके और ये सही से काम कर पाये। अगर क्षण भर के लिए ही सही वैक्सीन उच्च तापमान में आ जाता हैं तो इसके खराब होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाता हैं।
इसके अलावा रीकंबीनेंट टेक्नोलोजी से बने होने के कारण इसके कई सारे साइड इफ़ेक्ट्स भी नजर आ सकते हैं। पर जो नैनोपार्टिकल से बना वैक्सीन है (single dose nanoparticle vaccine) वो इन मुख्य प्रवाह वाली वैक्सीन से काफी ज्यादा अलग है। वायरस के “Spike Protein” नाम के एक छोटे हिस्से से बनी इस वैक्सीन का लगभग कोई साइड इफ़ेक्ट्स ही नहीं है और ये इंसानी प्रतिरक्षा तंत्र पर कोई बुरा प्रभाव भी नहीं डालता है।
मुख्य प्रवाह में बने वैक्सीन की और एक नेगेटिव पॉइंट ये हैं की, इसको बनाने के वक़्त पूरे वायरस को ही इस्तेमाल में लिया जाता हैं, परंतु नैनोपार्टिकल से बनी वैक्सीन के लिए पूरे वायरस की जरूरत नहीं पड़ती है। तो, आप लोग अभी इस बात से जरूर वाकिफ हो चुके होंगे की, आखिर कैसे ये नैनोपार्टिकल से बनी वैक्सीन अन्य वैक्सीन से अलग हैं। परंतु अभी भी हमें इस वैक्सीन के बारे में काफी कुछ जानना है। तो, अनुरोध हैं की लेख को अंत तक पढ़ते रहिएगा।
Ferritin Nanoparticle और इस वैक्सीन की अहमियत! :-
नैनोपार्टिकल से बना ये वैक्सीन (single dose nanoparticle vaccine) अपने कई खास गुणों के लिए विशेष अहमियत रखता हैं। इस वैक्सीन में इस्तेमाल किए गए Ferritin नैनोपार्टिकल अपने आप में ही एक बहुत ही गज़ब का कण हैं। ये सब इंसानी शरीर के अंदर आता हैं तब काफी तेजी से ये हमारे प्रतिरक्षा तंत्र के ऊपर अपना अच्छा प्रभाव दिखाना शुरू कर देता हैं। इसके अलावा इस पार्टिकल को बनाना न ही केवल आसान हैं परंतु सस्ता भी हैं। इसलिए बनाने की लागत भी इस वैक्सीन के लिए काफी कम हो जाता हैं।
इसके अलावा सबसे बड़ी बात ये भी हैं की, इस वैक्सीन को सिर्फ एक बार भी लगाया जाएगा। परंतु जो मूल प्रवाह की वैक्सीन हैं इन्हें एक से अधिक बार लगाए जाने की आवश्यकता पड़ती हैं, जिससे वैक्सीन की लागत काफी ज्यादा बढ़ जाता हैं। ऐसे में हर एक क्षेत्र में ये वैक्सीन अन्य वैक्सीन से काफी बेहतरीन साबित हो रहा हैं। परंतु इस वैक्सीन के ऊपर अभी काफी ज्यादा काम होना बाकी है। वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन की ताकत को परखने के लिए चार अलग-अलग शोध किए, जिससे इस वैक्सीन की असल सटीकता के बारे में पता चलता हैं।
खैर जब शोध के परिणाम आए तो, पता चला की इस वैक्सीन कुछ तो बात हैं; क्योंकि इसके रिजल्ट्स काफी उत्साहजनक रहे। वैक्सीन को केवल एक बार लेने के बाद इंसानी शरीर में इतने ज्यादा एंटीबॉडी बन गए की, एक ही बार में ये कोरोना वायरस से आसानी के साथ लढ सकते थे। ऐसे में ये बात जरूरी हो जाती हैं की, इंसानों के लिए इस वैक्सीन का उचित डोज़ क्या रहने वाला हैं। क्योंकि वाकई में ये वैक्सीन काफी ज्यादा शक्तिशाली हैं। आपका इस वैक्सीन को क्या ख्याल हैं, जरूर ही कमेंट करके बताइएगा।
निष्कर्ष – Conclusion :-
नैनोपार्टिकल से बनी ये वैक्सीन (single dose nanoparticle vaccine) अपने प्रारंभिक अवस्था में आज भले ही क्यों न हो, परंतु आने वाले समय में ये वैक्सीन के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी कामयाबी के तौर पर इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो सकता हैं। देखा जाए तो कोरोना के लिए कई वैक्सीन बन कर रैडि हो चुकी हैं, इसलिए इस अत्याधुनिक वैक्सीन को हम केवल कोरोना के लिए ही केन्द्रित न कर के भविष्य में होने वाले बीमारियों के लिए तैयार रखा जा सकता है।
बायोमेडिकल विज्ञान में वैक्सीन की खोज एक बहुत ही खास खोजों में से एक हैं, वैक्सीन की खोज ने न ही केवल लोगों की जान को बचाया हैं परंतु हमें एक लंबे जीवन जीने के लिए प्रेरित भी किया हैं। वैक्सीन को लेकर मैंने इससे पहले एक काफी अच्छा व रोचक लेख लिखा हुआ हैं, तो अगर आप इस तरह के वैक्सीन से जुड़ी और अधिक तथ्यों को जानने के लिए उत्सुक हैं तो आप यहाँ क्लिक कर के उस लेख को भी पढ़ सकते हैं।
Source :- www.labroots.com.