
जैसे-जैसे इंसान विज्ञान के क्षेत्र में तरक्की कर रहा हैं, वैसे-वैसे उसके कई सारे घातक परिणाम भी नजर आ रहें हैं। ग्लोबल वार्मिंग से लेकर कोरोना वायरस तक, हर एक कृत्रिम आपदा इसका उदाहरण हैं। वैसे देखा जाए तो, समय के साथ-साथ इंसानी शरीर कई तरह के, खतरनाक व जानलेवा वायरस के साथ-साथ कई अलग-अलग तरह के बीमारियों से भी ग्रसित हो रहा है। जैसे की टाइप-5 (new type 5 diabetes) मधुमेह की बीमारी। जी हाँ! आप लोगों ने बिलकुल सही सुना ये एक नई बीमारी है।

और “टाइप-5 मधुमेह” (New Type 5 Diabetes) के बारे में शायद ही किसी को कुछ पता होगा। बताया जाता है कि यह बीमारी इंसानी इतिहास में काफ़ी नई है, और इसके बारे में आज भी हमें बहुत कम जानकारी है। क्योंकि इस बीमारी के बारे में वैज्ञानिकों को हाल ही में ही पता चला है। इसीलिए आज के इस लेख में हम इसी बीमारी पर चर्चा करेंगे और जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर यह बीमारी क्या है, ताकि इसके बारे में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक जानकारी पहुँच सके।
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टाइप-5 मधुमेह, एक नई बीमारी! – New Type 5 Diabetes! :-
वैसे, टाइप-5 मधुमेह (New Type 5 Diabetes) के बारे में कई साल पहले भी चर्चा हुई थी, लेकिन समय के साथ अधिकतर लोग इस बीमारी को भूल चुके हैं। दरअसल, मेरा मतलब यह है कि इस बीमारी के बारे में लोगों को काफी समय पहले से जानकारी थी, परंतु आज इसके बारे में शायद ही कोई बात करता है। हाल ही में आई एक नई रिपोर्ट ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों को चौंका दिया है, क्योंकि इस मधुमेह के प्रकार से लाखों-करोड़ों लोग प्रभावित हो सकते हैं।

जी हाँ! आपने बिलकुल सही सुना — इस बीमारी से बहुत बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि यह बीमारी कुपोषण (malnutrition) और पोषक तत्वों की कमी वाले भोजन के कारण होती है,जो कि आज की दुनिया में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। अगर स्थिति पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो आने वाले समय में यह बीमारी और भी व्यापक रूप ले सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बीमारी से कम से कम 2 से 3 करोड़ लोग प्रभावित हो सकते हैं, जो इंसानियत के लिए एक चेतावनी भरा संकेत है।
कई वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बीमारी की शुरुआत लगभग 70 साल पहले अफ्रीका में हुई थी। हालाँकि उस समय इस पर अधिक शोध या चर्चा नहीं हुई, और धीरे-धीरे लोगों ने इसे लगभग भुला ही दिया। लेकिन अब यह बीमारी फिर से तेज़ी से फैलती दिखाई दे रही है, जो दुनिया भर के वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। अगर समय रहते सावधानी नहीं बरती गई,
तो यह बीमारी आने वाले समय में एक वैश्विक खतरे का रूप ले सकती है।
आखिर क्या है ये बीमारी? :-
मेडिकल विज्ञान के क्षेत्र में अब तक तीन प्रमुख प्रकार के मधुमेह — टाइप-1, टाइप-2 और टाइप-3 — पहचाने गए थे।
हालाँकि, अब वैज्ञानिकों ने मधुमेह के एक नए प्रकार की पहचान की है, जिसे टाइप-5 मधुमेह (Type-5 Diabetes) कहा जा रहा है।
यह बीमारी हमारे लिए अपेक्षाकृत नई और कम ज्ञात है।
हाल ही में भारत में हुई एक बड़ी मेडिकल साइंस मीटिंग में वैज्ञानिकों ने इस नए प्रकार के मधुमेह को औपचारिक रूप से “टाइप-5” नाम दिया। उनका कहना है कि यह प्रकार, अन्य सभी प्रकारों से काफी अलग है — क्योंकि इसके कारण, लक्षण और प्रभाव अन्य मधुमेह की तुलना में भिन्न हैं।

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बीमारी कुछ विशेष समूहों में अधिक देखी गई है। खासतौर पर कम वज़न वाले या कुपोषित लोगों में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, भुखमरी, पोषण की कमी और असंतुलित आहार इस बीमारी के प्रमुख कारण हैं। कई वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि आवश्यक पोषक तत्वों की कमी से अग्न्याशय (Pancreas) को नुकसान पहुँचता है या वह धीरे-धीरे नष्ट होने लगता है। इसके परिणामस्वरूप शरीर में इंसुलिन का उत्पादन लगभग बंद हो जाता है।
कुछ रिपोर्ट्स में पाया गया है कि, जब यह बीमारी बढ़ जाती है, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। इसी कारण कई डॉक्टर अब भी इस बीमारी के इलाज को लेकर सावधानी बरतते हैं। हालाँकि, कुछ मामलों में यह देखा गया है कि यदि मरीज को इंसुलिन बूस्टर दिया जाए, तो उसके शरीर में इंसुलिन का स्तर धीरे-धीरे सामान्य होने लगता है। यह संकेत देता है कि बीमारी का समाधान पूरी तरह असंभव नहीं है — बल्कि समय पर पहचान और पोषण सुधार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
YODA स्टडी और ये बीमारी! :-
मधुमेह (New Type 5 Diabetes) का यह प्रकार हमारे लिए अभी भी काफी नया है। इसलिए यदि इसका सही ढंग से उपचार न किया जाए, तो इसके कई गंभीर और घातक परिणाम सामने आ सकते हैं। आज के समय में, विशेष रूप से विकासशील देशों (Developing Nations) में, यदि कोई व्यक्ति कम भोजन के साथ अधिक मात्रा में इंसुलिन लेता है, तो टाइप-5 मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति के रक्त में शुगर का स्तर अत्यधिक कम हो सकता है। इससे शरीर पर कई जानलेवा साइड-इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं —
जैसे बेहोशी, अंगों की कार्यक्षमता में गिरावट, या यहां तक कि कोमा की स्थिति।
इसलिए यह बेहद आवश्यक है कि मधुमेह के सही प्रकार की पहचान (Detection) के साथ-साथ सटीक और संतुलित उपचार पद्धति अपनाई जाए।

“Young-Onset Diabetes in sub-Saharan Africa (YODA)” के अनुसार अफ्रीका के कई सारे देशों में इस प्रकार के मधुमेह की भरमार हैं। जो की पूरे दुनिया के लिए एक चिंताजनक बात हैं। साथ ही आप लोगों की अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, मधुमेह के बीमारी को अकसर बहुत बार कमतर आँका जाता हैं; परंतु ये बीमारी कई बार इसी कारण के लिए जानलेवा भी बन जाता हैं। इसलिए इस बीमारी को हल्के में लेना नासमझी ही होगी।
“Young-Onset Diabetes in Sub-Saharan Africa (YODA)” रिपोर्ट के अनुसार, अफ्रीका के कई देशों में इस प्रकार के मधुमेह के मामले बड़ी संख्या में पाए जा रहे हैं। यह स्थिति पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय बन चुकी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मधुमेह जैसी बीमारियों को अक्सर कम आंका जाता है, लेकिन यही लापरवाही कई बार इसे जानलेवा बना देती है। इसलिए इस बीमारी को हल्के में लेना सीधी नासमझी होगी।
जिस किसी देश या क्षेत्र में यह बीमारी पाई जाती है, उसे यह समझना होगा कि यह कोई सामान्य मधुमेह नहीं है, जो केवल इंसुलिन बूस्टर से ठीक हो जाए। इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए संतुलित आहार, पर्याप्त पोषक तत्वों का सेवन और स्वस्थ जीवनशैली अत्यंत आवश्यक हैं।
जानकारी के लिए यह भी रोचक है कि कुछ साल पहले वैज्ञानिकों ने जमैका में मधुमेह के एक और प्रकार की पहचान की थी, जिसे उन्होंने “टाइप-J मधुमेह” (Type-J Diabetes) नाम दिया था। यह खोज भी यह दर्शाती है कि मधुमेह के विभिन्न रूपों की जटिलता
अब चिकित्सा विज्ञान के लिए एक नई चुनौती बन चुकी है।
निष्कर्ष – Conclusion :-
किसी भी बीमारी को सही तरीके से उपचार करने के लिए, सबसे पहले हमें उस बीमारी को सही नाम देना होता है। ताकि आगे चलकर डॉक्टर्स उस बीमारी की सही से उपचार कर सकें। साथ ही बीमारी के मूल कारण को भी समझना होता है, जिससे समय रहते हम उस बीमारी का बेहतरीन उपचार कर सकें। वैसे अगर हम यहाँ मधुमेह (new type 5 diabetes) की बात करें तो, इसके कई तारा के नए प्रकार हैं; जो की अलग-अलग तरह के उपचार की डिमांड करते हैं।

आप लोगों की अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, टाइप-5 मधुमेह की जानकारी हमें काफी समय पहले से ही है। परंतु इसके ऊपर होने वाले शोध के अभाव के चलते; आज भी हम इस बीमारी को अच्छे तरीके से समझ नहीं पाए हैं। अगर आगे चल कर हमें इसे ट्रीट करना है तो, हमें इस बीमारी को बेहतर तरीके से समझना होगा। जिसके लिए हमें, इसके ऊपर कई तरह के अलग-अलग शोध करने होंगे। क्योंकि बिना शोध के हमें इस बीमारी के बारे में कुछ भी नहीं पता चलेगा।
वैज्ञानिको के अनुसार मधुमेह के इस नए प्रकार के बारे में लोगों के अंदर जागरूकता होनी जरूरी है।



